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उत्तराखण्ड की अन्य विभूतियां/Other personalities of Uttarakhand

उत्तराखण्ड की अन्य विभूतियां

प्रयागदत पंत

  •  उत्तराखण्ड की धरती पर आन्दोलन शुरूआत करने का श्रेय जाता है

बिहारी लाल चौधरी 

  • बिहारी लाल चौधरी  एक आम सीट पर निर्वाचित होने वाले पहले हरिजन सदस्य थे, जिन्होंने 1929 के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया था.

कुँवर सिह नेगी 

  • कुँवर सिह नेगी  ब्रेल लिपि के लिए जाने जाते है, ब्रेल लिपि विकास के लिए इन्हें 1981 को पद्म श्री व 1990 में पद्म विभूषण पुरस्कार दिया गया
  • कुँवर सिंह नेगी का सम्बन्ध ब्रेल लिपि से है, जिन्हे मुकुन्दी लाल ने गढ़वाल का हातिमताई कहा, इनका सम्बन्ध पौडी से है

गोपाल दत बिष्ट

  • गोपाल दत बिष्ट हिन्दी आशुलिपि में डाक्ट्रेट उपाधि लेने वाले पहले भारतीय थे, जिनका सम्बन्ध अल्मोड़ा से था

हरिशचंद्र बिष्ट

  • हरिशचंद्र बिष्टअल्मोड़ा निवासी जिन्होनें आशुलिपी में 260 शब्दों का रिकार्ड स्थापित किया 
राजेश मोहन उप्रेती
  • राजेश मोहन उप्रेती ने शहीद-ए-वतन पिथौरागढ नामक पुस्तक लिखी

विश्वम्भर दत चंदोला

  • विश्वम्भर दत चंदोला को गढ़वाल हिन्दी पत्रकारिता के भीष्म पितामाह कहा जाता है, 1905 में गढवाली नामक पत्र का प्रकाशन हुआ, जिसके सम्पादक चंदोला बने
तोता कृष्ण गैरोला
  • तोता कृष्ण गैरोला जो प्रथम गढ़वाली पद्य लेखक थे, गीति काव्य को नया आयाम दिया, इनके द्वारा रचित रचना प्रेम पथिक है। 
काली कमली वाले बाबा
  • काली कमली वाले बाबा इनका मूल नाम स्वामी विशुद्धानंद महाराज था

विजय जड़धारी 

  • विजय जड़धारी का सम्बन्ध हेवलघाटी टिहरी से है, जो बीज बचाओ आन्दोलन के प्रवर्तक थे

विजय कुमार गैरोला

  • विजय कुमार गैरोला को भारत सरकार ने 1984 में नेशनल मिनरल अवार्ड से सम्मानित किया

लक्ष्मण सिंह जंगपांगी

  • लक्ष्मण सिंह जंगपांगी एक ट्रेड ऐजेंट के रूप में कार्य किया, जिनका सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है, इन्हें 1959 ई० में पदम् श्री सम्मान मिला, जो सम्भवतः राज्य में प्रथम है

रणवीर सिंह चौहान

  • रणवीर सिंह चौहान पौडी निवासी जो सिंधु लिपि पढ़ने का दावा करने वाला एक मात्र व्यक्ति है 

ठाकुर दत जोशी

  • ठाकुर दत जोशी नैनीताल निवासी को मिनी जिम कार्बेट कहा जाता है

गोगिया पाशा 

  • गोगिया पाशा एक जादूगर है, जिन्हें गिल्ली-गिल्ली-छू नाम से जाना जाता है

उमेशचद्र पुरोहित- 

  • उमेशचद्र पुरोहित चमोली के निवासी ज्योतिष विद्या के ज्ञाता थे

रमेश बिष्ट 

  • रमेश बिष्ट लैंसडाउन निवासी जो ख्यातिप्राप्त मूर्तिकार थे, और चित्रकार रणवीर सिंह बिष्ट के भाई हैं

सते सिंह राणा 

  • सते सिंह राणा को टिहरी के महाराजा ने टिहरी गढ़वाल का प्रथम S.D.M नियुक्त किया, जो 1952 को देवप्रयाग सीट पर प्रथम विधायक चुने गये

तारादत उनियाल 

  • तारादत उनियाल इलाहबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने वाले प्रथम उतराखण्ड़ी थे

सुभाषिनी बर्त्वाल 

  • सुभाषिनी बर्त्वाल उतराखण्ड आंदोलन में C.B.I मुकद्मा झेलने वाली प्रथम महिला जिसे मसूरी कांड के पुलिस अधिकारी उमाकांत त्रिपाठी की हत्या के लिए C.B.I जांच से गुजरना पड़ा

चद्रकुँवर बर्त्वाल 

चद्रकुँवर बर्त्वाल जी द्वारा रचित कंकड़-पत्थर, सुन्दर-असुन्दर रचनाएं लिखी गयी हैं

अजीत डोभाल कुमार
  • अजीत डोभाल का सम्बन्ध पौड़ी के घीड़ी गाँव से सम्बन्धित है 
  • अजीत डोभाल वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है, जो 30 मई 2014 से इस पद पर बने है
  • अजीत डोभाल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस चुने गए
  • 2005 को इंटलीजेंस ब्यूरो के मुख्य चीफ बने 2016 में पाकिस्तान पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक में इनकी मुख्य भूमिका रही

जनरल विपिन रावत
  • विपिन रावत का जन्म पौड़ी गढ़वाल के बमरौली गांव में हुआ इनके पिता का नाम लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत था
  • विपिन रावत देश के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ (C.D.S) नियुक्त हुए, जो वर्तमान में है
  • विपिन रावत दिसम्बर 2016 से दिसम्बर 2019 तक भारत के थल सेना के अध्यक्ष पद पर रहे
  • विपिन रावत 11वीं गोरखा राइफल की 5वीं बटालियन से थे
  • जनरल बिपिन रावत (16 मार्च 1958 - 8 दिसंबर 2021) एक भारतीय सैन्य अधिकारी थे 
  • भारतीय सेना के चार सितारा जनरल थे 
  • 8 दिसंबर 2021 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में  अपनी मृत्यु तक भारतीय सशस्त्र बलों के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में कार्य किया।

राज्य समाजसेवी व्यक्ति

गंगोत्री गर्व्याल- 

  • गंगोत्री गर्व्याल एक समाजसेविका है, इन्हें 1964 में राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जो पिथौरागढ से है 

केदार सिंह कुंजवाल

  • केदार सिंह कुंजवाल जो एक समाजसेवी है, इन्होने बागेश्वरी चर्खे व कर्मयोगी चर्खे का विकास किया, इनका सम्बन्ध अल्मोडा से था

घनानंद खण्डूरी

  • घनानंद खण्डूरी पौड़ी निवासी को गढ़वाल का दानवीर कहा जाता है, इन्होने मुकुन्दी लाल को अपने खर्चे पर बैरिस्टरी करायी और उत्तरकाशी में कीर्ति संस्कृत पाठशाला खोली

जसुली दताल

  • जसुली दताल सौक्याण धारचूला की महिला जिसने रैम्जे के कहने पर तीर्थयात्रा मार्गो पर धर्मशालाओं का निर्माण कराया 

दौलतराम रवाल्टा

  • दौलतराम रवाल्टा उत्तरकाशी के निवासी जिन्होने तिलाड़ी में शहीद मेले की शुरूआत करायी,

माधव आशीष

  •  माधव आशीष अंग्रेज संत का जन्म इंग्लैंड में हुआ, ये जागेश्वर में मर्तोला आश्रम के संस्थापक थे, इन्हें 1962 ई० में पद्मश्री पुरस्कार मिला था

मीरा बहन 

  • मीरा बहन का जन्म लंदन में जन्मी मीरा बहन का वास्तविक नाम मेडलीन स्लेड था, इसने ऋषिकेश में पशुलोक आश्रम की स्थापना की और 1953 ई0 में बापूराज पत्रिका का सम्पादन किया, इन्हें 1981 को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया

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