उत्तराखण्ड का जनपद पिथौरागढ/Pithoragarh district of Uttarakhand |
पिथौरागढ जनपद का इतिहास
- पिथौरागढ़ 24 फरवरी 1960 को अल्मोड़ा से अलग होकर नया जनपद बनाया गया
- सर्वप्रथम पिथौरागढ़ में खस राजवंश ने शासन किया, खसों को पिथौरागढ़ में किले या कोट निर्माण का श्रेय दिया जाता है।
- पिथौरागढ़ में उदयकोट, भाटकोट व डूंगरकोट आदि किले है
- खस के बाद पिथौरागढ में मल्ल वंश का शासन हुआ
- पिथौरागढ़ की स्थापना राजा पिथौरा या प्रीतमशाही ने की थी जियारानी खैरागढ के कत्यूरी सम्राट प्रीतम देव की छोटी रानी थी, इसे जागरो में पिथौराशाही कहा गया है
- एंटकिसन के अनुसार पिथौरागढ़ की स्थापना चंद राजाओं के सामंत पीरू गुसांई ने की
- पिथौरागढ़ में सिमलगढ़ दुर्ग है, जिसे गोरखों ने बनाया था और अंग्रेजों ने इसे लंदन फोर्ट नाम दिया
- पिथौरागढ़ का प्राचीन नाम सोर है, सोर नाम का प्रथम उल्लेख बास्ते अभिलेख में मिलता है
- बाजबहादुर चंद के ताम्रपात्र लेख में सोर के लिए वाल्दिया देश का प्रयोग हुआ है
- मझेड़ा ताम्रपात्र का सम्बन्ध सोर के सामंत राजा बिजयबम से है
- मणिकोट के प्रथम सांमत राजा कर्मचंद था
- अस्कोट आन्दोलन पिथौरागढ़ में 1924 ई० को राजशाही तंत्र के खिलाफ हुआ था
- मूनाकोट ताम्रपत्र चंदराजाओं के करों से सम्बन्धित है
पिथौरागढ जनपद की भौगोलिक स्थिति
- पिथौरागढ़ राज्य का ऐसा जिला है जहां वर्षभर एक सा मौसम रहता है, पिथौरागढ राज्य का सबसे पूर्वी जनपद है
- पिथौरागढ़ सोर घाटी में बसा है, जिसकी आकृति कटोरेनुमा है
- पिथौरागढ़ को छोटा कश्मीर भी कहा जाता है
- पिथौरागढ़ का क्षेत्रफल 7090 वर्ग किमी है
- क्षेत्रफल की दृष्टि से पिथौरागढ उत्तरकाशी, एवं चमोली के बाद तीसरा सबसे बड़ा जनपद है।
- पिथौरागढ़ सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाला जनपद है • पिथौरागढ़ जिले की सीमा चीन एवं नेपाल से लगती है
- पिथौरागढ़ से राज्य के चार जनपदों की सीमाएं लगती है
पिथौरागढ जनपद का प्रशासन
- पिथौरागढ़ जनपद में विधानसभा क्षेत्र - 04
- पिथौरागढ़ जनपद में जनसंख्या-483439
- पिथौरागढ़ जनपद में लिंगानुपात -1020
- पिथौरागढ़ जनपद में दशकीय वृद्धि दर 4.58%
- पिथौरागढ़ जनपद में जनघनत्व - 68
- पिथौरागढ़ जनपद में साक्षरता दर- 82.25%
- पिथौरागढ़ जनपद में विकासखण्ड-8
- पिथौरागढ़ जनपद में तहसील - 12
पिथौरागढ़ जनपद की नदियां
- गिरथी नदी पिथौरागढ़ से गढ़वाल की ओर बढ़ती है।
- सरजू नदी पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा के बीच बहती है
- पूर्वी रामगंगा नदी पिथौरागढ़ के नामिक ग्लेशियर से निकलती है
- काली नदी (शारदा) नदी तंत्र काली नदी राज्य के सबसे पूर्वी सिरे में बहती है
- कालीनदी जैक्सर श्रेणी के लिपुलेख के पास कालापानी नामक स्थान से निकलती है,
- स्कन्दपुराण में काली नदी को श्यामा नदी कहा गया है
- पौराणिक रूप से काली नदी का जल पवित्र नही माना जाता है
- कुठीयांगटी नदी काली की प्रारम्भिक सहायक नदी है, थुमका नदी कुठीयांगटी की सहायक नदी है
- काली नदी काकागिरी पर्वत के समान्तर तथा भारत व नेपाल की सीमा बनाते हुए बहती है
- काली नदी चम्पावत के पूर्णागिरी तीर्थ टनकपुर से होकर बहती है, और टनकपुर में बरमदेव मंडी के बाद शारदा नदी के नाम से नेपाल में प्रवेश करती है
- काली नदी राज्य में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है, जिसकी लम्बाई 252 किमी है और काली नदी को सबसे ज्यादा पानी देने वाली नदी सरयू है, पूर्वी धौलीगंगा काली नदी की सहायक नदी है
- कूटी नदी काली नदी की सहायक है, वह यांगती बेसिन से निकलती है
- खेला नामक स्थान पर काली व पूर्वी धौलीगंगा का संगम होता है। पिथौरागढ़ के जौलजीवी नामक स्थान पर काली व गोरी नदी का संगम है, गोरी नदी मिलम हिमनद से निकलती है
- गोरी गंगा नदी रामल व भानुकल्पा गाड़ से मिलकर बनी है लधिया नदी उत्तराखण्ड की अंतिम नदी है, जो काली नदी में मिलती है
पिथौरागढ़ जनपद में जल प्रपात
- विरथी जलप्रपात मुनस्यारी में है इसकी ऊँचाई 400 फीट है गरूड प्रपात पिथौरागढ़ के बेरीनाग के पास स्थित है
- भेलछड़ा प्रपात, छाता झरना, पिथौरागढ़ में स्थित है
- किमसेन झरना धारचूला में एलगाड नदी पर स्थित है
- गराऊं झरना, एवं रांथी झरना पिथौरागढ़ में स्थित है।
पिथौरागढ़ जनपद में घाटियां
- व्यासी घाटी पिथौरागढ़ में स्थित है।
- जोहार घाटी पिथौरागढ़ में स्थित है।
- दारमा घाटी पिथौरागढ़ में स्थित
- चौदंस घाटी पिथौरागढ़ में स्थित है।
पिथौरागढ़ जनपद में पर्वत
- पंचाचूली पर्वत पिथौरागढ़ जनपद में धौली व गौरी गंगा के बीच में स्थित है, पंचाचूली पर्वत की ऊँचाई 6,904 मी0 है नन्दाकोट पर्वत व गुन्नी पर्वत चमोली व पिथौरागढ़ जनपद में।
- पड़ते है, नंदाकोट पर्वत की ऊँचाई 6,861 मी0 है
- तारा पहाड पिथौरागढ़ में स्थित है
- बेटुलीधार मुनस्यारी में स्थित है।
- गंगोलीहाट के उतर में लमकेश्वर पहाडी एवं दक्षिण में शैलेश्वर पहाड़ी है
- मृगंतुंग पर्वत पिथौरागढ़ में स्थित है
- हरदोल चोटी पिथौरागढ़ के मिलम के पास स्थित है, जिसकी ऊँचाई 7151 मी है
ओम पर्वत पिथौरागढ़
- ओम पर्वत जिसे आदि कैलाश छोटा कैलाश भी कहा जाता है, • ओम पर्वत की खोज विपिन चंद्र पांडे ने की थी जिसकी ऊँचाई 6,191 मी0 है।
पिथौरागढ़ जनपद में चोटियाँ
- खलिया टॉप मुनस्यारी में ट्रैकिंग स्थल है
- चौधरा चोटी उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में है सुली पीक पिथौरागढ़ में स्थित है
- नागलफू चोटी पिथौरागढ़ में स्थित है
- कुचेला धुरा पीक पिथौरागढ़ के लावा ग्लेशियर के पास है
- बुरफु धुरा पीक कालाब्लैंड ग्लेशियर पर स्थित है
पिथौरागढ़ जनपद में ग्लेशियर
- सोना हिमनद पिथौरागढ़ में है, जो धौलीगंगा का जलस्त्रोत है
- बाल्टी व पोटिंग ग्लेशियर गोरी नदी का जलस्त्रोत है
- पांछू ग्लेशियर पिथौरागढ में स्थित है
- मेओला ग्लेशियर पंचाचूली समूह में स्थित है
- नामिक हिमनद पिथौरागढ़ में स्थित है, इसमे नमक की मात्रा | पाई जाती है, ट्रैक ऑफ द ईयर 2018 नामिक घाटी पिथौरागढ को दिया गया
- रालम ग्लशियर और हीरामणी ग्लेशियरपिथौरागढ़ में स्थित है। पिनौरा हिमनद पिथौरागढ़ जिलें में स्थित है
- लसार व संकल्प ग्लेशियर पिथौरागढ़ में है मिलम ग्लेशियर
- मिलम ग्लेशियर पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में स्थित है
- मिलम हिमनद कुमाऊँ क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्लेशियर है, जिसकी लम्बाई 16 किमी है, मिलम ही गोरी नदी का जल स्त्रोत है
- पिथौरागढ़ जनपद में प्रमुख दर्रे जैंतीधुरा दर्रा, एवं गुलैला दर्रा पिथौरागढ़ में स्थित है
- लिपुलेख-गुंजी, दारमा-नवीधुरा, मान्सया-लाम्पिया, ऊंटा जयंति दर्रा पिथौरागढ़ और तिब्बत के बीच स्थित हैं
- लातुधुरा और बाराहोती दर्रा चमोली और पिथौरागढ़ के बीच में स्थित है
- ट्रेलपास दर्रा पिथौरागढ़ व बागेश्वर के बीच पड़ता है ट्रेलपास दर्रा की खोज ट्रैल ने 1830 में की, जिनके नाम पर इस दर्रा का नाम रखा गया
- लासपा दर्रा चम्पावत व पिथौरागढ के बीच में पड़ता है सिनला दर्रा यह दर्रा दारमा और ब्यास घाटी के बीच में स्थित है
- पिथौरागढ़ जनपद में प्रसिद्ध गुफाएं स्वधम व सुमेरू गुफा पिथौरागढ़ में स्थित है धर्मजाली व कपिलेश्वर गुफा पिथौरागढ़ में है पाताल भुवनेश्वर गुफा पिथौरागढ़ में अंजता व एलोरा की गुफा के समान है।
- पिंखू उड्यार पिथौरागढ़ के धारचूला में स्थित है शिवगुफा महाकाली मंदिर के पास पिथौरागढ़ में स्थित है। शैलेश्वर गुफा व मुक्तेश्वर गुफा गंगोलीहाट में है छीनी गुफा पिथौरागढ़ के अस्कोट में स्थित है
- राजा-रानी और भाटकोट गुफा पिथौरागढ़ में स्थित है
- पिथौरागढ़ जनपद में प्रमुख दर्रे जैंतीधुरा दर्रा, एवं गुलैला दर्रा पिथौरागढ़ में स्थित है
- लिपुलेख-गुंजी, दारमा-नवीधुरा, मान्सया-लाम्पिया, ऊंटा जयंति दर्रा पिथौरागढ़ और तिब्बत के बीच स्थित हैं
- लातुधुरा और बाराहोती दर्रा चमोली और पिथौरागढ़ के बीच में स्थित है
- ट्रेलपास दर्रा पिथौरागढ़ व बागेश्वर के बीच पड़ता है ट्रेलपास दर्रा की खोज ट्रैल ने 1830 में की, जिनके नाम पर इस दर्रा का नाम रखा गया
- लासपा दर्रा चम्पावत व पिथौरागढ के बीच में पड़ता है सिनला दर्रा यह दर्रा दारमा और ब्यास घाटी के बीच में स्थित है
- पिथौरागढ़ जनपद में प्रसिद्ध गुफाएं स्वधम व सुमेरू गुफा पिथौरागढ़ में स्थित है धर्मजाली व कपिलेश्वर गुफा पिथौरागढ़ में है पाताल भुवनेश्वर गुफा पिथौरागढ़ में अंजता व एलोरा की गुफा के समान है।
- पिंखू उड्यार पिथौरागढ़ के धारचूला में स्थित है शिवगुफा महाकाली मंदिर के पास पिथौरागढ़ में स्थित है। शैलेश्वर गुफा व मुक्तेश्वर गुफा गंगोलीहाट में है छीनी गुफा पिथौरागढ़ के अस्कोट में स्थित है
- राजा-रानी और भाटकोट गुफा पिथौरागढ़ में स्थित है
कैलास मानसरोवर यात्रा
- कैलास पर्वत तिब्बत में स्थित है कैलास पर्वत के निकट मानसरोवर झील है
- कैलास पर्वत को गणपर्वत एवं रजतगिरी भी कहा जाता है कैलास मानसरोवर यात्रा जून से सितम्बर माह के बीच होती है
- कैलास मानसरोवर यात्रा कुमाऊँ मंडल विकास निगम व भारतीय विदेश मंत्रालय व I.T.B.P के सहयोग से पूरी होती है
- कैलास मानसरोवर यात्रा पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रा से होकर जाती है
- कैलास मानसरोवर यात्रा अल्मोड़ा से कौसानी, डीडीहाट होते हुए धारचूला पहुँचती है, धारचूला से आगे तवाघाट व लिपुलेख दर्रा के माध्यम से तिब्बत पहुँचती है
- कैलास मानसरोवर यात्रा लगभग 40 दिनों तक चलती है कैलास शिखर की बनावट शिवलिंग की तरह है इसका उच्चतम शिखर बिन्दु ओल्मापास जिसकी ऊँचाई 5810 मी0 है मानसरोवर झील राक्षसताल से जुडी है, जिससे सतलज नदी निकलती है,
पिथौरागढ़ जनपद प्रमुख पर्यटक स्थल
- पिथौरागढ़ के रामेश्वर में रामगंगा व सरयू नदी का संगम होता है
- धरमघर चौकोरी में सरला बहन की कुटी थी
- महाराज के पार्क पिथौरागढ़ में स्थित है।
पर्यटक स्थल डीडीहाट
- वर्तमान डीडीहाट सीरा क्षेत्र में बसा हुआ है, सीरा मल्ल राजाओं की राजधानी हुआ करती थी और राजा हरिमल्ल के समय सीरा क्षेत्र डोटी साम्राज्य के अधीन था
- सीराकोट का किला डीडीहाट में स्थित है
- डीडीहाट में डीडी का अर्थ छोटी पहाड़ी व हाट का अर्थ बाजार है, डीडीहाट डिग्टड़ नामक पहाड़ी पर बसा हुआ है
- हाट घाटी डीडीहाट में स्थित है, जहां चरमगाड़ व भदीगढ़ नदियां यहाँ बहती है
- मढ़ का सूर्य मंदिर और जलदेवी का मंदिर पिथौरागढ़ के डीडीहाट में स्थित है
पर्यटक स्थल मुनस्यारी
- जोहार क्षेत्र का प्रवेश द्वार मुनस्यारी को कहा जाता है मुनस्यारी का प्राचीन नाम तिकसेन है
- कलॉमुनि टॉप स्थल मुनस्यारी में पर्यटक स्थल है डार्कोट गांव मुनस्यारी में पाश्मीना शॉल के लिए जाना जाता है नैन सिंह रावत पर्वतारोहण संस्थान मुनस्यारी में है
- बन्लती आलू फॉर्म मुनस्यारी में स्थित है
- बेटुलीधार मुनस्यारी में एक उद्यान है
- कालामुनी मंदिर वर्धमान पहाडी पर स्थित है
- मुनस्यारी में सुरेन्द्र सिंह पांगती जी के घर पर निजी संग्रहालय है, जिसे मास्टर जी का संग्रहालय कहा जाता है
- मुनस्यारी में ऊनी वस्तुए जैसे शाल, कालीन, पाशमीना दुशाले मिलती है
पर्यटक स्थल गंगोलीहाट
- गंगोलीहाट सरयू व रामगंगा नदी के बीच है यहां मनकोटी राजाओं का शासन रहा, मनकोटी राजाओं के बारे में जाहन्वी नौला के एक लेख में मिलता है मानसखण्ड में गंगोलीहाट के लिए शैलदेश शब्द का प्रयोग है
- गंगोलीहाट राजा सुजानदेव ने बसाया था
- गंगोलीहाट में हाटकालिका मंदिर स्थित है
- गंगोलीहाट किला 1789 ई0 में गोरखों द्वारा बनाया गया था कल्शन मंदिर व मंकेश्वर मंदिर गंगोलीहाट में स्थित है
पिथौरागढ़ जनपद में प्रसिद्ध मंदिर
- पिथौरागढ़ में चण्डाक मंदिर स्थित है।
- पाताल भुवनेश्वर गुफा गंगोलीहाट में गुफा मंदिर है
- असुर चुला मंदिर सोर घाटी में मड़ गांव की पहाड़ी पर है।
- उल्कादेवी का मंदिर पिथौरागढ़ में स्थित है
- देवल समेत मंदिर पिथौरागढ़ में है, जिसे चैतोल कहा जाता है।
- छिपलाकेदार मुनस्यारी व धारचूला के लोगों के लिए हरिद्वार जैसा महत्व रखता है
- पिथौरागढ़ में बेरीनाग या बीनाग मंदिर नाग देवता का प्रसिद्ध मंदिर है
- हथकाली मंदिर पिथौरागढ़ में स्थित है जयंती मंदिर पिथौरागढ़ के टोटानोला स्थान में है जयंती मंदिर को ध्वज मंदिर भी कहा जाता है
- अन्यारी देवी का मंदिर पिथौरागढ़ में स्थित है
- मल्लिकार्जुन मंदिर धारचूला में स्थित है
- चौमू देवता का मंदिर पिथौरागढ़ में स्थित है यहां चौपखिया में
- चौमू देवता के मंदिर में लगता है
- जाह्नवी नौला गंगोलीहाट के महाकाली नदी के पास है कुमाऊँ रेजीमेंट की ईष्टदेवी महाकाली देवी है
- थलकेदार को केदारज्यू भी कहते हैं जहां विशाल मेला होता है
- पिथौरागढ़ का कोटगाड़ी मंदिर न्याय की देवी के रूप में विख्यात है
- मोस्टमानू मंदिर में वर्षा आगमन की पूजा की जाती है कपिलेश्वर मंदिर पिथौरागढ़ में स्थित है
- होकरादेवी का मंदिर मुनस्यारी में स्थित है
- गुरना माता मंदिर पिथौरागढ़ में है, जिसे पाषाण देवी मंदिर भी कहा जाता है
- नकुलेश्वर, कपिलेश्वर एवं अर्जुनेश्वर मंदिर खजुराहों शैली के है पिथौरागढ़ में कोटली का विष्णु मंदिर है, जिसे 2019 में सरकार ने विश्व धरोहर घोषित किया
रामेश्वर तीर्थ
- पिथौरागढ़ में रामगंगा व सरयू नदी के संगम पर प्रसिद्ध शिव मंदिर है यहां रामेश्वर तीर्थ में मकर संक्राति को मेला लगता है
कामाख्या देवी
- कामाख्या देवी या कामाक्षा देवी का मंदिर गंगोलीहाट के कसुली नामक स्थान पर है इस मंदिर का निर्माण 1972 ई0 मदन शर्मा द्वारा किया गया, कामाख्या देवी का मुख्य मंदिर गोवाहटी, असम में है
- पिथौरागढ़ जनपद में नारायण आश्रम नारायण आश्रम धारचूला, पिथौरागढ़ में है, इस आश्रम का निर्माण 1936 ई० में किया गया जिसका स्थानीय नाम चौदांस है, और आश्रम के लिए जमीन सोसा के ब्राहाण कुशाल सिंह ने दी थी
पिथौरागढ़ में प्रमुख त्योहार/मेले
- थल मेला की शुरूआत पिथौरागढ़ में 13 अप्रैल 1940 को हुयी थल मेला जलियावाला बाग दिवस के दिन मनाया जाता है
- मोस्टामानू मेला 16 सितम्बर को पिथौरागढ़ में लगता है,, मोस्टामानू एक दूधाधारी देवता है
- कनरा मेला पिथौरागढ़ के धारचूला में आयोजित होता है हुंकारा देवी का मेला पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में लगता है हाटकालिका मेला पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में लगता है, यह कुमाऊँ की 18 कालिका शक्तिपीठ में सर्वाधिक प्राचीन है
- बासुकी नाग मेला पिथौरागढ़ में बेरीनाग के पास लगता है, यहां बासुकी को विष्णु रूप में पूजा जाता है
- रामेश्वर मेला सरयू व रामगंगा के संगम पर रामेश्वर घाट में लगता है, जो पिथौरागढ में स्थित है
- छिपला केदार मेला पिथौरागढ़ के धारचूला में लगता है
- चौपख्या मेला पिथौरागढ़ में चौमू देवता के मंदिर में लगता है
- कोटगाड़ी देवी का मेला पिथौरागढ के कोटगाड़ी देवी के मंदिर में लगता है, कोटगाड़ी को न्याय की देवी माना जाता है
- बौराड़ी मेला पिथौरागढ़ के सैम देवता के मंदिर में लगता है
जौलजीवी मेला
- जौलजीवी का मेला पिथौरागढ़ जनपद के डीडीहाट में काली एवं गोरी नदी के संगम पर लगता है
- जौलजीवी मेले की शुरूआत गजेन्द्र बहादुर ने 1914 ई0 में किया था
- जौलजीवी मेला मांगशीर्ष संक्राति 14 नवम्बर को लगता है यह मेला भोटिया व्यापार से सम्बन्धित है इस मेले में पहले घोड़ों का व्यापार होता था
- पिथौरागढ़ जनपद में परिवहन सुविधाएँ नैनीसैनी हवाई अड्डा पिथौरागढ़ में है यह 1991 ई0 में बनाया गया जो सामरिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण है
- राष्ट्रीय राजमार्ग NH-9 पिथौरागढ़ से अस्कोट जाता है
पिथौरागढ़ उत्सव एवं महोत्सव
- अस्कोट-आराकोट यात्रा नैनीताल की पहाड संस्था द्वारा आयोजित की जाती है, 1974 ई0 सें प्रत्यके 10वे वर्ष में आयोजित की जाती है
- कंडाली उत्सव पिथौरागढ़ की जनजातियां प्रत्येक 12 वर्ष बाद यह उत्सव मनाते हैं
- गबला देव उत्सव पिथौरागढ़ के दारमा व व्यास घाटी में लगता है, गबला देव गणेश का अवतार माना जाता है
- दद्यवोरा यात्रा पिथौरागढ़ में मनायी जाने वाली देव यात्रा है छलिया महोत्सव पिथौरागढ में मनाया जाता है
- कनालीछीना महोत्सव पिथौरागढ़ में मनाया जाता है
हिलजात्रा उत्सव
- हिलजात्रा उत्सव पिथौरागढ़ के सोरघाटी में धान रोपाई के समय मनाया जाता है, इस उत्सव में स्वांग नृत्य किया जाता है
- हिलजात्रा उत्सव नेपाल की देन माना जाता है नेपाल में हिलजात्रा उत्सव को इन्द्रजात्रा कहा जाता है।
- हिलजात्रा का अर्थ है दलदली जगह पर किया जाने वाला खेल है। हिलजात्रा नाटक का मुख्य कलाकार लखियाभूत है
पिथौरागढ़ जनपद में ऊर्जा संसाधन
- पंचेश्वर बांध भारत व नेपाल सरकार की संयुक्त परियोजना
- जो काली नदी पर 6840 मेगावाट की प्रस्तावित है कालिका दंतु जलविद्युत परियोजना काली नदी पर स्थित है शैला उर्थिग जल विद्युत परियोजना पिथौरागढ में स्थित है तालेश्वर परियोजना पिथौरागढ में स्थित है सेराघाट डैम सरयू नदी पर स्थित है चिरकिला बांध धारचूला में स्थित है तांकुला परियोजना पिथौरागढ़ में स्थित है सुरनीगाड़ परियोजना पिथौरागढ में स्थित है
- पिथौरागढ जिले में शिक्षा/समाचार पत्र नन्ही परी इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़ में स्थित है सौर्याली बोली सोर क्षेत्र में बोली जाती है सीराली बोली अस्कोट, पिथौरागढ़ में बोली जाती है कुमाऊँनी भाषा का प्रथम नमूना दिंगांस अभिलेख पि0 से मिला न्यौली समाचार पत्र पिथौरागढ़ से प्रकाशित होता है
- उत्तराखण्ड ज्योति समाचार पत्र पिथौरागढ़ से प्रकाशित होता है।
पिथौरागढ़ जनपद में प्रमुख व्यक्ति
- नारायण सिह धामी सिनेमेटोग्राफी के ज्ञाता हैं इनकी प्रसिद्ध डाक्यूमैट्री डिब्रूगढ़ की बाढ है बहुत प्रसिद्ध है ये पिथौरागढ़ से हैं
- खडक सिंह वाल्दिया भू-वैज्ञानिक है इन्होंने मध्य हिमालय की भूसंरचना पर शोध कार्य किया जिनका सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है
- राजेश मोहन उप्रेंती रचना शहीद ए वतन पिथौरागढ़ है
- उत्तराखण्ड की तीजनबाई कबूतरी देवी का सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है, जो ऋतु गायन गाने वाली लोकगायिका थी
पंडित नैन सिह रावत
- पं नैन सिंह रावत राज्य के पहले सर्वेयर है, जिनका सम्बन्ध मुनस्यारी से है, इनका जन्म 1830 ई0 में हुआ
- नैन सिंह रावत को मौलिक पंडित के नाम से जाना जाता है
- नैन सिंह ने 1866 में नेपाल सीमा से ल्हासा तक सर्वेक्षण किया
- ब्रिटिश सरकार ने इन्हें कम्पेनियन ऑफ इंडियन एम्पायर की उपाधि दी और 2004 में इनके नाम पर डाक टिकट जारी हुआ
सुरेन्द्र सिंह पांगती
- सुरेन्द्र सिंह पांगती का सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है सुरेन्द्र सिंह पांगती ने धाद नामक संस्था का गठन किया
- सुरेन्द्र सिंह पांगती की रचना उत्तराखण्ड कितना सच और कितना छल है
- पिथौरागढ़ जिले के खेल / खिलाड़ी त्रिलोक सिंह बसेड़ा फुटबॉलर का सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है
- त्रिलोक सिंह बसेड़ा को आयरन बाल आफ इंडिया कहा जाता है
- हंसा मनराल का सम्बन्ध मूल रूप से पिथौरागढ़ जनपद से हैं। हंसा मनराल राज्य की प्रथम महिला हैं जिन्हें 2001 में द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला है
- हरिदत कापड़ी बास्केटबाल खिलाडी हैं जिनका सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है इनको अर्जुन पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं
- हरि सिंह थापा मुक्केबाजी खिलाड़ी का सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है हरि सिंह थापा को प्रथम राज्य द्रोणाचार्य पुरस्कार 2013 में मिला
- लवराज सिंह धर्मशक्तू पर्वतारोही पिथौरागढ़ जिले से है, इन्हे 2014 में पदमश्री सम्मान मिला ये लगातार 7 बार एवरेट फतेह करने वाले राज्य के एकमात्र पर्वतारोही है
- रीना कौशल धर्मशक्तू का सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है, जो स्कीइंग खिलाड़ी है, इन्होंने 40 दिनों में दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका में स्कीइंग का कीर्तिमान स्थापित करने वाली एकमात्र महिला है
चन्द्रप्रभा एतवाल
- चन्द्रप्रभा एतवाल का सम्बन्ध पिथौरागढ से है
- चन्द्रप्रभा एतवाल को माउन्टेन गोट नाम से जाना जाता है। चन्द्रप्रभा एतवाल ने दयारा बुग्याल को विश्व मानचित्र में स्थान ने दिलाया इन्हें 2009-10 में तेनसिह नार्गे एंडवेचर अवार्ड मिला
पिथौरागढ़ जिला अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
- पिथौरागढ़ की प्रसिद्ध मिठाई का नाम खेंचुआ है
- कटकु नौला पिथौरागढ में स्थित है है
- विल्की गढ़ का किला पिथौरागढ़ में स्थित जान्हवी नौला गंगोलीहाट में स्थित है
- यूनिस्को के अनुसार पिथौरागढ़ की रंगकस एवं तोलचा भाषा विलुप्त हो चुकी है
- रंग समुदाय संग्रहालय पिथौरागढ़ के धारचूला दारमा पिथौरागढ़ में मिल्बू फेंकना एक कृषि उत्सव है तालेश्वर तीर्थस्थल कालीगंगा व कटिपानी गाड़ नदी के संगम पर है हंसेश्वर मठ पिथौरागढ़ जिले में स्थित है
- कांदली का फूल पिथौरागढ़ में 12 वर्ष में एक बार में खिलता है
- गबला देव शौका जनजाति के अराध्य देव है देवनागरी लिपि के आधार पर शेटी लिपि का आविष्कार थोनमी सम्भोटा ने किया
- अल्मोडा का झिरौली क्षेत्र व पिथौरागढ़ का चण्डाक
- मैग्नेसाइट भण्डार के लिए प्रसिद्ध है
- पिथौरागढ़ के रालम, चंडाक व भैंसवाल क्षेत्र सीसा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है
जनपद पिथौरागढ
विधानसभा क्षेत्र - 4
1. डीडीहाट2. धारचूला3. पिथौरागढ4. गंगोलीहाट- अनुसूचित जाति (S.C) आरक्षित क्षेत्र है
तहसील-13
1. थल2. तेजम3. बेरीनाग4. बंगापानी5. गंगोलीहाट6. पिथौरागढ7. मुनस्यारी8. धारचूला9. डीडीहाट10. कनालीछीना11. देवल12. गणाई-गंगोली13. पांखू
विकासखण्ड- 8
1. मूनाकोट2. कनालीछीना3. मुनस्यारी4. बेरीनाग5. डीडीहाट6. धारचूला7. गंगोलीहाट8. पिथौरागढ़
ये भी पढ़ें
- उत्तराखण्ड का जनपद उत्तरकाशी/District Uttarkashi of Uttrakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद देहरादून/Dehradun District of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का चमोली जनपद/Chamoli district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद टिहरी गढ़वाल/Tehri Garhwal district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद रुद्रप्रयाग /Rudraprayag district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद पौड़ी गढ़वाल/District Pauri Garhwal of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद हरिद्वार / Haridwar district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद अल्मोड़ा/Almora district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद नैनीताल /Nainital district of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद बागेश्वर/District Bageshwar of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद चम्पावत/District Champawat of Uttarakhand
- उत्तराखण्ड का जनपद ऊधमसिंह नगर/Udham Singh Nagar district of Uttarakhand
Follow Us