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उत्तराखण्ड में प्रमुख त्योहार/Major Festivals in Uttarakhand

 उत्तराखण्ड में प्रमुख त्योहार/Major Festivals in Uttarakhand

उत्तराखण्ड में प्रमुख त्योहार

  • गढ़वाल में दीपावली के अवसर पर भैला नृत्य किया जाता है गढ़वाल में मांगशीर्ष माह में दीपावली होती है यह दीपावली मुख्य दीपावली पर्व से 1 माह बाद होती है
  • राज्य में होली की दो शैलियां होती है-खड़ी व बैठकी घी संक्राति कुमाऊँ में होती है, चंद राजाओं के समय इस पर्व पर लोग राजा को भेंट देते थे मकर संक्राति के अवसर में कुमाऊँ में टेडे-मेढे आटे के घुघुतिया बनाए जाते है इसे गढ़वाल में खिचड़िया संग्राद कहते है
  • घुघुतिया त्यौहार को काले-कावा का त्योहार कहा जाता है 
  • फूलसंग्राद जिसे फूलदेई कहते है, हिन्दू वर्ष के प्रथम दिन से 7 दिनो तक मनाया जाता है
  • हरेला राज्य का प्रमुख त्योहार है, कुमाऊँ क्षेत्र में हरेला 16 जुलाई को मनाया जाता है, राज्य भर में हरेला पर्व के समय पौधा रोपण होता है
  • पंचमी त्योहार में जौ की हरियाली लगाई जाती है।
  • खतडुवा कुमाऊँ क्षेत्र में पशुओं का त्योहार है, आश्विन मास की संक्राति को मनाया जाता है। 
  • खतडुवा को गायों का त्योहार भी कहा जाता है.
  • बिखौती बैशाख माह के प्रथम दिन यह त्यौहार मनाया जाता है
  • बैंसी कुमाऊँ क्षेत्र में 22 दिनों तक मनाया जाने वाला त्यौहार है 
  • चैतोल त्योहार स्थानीय देवता देवल की पूजा अर्चना होती है, यह चैत्र मास की अष्टमी को मनाया जाता है
  • कलाई त्योहार कुमाऊँ में फसल काटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है
  • सारा त्योहार पर गढ़वाल में गांव को बीमारी से बचाने के लिए नंदादेवी के दूतो का आह्वान किया जाता है
  • आंठू त्योहार भाद्रपद माह के अष्टमी को चांचरी नृत्य का आयोजन होता है 
  • भिरौली त्योहार संतान कल्याण के लिए मनाया जाता है
  • नुणाई त्योहार जौनसार में भेड़ पालको के नाम पर मनाया जाता है
  • गोलज्यू महोत्सव अल्मोड़ा में मनाया जाता है
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