उत्तराखण्ड राज्य में खेल
- 2001 को देहरादून में खेल अकादमी की स्थापना की गयी राज्य सरकार ने 16 जनवरी 2006 को खेल नीति की घोषणा की उत्तराखण्ड का प्राचीन खेल बाग -बट्टी है
- राज्य में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देहरादून व हल्द्वानी में बना है
- राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देहरादून रायपुर में है
- राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम देहरादून को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपना होम ग्राउंड बनाया था
- इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हल्द्वानी में स्थित है,
- जिसका उद्घाटन 18 दिसम्बर 2016 को हुआ 13 अगस्त 2019 को उत्तराखण्ड को बी.सी.सी.आई की सदस्यता मिली, राज्य की अपनी रणजी टीम बनी
- देहरादून में महाराणा प्रताप और रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनि में स्पोर्टस कॉम्पलेक्स की स्थापना की गयी
- एशिया का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित स्टेडियम रांसी स्टेडियम | पौड़ी गढ़वाल में है
उत्तराखण्ड राज्य में खेल खिलाड़ी
उत्तराखण्ड राज्य में हॉकी खिलाड़ी
- हरदयाल सिह ओलम्पिक हॉकी विजेता टीम के सदस्य रहे है, जो देहरादून से थे
- हरीश भाकुनी अल्मोडा के जूनियर हॉकी खिलाडी रहे है • वंदना कटारिया हरिद्वार निवासी अंतर्राष्ट्रीय हॉकी टीम की कप्तान रही है
- राजेन्द्र सिंह रावत और ललितशाह नैनीताल निवासी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाडी रहे है
- सीता गुसांई मूल रूप से पौडी की जो महिला हॉकी खिलाड़ी रही है तथा मंजू बिष्ट पिथौरागढ निवासी हॉकी खिलाड़ी है
उत्तराखण्ड राज्य में भारोतोलक खिलाड़ी
- के.सी.सिंह बाबा राज्य के प्रथम भारोतोलक रहे है, 2004 नैनीताल से सांसद भी रह चुके है
- फैय्याद अहमद अंसारी ऊधमसिंह नगर के अंतर्राष्ट्रीय भारतोलक खिलाड़ी है, इन्हे स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है।
- हंसा मनराल शर्मा पिथौरागढ़ निवासी प्रथम भारोतोलक महिला
- खिलाड़ी हैं जिन्हें 2001 ई० में द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला
- जगजीत सिंह ऊधमसिह नगर निवासी राष्ट्रीय स्तर को भारोतोलक खिलाड़ी है
उत्तराखण्ड राज्य में फुटबॉल खिलाड़ी
- रामबहादुर क्षेत्री प्रसिद्ध फुटबाल खिलाडी है जिन्हे चाइना वाल के नाम से जाना जाता है, जिनका सम्बन्ध देहरादून से है
- त्रिलोक सिंह बसेडा अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी जिन्हे 1962 में जर्काता में आयोजित एशिया फुटबॉल कप में आयरन बॉल ऑफ इंडिया कहा जाता है, जो पिथौरागढ़ से है प्रताप सिह पटवाल फुटबॉल के प्रसिद्ध रैफरी रह चुके है पुष्कर सिंह भंडारी चमोली निवासी फुटबॉल खिलाडी है
- देहरादून के मनीष मैथानी अंतर्राष्टीय फुटबॉल खिलाड़ी है
उत्तराखण्ड राज्य में मुक्केबाजी
- हरि सिंह थापा को भारतीय बॉक्सिंग का पितामाह कहते हैं
- हरिसिंह थापा एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाले पहले बॉक्सिंग खिलाड़ी है
- परम बहादुर मल्ल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज खिलाडी रहे है, इनको 1962 में अर्जुन पुरस्कार मिला
- जयदेव सिह बिष्ट 2009 में बाक्सिंग खिलाडी को द्रोणाचार्य अवार्ड मिला
- राजेन्द्र कुमार पुनेड़ा का सम्बन्ध मुक्केबाजी से है, जो पिथौरागढ़ से है
उत्तराखण्ड राज्य में जुडो खिलाडी
- कमला रावत जूडो खिलाड़ी को फ्रांस ने ब्लैक बेल्ट फार्स्ट डैन की उपाधि दी, जो अल्मोड़ा निवासी है
- सूश्री मीनू पहली भारतीय महिला जिसे अंतर्राष्ट्रीय जुडो के लिए रेफरी चुना गया
- ऊधमसिंह नगर के संजय जोशी, पौड़ी के अनुसूइया प्रसाद ध्यानी व बागेश्वर के हयात खेतवाल राष्ट्रीय स्तर के जुड़ो खिलाड़ी है
उत्तराखण्ड राज्य में क्रिकेट खिलाडी
- तारा रावत पौड़ी निवासी अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी थी
- आशीष सिह नेगी भारत के दृष्टिहीन क्रिकेट टीम के सदस्य रहे है
- ऋषभ पंत रूडकी के रहने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर है
- एकता बिष्ट भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य है, अल्मोड़ा जिले की है
- मानसी जोशी उत्तरकाशी निवासी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य खिलाड़ी है
- मनीष पांडे भारतीय क्रिकेट (I.P.L) में पहले शतक लगाने वाले |
- भारतीय खिलाड़ी है जिनका सम्बन्ध नैनीताल से है
- उन्मुक्त चंद पिथौरागढ निवासी अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके है।
- उत्तराखण्ड रणजी टीम के पहले कप्तान रजत भाटिया थे
- महेन्द्र सिंह धौनी का मूल निवास अल्मोड़ा का ल्वाली गाँव है, लेकिन वर्तमान में झारखण्ड राज्य में रहते
उत्तराखण्ड राज्य में निशानेबाज खिलाड़ी
- जसपाल राणा का सम्बन्ध टिहरी के चलामू गाँव से है, जो अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज है
- जसपाल राणा को गोल्डन ब्वाय के नाम से जाना जाता है
- जसपाल राणा को 1994 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त हुआ में जसपाल राणा ने एशियाई खेल व राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किये हैं
- अभिनव बिंद्रा का सम्बन्ध देहरादून से है, भारत के एक मात्र निशानेबाज ओंलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता है, जो 10 मी ऐंयर राइफल्स से है
- अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीता
- अभिनव बिंद्रा को सन् 2000 में अर्जुन पुरस्कार तथा 2002 में
- राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिला बैंडमिटन खिलाडी लक्ष्यसेन बैडमिटन खिलाडी जिसने अभी हाल में एयर पोर्ट ऑथरिटी से खेलने का निर्णय लिया, यह अल्मोड़ा जनपद के हैं
- चिराग सेन राष्ट्रीय स्तर के बैडमिटन खिलाडी है
- मधुमिता बिष्ट राज्य की बैडमिंटन खिलाड़ी हैं इन्हें 1982 में अर्जुन पुरस्कार व 2006 में पद्म श्री पुरस्कार दिया गया मधुमिता बिष्ट को बैंडमिटन क्वीन नाम से जाना जाता है
उत्तराखण्ड राज्य में अन्य खेल सम्बन्धित खिलाड़ी
- हरिदत कापड़ी बास्केटबॉल में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम खिलाड़ी है, इन्हें 1969 ई0 में अर्जुन पुरस्कार मिला था
- सुशील राणा अंतर्राष्ट्रीय हैण्डबाल खिलाडी है राहुल बिष्ट बॉडी बिल्डर में मिस्टर इंडिया का खिताब जीता
- भूमिका शर्मा ने मिस वर्ल्ड बॉडी बिल्डर का खिताब जीता, जो हंसा मनराल की पुत्री है
- ललित मोहन जोशी- टेबल टेनिस खिलाड़ी जो पिथौरागढ से है
- शबाली बानू राष्ट्रीय टेबिल टेनिस खिलाड़ी है रेनू कोहली सन् 2002 एथलेटिक्स में द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला है
- परिमार्जन नेगी चमोली के रहने वाले शतरंज खिलाडी 2010 में
- अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुए अरूण जखमोंला राष्ट्रीय स्तर के बॉलीबाल खिलाड़ी है सुरेन्द्र सिंह वाल्दिया 1996 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित |
- अंतर्राष्ट्रीय नौकायन खिलाड़ी है, जो पिथौरागढ़ से थे
- सुरेन्द्र सिह कनवासी अर्जुन पुरस्कार सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय नौकायन खिलाड़ी है
- उम्मेद सिंह वाटर पोलो खेल से जुड़े खिलाड़ी रहे है
- गीता मनराल पिथौरागढ़ निवासी जिसने क्रास कंट्रीरेस में भाग लिया
उत्तराखण्ड राज्य में माउंटेयरिंग साहसिक खेल
- राज्य में पर्वतारोहण का शुभारम्भ 1905 को हुआ राज्य में पर्वतारोहण शुरू करने का श्रेय टी.जी. लौंगास्टाफ को जाता है
- नंदादेवी पर्वत को किलर माउन्टेन कहा जाता है
- नंदादेवी चोटी की ऊँचाई 7817 मी० है, नंदादेवी का सर्वप्रथम आरोहण 1936 में ओडल व टिलमैन ने किया
- 1954 में एंडमड हिलेरी व तेनसिंह नार्गे ने माउंट एवरेस्ट का सफल आरोहण किया 1954 में दार्जिलिंग में हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना हुयी
- भारतीय पर्वतारोहण फाउडेंशन की स्थापना 1961 ई० को नई
- दिल्ली में हुयी 14 नवम्बर 1965 को उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना हुयी
- उत्तराखण्ड को 2018 में सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटन पुरस्कार मिला उत्तराखण्ड पुलिस एवरेस्ट फतह करने वाली देश की पहली पुलिस बनी
- उत्तरकाशी निवासी बछेन्द्री पाल 1984 में ऐवरेस्ट का सफल आरोहण करने वाली पहली भारतीय महिला बनी
- बछेन्द्रीपाल को पद्म श्री 1985 व अर्जुन पुरस्कार 1986 में मिला • नाकुरी उत्तरकाशी की सविता मार्तोलिया ने 1993 को एवरेस्ट फतेह किया
- 1981 में हर्षवन्ती बिष्ट ने नंदादेवी का सफल आरोहण किया, • हर्षवंती बिष्ट को पर्यावरण क्षेत्र में योगदान के लिए 2010 में C.C.I ग्रीन अवार्ड मिला
- हर्षवंती बिष्ट ने गंगोत्री में भोजपत्र वृक्षों का रोपण किया माउन्टेन गोट के नाम से चन्द्रप्रभा एतवाल को जाना जाता है, जिसका सम्बन्ध पिथौरागढ़ से है
- चन्द्रप्रभा एतवाल को 1981 में अर्जुन पुरस्कार मिला और 1990 ई० में पद्म श्री मिला
- तांशी व नुंगशी मलिक दोनो बहनों ने 7 महाद्वीपों के ऊँचीं चोंटियो का सफल आरोहण किया, सेवन समिट्स में शामिल होने वाली पहली जुड़वा बहने है
- तांशी व नुंगशी का मूल निवास सोनीपत, हरियाणा है पिथौरागढ की सुमन नौटियाल ने 1993 को एवरेस्ट आरोहण किया, जिसे 1994 को नेशनल ऐंडवेंचर अवार्ड मिला
- पिथौरागढ़ की शीतलराज ने सबसे कम उम्र में कचनजंघा का आरोहण 2018 में किया और 2019 में एवरेस्ट पर आरोहण किया
- उत्तरकाशी की देवयानी सेमवाल ने अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी किलिमजारों का सफल आरोहण किया
- उत्तरकाशी के हर्षमणि नौटियाल ने विश्व की अनेक चोटियों का सफल आरोहण किया • पिथौरागढ के लवराज सिह धर्मशक्तू ने लगातार 7 बार एवरेस्ट का आरोहण किया, इनको 2014 में पद्म श्री व 2003 में तेनसिंह नार्गे अवार्ड मिला
- हुकुम सिंह रावत ने 1991 में कंचनजंघा का सफल आरोहण किया और इन्होनें कंचनजंघा नाम से पुस्तक लिखी
- हरीश चंद्र सिंह रावत राज्य के प्रथम व्यक्ति ऐवरेस्ट का सफल आरोहण 1965 ई० में किया, इन्हें 1966 में अर्जुन पुरस्कार व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- कन्हैया लाल पोखरियाल पौड़ी निवासी ने 1992 को एवरेस्ट का सफल आरोहण किया, जिन्हें 2003 को पद्मश्री सम्मान मिला, राज्य में अन्य साहसिक खेल
- उत्तराखण्ड में स्कीइंग खेलों के लिए औली एक प्रसिद्ध स्थल है
- स्कीइंग राज्य का सबसे लोकप्रिय साहसिक खेल है।
- स्कीइंग के लिए अन्य प्रसिद्ध स्थल बागेश्वर का पिण्डारी ग्लेशियर, उत्तरकाशी का दयारा व कुश कल्याण, पिथौरागढ का मिलम व रालम और टिहरी का पनवाली प्रसिद्ध है
- ऋषिकेश के पास स्थित कोड़ियाला व शिवपुरी रिवर राफ्टिंग साहसिक खेल के लिए प्रसिद्ध है
- टिहरी झील साहसिक खेलों के लिए आकर्षक है
- विकासनगर का आसान बैराज जल क्रीड़ाओं के लिए प्रसिद्ध है पाल नौकायन के लिए नैनीताल झील व नानक सागर प्रसिद्ध है
- 2015 का ट्रैक ऑफ द ईयर उत्तरकाशी के दयारा बुगयाल को चुना गया
- 2016 का ट्रैक ऑफ द ईयर उत्तरकाशी के ब्राही ताल को चुना गया
- 2017 का ट्रैक ऑफ द ईयर द्रोणगिरी पर्वत को चुना गया
- 2018 का ट्रैक ऑफ द ईयर पिथौरागढ़ के नामिक ग्लेशियर को चुना गया था
- 2019 का ट्रैक ऑफ द ईयर उत्तरकाशी के जखोल देवक्यारा बुग्याल को चुना गया
- पिथौरागढ़ की रीना धर्मशक्तु ने स्कीइंग का कीर्तिमान अंटार्कटिका में 2010 में स्थापित किया, ये लवराज धर्मशक्तु की पत्नी है रीना धर्मशक्तु दक्षिणी ध्रुव के स्कीइंग ट्रैक पर 40 दिन में स्कीइं करने का रिकार्ड बनाया
उत्तराखण्ड राज्य में राज्य के खेल सम्बन्धित पुरस्कार
- उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार की शुरूआत 2013 से हुयी, जिसका नाम 2015 को देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार किया गया
- देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार के तहत 5 लाख रूपये की राशि दी जाती है
- राज्य का प्रथम खेल रत्न पुरस्कार 2013 में जसपाल राणा को दिया गया
- दूसरा उत्तराखण्ड़ खेल रत्न पुरस्कार 2014 को स्वर्गीय फुटबॉलर त्रिलोक सिंह बसेंडा को दिया गया
- तीसरा देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार 2015 को स्व. राम बहादुर क्षेत्री को दिया गया
- चौथा देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार 2016 को एथलीट गुरूमीत सिंह को दिया गया
- पाँचवा देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार 2017 क्रिकेटर एकता बिष्ट को दिया गया 6वां देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार 2018 मनीश रावत को मिला
- 7वां देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार 2018-19 पैरा बैंटमिटन खिलाड़ी मनोज सरकार को दिया गया
उत्तराखण्ड राज्य में उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार
- राज्य सरकार उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार के तहत 3 लाख रू० की राशि प्रदान करती है उत्तराखण्ड का प्रथम द्रोणाचार्य पुरस्कार 2013 में हरि सिंह थापा को मिला
- दूसरा उत्तराखण्ड़ द्रोणाचार्य पुरस्कार 2014 में निशानेबाज नारायण सिंह राणा को दिया गया।
- तीसरा देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार 2015 में एथलीटिक रेणु
- कोहली को दिया गया चौथा देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार 2016 में सुरेन्द्र सिंह भंडारी को दिया गया
- पाँचवा देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार 2017 में क्रिकेट कोच लियाकत अली को दिया गया
- छठवां देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार 2018-19 को एथलेटिक्स कोच अनूप बिष्ट को मिला
- उत्तराखण्ड लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार देवभूमि लाइफ टाइम पुरस्कार के तहत 5 लाख रू० की धनराशि दी जाती है
- प्रथम देवभूमि लाइफ टाइम पुरस्कार 2013 में मुक्केबाज पद्म बहादुर मल्ल को दिया गया
- दूसरा देवभूमि लाइफ टाइम पुरस्कार 2014 में हरिदत कापडी को दिया गया
- तीसरा देवभूमि लाइफ टाइम पुरस्कार 2015 में हंसा मनराल को दिया गया
- चौथा देवभूमि लाइफ टाइम पुरस्कार 2016 में हॉकी ओलम्पियन राजेन्द्र सिंह रावत को दिया गया
- देवभमि लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2019 बॉलीबाल खिलाड़ी अरुण कुमार सूद को मिला
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