उत्तराखण्ड का जनपद नैनीताल /Nainital district of Uttarakhand |
नैनीताल जनपद का इतिहास
- नैनीताल को सरोवर नगरी व झीलों की नगरी कहा जाता नैनीताल की खोज 1841 में पी. बैरन ने की जो शाहजहांपुर निवासी चीनी का व्यापारी था।
- बैरन के समय इस क्षेत्र का थोकदार नूर सिंह था
- पी बैरन ने नैनीताल में पिलग्रिम लॉज नामक घर का निर्माण करवाया और इनकी पुस्तक वडरिंग इन द हिमालय है नैनीताल की खोज की खबर 24 नवम्बर 1841 को कलकता के इंग्लिश मैन अखबार में छपी थी और बाद में विस्तृत विवरण आगरा अखबार में छपा था
- 1842 में नैनीताल बसाने की जिम्मेदारी मोती लाल शाह को दी गई, जिन्होने नैनाझील के तट पर नैनादेवी का मंदिर बनवाया था
- अक्टूबर 1850 को नैनीताल नगर निगम का औपचारिक रूप से गठन हुआ।
- 18 सितम्बर 1880 को नैनीताल में बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसमें 151 लोग दफन हो गए थे
- प्राचीन काल में इस क्षेत्र को खड़देश कहा जाता था
- नैनीताल छखाता परगने में पड़ता था
- नैनीताल में 1962 तक उत्तरप्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही और नैनीताल को 1891 में जिला मुख्यालय बनाया गया।
- नैनीताल जनपद का गठन 1891 ई0 हुआ तथा 1996 ई0 में नैनीताल को हिल स्टेशन दर्जा मिला था
- नैनाझील को स्कन्द पुराण में त्रि-ऋषि सरोवर कहा गया गांधी जी ने 1929 को ताकुला में स्वराज आश्रम की स्थापना की
नैनीताल जनपद की भौगोलिक स्थिति
- नैनीताल नगर समुद्रतल से लगभग 1938 मी ऊँचाई पर स्थित है।
- नैनीताल नगर के बीच में नाशपति आकार की एक झील है जिसे नैना झील कहा जाता है,
- नैनीझील चारों और से सात पहाडियों से घिरी हुयी है, झील के उत्तर में नैना पीक (चाइना पीक) स्थित है इसकी ऊँचाई 2611मी. है जो इन सात चोटियों में सबसे ऊँची है
- नैनीताल झील के पश्चिम में देवपाठा तथा दक्षिण में अयारपाठा चोटी है
- नैना झील दो भागों में विभक्त है, जिसमें ऊपरी भाग को मल्लीताल व निचले भाग को तल्ली ताल कहा जाता है
- नैना झील के उतरी भाग पर मैदानी क्षेत्र को फ्लैट्स कहते है
- नैना झील के तट पर नैनादेवी का मंदिर है
- नैनीताल जिले का क्षेत्रफल 4,251 वर्ग किमी है,
- कुमाऊँ मंडल की स्थापना 1854 में हुयी, इसका मुख्यालय का नैनीताल में है
नैनीताल जनपद का प्रशासन
- नैनीताल जनपद में विधानसभा क्षेत्र-6
- नैनीताल जनपद में तहसील - 9
- नैनीताल जनपद में विकासखण्ड- 8
- नैनीताल जनपद में नगर निगम- 1
- 1873 में नैनीताल में नगर पालिका का गठन किया गया
- नैनीताल जिले की जनसंख्या 9,54,605 है जनसंख्या 4वां स्थान
- नैनीताल जिले का जनघनत्व 225 है अधिक में 4 वां स्थान है
- नैनीताल जिले का लिंगानुपात 934 है
- नैनीताल जिले की साक्षरता दर 83.88% है
- नैनीताल जनपद की पुरुष साक्षरता- 90%
- नैनीताल जनपद की महिला साक्षरता- 77.3%
- नैनीताल जिले का महिला साक्षरता की दृष्टि से दूसरा स्थान है।
नैनीताल जनपद की नदियां
- बाकरा नदी नैनीताल से निकलती है, और ऊधमसिंह नगर के खानपुर के पास राज्य से बाहर हो जाती है।
- गौला नदी नैनीताल के पहाड़पानी नामक स्थान से निकलती है
- देहोआ नदी भी नैनीताल से निकलती है
- नंधौर नदी नैनीताल से निकलकर ऊधमसिंह नगर के नानक सागर में गिरती है
- कोइराला नदी लधिया नदी की सहायक नदी है दाबका नदी का उद्गम स्थान गरमपानी है • नैनीताल झील के एक छोर से बलिया नदी निकलती है।
नैनीताल जनपद में झीले/ताल है
- खुरपाताल झील का आकार जानवर के खुर के समान .
- सूखा ताल, साड़िया ताल, लुखमा ताल, स्थित हैं हरीश ताल, नैनीताल में
- नल ताल नैनीताल में है, इसे कमल ताल भी कहते है
भीमताल
- भीमताल कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है
- भीमताल की लम्बाई 1674 मी तथा चौड़ाई 447 मी है
- भीमताल कमल कड़ी व कमल के लिए प्रसिद्ध है
- भीमताल त्रिभुजाकार है, इसके बीच में एक टापू है
- भीमताल के तट पर भीमेश्वर महादेव का मंदिर है।
नौकुछियाताल ताल
- नौकुछियाताल कुमाऊँ क्षेत्र का सबसे गहरा ताल है इस ताल की गहराई 40 मी0 है और यह ताल में नो कोने हैं नौकुछियाताल पक्षियों के निवास के लिए सर्वोतम है, यहां विदेशी पक्षी भी देखे जा सकते है
सातताल
- सात ताल नैनीताल में कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे रमणीक झील है
- सात ताल पहले सात झीलों का समूह था, कुछ झीलें नलदमन्यती
- ताल, गरूड़ ताल, राम-सीता ताल व लक्ष्मण ताल आदि है। नलदमयन्ती ताल अश्वखुर के समान पाँच कोनों वाला ताल है
- सात तालों का जल बलिया नदी में गिरता है अमेरिकी मिशनरी स्टेनले जान्स का आश्रम सातताल के पास स्थित है।
- सातताल झील की तुलना इग्लैंड के बेस्टमोरलैंड से की जाती है।
नैनीताल जनपद में जल प्रपात/फॉल
- भालूगाड़ जलप्रपात नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में स्थित है
- कार्बेट जलप्रपात नैनीताल में कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में है
- फ्रिकी झरना कालाढूंगी नैनीताल में स्थित है
- ढोकने झरना नैनीताल के भुवाली के पास है
- सुभाष धारा झरना नैनीताल के सटल में स्थित
- लाडुवागढ़ जलप्रपात कार्बेट फॉल्स के पास स्थित है।
- वुडलैंड वाटर फॉल नैनीताल में स्थित है
- नैनीताल जनपद में खनिज सम्पदा नैनीताल के कालाढूंगी व रामगढ़ क्षेत्रों में लोहा का मैग्नेटाइट अयस्क मिलता है।
- राज्य में सर्वाधिक लोहा नैनीताल जनपद में पाया जाता है नैनीताल के मझरिया क्षेत्र में जिप्सम मिलता है
नैनीताल जनपद में पर्वत
- चोटी हिडिम्बा पर्वत नैनीताल में स्थित है।
- किलवरी नामक पर्वत नैनीताल में स्थित है
- डेरोथीसीट पर्वत चोटी को अयांरपाटा भी कहा जाता है।
- हनी-बनी चोटी नैनीताल में स्थित है।
- टिफिन टॉप नैनाझील के पास स्थित है
- शेरका डांडा और मनोरा पहाड़ी नैनाझील के पास स्थित है
- चायना पीक (नैना पीक) नैनाझील के पास स्थित है
- स्नो व्यू, और हार्डी गडी नैनीताल में स्थित हैं
नैनीताल जनपद में प्रसिद्ध दरें
- चिलकिला दर्रा एवं याचलकिला द्वार नैनीताल के ढिकुली में शिवालिक श्रेणी पर है चौकीघाट दर्रा नैनीताल में शिवालिक श्रेणी पर है
- चोरगलिया दर्रा नैनीताल के हल्द्वानी में शिवालिक श्रेणी पर है
- बमौरी दर्रा नैनीताल के काठगोदाम में शिवालिक श्रेणी पर है
नैनीताल जनपद में उद्योग/औद्योगिक क्षेत्र
- डेयरी शोध एवं विकास केन्द्र नैनीताल जिले में हैं
- अंग्रेजो ने सबसे पहले लीसा कारखाने की स्थापना भुवाली में की।
- 1890 में बोट हाउस क्लब की स्थापना नैनीताल में हुयी
- एशिया का सबसे बड़ा कागज उद्योग सेन्चुरी पेपर एंड पल्प बोर्ड लाल कुआँ नैनीताल में है,
- राज्य में अधिकांश कागज उद्योग नैनीताल जनपद में है
- हिन्दुस्तान मशीन टूल्स रानीबाग नैनीताल में है
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीफोन फैक्ट्री भीमताल, नैनीताल में है।
- वैक्सीन कारखाना पटवांडानगर नैनीताल में है
- चाय विकास बोर्ड ने सर्वप्रथम चाय फैक्ट्री घोडाखाल में। स्थापित की
- उत्तराखण्ड महिला संघ की स्थापना नैनीताल में 1994 को हुयी
- हिमालयन चैम्बरर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज नैनीताल में स्थित है।
वन्य जीव विहार संरक्षण आरिक्षित
- राज्य के चार संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं जिनमें दो नैनीताल में है
- नंधौर वन्यजीव विहार का गठन 2012 में किया गया
- नंधौर वन्यजीव विहार नैनीताल व ऊधमसिंह नगर बॉर्डर में है
- पावलगढ़ संरक्षण आरक्षित का गठन 2012 नैनीताल में किया
- नैना देवी हिमालयी बर्ड कन्जर्वेशन 2015 में नैनीताल में बना, जहां 600 से अधिक पक्षी प्रजाति है गोविन्द बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान का गठन 1995 में नैनीताल में किया गया
नैनीताल में राष्ट्रीय उद्यान एंव वन
- प्रतिशत की दृष्टि से सबसे ज्यादा वन क्षेत्र नैनीताल जिले में है नैनीताल के कुल क्षेत्रफल का 72.64% वन क्षेत्र है
- सर्वाधिक वन क्षेत्रफल की दृष्टि से नैनीताल तीसरे स्थान पर है। राज्य में सबसे ज्यादा अति सघन वन नैनीताल जिले में है पतली व कोटा दून नैनीताल जिले में स्थित हैं
- नैनीताल के भीमताल में ज्वालामुखी मिट्टी पायी जाती है
कार्बेट नेशनल पार्क
- कार्बेट नेशनल पार्क देश व एशिया का पहला नेशनल पार्क है कार्बेट नेशनल पार्क का गठन 1936 में हुआ इसका पहले नाम हेली नेशनल पार्क था
- स्वतन्त्रता के बाद कार्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखा। 1957 में प्रकृति प्रेमी जिम कार्बेट के नाम पर इस उद्यान का नाम पड़ा
- कार्बेट नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 520वर्ग किमी है और यह दो जनपद नैनीताल व पौडी में फैला है, कार्बेट नेशनल पार्क का सर्वाधिक क्षेत्रफल पौडी जनपद में है।
- कार्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार ढिकाला, नैनीताल में है
- कार्बेट नेशनल पार्क के मध्य में पाटली दून स्थित है कार्बेट नेशनल पार्क नवम्बर 1973 को देश का पहला टाइगर रिर्जव बना इस पार्क के किनारे पूर्वी रामगंगा बहती है राज्य में सर्वाधिक पर्यटक कार्बेट नेशनल पार्क में आते है इसके बाद राजा जी नेशनल पार्क व फूलों की घाटी में आते हैं
- अप्रैल 2012 में कार्बेट नेशनल पार्क के चारों तरफ 500मी0 तक के दायरे को साइंलेस जोन घोषित किया
- 2013 में कार्बेट नेशनल पार्क में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है
नैनीताल जिले में प्रमुख पर्यटक स्थल
- नैनीताल का हनुमान गढ़ी सूर्यास्त के अनुपम दृश्य के लिए | विख्यात है।
- ज्योलीकोट नैनीताल में भारत का सबसे पुराना गोल्फ कोर्स है
- नैनीताल की वर्धमान पहाड़ियों पर अरविन्दो आश्रम है
- कालाढूंगी नैनीताल में जिम कार्बेट का मकान एवं संग्रहालय है
पर्यटक स्थल भुवाली
- नैनीताल में स्थित भुवाली नामक स्थान पर्वतीय फल बाजार के लिए प्रसिद्ध है, भुवाली क्षिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ है
- 1912 ई० को भुवाली में टी.बी सैनोटोरियम की स्थापना हुई
- भुवाली में सर्वप्रथम 1885 में गढ़ कप्तानी बंगला बना था
- भुवाली के पास लल्ली की छतरी नामक पर्यटक स्थल है उत्तराखण्ड न्यायिक व विधि अकादमी भुवाली में स्थित है
पर्यटक स्थल काठगोदाम
- काठगोदाम को कुमाऊँ का प्रवेश द्वार कहा जाता है यह कुमाऊँ का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है
- काठगोदाम में गुलाब घाटी बहुत प्रसिद्ध है
- काठगोदाम को बमोरी घाट या बाड़ाखेडी भी कहा जाता है
- काठगोदाम रेलवे स्टेशन 1884 में चालू हुआ
- काठगोदाम में रेलवे की बड़ी लाइन 1994 में बनाई गयी काठगोदाम के पास रानीबाग पर्यटक स्थल है
- रानीबाग में पुष्पभद्रा व गंगरांचल छोटी नदियों का संगम है रानीबाग के पास ज्योलीकोट में मधुमक्खी पालन का केन्द्र है
पर्यटक स्थल रामगढ़ -
- रामगढ़ को कुमाऊँ में फलों का कटोरा कहा जाता है रामगढ़ में सबसे पहले पकने वाला सेब प्रजाति ग्रीन स्वीट व सबसे बाद में पकने वाला सेब पिछौला सेब होता है रामगढ़ का सर्वोतम फल आडू है, इसकी प्रजाति तोतापरी व हिल्सअर्ली है यहां ग्रीन गोज जाति के पुलम भी अधिक होते हैं • टैगोर टॉप रामगढ़ में रविन्द्रनाथ टैगोर ने प्रवास किया था
- महादेवी वर्मा संग्रहालय रामगढ़ नैनीताल में स्थित है
- रामगढ़ में नारायण स्वामी जी ने आश्रम स्थापित किया गागर नामक पर्यटक स्थल रामगढ़ में स्थित है
पर्यटक स्थल रामनगर
- रामनगर को 1850 में कमिश्नर रैम्जे ने बसाया था
- रामनगर के गर्जिया नामक स्थान पर गर्जिया माता मंदिर गर्जिया में महर्षि वाल्मीकि आश्रम के भग्नावेश
- ढिकुली कत्युरियों की राजधानी थी, जो गर्जिया के पास है
- उत्तराखण्ड विद्यालय शिक्षा परिषद् 2008 से रामनगर में है
- जुडवा घाटी रामनगर में स्थित है
हल्द्वानी शहर
- हल्द्वानी गौला नदी के तट पर स्थित राज्य का सबसे बड़ा व्यापारिक नगर है,
- हल्द्वानी में हल्दू पेड़ों की अधिकता के कारण यहां का नाम हल्द्वानी पड़ा था
- हल्द्वानी का प्राचीन नाम बमोरी है
- आधुनिक हल्द्वानी का निर्माण 1834 में विलियम ट्रेल ने किया ट्रैल ने हल्द्वानी शहर में अपने लिए बंगला बनाया था जिसे खाम का बंगला कहा जाता था
- 1901 में हल्द्वानी में आर्यसमाज भवन और 1902 में सनातन धर्म सभा का निर्माण हुआ हल्द्वानी में नहरें बनाने का काम कमिश्नर रैम्जें ने किया
- अप्रैल 1884 को पहली रेलगाड़ी लखनऊ से हल्द्वानी पहुँची
- 1 सितम्बर 1966 को हल्द्वानी नगरपालिका घोषित की गयी
- 2011 को हल्द्वानी को नगर निगम बनाया गया हल्द्वानी राज्य का तीसरा बड़ा नगर निगम है.
- नाहन पर्वत श्रृंखलाएं हल्द्वानी में स्थित है
- डाकू सुल्ताना कुँआ हल्द्वानी में स्थित है
हल्द्वानी में प्रमुख संस्थान
- राज्य में प्रथम दुग्ध डेरी संघ की स्थापना हल्द्वानी में 1949 में हुयी स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट हल्द्वानी में प्रस्तावित है
- फारेस्ट ट्रेनिंग स्कूल हल्द्वानी नैनीताल में स्थित है
- वन एवं पंचायत प्रशिक्षण अकादमी हल्द्वानी नैनीताल में स्थित है
- सुशीला तिवारी फारेस्ट कॉलेज हल्द्वानी में स्थित है
- हल्द्वानी कत्था उद्योग के लिए प्रसिद्ध है
- गौलापार 2016 में बना राज्य का दूसरा व देश का पहला कार्बन न्यूट्रल जू बनाया जा रहा है।
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रीड़ा कॉम्पलेक्स व स्टेडियम हल्द्वानी में है
पर्यटक स्थल रानीबाग
- रानीबाग में जियारानी मेला लगता है।
- रानीबाग का पुराना नाम चित्रशिला है
- हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लि० रानीबाग, हल्द्वानी में स्थित है शीतला माता का मंदिर रानीबाग में स्थित है
- यहां मार्कण्डेय ऋषि की तपस्थली है
नैनीताल जनपद में प्रसिद्ध मंदिर
- नैनीताल में प्राचीन नैनादेवी मंदिर का निर्माण मोती लाल शाह ने कराया था कैंची धाम नैनीताल में बाबा नीम करोली का मंदिर है
- नैनीताल के घोड़ाखाल में गोल्लू देवता का मंदिर है
- मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर नैनीताल में है। गांधी मंदिर नैनीताल में स्थित है
- लोखा-लुखाम देवता नैनीताल में स्थित है।
- डाखान बाबा का मंदिर गौला नदी के तट पर है
- पाषाण देवी माता मंदिर नैनीताल में स्थित है
- चीना बाबा मंदिर नैनीताल में स्थित है। नैनीताल में भारत का पहला मैथोडिस्ट चर्च बनाया गया
नैनीताल जनपद में प्रमुख त्योहार / मेले
- दशहरा मेला नैनीताल के कालाढूंगी में लगता है हरियाली मेला नैनीताल के भीमताल में लगता है, यह मेला कक्
- संक्राति को लगता है जियारानी का मेला रानीबाग नैनीताल में लगता है
- सीतावनी का रामनवमी मेला नैनीताल के रामन में लगता है बेतालेश्वर महादेव मेला नैनीताल जिले में कोसी नदी के तट पर लगता है
- खेल-खिलाड़ी और व्यक्तित्व नैनीताल मे 1968ई0 से पर्वतारोहण क्लब कार्यरत है
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हल्द्वानी नैनीताल में है
- अनूप शाह फोटोग्राफर से जुड़े है, जिन्हे 2019 में पद्मश्री मिला इनका सम्बन्ध नैनीताल से है
- पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत तिवारी का सम्बन्ध भी नैनीताल से था
नैनीताल जनपद में भाषा-बोलियां
- कुमय्याँ बोली नैनीताल के काली कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाती है फाल्दाकोटी बोली नैनीताल व अल्मोड़ा में बोली जाती है
- रचभैसी बोली को नैनीताली कुमाऊँनी बोली भी कहा जाता है
नैनीताल जनपद में संस्थान / विभाग
- लोक संस्कृति संग्रहालय डा० यशोधर मठपाल द्वारा 1983 में स्थापित किया था
- भीमताल खुटानी में है
- तितलियों का संग्रहालय भीमताल, नैनीताल जिले में है तितलियों के संग्रहालय की स्थापना फ्रेडरिक स्मेटा ने की
- जड़ी-बूटी विपणन हेतु रामनगर में हर्बल मंड़िया बनाई गयी
- उमंग नामक कला संस्थान नैनीताल में स्थित है।
- फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हल्द्वानी में है
- टरार अनुसंधान केन्द्र भीमताल नैनीताल में है
- लघु उद्योग सेवा संस्थान हल्द्वानी नैनीताल में है
- राष्ट्रीय पादप एवं जैविकी अनुसंधान केन्द्र भुवाली, नैनीताल में है हिल्ट्रान भीमताल में स्थित है।
- उत्तराखण्ड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद् रामनगर, नैनीताल में है उत्तराखण्ड प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना 1988 में नैनीताल में की गयी
- मलेरिया शोध उन्मूलन केन्द्र भुवाली में स्थित है उत्तराखण्ड न्यायिक एंव विधिक अकादमी भुवाली, नैनीताल में दिसम्बर 2004 से है
- प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय नैनीताल में है
- उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी, नैनीताल में स्थित है
- राजकीय वेधशाला मनोरा पीक नैनीताल में स्थित है
- मलेरिया शोध एवं उन्मूलन केन्द्र नैनीताल के भुवाली में है राष्ट्रीय शीत जल मत्स्य अनुसंधान केन्द्र नैनीताल में है
- 31 मार्च 1976 को नैनीताल में कुमाऊँ मंडल विकास निगम की स्थापना हुई
- सेन्ट्रल हिमालयन इन्वारमेंट एसोसिएशन नैनीताल में स्थित है
- उच्च न्यायालय भवन नैनीताल
- 27 अप्रैल 1897ई० में नैनाताल राजभवन या हाईकोर्ट भवन की नींव पड़ी, और 1900 ई0 में राजभवन बनकर पूर्ण तैयार हुआ उच्च न्यायालय भवन का निर्माण सर सन्टौनी मैक्डोनल्ड ने किया जो गौथिक शैली में बना है
- राजभवन को गवर्नर हाउस भी कहा जाता है
- राजभवन के डिजाईन का श्रेय स्टीवंश व ऑरेटर को जाता है राजभवन में 113 कमरे हैं, राजभवन के आसपास शानदार गोल्फ कोर्स 1926ई0 में बना, जिसकी शुरूआत गर्वनर मैलकम ने की
- राजभवन नैनीताल का आर्किटेक्ट बर्किघम पैलेस के तर्ज पर हैं राजभवन में रहने वाले प्रथम ब्रिटिश गवर्नर एंटोनी मैक्डोनाल्ड तथा राजभवन में रहने वाली प्रथम भारतीय गर्वनर सरोजनी नायडू थी।
- कुमाऊ मंडल विकास निगम 31 MAY 1976
आर्यभटट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान
- आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) तारा व भौतिकी शोध संस्थान है।
- एरीज का गठन 1954ई० में राजकीय वेधशाला के रूप में वाराणसी में हुआ
- एरीज को 1955ई0 में नैनीताल के शेर का डांडा में स्थानान्तरित किया गया उसके बाद एरीज को 1961ई0 में नैनीताल के मनोरा पहाड़ी में लाया गया
- ऐरीज को 2004 में स्वायतत संस्थान बना दिया गया 2016 में नैनीताल के देवस्थल में एशिया की सबसे बड़ी ऑप्टिकल दूरबीन को चालू किया गया, यह टेलिस्कोप भारत व बेल्जियम का सामूहिक प्रयास है।
भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान
- भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान की स्थापना 1893 मुक्तेश्वर में की गयी इसका निमार्ण का श्रेय एल्फ्रेड लिंगार्ड को जाता है इसका सर्वप्रथम नाम इम्पीरियल बैक्टीरियो लाजिकल लैबोरोटरी था 1925 में इसका नाम बदलकर इम्पीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ बेटनरी रिसर्च रखा गया एल्फ्रेड लिंगार्ड नैं यहां घोडो व गौ पशुओं में होने वाला सर्रा रोग पर शोध किया .
- 1924 ई0 में एडवर्डस नें रिंडरपेस्ट नामक के टीके की खोज की थी
- रानीखेत रोग के टीके का आविष्कार इसी सेन्टर में किया गया
नैनीताल जनपद में शिक्षा / समाचार पत्र
- 1966ई0 में घोड़ाखाल सैनिक स्कूल की स्थापना जयमल्ल सिह ने की थी
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल में 1869ई0 में बना
- बिड़ला विद्या मंदिर नैनीताल में 1947ई0 में बना 30 नवम्बर 1973ई0 को कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना हुयी जिसका मुख्यालय नैनीताल बनाया गया
- उत्तराखण्ड मुक्त विश्व विद्यालय की स्थापना 31 अक्टूबर 2005 को नैनीताल में हुयी
- पहाड़ एवं उतरा नामक पत्रिकाएं नैनीताल में निकलती है
- समय विनोद 1868ई0 में राज्य का प्रथम हिन्दी समाचार पत्र है
- पर्वतीय समाचार पत्र नैनीताल से प्रकाशित होता है खबर संसार समाचार पत्र नैनीताल से प्रकाशित होता है
- हिल रिव्यू अंग्रेजी समाचार पत्र हल्द्वानी से प्रकाशित होता है
- कूर्माचल केसरी का प्रकाशन भी द्वानी से होता है नागरिक एवं उत्तराखण्ड मशाल समाचार पत्र रामनगर से प्रकाशित होता है।
नैनीताल जनपद में चिकित्सा व्यवस्था
- भुवाली में क्षय रोग अस्पताल की स्थापना 1912 को हुयी
- सुशीला तिवारी मेमोरियल चिकित्सालय हल्द्वानी, नैनीताल में है
- सुशीला तिवारी मेमोरियल चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया, जो कुमाऊँ विश्व विद्यालय के अन्तर्गत है
- सुशीला तिवारी मेमोरियल चिकित्सालय में राज्य का प्रथम पैरा-मेडिकल संस्थान व कैन्सर हास्पिटल है
नैनीताल जनपद में परिवहन सुविधाएं
- नैनीताल के काठगोदाम को 1882ई0 में सड़क मार्ग से जोड़ा गया उत्तरप्रदेश के रामपुर से किच्छा व किच्छा-काठगोदाम तक रेललाइन 1884 ई0 को बिछाई गयी
- 24 अप्रैल 1884 को पहली रेल गाड़ी लखनऊ से हल्द्वानी आयी मुरादाबाद से काशीपुर तथा काशीपुर से रामनगर तक रेलवे लाइन 1907 ई० को बनायी गयी थी
- रामनगर रेलवे स्टेशन गढ़वाल व कुमाऊँ दोनो का मुख्य केन्द्र है कुमाऊँ मोटर ऑनर्स यूनियन लि0 की स्थापना 1939ई० में काठगोदाम में हुयी
- ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लि० की स्थापना 1958ई0 रामनगर में हुई
नैनीताल जनपद अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
- नैनीताल राज्य का पहला वाईफाई जिला है
- फांसी गदेरा नैनीताल में स्थित है
- शैलेश मटियानी पुस्तक संग्रहालय रामगढ में स्थित है
- नैनीताल में शारदा संघ की स्थापना 1943ई0 में हुयी
- हिमालय म्यूजियम नैनीताल में स्थित है
- पहाड़ नामक संस्था की स्थापना शेखर पाठक ने की महाशीर मछली के पालन के लिए मत्स्य विकास परियोजना भीमताल में शुरू की गयी।
- नैनीताल रोपवे 1985ई0 में बना
- नैनीताल में सेवा राम सभा की स्थापना 1918 में हुयी
- हल्द्वानी में टॉउन एरिया कमेटी की स्थापना 1885 लीलाशाह बापू का आश्रम नैनीताल में है
- आर्यसमाज ज्ञानोदय पुस्तकालय की स्थापना नैनीताल में 1902 को हुयी
- कुमाऊँ भाबर खेतीहार न्यास निधि का गठन 1906ई0 को नैनीताल में हुआ
- 1905ई0 में भारतीय सेना का ईस्टर्न कमांड का मुख्यालय नैनीताल में स्थापित किया गया
- नैनीताल में 18 सितम्बर 1880 में भूस्खलन के कारण नैनादेवी का मंदिर नष्ट हो गया था
- प्रथम बार रिकॉर्डेट भूस्खलन 1866-67 में हुआ था 1867 में आपदा प्रबंधन के लिए हिल सेफ्टी कमेटी बनी थी
- विक्टोरिया बांध नैनीताल के भीमताल में स्थित है, इसे भीमताल बांध भी कहा जाता है, भीमताल बांध 1882 में हैनरी एशर्स्ट द्वारा डिजाइन किया गया
नैनीताल जनपद
विधानसभा क्षेत्र - 6
1. भीमताल2. कालाढूगी3. रामनगर4. लालकुआँ5. हल्द्वानी6. नैनीताल अनुसूचित जाति (S.C) आरक्षित क्षेत्र है
तहसील - 9
1. बेतालघाट2. ओखलाकांडा3. कुश्या कटौली4. धारी5. लालकुआँ6. रामनगर7. हल्द्वानी8. नैनीताल9. कालांढूगी
विकासखण्ड - 8
1. ओखलाकांडा2. रामगढ़3. कोटाबाग4. भीमताल5. बेतालघाट6. धारी7. हल्द्वानी8 रामनगर
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