हरिद्वार जनपद का इतिहास
- हरिद्वार को गंगाद्वार या चारों धामों का द्वार कहा
- जाता है। हरिद्वार के अन्य नाम मायाक्षेत्र, तीर्थस्थलों का प्रवेश द्वार और सेतु नगर व मायापुरी है,
- केदारनाथ जाने वाले यात्री हरिद्वार को शिव से जोड़कर हरद्वार कहते है जबकि वैष्णव मत वाले यात्री हरिद्वार नाम से जानते है
- रामायण काल में यहां कपिल मुनि का आश्रम था इसके नाम पर हरिद्वार को कपिला भी कहा जाता है।
- महाभारत काल में हरिद्वार को गंगाद्वार कहा गया प्राचीन काल में खांडव वन हरिद्वार में ही था
- उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भर्तृहरि की याद में हर की पैड़ी का निर्माण कराया। हर की पैड़ी का मुख्य स्थान | ब्रहमकुंड के नाम से विख्यात है
- चीनी यात्री हेनसांग ने हरिद्वार को मो-यु-लो कहा, जिसका क्षेत्रफल 20 ली0 बताया था, ह्वेनसांग ने गंगा को महाभद्रा कहा 1398 ई0 में तैमूर लंग हरिद्वार आया था, उसके इतिहासकार सरूद्दीन ने हरिद्वार को कपिला कहा
- अबुल फजल की आइने-अकबरी में हरिद्वार का वर्णन मिलता है।
- अकबर के रसोई में हरिद्वार का गंगाजल प्रयुक्त होता था
- हरकी-पैडी का जीर्णोद्वार राजा मान सिंह ने किया था जहांगीर के काल में पहला यूरोपीय यात्री टॉम कारयट हरिद्वार आया था, जिसने हरिद्वार को शिव की राजधानी कहा गोरखा काल में हरिद्वार दासों के बिक्री का केन्द्र था
- कनिघंम ने 1862 से 1865 के बीच हरिद्वार का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया था
- महात्मा गांधी 1915 ई. और 1927 ई. को हरिद्वार की यात्रा पर आए हरिद्वार जिले का गठन 28 दिसम्बर 1988 को किया गया
- हरिद्वार जिले के गठन के समय उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण दत तिवारी थे
- हरिद्वार जिले को 1997 में मेरठ मंडल से हटाकर सहारनपुर मंडल में शामिल किया गया। राज्य गठन के बाद हरिद्वार को गढ़वाल मंडल में शामिल किया गया हरिद्वार को उतर भारत का केरल भी कहा जाता है।
हरिद्वार जनपद की भौगोलिक स्थिति
- हरिद्वार शहर शिवालिक श्रेणी के विल्ब व नील पर्वतों के बीच गंगा नदी के तट पर बसा है।
- राज्य के मात्र दो जिले मैदानी क्षेत्रों में आते है उनमें एक हरिद्वार और दूसरा ऊधम सिंह नगर
- हरिद्वार जिले का क्षेत्रफल 2,360 वर्ग किमी है
- हरिद्वार जिला गंगा के मैदानी क्षेत्र में पड़ता है
- हरिद्वार जिले का आकार बैठे ऊँट की तरह है
- हरिद्वार जिले की सीमाएं देहरादून व पौड़ी गढ़वाल से लगती है
- हरिद्वार तीनों ओर से उत्तरप्रदेश से घिरा हुआ है
हरिद्वार जनपद का प्रशासन
- हरिद्वार जनपद में विधानसभा क्षेत्र - 11
- हरिद्वार जनपद में विकासखण्ड- 06
- हरिद्वार जनपद में तहसील - 04
- हरिद्वार जनपद में नगर निगम- 02
- हरिद्वार जिले का लिंगानुपात- 880
- हरिद्वार जिले का जनघनत्व- 801
- हरिद्वार की साक्षरता 73.43 %
- हरिद्वार की जनसंख्या- 1890422
- 2011 में हरिद्वार को नगर निगम बनाया गया
- हरिद्वार नगर पालिका की स्थापना 1868 में हुयी
- सर्वाधिक नगरों वाला जिला हरिद्वार है- 24 नगर
- राज्य की सर्वाधिक ग्रामीण आबादी वाला जिला- हरिद्वार
- जनसंख्या की दृष्टि से राज्य में हरिद्वार का प्रथम स्थान है
- हरिद्वार राज्य का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला है
- सर्वाधिक मुस्लिम आबादी प्रतिशत वाला जिला हरिद्वार है
- राज्य में सबसे कम लिंगानुपात हरिद्वार जिले का है
- हरिद्वार राज्य में दूसरा न्यूनतम साक्षरता वाला जिला है
- सबसे अधिक अनुसूचित जाति (S.C) जनसंख्या वाला जिला हरिद्वार है
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे छोटा लोकसभा संसदीय क्षेत्र हरिद्वार है
- राज्य में हरिद्वार जनपद में सबसे अधिक विधानसभा सीटे हैं-11
हरिद्वार जनपद में नदियां और नहरें
- हरिद्वार में रतमाऊ और सोलानी नदी गंगा में मिलती है हरिद्वार जिले में पीली और कोटावली नदी बहती है
- दिव्य सरोवर हरिद्वार के विल्ब शिखर पर है राज्य की सबसे पुरानी नहर ऊपरी गंगा नहर है
- ऊपरी गंगा नहर का निर्माण 1842 से 1854 के बीच हुआ
- ऊपरी गंगा नहर हरिद्वार से कानपुर तक निकाली गई है।
- ऊपरी गंगा नहर की परिकल्पना गवर्नर थामसन ने की थी हरिद्वार की दूसरी नहर पूर्वी गंगा नहर है, इस नहर की लम्बाई । 48.55 किमी है। इसकी मुख्य नहर से 5 शाखाएं निकाली गई, जो चंदोक, नगीना, नजीमाबाद, नटोर व अलवालपुर है
हरिद्वार जनपद में वन सम्पदा
- हरिद्वार जिला दूसरा सबसे कम वन क्षेत्रफल वाला जिला है, जिसका क्षेत्रफल 630 वर्ग किमी है
- हरिद्वार में झिलमिल झील संरक्षण आरिक्षित है, जिसका गठन 2005 में हुआ, झिलमिल झील संरक्षण क्षेत्र 3,784 वर्ग में फैला है
- चीला वन्य जीव विहार की स्थापना 1977 में हुयी थी, राजाजी वन्य जीव विहार को 1983 में राजा जी राष्ट्रीय पार्क में शामिल किया गया है
हरिद्वार जनपद में पर्यटक स्थल
पर्यटक स्थल शांति कुंज
- शांति कुंज की स्थापना 1971-72 में पं० स्वामी राम शर्मा ने की शांति कुंज को वर्तमान में गायत्री तीर्थ के नाम से जाना जाता है
- शांति कुंज के वर्तमान उतराधिकारी प्रणव पांड्या है
- हरिद्वार में कुशार्वत घाट का निर्माण महारानी अहिल्याबाई ने कराया था इसी घाट पर दतात्रेय ऋषि ने तपस्या की, इसे गऊ घाट भी कहा जाता है इसमें पितृतर्पण कार्य होता है
- हर की पैड़ी हरिद्वार में धार्मिक पर्यटक स्थल है, हर की पैड़ी के पास मालवीय द्वीप पर बिड़ला द्वारा निर्मित घण्टाघर है।
- हरिद्वार में भीमकोंडा है जो पाडंव काल का है पारद शिवलिंग हरिद्वार जिले में स्थित है.
- हरिद्वार की पंचपुरी- हरिद्वार, कनखल, भीमगोड़ा, मायापुर व ज्वालापुर।
- राजा विजय सिंह स्मारक वर्तमान समय में बहादुरपुर हरिद्वार " में स्थित है जिसके लिये कुंजा एक्ट 1960 ई0 को पारित हुआ था
पर्यटक स्थल कनखल
- कनखल हरिद्वार का उपनगर है, कालिदास के मेघदूत में कनखल का वर्णन मिलता है
- पौराणिक काल में कनखल शिवजी के ससुर दक्ष प्रजापति की राजधानी थी। दक्ष प्रजापति मंदिर या दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल, हरिद्वार में है
- दक्षेश्वर मंदिर लंढौर रियासत की रानी धनकौर ने बनवाया था रामेश्वर महादेव मंदिर, महाविद्या मंदिर, शमशान मंदिर कनखल में स्थित है
- सती कुंड कनखल में है, जहां माता सती अग्नि में समाई थी नाराणी शिला कनखल में स्थित है।
हरिद्वार जनपद में प्रसिद्ध मंदिर
- हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी माया देवी है
- केलादेवी का मंदिर हरिद्वार में स्थित है
- नीलेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार में स्थित है
- मंसादेवी का मंदिर विल्ब शिखर पर स्थित है
- वैष्णो देवी मंदिर की प्रति कृति हरिद्वार में है
- मकरवाहिनी गंगा मंदिर दक्षिण शैली का है, यह मंदिर कामकोटी पीठ के जगत्गुरू शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती ने बनवाया
चंडी देवी मंदिर
- चंडी देवी मंदिर शिवालिक श्रेणी के नील शिखर पर पौडी जिले में स्थित है इस मंदिर को 1929ई0 में सुचेत सिह ने बनाया था चंडी देवी मंदिर में 1997 ई0 में रोपवे का निर्माण किया था
भारत माता का मंदिर
- भारत माता मंदिर हरिद्वार में और यह 180 फीट ऊँचा है
- भारत माता मंदिर का निर्माण 1983 स्वामी मित्रानंद ने कराया भारत माता मंदिर का उद्घाटन इंदिरा गांधी ने किया
हरिद्वार जनपद के प्रमुख मेले
- गुघाल मेला ज्वालापुर हरिद्वार मे लगता है
- जटाशंकर महादेव मेला हरिद्वार जिले में लगता है
प्रसिद्ध कुंभ मेला
- भारत में चार स्थान पर कुंभ मेले का आयोजन होता है चारों स्थानों में से केवल हरिद्वार व प्रयाग में अर्द्धकुंभ लगता है
- हरिद्वार में अर्द्धकुंभ 2016 में हुआ था • कुंभ मेला 12 वर्षों में एक बार आता है, जब मेष राशि में सूर्य व कुंभ राशि में गुरु होने पर हरिद्वार में कुंभ मेला लगता है
- इस वर्ष कुंभ के ग्रह योग 2021 में बन रहे है जबकि इससे पहले 2010 में कुंभ हुआ था। उस समय मुख्यमंत्री निशंक जी थे
- कुंभ मेले का प्रारम्भ हर्षवर्द्धन के समय से हुआ हरिद्वार कुंभ मेला मकर संक्राति पर्व से लेकर गंगा दशहरा तक लगता है
हरिद्वार में संस्थान और विभाग
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग
- उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग का मुख्यालय हरिद्वार में स्थित है उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की अधिसूचना 14 मार्च 2001 को जारी हुयी, 15 मई 2001 को लोक सेवा आयोग नए संगठन के रूप में शुरू हुआ
- वर्तमान में लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष और 6 सदस्य हैं
- आयोग के प्रथम अध्यक्ष एन.पी नवानी का कार्यकाल 4 माह का था वर्तमान आयोग के अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत है
- उत्तराखण्ड लोकसेवा आयोग की प्रथम महिला सदस्य सुधा रानी पांड़े थी
हरिद्वार में उद्योग एंव औद्योगिक क्षेत्र
- एकीकृत औद्योगिक आस्थान हरिद्वार की स्थापना सिडकुल द्वारा की गयी थी जो 1695 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
- सिडकुल की स्थापना 2002 में हुयी, जिसका मुख्यालय देहरादून में बनाया गया है
- उद्योगों की दृष्टि से सर्वाधिक उद्योग 686 हरिद्वार में कार्यरत हैं।
- रोजगार की दृष्टि से राज्य में सर्वाधिक इंडस्ट्रीयल रोजगार हरिद्वार से प्राप्त होता है
- भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लि0 (BHEL) हरिद्वार रानीपुर में है
- बी.एच.ई.एल. महारत्न कम्पनी की स्थापना 1964 ई0 में हुई,
- महिन्द्रा एंड महिन्द्रा आटोमोबाइल कम्पनी हरिद्वार में है
- हीरो मोटर कार्पस कम्पनी सिडकुल हरिद्वार में है
- पैनासोनिक्स इलेक्ट्रानिक्स कंपनी सिडकुल हरिद्वार में है
- विप्रो साफ्टवेयर कम्पनी सिड़कुल हरिद्वार में है
- हिन्दुस्तान यूनीलीवर भी हरिद्वार में स्थित है राज्य की सबसे बड़ी गुड़ की मंडी मंगलौर हरिद्वार में है
शिक्षा, साहित्य व समाचार पत्र
- संस्कृत अकादमी की स्थापना हरिद्वार में हुयी जिसका वर्तमान 2020 में नाम उतरांचल संस्कृत संस्थानम कर दिया गया है।
- उत्तराखण्ड संस्कृत विश्व विद्यालय अप्रैल 2005 में हरिद्वार में | बनाया गया है।
- मदर हुड विश्वविद्यालय 2014 हरिद्वार में बनाया गया बदरी विशाल समाचार पत्र हरिद्वार से निकलता है
- गुरुकुल कांगडी विश्व विद्यालय
- गुरुकुल कांगडी विश्व विद्यालय हरिद्वार में स्थित है आज भी
- यहां गुरुकुलीय आश्रम व्यवस्था है।
- गुरुकुल कांगडी विश्व विद्यालय की स्थापना 1900 में पंजाब में हुयी
- गुरुकुल कांगडी विश्व विद्यालय 2 मार्च 1902 को हरिद्वार में स्तानान्तरित कर दिया गया।
- गुरूकुल कांगडी विश्व विद्यालय के संस्थापक- स्वामी श्रद्धानंद गुरूकुल कांगडी विश्व विद्यालय को 1962 ई० हीरक जंयती के दिन विश्व विद्यालय का दर्जा दिया गया ।
- 2002 में गुरुकुल कांगडी विश्व विद्यालय ने शताब्दी वर्ष मनाया था
पतंजलि योगविद्या पीठ
- पतंजलि योगविद्या पीठ 2006 में राज्य सरकार द्वारा डीम्ड विश्व विद्यालय का दर्जा दिया गया इसके दो परिसर है, प्रथम परिसर अप्रैल 2006 तथा दूसरा परिसर अप्रैल 2009 में शुरु हुआ
- पतंजलि योगविद्या पीठ का कुलाधिपति स्वामी रामदेव है इस विद्यापीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण है।
देव संस्कृति विश्व विद्यालय
- 22 मार्च 2002 को हरिद्वार में देव संस्कृति विश्व विद्यालय की स्थापना के लिए विधानसभा में विधेयक पारित हुआ
- 11 अप्रैल 2002 को देव संस्कृति विश्व विद्यालय की विधिवत स्थापना हुयी, जिसके संस्थापक पं श्रीराम शर्मा ने की देव संस्कृति विश्व विद्यालय का संचालन वेदमाता गायत्री ट्रस्ट शांतिकुज द्वारा किया जाता है
हरिद्वार जनपद में परिवहन
- राज्य का सर्वाधिक रेल ट्रैक वाला जिला हरिद्वार है
- 1 जनवरी 1896 ई0 को लक्शर जंक्शन को हरिद्वार से जोड़ा गया हरिद्वार को 1900 ई0 में रेल लाइन देहरादून से जोड़ा गया • राष्ट्रीय राजमार्ग N.H34 हरिद्वार से होकर गंगोत्री तक जाता है
हरिद्वार जनपद में कृषि
- राज्य गन्ना अनुसंधान केन्द्र हरिद्वार जिले में प्रस्तावित है हरिद्वार में वह क्षेत्र जहां बाढ़ का पानी पहुँच पाता है वहां की मिट्टी को खादर कहा जाता है और बिना बाढ़ वाले मिट्टी को बांगर कहते है
- सर्वाधिक नलकूप सिंचित भूमि वाला जिला हरिद्वार है शुद्ध बोये गये क्षेत्र में सर्वाधिक सिंचित जिला ऊधम सिंह नगर के बाद हरिद्वार आता है
रूड़की उपनगर
- रूड़की शहर सोलानी नदी के तट पर बसा है
- रूड़की नगर को इंजीनियर्स का मक्का कहा जाता है प्राचीन में रूड़की गांव गुर्जरों के लंढौर रियासत के अधीन था
- लंढौर के अंतिम राजा रामदयाल की मृत्यु के बाद रूड़की क्षेत्र ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया 1826 में सहारनपुर के ज्वालापुर तहसील का मुख्यालय रूड़की स्थानान्तरित कर दिया गया
- रूड़की नाम रुड़ी नामक महिला के नाम पर रखा गया हजरत अलाउद्दीन अहमद साबिर की दरगाह जिसे पिराने कलियर भी कहा जाता है, यह रूड़की में है
- रंग महल लण्ढौरा रूड़की में स्थित है क्रिस्टल वर्ल्ड मनोरंजन पार्क रूड़की में है
- 2013 में रूड़की को नगर निगम बनाया गया
- रुड़की में प्रमुख संस्थान और अनुसंधान बंगाल सैं पर्स एंड माइनर्स की स्थापना 1853 को रूड़की में हुयी।
- 14 दिसम्बर 1978 राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान की स्थापना रूड़की में की गयी
- भारतीय सिंचाई अनुसंधान संस्थान रूड़की में है भारतीय सिंचाई अनुसंधान संस्थान की स्थापना 1928 में हुयी
- केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की स्थापना 1947 को रूड़की में हुयी, जिसे 1953 में संस्थान बनाया गया बंगाल इंजीनियर ग्रुप का मुख्यालय रूड़की में है
- स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेन्टर रूड़की में है
- ऊर्दू व फारसी अकादमी पिरान कलियर रूड़की में स्थित है
- भूविज्ञान एवं भू-भौतिकी संग्रहालय रुड़की में है सर्वेक्षण संग्रहालय रूड़की में स्थित है।
- क्वाटंम विश्व विद्यालय रूड़की को 2017 में
- कोर इंजीनियरिंग कॉलेज रूड़की में स्थित है
- रुड़की एक सैनिक छावनी है
रूड़की आई.आई.टी
- एशिया के प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना 1847 को रूडकी में हुयी
- 1854 में इसका नाम बदलकर थामसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग रखा गया
- 21 सितम्बर 2001 में रूड़की विश्व विद्यालय को देश में सातवां I.I.T का दर्जा दिया गया
- I.I.T रूड़की भारत का एक मात्र ऐसा संस्थान जिसमें भूकंप इंजीनियरिंग का अलग विभाग है, जिसकी स्थापना 1960 को हुयी।
हरिद्वार में अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
- हरिद्वार को अंग्रेजों का कब्रिस्तान कहा गया
- निर्मल अखाड़ा धार्मिक संगठन का मुख्यालय हरिद्वार में है
- नौगजा पीर की मजार हरिद्वार के मंगलौर में स्थित है गोरखों के समय दासमंडी का केन्द्र भीमगोडा हरिद्वार में था
- जयराम आश्रम की स्थापना हरिद्वार में 1891 को हुयी
- सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार में स्थित है
- ज्वालापुर का पुराना नाम भोगपुर था पथरी परियोजना 1955-56 गंगानहर हरिद्वार में है, यह परियोजना 20 मेगावाट की है
- मोहम्मदपुर परियोजना हरिद्वार में गंगानहर पर बनी है
ये भी पढ़ें
- उत्तराखण्ड का जनपद उत्तरकाशी/District Uttarkashi of Uttrakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद देहरादून/Dehradun District of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का चमोली जनपद/Chamoli district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद टिहरी गढ़वाल/Tehri Garhwal district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद रुद्रप्रयाग /Rudraprayag district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद पौड़ी गढ़वाल/District Pauri Garhwal of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद अल्मोड़ा/Almora district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद नैनीताल /Nainital district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद पिथौरागढ/Pithoragarh district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद बागेश्वर/District Bageshwar of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद चम्पावत/District Champawat of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद ऊधमसिंह नगर/Udham Singh Nagar district of Uttarakhand
Follow Us