उत्तराखण्ड का पर्वतीय खाद्य व्यजंन/Mountain food of Uttarakhand |
उत्तराखण्ड का पर्वतीय खाद्य व्यजंन
- झंगोरा की खीर जिसे साँवा कहते है,
- मंडुवा (कोदा) से रोटी और बाड़ी बनायी जाती है.
- अरसा चावल के बने होते है, यह लड़की को ससुराल जाते समय कल्यो के रूप में दिया जाता है
- फाणू गहत की दाल से बनाया जाता है, अन्य नाम गथ्वाणी है
- स्वालें पूरी का गढ़वाली नाम है
- बाड़ी मंडुवा के आटे से बना हलवा होता है जिसे मंडुवा का रागी भी कहा जाता है तथा पैत्यूड अरबी के पतों से बनाया जाता है रोट यह आटे की रोटी पर घी लगाकर बनाया जाता है जो देवी व
- देवताओं की पूजा के लिए प्रयोग होता है थिच्वाणी आलू को पीस कर जो सब्जी बनायी जाती है
- चौंसा उडद दाल पीस कर साग बनाया जाता है
- सिंगल कुमाऊँ में बनने वाला पकवान है, जिसे चावल की जलेबी भी कहा जाता है
- बिच्छू घास (कण्डाली) की सब्जी सर्दियों में बनायी जाती है
- लिंगुड़ा की सब्जी जो प्राकृतिक रूप में नदियों के किनारे या पानी वाली जगह पर फर्न आकार में मिलते हैं
- किल्मोडा का प्रयोग चटनी बनाने के लिए होता है
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