उत्तराखण्ड का जनपद देहरादून |
देहरादून जनपद का इतिहास
- सिक्खों के गुरु रामराय ने 1676 ई0 में किरतारपुर पंजाब से यहां आए थे इनका देहरादून में डेरा डालने के कारण यहाँ का नाम डेहरादून पड़ा, कई किताबों में इनकी आगमन की तिथि 1699 कही गई है। अन्य किंवदती के अनुसार देहरादून का नाम पहले द्रोणनगर था, पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने यहाँ तपोभूमि बनाई थी इतिहासकारों के अनुसार देहरादून का प्राचीन नाम पृथ्वीपुर था
- टिहरी नरेश फतेहशाह ने गुरु रामराय को तीन ग्राम दान में। दिए थे ।
- 1636 ई0 में शाहजंहा के सेनापति नवाजत खां ने दून घाटी पर आक्रमण किया, उस समय गढ़वाल की संरक्षिका महारानी कर्णावती थी
- प्रदीप शाह के समय रोहेला सरदार नजीबुदौला ने दून क्षेत्र में
- आक्रमण किया, और 1770 ई0 तक यहाँ पर राज किया था
- 1699 ई0 में गुरूरामराय ने यहां मुगल शैली के गुरुद्वारा की नींव रखी थी
- 1785 ई० में गुलाम कादिर ने देहरादून क्षेत्र में आक्रमण किया। और उम्मेद सिंह को यहाँ का गर्वनर बनाया
- प्रधुम्न शाह ने अपनी पुत्री का विवाह उम्मेद सिंह के साथ कर दिया, और उसे यहां का स्थायी शासक नियुक्त कर दिया
- प्रधुम्न शाह मंत्री रामा व धरणी ने दून क्षेत्र को व्यवस्थित करने का प्रयास किया, रामा व धरणी का वध पराक्रम शाह ने करवाया था
- 1803 ई० में गोरखाओं गढ़वाल पर आक्रमण किया, 14 मई। 1804 ई0 में देहरादून के खुडबुड़ा मैदान में गोरखों एवं प्रधुम्न शाह के बीच युद्ध हुआ प्रधुम्न शाह मारा गया और 1815 तक देहरादून गोरखों के अधीन रहा था
- 1398 ई० में मोहन्ड दर्रा से तैमूर लंग ने देहरादून में प्रवेश किया 1815 ई0 में दून क्षेत्र अंग्रेजों के अधीन हो गया
- 1814 में अंग्रेंजी सेना मोहन्ड व तिमली दरों से देहरादून आयी
- 1814 ई0 में नालापानी में बलभद्र शाह थापा व जनरल जिलेस्पी के नेतृत्व में अंग्रेजों सेना के बीच युद्ध हुआ था नालापानी में दो स्मारक खलंगा स्मारक जनरल जिलैस्पी और उसके सिपाहियों की स्मृति में बनाया गया है, दूसरा स्मारक खलंगा गढ़ी में बलभद्र शाह व उसके सैनिकों की स्मृति में बनाया गया
- देहरादून की स्थापना 1817 ई0 में हुयी जिसे सहारनपुर मंडल में शामिल किया गया
- 1825 ई० को देहरादून को कुमाऊँ कमिश्नरी में शामिल किया गया।
- 1829 ई0 को देहरादून के साथ जौनसार भाबर का उपायुक्त रखकर मेरठ मंडल में रखा गया
- 1867 ई0 में देहरादून नगर पालिका बनायी गयी
- 1871 ई0 से देहरादून को अलग जिला के रूप में प्रकाशित हुआ • 1975 ई0 में देहरादून को गढ़वाल मंडल में शामिल किया गया 9 दिसम्बर 1998 में देहरादून नगर निगम बनाया गया
देहरादून जनपद का प्रशासन
- देहरादून में विकासखंड 06
- देहरादून नगर निगम- 2
- देहरादून जिले का जनसंख्या घनत्व 549
- देहरादून जिले का लिंगानुपात- 902
- देहरादून जिले की कुल साक्षरता 84.25%
- पुरुष साक्षरता- 89.40%
- महिला साक्षरता - 78.54%
- देहरादून जिले की कुल जनसंख्या-16,96,694
- देहरादून जिले की दशकीय वृद्धि 32.33%
- देहरादून उतराखण्ड की अस्थायी राजधानी है
- देहरादून जिले का क्षेत्रफल 3088 वर्ग किमी० साक्षरता में राज्य में प्रथम स्थान देहरादून जनपद
- महिला साक्षरता की दृष्टि से प्रथम स्थान से
- देहरादून जनपद में नगरीय जनसंख्या 55.52% का है।
देहरादून में विधानसभा क्षेत्र - 10
- विकासनगर
- देहरादून
- धर्मपुर
- मसूरी 5. रायपुर
- डोईवाला
- सहसपुर
- ऋषिकेश
- राजपुर- अनुसूचित जाति (S.C) आरक्षित क्षेत्र है
- चकराता- अनुसूचित जनजाति (S.T) आरक्षित क्षेत्र है
देहरादून में तहसील- 07
- चकराता
- त्यूनी
- कालसी
- ऋषिकेश
- डोईवाला
- देहरादून
- विकासनगर
विकासखण्ड- 6
- सहसपुर
- कालसी
- डोईवाला
- रायपुर
- चकराता
- विकासनगर
देहरादून जनपद की भौगोलिक स्थिति
- देहरादून जिला शिवालिक हिमालय व मध्य हिमालय के बीच दून घाटी में बसा है, देहरादून जिला दो मुख्य भागों में बंटा है जिसमें एक दून घाटी व दूसरा पहाड़ी पर बसा जौनसार भाबर क्षेत्र है
- देहरादून उत्तराखण्ड राज्य का पश्चिमी जिला है
- देहरादून जनपद की सीमाएं दो राज्यों से मिलती है पहला हिमाचल प्रदेश दूसरा उत्तरप्रदेश है
- राज्य के चार जनपदों की सीमाएं देहरादून जिले से स्पर्श करती है, जिनमें हरिद्वार, उत्तरकाशी, टिहरी और पौडी जनपद हैं
- देहरादून जनपद से हिमाचल का सिरमौर जिला एवं उतरप्रदेश का सहारनपुर जनपद की सीमाऐं लगती है
- शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच 24 से 32 किमी० चौड़ी एवं *350 से 700 मी0 ऊँचे फैले चौरस व क्षैतिज घाटियों को दून क्षेत्र कहते है, यहां मानव जीवन के लिये अनुकूल परिस्थितियां हैं
- देहरादून राज्य का सबसे बड़ा दून है, जो लगभग 75 किमी० लम्बा फैला हुआ है दून क्षेत्र में वार्षिक वर्षा 200 से 250 सेंमी तक होती है
- देहरादून में सर्वाधिक वर्षा राजपुर में 318 सेमी तक होती है
देहरादून जनपद में जलप्रपात
- टाइगर फॉल प्रपात चकराता देहरादून में स्थित है 50 मी0 ऊँचा चकराता से टाइगर फॉल ट्रैक मार्ग से जाते है
- किमोना फॉल जलप्रपात चकराता में 35 मी ऊँचा है शिखर फॉल देहरादून के राजपुर में स्थित है
- मॉसी जलप्रपात देहरादून जिले के मसूरी के पास स्थित है पटना जलप्रपात ऋषिकेश में स्थित है
- मोइगाड फॉल चकराता में स्थित है
- नीरगड्डू जलप्रपात ऋषिकेश में पौड़ी जिले में पड़ता है गरूड चट्टी झरना और फूलचट्टी झरना ऋषिकेश में स्थित है।
- काँसरो ताल देहरादून के रायवाला के पास स्थित है चन्दबाड़ी ताल देहरादून से चन्द्रभागा नदी निकलती है
- गौतम कुंड चन्द्रबनी देहरादून में स्थित है
देहरादून जनपद में / नदियां / झीले/कुंड
- देहरादून में बहने वाली आसन नदी यमुना की सहायक नदी है
- आसन नदी यमुना नदी में रामपुर मंडी के पास मिलती है पूर्वी यमुना नहर व आसन नदी के संगम पर डाकपत्थर में आसन बैराज बना हुआ है, जो 1967 ई0 में बना था
- आसन बैराज से बने जलाशय को आसन जलाशय या ढालीपुर | झील भी कहा जाता है, इस बैराज में प्रवासी पक्षियों एवं अन्य पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं
- सौंग नदी दून घाटी की प्रमुख नदी है, सिसवा एवं वाल्दी नदी सौंग नदी की सहायक नदी है
- देहरादून नगर के मध्य में बहने वाली रिस्पना एवं बिंदाल नदी
- सिसवा की सहायक नदियां है
- रायवाला के पास गंगा नदी से सौंग नदी मिलती हैं
- सहस्त्रधारा देहरादून वाल्दी नदी के तट पर पर्यटक स्थल है सहस्त्रधारा में गंधकयुक्त जल मिलता है
देहरादून जनपद की प्राकृतिक आपदाएं
- भूकम्पीय जोन की दृष्टि से देहरादून जनपद को संवेदनशील जोन-4 में रखा गया है।
- 1937 ई० को देहरादून में 8 रिएक्टर स्केल का भूकम्प आया था।
- भूकम्प की तीव्रता मापने के लिए | देहरादून, टिहरी व गरूड़गंगा में भूकम्पमापी स्टेशन बनाये गए है
देहरादून जनपद में खनिज सम्पदा
- देहरादून में कालसी के पास मंदारम एवं बाराकोंट क्षेत्र में उतम किस्म के चूना पत्थर भंडार मिलते है
- मसूरी में क्रीम रंग के सख्त चूना पत्थर के भंडार है
- संगमरमर मुख्य रूप से देहरादून में मिलता है
- मसूरी के पास महागांव व कियारकुली खड़िया के मुख्य क्षेत्र है
- देहरादून में बेराइट्स धातु के भंडार है
- देहरादून के घपीला गांव में जिप्सम पाया जाता है
- देहरादून टौंस नदी के कुमा-बुरैला क्षेत्र में सीसा पाया जाता है।
- गंधक सहस्त्रधारा प्रपात के जल में पाया जाता है
देहरादून में राष्ट्रीय उद्यान/ वन/वन्यजीव
- देहरादून को वन नगर कहा जाता है।
- देहरादून के 51.59 प्रतिशत भाग पर वन पाए जाते है
- राज्य के नदी बेसिनों में प्रतिशत की दृष्टि से सर्वाधिक वन टोंस नदी (76.6 प्रतिशत) बेसिन में पाए जाते है
- दून घाटियों में मानसूनी वन पाये जाते है, जो 1500 मी ऊँचाई तक मिलते है
- राज्य का पहला चिड़ियाघर देहरादून जू है, जिसका पुराना नाम मालसी डियर पार्क था
- राज्य वन्य जीव बोर्ड का पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है
- राज्य का प्रथम वन्य जीव संरक्षण केन्द्र मोतीचूर वन्य जीव विहार
- देहरादून की स्थापना 1935 ई० में हुयी
- राजाजी वन्य जी विहार की स्थापना 1948 ई0 में हुयी थी
- आसन वेटलैंड संरक्षण आरिक्षित की स्थापना 2005 में देहरादून में हुई, आसन वेटलैंड संरक्षण आरिक्षित 440 वर्ग हे० क्षेत्र में फैला है
राजा जी राष्ट्रीय उद्यान
- 1983 ई0 में तीन वन्य जीव अभ्यारण्य, चिल्ला, मोतीचूर एवं राजाजी राष्ट्रीय अभ्यारण्य से मिलकर राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, बनाया गया, यह हाथियों के लिए प्रसिद्ध है
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का नाम स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर सी. राजगोपालचार्य के नाम पर पड़ा जिसका मुख्यालय देहरादून में है, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान 2016 में राज्य का दूसरा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया
- राजा जी राष्ट्रीय उद्यान तीन जिलो देहरादून, पौडी व हरिद्वार में फैला है,
- राजा जी राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 820.4 वर्ग किमी है राजा जी राष्ट्रीय उद्यान राज्य का दूसरा सबसे बडा उद्यान है राजा जी राष्ट्रीय उद्यान में 23 प्रकार के स्तनधारी वन्य प्राणी व 313 प्रकार के पक्षी पाये जाते है
मसूरी वन्य जीव विहार
- मसूरी वन्य जीव विहार राज्य का सबसे छोटा वन्य जीव विहार है
- मसूरी वन्य जीव विहार का क्षेत्रफल 10.82 वर्ग किमी है
- मसूरी वन्य जीव विहार माउन्टेन क्वेल (पहाडी बटेर) के लिए प्रसिद्ध है, 1993 में मसूरी वन्य जीव विहार की स्थापना की गयी।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग
- 1767 ई0 में इसकी स्थापना बंगाल में हुई, जिसका मुख्यालय द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 को बंगाल से देहरादून जनपद में स्थानांतरित किया गया था
- यह विभाग भारत का एक मात्र भू-मानचित्र सर्वेक्षण का कार्य करता है
- 1830 में एवरेस्ट इसके महासर्वेक्षक नियुक्त हुए जिन्होंने 1852 को विश्व की सबसे ऊँची चोटी एवरेस्ट की ऊँचाई 29002 फिट घोषित की थी
फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (F.R.I)
- 1865 ई0 में भारत के प्रथम वन महानिरीक्षक डिट्रिच ब्रैंडिस को नियुक्त किया गया
- देश के प्रथम वन विद्यालय की स्थापना 1878 में फॉरेस्ट स्कूल ऑफ देहरादून के नाम से हुई, जिसके गठन की सलाह डिट्रिच बैंडिस ने दी थी और 1884 ई0 में इसका नाम बदलकर इंपीरियल फॉरेस्ट स्कूल रखा गया
- 1906 ई0 में अनुसंधान कार्य के साथ जोड़तें हुए नाम इंपीरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट रखा और स्वतंत्रता के बाद इसका नाम इंडियन फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट हो गया 1991 ई0 में U.G.C ने F.R.I को डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया। 2006 में F.R.I ने प्लैटिनम जुबली मनायी
- F.R.I में स्थित वानिकी संग्रहालय के 6 अनुभाग है
- F.R.I का मुख्य भवन ग्रीक और रोमन शैली से बनाया गया.
- F.R.I मुख्य भवन के वास्तुविद सी जी ब्लोमफिल्ड थे
- F.R.I मुख्य भवन का उद्घाटन 1929 में हुआ
- F.R.I के मुख्य गेट का नाम ब्रैडिंस गेट है
- F.R.I में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी भी स्थित है
- 6 दिसम्बर 1956 को प्रथम राष्ट्रपति ने F.R.I परिसर पर साल का एक वृक्ष लगाया
- दिसम्बर 1981 प्रथम महिला प्रधानमंत्री ने F.R.I परिसर में एक रुद्राक्ष वृक्ष लगाया
- वर्तमान F.R.I भवन की आधारशिला 1923 को रखी गई, जिसका उद्घाटन वायसराय लार्ड इरविन ने किया, यह भवन 320 मी० लम्बा है
- इसके मुख्य भवन में 6 संग्रहालय है, 18000 काष्ठ नमूनों के साथ एक काष्ठ संग्रहालय है और यह एशिया का सबसे बड़ा लकड़ी निर्मित दींक्षात सभागार है
देहरादून जनपद में स्वास्थ्य सुविधाएं
- हिमालय इस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट 1989 में जौलीग्रांट में स्वामी | राम द्वारा स्थापित हैं
- हिमालय इस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट राज्य का प्रथम मेडिकल कालेज है इसे विश्व विद्यालय का दर्जा 2007 में मिला।
- देहरादून में आयुर्वेद विवि की स्थापना 2009 में की गयी दून अस्पताल की स्थापना 1935 में हुयी जिसे 2016 में राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाया गया है
- उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की स्थापना 6 अप्रैल 2015 को देहरादून में हुयी
देहरादून जनपद में प्रमुख पर्यटक स्थल
- गुच्चूपानी देहरादून में स्थित प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जहाँ की रोवर्स कैव प्रसिद्ध है, रोवर्स कैब को डाकुओं या चोरों की गुफा भी कहा जाता है
- भागीरथी रिसोर्टस सेलाकुँई में पिकनिक स्पॉट है फन वैली हरिद्वार मार्ग रोमांचकारी खेलों का आकर्षक केन्द्र है
- लच्छीवाला पिकनिक स्पॉट डोईवाला देहरादून में है
- इंदिरा मार्केट देहरादून में है
- राजपुर रोड़ देहरादून में है, जो मसूरी को जाती है
बुद्धा टेम्पल
- बुद्धा टेम्पल देहरादून के क्लेमेंटटाउन में स्थित आकर्षक स्तूप है
- बुद्धा टेम्पल मंडोलिक मठ के रूप में प्रसिद्ध है
- बुद्धा टेम्पल की स्थापना 28 अक्टूबर 2002 में हुयी
- बुद्धा टेम्पल की ऊँचाई 220 फीट है, यह पाँच मंजिल का मंदिर है।
- बुद्धा टेम्पल में भगवान बुद्ध की 103 फीट की प्रतिमा है
- इसका उद्घाटन दलाई लामा ने किया
क्लॉक टॉवर
- देहरादून घण्टाघर की नींव 24 जुलाई 1948 में रखी गयी घण्टाघर की नींव तत्कालीन राज्यपाल सरोजनी नायडू ने रखी घण्टाघर का उद्घाटन 1953 में लाल बहादुर शास्त्री ने किया
- क्लॉक टावर को पहले बलबीर टॉवर के नाम से जाना जाता था क्लॉक टावर की ऊँचाई 85 फीट है, इसका आकार षट्भुज है
- क्लॉक टावर के पास पलटन बाजार लगता है
देहरादून चिडियाघर
- देहरादून जू का पुराना नाम मालसी डियर पार्क था उत्तराखण्ड का प्रथम चिडिया घर है।
- देहरादून जू को मिनी जूलॉजिकल पार्क के रूप में विकसित किया गया है, देहरादून जू प्रबंधन सोसायटी की स्थापना 2016 की गयी
- देहरादून जू को 1976 में वन चेतना केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है
कालसी
- कालसी का पुराना नाम कलकूट है हवेनसांग ने कालसी के लिए सुधनगर कहा, कालसी यमुना एवं अम्लावा नदी के तट पर स्थित है
- कालसी से मौर्य सम्राट अशोक का 257 ई० पू० का शिलालेख मिला है, स्थानीय भाषा में शिलालेख को चित्रशिला कहा जाता है।
देहरादून जनपद के प्रसिद्ध मंदिर
- साई दरबार मंदिर देहरादून में राजपुर रोड़ पर स्थित है
- गुरुद्वारा नानकसर देहरादून रायपुर में स्थित है
- गुरूद्वारा नानकसर का निर्माण 1973 में गुरदेव सिंह जी के संरक्षण में हुआ था।
- संतला देवी का मंदिर देहरादून में स्थित है
- देहरादून के कुठाल गेट में स्थित शिव मंदिर को श्री प्रकाशेश्वर महादेव कहा जाता है तपोवन मंदिर को रूद्रेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है, जहां गुरु द्रोणाचार्य ने तपस्या की थी
- चन्द्रबनी मंदिर देहरादून के परवादून परगने में है, चन्द्रबनी में महर्षि गौतम नें तपस्या की थी
- दूधा धारी काली मंदिर देहरादून के तपोवन क्षेत्र में है
- डाटकाली मंदिर देहरादून में है जो लोग नए वाहन खरीदते है, वो
- देवी का आशीर्वाद लेने जाते है, डाटकाली मंदिर 1804 में बना था
- मालदेवता भगवान शिव का प्राचीन मंदिर देहरादून में है,
- माल देवता मंदिर गोरखा शासकों ने बनवाया था
- श्री सनातन धर्म मंदिर धर्मपुर देहरादून में स्थित है
- इस्कॉन टेम्पल कांवली रोड देहरादून में है श्री परशुराम मंदिर खुडबुड़ा मोहल्ला देहरादून में है
देहरादून जिले में प्रमुख त्योहार व मेले
- टपकेश्वर मेला देहरादून में शिवरात्रि के दिन लगता है
- नुणाई मेला जौनसार क्षेत्र में भेड़-बकरियों को चराने वालों नाम से मनाया जाता है
- बिस्सू मेला जौनसार भाबर क्षेत्र विषुवत संक्राति को लगता है जखोली मेला देहरादून जिले में लगता है
- गनियात मेला देहरादून के जौनसार भाबर में लगता है
श्री गुरु रामराय दरबार साहिब
- श्री गुरूरामराय ने देहरादून के धामवाला में झण्डा दरबार की | स्थापना की, यह मुगल शैली से निर्मित गुरुद्वारा है
- झण्डा दरबार का निर्माण 1707 ई० में गुरूरामराय की पत्नी पंजाब कौर ने पूर्ण कराया था
- गुरुरामराय के जन्म दिन पर देहरादून में 15 दिनों का झंडा मेला लगता है, गुरुराम राय सिक्खों के 7 वें गुरु हरराय के पुत्र थे झंडा मेला होली के पाँचवें दिन हर वर्ष लगता है
- 1950 में गुरु रामराय एजुकेशन मिशन की शुरूआत हुयी
देहरादून जिले में संस्थान एवं विभाग
- उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की स्थापना 24 फरवरी 2010 देहरादून में हुयी
- उत्तराखण्ड हिन्दी अकादमी की स्थापना 2009 में देहरादून में हुयी 2011 से उत्तराखण्ड हिन्दी अकादमी के आगे पीताम्बर दत बड़थ्वाल - का नाम जोडा गया है
- पीताम्बर दत बड़थ्वाल हिन्दी विषय में डाक्ट्रेट करने वाले राज्य के प्रथम व्यक्ति थे
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग का मुख्यालय 1942 से देहरादून में है देश में भू-सर्वेक्षण और मानचित्र बनाने वाला एक मात्र अभिकरण भारतीय सर्वेक्षण विभाग है, भारत में प्रथम डाक टिकट भारतीय
- सर्वेक्षण विभाग देहरादून ने 1854 में जारी किया था
- 2015 में देहरादून में साइबर ट्रेनिग सेंटर की स्थापना हुयी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद का कार्यालय देहरादून में 2016 में शुरू हुआ
- विज्ञानधाम या साइंस सिटी झांझरा देहरादून में स्थित है
- मानसिक रोग संस्थान सेलाकुई देहरादून में है
- महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र केन्द्र देहरादून में स्थित है
- उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम की स्थापना 12 फरवरी 2001 में देहरादून में की गयी
- राज्य औद्योगिक विकास निगम लिo 2002 से देहरादून में है पंजाबी अकादमी की स्थापना 2014-15 में देहरादून में की गई
- उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्थापना 17 सितम्बर 2014 को देहरादून में की गई उत्तराखण्ड राज्य लोकसेवा अधिकरण का गठन 2004 में हुआ
- जिसका मुख्यालय 2013 में नैनीताल से देहरादून स्थानांतरित किया गया
- केन्द्रीय मृदा जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून में स्थित है
- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण विभाग देहरादून में है
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग 2003 से देहरादून में है
- ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कॉरपोरेशेन (ONGC) की स्थापना 1956 में देहरादून में की गयी
- इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम 2003 से देहरादून में है राष्ट्रीय दृष्टिबाधित संस्थान की स्थापना 1943 को देहरादून में हुयी थी
- भारतीय खान ब्यूरो देहरादून में स्थित हैं भारतीय सुदूर संवेदी संस्थान (IIRS) हाथीबडकला देहरादून मे स्थित है eIIRS की स्थापना 1966 में की गयी
- विल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया W.II चंद्रबनी देहरादून में है
- भारतीय वन्य जीव संस्थान (Wil) की स्थापना मई 1982 में हुयी आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्ध केन्द्र देहरादून में है
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी 1938 में देहरादून में स्थापित की गयी
- उत्तराखण्ड राज्य सूचना आयोग का गठन 3 अक्टूबर 2005 में देहरादून में किया गया
- उत्तराखण्ड मानवधिकार आयोग 13 मई 2013 को देहरादून में की गयी, इसके प्रथम चेयरपरसन जस्टिस वीरेन्द्र दीक्षित थे उत्तराखण्ड पशुधन विकास बोर्ड देहरादून में है
- भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत संस्थान की स्थापना देहरादून में हुयी, जिसके अन्तर्गत तीन महाविद्यालयों की स्थापना देहरादून, अल्मोडा, पौडी में की गयी है
- भारतीय लघु उद्योग बैंक की स्थापना देहरादून में की गयी
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड का गठन 1984 में देहरादून में हुआ पर्वतीय विकास योजना के अन्तर्गत 1980 में देहरादून में क्षेत्रीय अभिलेखागार की स्थापना की गयी
- क्षेत्रीय अभिलेखाकार देहरादून को 15 अक्टूबर 2003 में
- राजकीय अभिलेखागार का दर्जा दिया गया
- पर्वतीय जन कल्याण संस्थान देहरादून में गैर सरकारी संगठन है ग्राम्य महिला कल्याण संस्थान प्रेमनगर देहरादून में गैर सरकारी संगठन है
- मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) की स्थापना 1984 में हुयी
- उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड गढ़ीकैंट देहरादून में है
- राज्य परिवार विभाग सहस्त्रधारा देहरादून में है उतराखण्ड वन विभाग राजपुर रोड देहरादून में है
- राज्य महिला आयोग सुद्धोवाला देहरादून में है
- राज्य महिला आयोग अधिनियम 2005 में पारित हुआ उत्तराखण्ड मेडिकल काउंसिल का गठन मेडिकल काउंसिल एक्ट 2002 के तहत देहरादून में हुआ
- भारतीय मानक ब्यूरो का एक कार्यालय देहरादून में है
- राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन अजबपुर कलां देहरादून में है
- उत्तराखण्ड राज्य जैवविविधता बोर्ड का गठन 2006 को बल्लीवाला देहरादून में हुआ
- राज्य निर्वाचन आयोग का गठन 30 जुलाई 2001 को देहरादून में हुआ
- राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन 27 मई 2003 को हुआ, जिसका मुख्यालय देहरादून में है
- राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन भी 27 मई 2003 को हुआ, •
- जिसका मुख्यालय देहरादून में है
- राज्य योजना आयोग का गठन 21 मार्च 2001 को देहरादून में हुआ
- सेवा अधिकार आयोग का गठन 13 मार्च 2014 में हुआ राज्य किसान आयोग का गठन दिसम्बर 2016 में हुआ
- राष्ट्रपति आशियाना देहरादून के राजपुर रोड़ पर स्थित है। जिसका पुराना नाम बाडीगार्ड भवन था
भारतीय सैन्य अकादमी (I.M.A)
- भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1 अक्टूबर 1932 को देहरादून में की गयी
- 10 दिसम्बर 1932 को I.M.A का औपचारिक उद्घाटन I.M.A की स्थापना सर फिलिप चेटवुडबर्ड ने की हुआ
- I.M.A 40 कैडेट्स पास आउट प्रथम बैच में सर मानेक शाह और मुहम्मद मुसा थे। मानेक शाह भारत के पहले फील्ड मार्शल बने और मुसा पाकिस्तान का सेना प्रमुख बना
- I.M.A पासिंग परेड़ में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने निरीक्षण किया
- I.M.A का आदर्श वाक्य वीरता और बुद्धि है
- I.M.A बैच के परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, ले० कर्नल होशियार सिंह आदि है
- I.M.A की मुख्य इमारत का नाम चेटवुड इमारत है,
- चेटवुड बिलडिंग का डिजाइन आर. टी. रसेल ने लुटियस के देखरेख में किया
- I.M.A में खेतरपाल ऑडोटोरियम का निर्माण 1982 में हुआ
- I.M.A के अन्दर कैप्टन बत्रा मेस भी बनी हुई है
- I.M.A के अन्दर वॉर मेमोरियल 1999 को बनाया गया
वाडिया इन्स्टीट्यूट
- वाडिया इन्स्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून में भूगर्भ विज्ञान से सम्बन्धित है इसके संस्थापक डी. एन. वाडिया
- वाडिया इन्स्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी की स्थापना 1968 में दिल्ली में हुयी, और यहाँ से वाडिया इन्स्टीट्यूट को 1976 में देहरादून स्थानान्तरित किया गया
देहरादून जनपद में विद्युत संस्थान
- उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग माजरा देहरादून में है
- उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपी.सी.एल) देहरादून में स्थित है यह 132 के.वी. से नीचे सब स्टेशनों में काम करते है
- उतराखण्ड पावर कॉपरेशन लिमिटेड 2001 में बना
- पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि0 की स्थापना 1 जून 2004 को देहरादून में हुयी
- देहरादून जनपद में ऊर्जा संसाधन उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लि0 की स्थापना 2001 की गयी
- उत्तराखण्ड जल संस्थान का गठन 26 अगस्त 2002 हुआ, इसका प्रधान कार्यालय देहरादून में स्थित है उत्तर भारत का प्रथम विद्युत संयंत्र ग्लोगी जलविद्युत परियोजना
- मसूरी में बनी थी इसमें 24 मई 1909 को विद्युत उत्पादन शुरू हुआ
- ढकरानी परियोजना 1965 में 33.7 में गावाट देहरादून में यमुना नदी पर है
- ढालीपुर परियोजना 1965-70 यमुना नदी पर 51 मेगावाट की। देहरादून जिले में है इचारी बांध
- इचारी बांध टोंस नदी पर डाकपत्थर में बना हुआ है, जिसका पानी छिबरो पावर स्टेशन एवं खोदरी पावर स्टेशन तक जाता है।
- छिबरो परियोजना 1970-74 240 मेगावाट टोंस नदी पर देहरादून जिले में है
- खोदरी परियोजना 1984 में यमुना नदी पर 120 मेगावाट की है
किशौ या किशाऊ बांध
- किशौ बांध देहरादून में टोंस नदी पर 600 मेगावाट की परियोजना है इसकी लम्बाई 680 मी0 है
- किशाऊ बाँध से हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व उत्तराखण्ड को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा किशाऊ बाँध बनाने की जिम्मेदारी (T.H.D.C) को दी गयी - किशाऊ बाँध परियोजना को जुलाई 2016 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया
उरेडा
- उरेड़ा पूरा नाम उत्तराखण्ड रिन्यूबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी है उरेड़ा की बेबसाइट के अनुसार मुख्यालय देहरादून के पटेलनगर में स्थित है। उरेड़ा की स्थापना जुलाई 2001 में हुयी थी
- उरेड़ा 2 मेगावाट जलविद्युत परियोजनाओं तक निर्माण कार्य कर सकता है, उरेडा ग्रामीण घराटों को अपग्रेड करने का काम करती है
- उरेड़ा स्ट्रीट लाइट एवं सोलर लालटेन को दूर-दराज गाँवो में पहुँचाने का काम करता है
लखवाड बांध
- लखवाड बांध यमुना नदी पर देहरादून जिले में है। लखवाड बांध को बनाने की स्वीकृति 1976 योजना आयोग ने दी, 1987 में लखवाड बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ, 1992 में लखवाड बांध का काम धन की कमी के कारण बंद हो गया था
- 2008 में लखवाड़ बांध को केन्द्र ने राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया है।
- लखवाड बांध निर्माण मार्च 2016 को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दी है
- लखवाड बांध 300 मेगावाट का है, और बांध की ऊँचाई 192 मी0 हैं व्यासी बांध का निर्माण लखवाड़ बांध के नीचे कराया जायेगा
देहरादून जिले में उद्योग/औद्योगिक क्षेत्र
- सिडकुल देश का प्रथम औद्योगिक विकास निगम है सिडकुल की स्थापना 2002 को देहरादून में हुई
- सिडकुल ने 7 औद्योगिक आस्थानों का विकास किया
- एकीकृत औद्योगिक आस्थान फार्मासिटी सेलाकुँई का विकास सिडकुल ने किया जड़ी-बूटी उद्योग केन्द्र- हरिद्वार में 300 से अधिक व देहरादून में 184 से अधिक उद्योग हैं
- आईटी पार्क देहरादून का विकास भी सिडकुल द्वारा किया जा रहा है
- देहरादून में 30 जून 2006 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा खोली गयी
- ऑर्डिनेस फैक्ट्री देहरादून के रायपुर में 1943 से है। डिफेंस इलेक्ट्रोनिक्स एप्लीकेशन लैबरोटरी देहरादून (D.R.D.O) द्वारा चालित है
- (IRDE) उपकरण अनुसंधान एंव विकास प्रतिष्ठान (D.R.D.O) की एक प्रयोगशाला है (IRDE) की स्थापना 1960 ई० में देहरादून के रायपुर में हुयी थी
- सर्वाधिक सीमेन्ट फैक्ट्रियां देहरादून जिले मे है
- डोईवाला चीनी मिल 1930 में स्थापित हुयी
- रेशम सहकारी संघ प्रेमनगर देहरादून में है विनोवा भावे ग्रामो उद्योग की स्थापना 1954 में देहरादून में हुयी
- उत्तराखण्ड स्टेट आर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी 2006 से देहरादून में है
- उत्तराखण्ड पशुधन विकास बोर्ड देहरादून में है प्रदेश में रेशम उद्योग का प्रारम्भ 1958 से देहरादून में रेशम कीट फार्म से प्रारम्भ हुआ
- राज्य का पहला महिला बैंक देहरादून में खुला
- देहरादून जनपद में शिक्षा / साहित्य श्री गुरुरामराय एजुकेशन मिशन देहरादून की स्थापना 1950 में की गयी दून स्कूल की स्थापना 1935 में सी आर दास ने की
- दून स्कूल एशिया का पहला पंजीकृत स्कूल है
- सेन्ट जोजफ एकेडमी की स्थापना 1934 में देहरादून में हुयी
- राज्य का प्रथम महिला इंजनियरिंग कॉलेज सुद्धोवाला देहरादून में है
- राज्य का प्रथम सैनिक स्कूल देहरादून में है
- उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद का मुख्यालय देहरादून में है।
- महादेवी कन्या पाठशाला की स्थापना 1902 ई० में देहरादून में की गयी थी
- संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद् का गठन 2004 में देहरादून में किया गया था
- उत्तराखण्ड तकनीकी विवि की स्थापना 2005 में हुई अब इसके नाम के आगे माधो सिंह भण्डारी नाम जोड़ा गया
- ग्राफिक एरा विश्व विद्यालय का दर्जा 2008 में मिला।
- हिमगिरी नभ विश्व विद्यालय सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित हैं, यह देहरादून के सेलाकुँई में स्थित है, इसकी स्थापना 2004 में हुयी
डी.ए.वी. कॉलेज
- ठाकुर पूर्णसिंह नेगी ने डीएवी पीजी कॉलेज की स्थापना 1902 में एक संस्कृत विद्यालय के रूप में की
- D.A.V वर्ष 1910 तक मिडिल स्कूल रहा और वर्ष 1911 में हाईस्कूल बना और 1922 में इंटरमीडिएट कॉलेज बना
- 1946 को डीएवी डिग्री कॉलेज बना और 1948 में पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज बना
- शुरुआत में डीएवी पीजी कॉलेज का संबंध आगरा विश्वविद्यालय से रहा और 1965 में मेरठ विश्वविद्यालय के बाद 1974 से गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबंध हो गया।
देहरादून जनपद में समाचार पत्र पत्रिकाएं
- युगवाणी, पर्वतजन और उत्तराखण्ड दर्शन देहरादून से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिकाए है
- गढ़वाल केसरी पत्रिका का प्रकाशन देहरादून से होता है
- रन्त रैबार गढ़वाली भाषा का समाचार पत्र देहरादून में 1998 से प्रकाशित होता है।
- धाद समाचार पत्र का प्रकाशन 2001 से लोकेश नवानी द्वारा किया। गया, धाद पत्रिका भी देहरादून से प्रकाशित होती है
- आलोक समाचार पत्र ब्रेल लिपि में देहरादून से प्रकाशित होता है
देहरादून जनपद में परिवहन
- देहरादून जौलीग्रांट हवाई अड्डा का अब नाम अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम पे रखा गया है
- देहरादून को मार्च 1900ई0 में रेलवे से जोड़ा गया राष्ट्रीय राजमार्ग 307 देहरादून से होकर जाता है अगस्त 2018 में नैनीदून-जन- शताब्दी ट्रेन काठ गोदाम से देहरादून चलाई गयी
- देहरादून से संचालित होने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस को नवम्बर 2004 में आई. एस.ओ. 9001-2000 प्राप्त हुआ सन् 2000 के मॉडल स्टेशन के रूप में देहरादून रेलवे स्टेशन को साफ-सफाई के लिए 2003 में आई.एस. ओ. का दर्जा दिया गया
- अगस्त 2002 में देहरादून से दिल्ली के बीच जन शताब्दी रेल सेवा प्रारम्भ हुयी
- 1822 में देहरादून-सहारनपुर रोड का निर्माण किया गया 3 जनवरी 2001 से काठगोदाम-देहरादून के बीच सीधी रेल सेवा आरम्भ हुयी
- सन् 2002 में कोटद्वार से दिल्ली के बीच गढ़वाल एक्सप्रेस रेल सेवा प्रारम्भ हुई
- उतराखण्ड सम्पर्क कान्ति रेल दिल्ली से काठगोदाम के बीच चलती है
देहरादून जनपद में कृषि
- देहरादून को भारत सरकार द्वारा लीची निर्यात जोन में। सम्मिलित किया गया है, देहरादून को लीची प्रदेश भी कहा। जाता है
- दोमट मिट्टी शिवालिक की निचली ढालों व दून घाटियों में पायी जाती है दून घाटी में टर्शियरी प्रकार की मृदाएं मिलती है राज्य में गन्ना का उत्पादन क्रमशः हरिद्वार, देहरादून व उधमसिंह नगर में सबसे अधिक मात्रा में होता है। गेहूँ और चावल उत्पादन में देहरादून जनपद का प्रथम स्थान है
देहरादून जिले में खेल खिलाड़ी
- 2001 में खेल अकादमी की स्थापना देहरादून में की गयी 16 दिसम्बर 2016 में राजीव गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण किया गया
- महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज रायपुर देहरादून में है इसकी स्थापना 1993 में हुयी
- अभिमन्यु क्रिकेट अकेडमी देहरादून में है
- बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल क्लेमेंटटाउन देहरादून में है महावीर त्यागी को देहरादून का सुल्तान कहा जाता है
पहाड़ों की रानी-मसूरी
- मसूरी को गंगोत्री व यमुनोत्री का प्रवेश द्वार कहते हैं
- मसूरी को पर्वतों की रानी भी कहा जाता है।
- मसूरी की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 2005 मी० है
- मसूरी शहर के संस्थापक आयरिश अफसर कैप्टन यंग थे
- मसूरी की स्थापना 1824 में हुयी इसका क्षेत्रफल 65 वर्ग किमी है 1820ई0 में सुदर्शन शाह ने मसूरी की वर्तमान भूमि 80 वर्षो के लिए पट्टे में दी थी।
- मसूरी नाम यहाँ बहुतायत उगने वाले मंसूर पौधे के नाम पर पड़ा
- मसूरी में औसत वार्षिक वर्षा 242 सेमी होती है
- मसूरी की पहली इमारत मलिंगार होटल 1828 में बनी थी 1829 ई0 में लॉरेंस नामक अग्रेंज ने परचून की दुकान खोली कर्नल एवरेस्ट ने 1832 में दि पार्क नाम से कोठी बनवायी
- 1845ई0 में कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी मसूरी का पहला स्कूल था
- मसूरी में पहले क्राइस्ट चर्च की स्थापना 1836ई0 को कैप्टन
- रेनी टेलर ने की, यह चर्च गोथिक शैली का बना हुआ है 1906 में वेल्स राजकुमारी क्वीन मैरी ने चर्च के आंगन में देवदार का वृक्ष लगाया
- 1842 ई० में जॉन मैकिनन ने मसूरी से राज्य का प्रथम समाचार |
- पत्र द हिल्स का सम्पादन किया, जो 8 वर्षो तक चला
- मसूरी नगरपालिका का गठन 1842 में हुआ यह राज्य की सबसे पुरानी नगरपालिका परिषद् मसूरी है
- सितम्बर 2009 से मसूरी नगर पालिका द्वारा ईको टैक्स वसूला जाता है
- 2 सितम्बर 1994 में मसूरी गोलीकांड हुआ
- 1920 में देहरादून से मसूरी सड़कमार्ग का निर्माण हुआ
- मसूरी की सबसे ऊँची चोटी लाल टिब्बा दूसरी ऊँची चोटी गनहिल पहाडी है
- मसूरी रोपवे 1970 में बना
- मसूरी टीवी टावर 1975 में बना और 1977 इसमें काम शुरू हुआ
मसूरी में दर्शनीय स्थल
- हैप्पी वैली- मसूरी में तिब्बती लोग बसे है
- विश्व में स्विट्जरलैंड के अलावा मसूरी में विंटरलाइन का मनोरम दृश्य जनवरी माह में दिखता है •
- मसूरी में हार्डी प्रपात व भट्टा फाल जल प्रपात है
- मसूरी में कैमल बैंक 3 किमी0 लम्बा रोड है और माल रोड़ और झंडी पानी फाल भी मसूरी में है
- कुलडी व लंढौर बाजार मसूरी में है लंढौर बाजार मसूरी का यह सबसे पुराना बाजार है
- मसूरी में क्लाउडस एंड बंगला जो 1838 में बनाया गया था
- मसूरी में नागदेवता का मंदिर है।
- मसूरी में ज्वालाजी का मंदिर विनोग पहाड़ी पर है
- संतरा देवी का मंदिर मसूरी-कैम्पटी फाल मार्ग पर है
- मसूरी में म्यूनिसिपल गार्डन या कंपनी गार्डन का निर्माण फाकनर लोगी ने किया, इसे आजादी से पहले बॉटनिकल गार्डन नाम से जाना जाता था
मसूरी में प्रसिद्ध संस्थान
- वुडस्टाक स्कूल की स्थापना 1901 में हुयी सेंट जार्ज विद्यालय 1853 में मसूरी मे स्थापित हुआ
- मसूरी में इंटरनेशनल स्कूल 1984 से है
- प्रौद्योगिकी प्रबंधन संस्थान (ITM) यह मसूरी में डीआरडीओ का प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है इसकी स्थापना 1962 में हुयी थी
- मसूरी लाइब्रेरी की स्थापना 1843 में हुयी
- चन्द्रकुँवर बर्त्वाल शोध पीठ मसूरी में है
- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी की स्थापना 1 सितम्बर 1959 को मसूरी में हुयी
पर्यटक स्थल ऋषिकेश
- ऋषिकेश देहरादून का एक उपनगर है।
- ऋषिकेश गंगा व चन्द्रभागा नदी के संगम पर स्थित है। केदारखण्ड में ऋषिकेश को कुब्जाम्रक कहा गया है
- किवंदती अनुसार ऋषिकेश में रैभ्य ऋषि ने तपस्या की जिनको भगवान विष्णु ने हृशिकेश रूप में दर्शन दिए, इसीलिये यहाँ का नाम ऋषिकेश पडा था
- ऋषिकेश को संतनगरी व विश्व योग की राजधानी कहा जाता है केन्द्र सरकार ने ऋषिकेश व हरिद्वार को भारत के पहले जुडवा राष्ट्रीय विरासत शहरों का खिताब दिया
- ऋषिकेश राज्य के तीन जिलों से लगा हुआ है-
- देहरादून,
- पौडी
- हरिद्वार।
- ऋषिकेश एक मात्र स्थान है जहाँ चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के मंदिर है।
- ऋषिकेश नगर पालिका 1952 में बनी
- अक्टूबर 2017 मे ऋषिकेश नगर निगम बना ऋषिकेश नगर निगम की प्रथम महापौर अनिता मंमगाई बनी लक्ष्मण झूला ऋषिकेश में है, जो 140 मी0 लम्बा व 22 मी० ऊँचा है, लक्ष्मण झूला पहले जूट रोप ब्रिज था 1924ई० की बाढ़ में टूट गया था।
- लक्ष्मण झूला का निर्माण 1930 में किया गया 1986 में ऋषिकेश के शिवानंद आश्रम के पास राम झूला बनाया गया।
- स्वर्ग आश्रम की स्थापना स्वामी विशुद्धानंद ने की विशुद्धानंद को काली कमलीवाला संत भी कहा जाता है
- बीटल्स आश्रम या महर्षि महेश योगी आश्रम ऋषिकेश में है ओंकारानंद आश्रम की स्थापना ऋषिकेश में 1967 में ओकरानंद सरस्वती ने की
- गीता भवन ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्थित है, गीता भवन 1944 में बना
- नीलकंठ महादेव का मंदिर ऋषिकेश पौड़ी जिले में पड़ता है
- नीलकंठ महादेव मंदिर पंकजा व मधुमति नदी के संगम पर है। कैलाश निकेतन मंदिर ऋषिकेश में 13 मंजिल है, जो पौड़ी जिले में पड़ता है।
- कैलाश निकेतन मंदिर को तेरहा मंजिल मंदिर भी कहा जाता है।
- कैलाश आश्रम की स्थापना 1880 में हुयी ऋषिकेश का सबसे पुराना मंदिर भरत मंदिर है
- भरत मंदिर के प्रांगण में खुदाई कार्य 1982 में किया गया
- ऋषिकेश में शत्रुघ्न मंदिर भी है अयप्पा मंदिर ऋषिकेश में स्थित है
- 84 कुटिया की स्थापना 1967 में महेश योगी ने की
- शिवपुरी रिवर रापटिंग के लिए प्रसिद्ध है ऋषिकेश से कुछ दूरी पर कोडियाला स्थान जो रिवर राफटिंग के लिए प्रसिद्ध है।
- ऋषिकेश में क्लिफ जंपिग साहसिक पर्यटक स्थल ब्रहापुरी है - ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट में तीन नदियों का संगम माना जाता है। ऋषि कुंड- ऋषिकेश में गरम पानी का कुंड है हर्बल गार्डन मुनि की रेती में है, जो टिहरी में पड़ता है
- इंडियन ड्रग्स एण्ड फार्मास्यूटिकल लि० वीरभद्र ऋषिकेश में 1967 ई0 से है
- हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड ऋषिकेश में स्थित है अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना ' 2004 में ऋषिकेश में की गयी, जिसने फरवरी 2014 से कार्य शुरू किया है
पर्यटक स्थल चकराता
- चकराता उत्तराखण्ड में जौनसार- भाबर क्षेत्र के अन्तर्गत आता है चकराता देहरादून जिले की एक तहसील हैं चकराता को पहाड़ो का राजा भी कहा जाता है
- चकराता की स्थापना कर्नल ह्यूम ने की, जो ब्रिटिश सेना के 55 रेजीमेंट से था
- देववन चकराता में पिकनिक स्थल है, देववन की सबसे ऊँची चोटी ब्यास शिखर है, चिलमरी नेक चकराता की सबसे ऊँची चोटी है, इसके अलावा थाना डांडा चोटी भी चकराता में स्थित है।
- रामताल गार्डन चकराता में पिकनिक स्पॉट है, कानासर नामक पर्यटक स्थल चकराता में स्थित है
- मिओला टिब्बा या बुधेर टिब्बा चकराता में स्थित है बुधेर गुफा की खोज जर्मन नागरिक मिओला ने की, जिस कारण इसे मेओला गुफा भी कहा जाता है
- बीसपुरिया गुफा चकराता में स्थित है
- मुंडाली पर्यटक स्थल चकराता में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है कैराना पहाड़ी चकराता में स्थित है।
- खतनु नदी चकराता में स्थित है हथिनी कुंड चकराता में स्थित है
- बैराट गढ़ चकराता के चौराणी चोटी पर स्थित है
- महाभारत काल में वैराटगढी पुलिंद राजा विराट की राजधानी थी
- चिन्ताहरण महादेव मंदिर चकराता में स्थित है
- बालनी देवी का मंदिर चकराता में स्थित है
- क्वानू मेला चकराता में दीवाली के अवसर में लगता है
देहरादून जनपद महत्वपूर्ण बिन्दु
- राज्य का पहला वॉर मेमोरियल देहरादून के चीड़बाग क्षेत्र में बनेगा
- देहरादून में 2007 से सिल्क पार्क का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ
- राज्य का सबसे पुराना संग्रहालय देहरादून वन संग्रहालय है,
- इसकी स्थापना 1914 में की गयी
- वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत का विधानसभा क्षेत्र डोईवाला विधानसभा सीट है
- देहरादून इको सेंसटिव जोन में 1996 में शामिल किया गया।
- राज्य में सर्वाधिक प्रतिव्यक्ति आय देहरादून जिले की है
- नाला गढ़ देहरादून में था
- शहीद दुर्गामल योगा पार्क- गढ़ीकैंट देहरादून में है
- देहरादून में तार सेवा का प्रारम्भ 1865 में हुआ 1873 में पंडित नैन सिंह ने ल्हासा के रास्ते लेह से असम की यात्रा की
- 1878 पंडित किशन सिंह द्वारा तिब्बत से मंगोलिया तक का मार्ग सर्वेक्षण किया
- सेंट पॉल चर्च मसूरी की आधारशिला 1840 में कलकता के बिशप डेनियल विल्सन ने रखी, और डाउन्सन की देखरेख में कार्य पूरा हुआ
- महादेवी कन्या पाठशाला की स्थापना 15 सितम्बर 1902 को देहरादून में की गयी
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