उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध वैज्ञानिक
नीलाम्बर पंत
अल्मोडा निवासी अंतरिक्ष विज्ञानी है, जो इसरो से जुड़े थे, इनके निर्देशन में एस०एल०वी०-3 का सफल परीक्षण हुआ था और 1985 को भारतीय अंतरिक्ष उपग्रह केन्द्र बंगलुरू के निदेशक नियुक्त हुए, इनको 1984 में पद्म श्री मिला
दीवान सिंह भाकुनी
औषधि विज्ञान से जुड़े है, जिन्हें 1989 में सीवी रमन पुरस्कार मिला और 1975 में शांतिस्वरूप भटनागर | अवार्ड मिला, जो अल्मोड़ा निवासी है
देवीदत पंत
भौतिक विषय में प्रकाश मिती से सम्बन्धित शोध कार्य किया, जिनका सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है, कुमाऊँ विवि के कुलपति रहे
डॉ० डी०पी० डोभाल
जो वाडिया इंस्टीट्यूट से जुडे ग्लेशियर विज्ञानी है, जिनको टाइम मैंगजीन ने 2007 में वैश्विक पर्यावरण चैपिंयस की सूची में शामिल किया था
आदित्य नारायण पुरोहित
एक वनस्पति वैज्ञानिक है, जो केन्द्रीय आलू शोध संस्थान शिमला से जुड़ें हैं, जिनका सम्बन्ध चमोली से है ब्लेसिंग गढ़वाल हिमालय इनके द्वारा रचित कृति है
खडक सिंह वाल्दिया
एक भू-वैज्ञानिक है, जिनका सम्बन्ध पिथौरागढ जिले से है, इन्हानें मध्य हिमालय की भूसंरचना पर शोध किया, इनको 1991 में एस के मित्रा अवार्ड मिला और वाडिया | इंस्टीट्यूट में भी कार्यरत रहे
डा० श्रीकृष्ण जोशी
एक भौतिक विज्ञानी है, जिनका सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है, जिनको 1972 ई0 में शांतिस्वरूप भटनागर अवार्ड व 1991 में पद्म श्री पुरस्कार मिला
पं श्रीकृष्ण जोशी
उत्तराखण्ड के पहले सौर ऊर्जा विज्ञानी है, इन्होने भानुप्रताप नामक यंत्र की खोज की, जिनका सम्बन्ध - अल्मोड़ा से है
श्याम सिंह शशि
एक नृ-वैज्ञानिक या मानवशास्त्री है, जिनकी प्रमुख रचना रोमा द जिप्सी वर्ल्ड, गदीस ऑफ हिमालयास, और नोमेडस ऑफ द हिमालयाज है
रोनॉल्ड रॉस
का जन्म अल्मोड़ा में हुआ, इन्होने मलेरिया परजीवी मादा एनाफिलीज की खोज की, जिसके लिए इन्हें 1902 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला है
ब्रिजनंदन घिल्डियाल
एक कृषि विज्ञानी है, जिनका सम्बन्ध श्रीनगर गढ़वाल से है, 1970-71 ई0 में इन्हें कृषि का सर्वोच्च सम्मान रफी अहमद किदवई स्मृति सम्मान मिला
भैरव दत जोशी
एक वनस्पति वैज्ञानिक है, जिनका सम्बन्ध अल्मोड़ा जिले से है, इन्हे डा० हरभजन सिंह मेमोरियल स्मृति सम्मान मिला
नैनसिंह रावत
उत्तराखण्ड के प्रथम सर्वेयर थे, जिनका सम्बन्ध मुनस्यारी से था इनकी एक पुस्तक दर्पण अक्षांस है
अजीतचंद कुँवर
इन्होंने नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद में शोध किया, और जिन्हें 1981 ई० को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने दिया, इनका सम्बन्ध बागेश्वर जिले से है के० एस० पारेख- पिथौरागढ़ निवासी जिन्होने पिरूल से ऊर्जा प्राप्त करने में सफलता पायी
डा० गोविन्द बल्लभ पंत
जो जलवायु विज्ञान से सम्बन्धित थे, जिनका सम्बन्ध बागेश्वर से है चन्द्र मोहन जोशी- पिथौरागढ़ निवासी एक ख्याति प्राप्त गणितज्ञ थे
नरेन्द्र चंद्र पंत
देहरादून निवासी जो एक कीट वैज्ञानिक थे
हरिशचंद्र कांडपाल
राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला में कार्यरत जिन्हे 1990 में यंग सांइटिस्ट अवार्ड मिला रामलाल शाह- एक वनस्पति वैज्ञानिक है, जो राष्ट्रीय उद्यान 'चौबटिया में नॉर्मन गिल के सहयोगी थे
घनानंद पांडे
अल्मोड़ा निवासी राज्य के प्रथम व्यक्ति जिन्हें पद्म विभूषण मिला, जो इन्हें विज्ञान क्षेत्र में 1969 में मिला था
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