Total Count

उत्तराखण्ड का जनपद टिहरी गढ़वाल/Tehri Garhwal district of Uttarakhand

 उत्तराखण्ड का जनपद टिहरी गढ़वाल/Tehri Garhwal district of Uttarakhand

टिहरी जनपद का इतिहास

  • टिहरी नगर की स्थापना 28 दिसम्बर 1815 में सुदर्शन शाह द्वारा की गयी थी और 1 अगस्त 1949 ई० को टिहरी गढवाल एक पृथक जनपद बना। भागीरथी व भिलंगना नदी के संगम पर पुराना टिहरी बसा हुआ था, पुराना टिहरी अक्टूबर 2005 में टिहरी डैम में विलीन हो गया 
  •  वर्तमान नई टिहरी को बौराड़ी गांव में बसाया गया है टिहरी नगर की सिंह राशि थी
  • टिहरी को गणेश प्रयाग और धनुष तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।
  • स्वामी रामतीर्थ ने 1906 ई0 में गणेश प्रयाग में दीपावली के दिन जलसमाधि ली थी, इस झील का नाम स्वामी रामतीर्थ रखा गया है
  • टिहरी राजाशाही के विरूद्ध 23 जनवरी 1939 में देहरादून में टिहरी राज्य प्रजामंडल की स्थापना हुयी

टिहरी जनपद की भौगोलिक स्थिति

  • टिहरी का क्षेत्रफल 3642 वर्ग किमी है
  • राज्य में सर्वाधिक वर्षा टिहरी के नरेन्द्रनगर में होती है यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 318 सेमी. होती है।
  • नई टिहरी की समुद्रतल से ऊँचाई 1750 मी० है
  • टिहरी जिले का आकार तितली की तरह है
  • राज्य के चार आंतरिक जिलो में एक टिहरी जनपद भी है
  • टिहरी जिले की सीमाएं चार जिलों से लगती हैं उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी व रूद्रप्रयाग

टिहरी जनपद में नदी तंत्र 

  • भिलंगना नदी खतलिंग ग्लेशियर से निकलती है
  • भिलंगना की सहायक नदी दूधगंगा, बालगंगा व धर्मगंगा है भिलंगना नदी गणेश प्रयाग में भागीरथी नदी में मिलती है
  • देवप्रयाग में अलकन्दा और भागीरथी का संगम सास-बहू के रूप में होता है
  • देवप्रयाग से गंगा का नाम करण होता है देवप्रयाग से हरिद्वार तक गंगा की लम्बाई 96 किमी0 है

टिहरी जनपद का प्रशासन

  • टिहरी जनपद की जनसंख्या -6,18,931
  • टिहरी जिले की दशकीय वृद्धि दर -2.35%
  • टिहरी गढवाल का जनघनत्व - 170
  • टिहरी गढ़वाल का लिंगानुपात -1078
  • टिहरी जिले में साक्षरता - 76.36 %
  • टिहरी गढ़वाल की महिला साक्षरता दर- 64.28%
  • टिहरी गढ़वाल की पुरुष साक्षरता दर- 89.76% 
  • टिहरी जिले में 88.67 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है

विधानसभा क्षेत्र- 6 

  1. धनोल्टी 
  2. प्रतापनगर 
  3. नरेन्द्रनगर 
  4. टिहरी
  5. देवप्रयाग
  6. घनसाली- अनुसूचित जाति (S.C) आरक्षित है

तहसील - 12

  1. गजा 
  2. नैनबाग 
  3. कीर्तिनगर 
  4. बालगंगा 
  5. टिहरी
  6. प्रतापनगर 
  7. नरेन्द्रनगर 
  8. कंड़ीसौड़ 
  9. जाखणीधार 
  10. धनोल्टी 
  11. घनसाली 
  12. देवप्रयाग

विकासखण्ड- 10

  1. चंबा 
  2. जौनपुर
  3. धौलधार 
  4. जाखणीधार 
  5. टिहरी 
  6. प्रतापनगर 
  7. नरेन्द्रनगर 
  8. कीर्तिनगर 
  9. घनसाली
  10. टिहरी

टिहरी जनपद के ताल एवं झीलें

  • सहस्त्रताल- गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा और गहरा ताल है,
  • सहस्त्रताल के पास महासर ताल की आकृति कटोरे नुमा है, जिसे भाई-बहन ताल भी कहा जाता है।
  • यमताल- यह हमेशा बर्फ से ढका रहता है
  • बासुकीताल- यह लाल पानी वाला ताल है, यह ताल नीले कमल के लिए प्रसिद्ध है
  • मंसूर ताल- खतलिंग हिमनद पास जहां राजहंस देखने को मिलते है, वहीं मंसूर ताल के पास से दूध गंगा निकलती है 
  • अप्सरा ताल- टिहरी के बूढा केदार के पास है, जिसे अछरी ताल भी कहा जाता है
  • द्रोपदी ताल- टिहरी गढवाल में हिमानी निर्मित झील है जराल ताल, भिलंग ताल टिहरी गढ़वाल में स्थित है कैम्पटी फॉल जलप्रपात की ऊँचाई 14मी0 है यह मसूरी के नजदीक टिहरी जनपद में स्थित है कैम्पटी फॉल को पर्यटक स्थल बनाने का श्रेय जॉन मेकनिन को जाता है

टिहरी जनपद प्रसिद्ध गुफाएँ एवं कुंड

  • विश्वनाथ गुफा टिहरी के हिन्दाव पट्टी में शंकराचार्य की तपस्थली थी और वशिष्ठ गुफा टिहरी गढवाल विसुंग पर्वत में है
  • गर्भजोन गुफा टिहरी में स्थित है
  • शंकर गुफा देवप्रयाग में स्थित है
  • शिव कुंड देवप्रयाग में स्थित है नाग कुंड टिहरी के लम्बगांव में स्थित है।

टिहरी जिले में ग्लेशियर / बुग्याल /घाटियां 

  • टिहरी में खतलिंग ग्लेशियर जो तीन जिलो के संगम पर है तथा
  • जहां प्राकृतिक शिवलिंग मिलता है खतलिंग ग्लेशियर की खोज इन्द्रमणी बड़ोनी और सुरेन्द्र सिंह पांगती ने की
  • जौराई फूलों की घाटी, एवं जौराई बुग्याल टिहरी जनपद में है
  • खारसोली व कोटली बुग्याल टिहरी जनपद में है
  • पंवालीकांठा बुग्याल उत्तरकाशी व टिहरी जिले में पड़ता है

टिहरी जनपद में वन एवं खनिज सम्पदा 

  • टिहरी क्षेत्र में खनिज संगमरमर, चूना पत्थर, डोलोमाइटस प्रमुख एवं भागीरथी घाटी में तांबा उत्पादक क्षेत्र है
  • राज्य में टिहरी जनपद में यूरेनियम उत्पादकता के संकेत मिले टिहरी वन विभाग की स्थापना 1885 में हुयी
  • राज्य में सर्वाधिक झाडियां टिहरी जिले में है
  • पंवाली कांठा ट्रैक टिहरी के घुतु से प्रारम्भ होकर उत्तरकाशी के लाटा तक जाता है
  • टिहरी राज्य में वन आन्दोलन रक्षासूत्र आन्दोलन टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में 1994ई0 में हुआ, जिसके प्रेणता सुरेश भाई थे 
  • कुंजणी वन आन्दोलन 1904 को अमर सिंह के नेतृत्व में कर बढ़ाए जाने के विरोध में हुआ
  • खास पट्टी वन आन्दोलन 1906-07 में भूमि बंदोबस्त के विरोध में हुआ
  • तिलाड़ी गोली कांड 1930 में किसानों की भूमि को वन भूमि में बदलने का विरोध हुआ था

टिहरी जनपद में पर्यटक स्थल

  • तीन धारा- यह प्रसिद्ध पर्यटक स्थल देवप्रयाग के आस पास है
  • घनसाली टिहरी में एक पर्यटक स्थल है जो बालगंगा एवं भिलंगना नदी के तट पर है धनोल्टी मसूरी के पास टिहरी गढवाल में एक पर्यटक स्थल है
  • नरेन्द्र नगर टिहरी का एक कस्बा जहां महाराजा नरेन्द्र शाह द्वारा बनाया गया राजमहल है, जिसे आनन्द स्पा कहते हैं
  • कीर्तिनगर टिहरी जनपद में छोटा नगर निकाय है जहाँ शिवमंदिर के पास अलकनंदा नदी के तट पर पवित्र स्नान किया जाता है, जिसे डुंडप्रयाग के नाम से जाना जाता है

देवप्रयाग

  • देवप्रयाग का अन्य नाम सुदर्शन क्षेत्र एवं इन्द्रप्रयाग है महाभारत में देवप्रयाग को समस्त तीर्थो का शिरोमणी तथा समग्र पापों का विनाशक बताया गया
  • देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदी के संगम है
  • किवदंती है कि देवप्रयाग क्षेत्र में कौवे नही दिखाई देते है।
  • 2001 में देवप्रयाग को पुल के माध्यम से पौड़ी से जोड़ा गया

टिहरी जनपद में प्रसिद्ध मंदिर

  • देवप्रयाग में भगवान राम का रघुनाथ मंदिर द्रविड़ शैली में बना है। रघुनाथ मंदिर के द्वार पर मथुरा वौराणी का एक लेख है, जो पृथ्वीपति शाह के समय का था
  • बूढा केदार- मंदिर घनसाली ब्लाक में भगवान केदारनाथ का मंदिर है
  • तुरंग बली को टिहरी का लोक देवता कहते है
  • रथी देवता मंदिर टिहरी में स्थित है
  • सेम-मुखेम यहाँ प्रसिद्ध नागराजा मंदिर है देवलसारी महादेव मंदिर टिहरी गढ़वाल में है।
  • सत्येश्वर महादेव मंदिर नई टिहरी के बौराडी में है

पलेठी का सूर्य मंदिर

  • पलेठी का सूर्य मंदिर हिंडोला खाल देवप्रयाग टिहरी में है
  • पलेठी का सूर्य मंदिर लुलेरा-गुलेरा घाटी में स्थित है भारतीय पुरातत्व विभाग के एन.एस. घई व वी. रमेश ने अक्टूबर 1968 में शिलालेखों का अध्ययन किया
  • टिहरी जनपद के तीन शक्तिपीठ सुरकंडा देवी 
  • तीनों शक्तिपीठ की स्थापना आदि गुरू शंकराचार्य ने की थी

 सुरकंडा देवी का मंदिर

  • सुरकंडा देवी का मंदिर जौनपुर ब्लाक में राज्य का इकलौता सिद्धपीठ जहां गंगा दशहरे में मेला लगता है
  • सुरकंडा मंदिर चम्बा मसूरी रोड के सुरकुट पर्वत पर स्थित है 
  • सुरकंडा मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में रौंसली की पतियां  दी जाती है 
  • टिहरी जनपद में सुरकंडा देवी का बहुत महत्व है। जिस वजह से देश विदेश से लोग यहां दर्शन के लिये माता के दरबार में पहुँचते हैं

कुंजापुरी देवी का मंदिर

  • कुंजापुरी देवी का मंदिर शिखर पर स्थित दुर्गादेवी माता को समर्पित है इस में भंडारी राजपूत पुजारी होते है, मंदिर में सिरोही का एक वृक्ष है जहां भक्त लोग चुनियां बाँधते है

चन्द्रबदनी मंदिर

  • चन्द्रबदनी मंदिर टिहरी में चन्द्रकूट पर्वत पर स्थित है चन्द्रबदनी मंदिर में अखण्ड ज्योति निरन्तर प्रज्जवलित रहती है
  • चन्द्रबदनी मंदिर में एक प्राकृतिक श्रीयंत्र स्थापित है
  • स्कन्दपुराण में चन्द्रबदनी मंदिर को भुवनेश्वरी पीठ कहा गया है 
  • चन्द्रबदनी मंदिर में पशु बलि प्रथा 1969 ई0 को समाप्त करने का श्रेय स्वामी मंनमंथन को जाता है

टिहरी जनपद के प्रमुख मेले / त्योहार

  •  रणभूत कौथिक मेला टिहरी में लगता है, इस मेले में भूत नृत्य किया जाता है
  • मौण मेला अगलाड नदी में लगता है जो टिहरी में है, मौण मेले में मछलियों को पकड़ने का रिवाज है
  • कुंजापुरी पर्यटन विकास मेला नरेन्द्र नगर टिहरी गढवाल में। लगता है, यह आश्विन नवरात्र में लगता है
  • क्यूसंर का मेला टिहरी के जौनपुर में लगता है, जहां नागराजा में देवता के रूप में पूजा होती है
  • सेम मुखेम मेला टिहरी में 26 नवम्बर को लगता है
  • सुरकंडा मेला चम्बा टिहरी मे लगता है
  • राजराजेश्वरी मेला और बिकास मेला टिहरी मे लगता है
  •  बीर गब्बर सिंह मेला 21 अप्रैल को टिहरी के चम्बा में लगता है। 
  • चम्बा चॉक पर बीर गब्बर सिंह की मूर्ति भी है
  • नागटिब्बा मेला टिहरी के जौनपुर परगने में लगता है कैलापीर का मेला टिहरी गढ़वाल के कठूड़ व गाजणा पट्टी में कैलापीर प्रसिद्ध देवता है, यह मेला दीपावली के अवसर में बूढ़ा केदार के पास लगता है
  • घंटाकर्ण का मेला टिहरी गढ़वाल के घंडियालधार में लगता है। ज्वालामुखी मेला टिहरी के देवढुंग में ज्वालामुखी सिद्धपीठ है
  • तिलका देवी मेला टिहरी के जौनपुर क्षेत्र नागटिब्बा में लगता है संतुरा देवी मेला टिहरी गढ़वाल में कैम्प्टीफाल के पास लगता है।
  • टिहरी जनपद की धार्मिक यात्रा खतलिंग-रूद्रा देवी यात्रा टिहरी गढवाल में सितम्बर माह में होती है, यह यात्रा खतलिंग ग्लेशियर से भृगु गंगा तक जाती है। इस यात्रा को उत्तराखण्ड की पांचवा धाम यात्रा के नाम से जानी जाती है
  • पंवाली कांठा-केदार यात्रा टिहरी गढ़वाल से रूद्रप्रयाग के केदारनाथ तक जाती है, यह 29 किमी0 की यात्रा है टिहरी के जौनपुर रवांई क्षेत्र में उत्सव वर्ष का पहला त्योहार दुबड़ी उत्सव है

टिहरी जनपद में शोध / संस्थान

  • हिमालय नक्षत्र वेधशाला देवप्रयाग में है, हिमालय नक्षत्र वेधशाला की स्थापना 1946 ई0 में चक्रधर जोशी ने की
  • टिहरी में शैमियर नाटय् क्लब की स्थापना 1917 में भवानी दत उनियाल ने की
  • राजीव गांधी एडवेंचर ऐकडमी टिहरी में स्थित है
  • राज्य पुलिस प्रशिक्षण अकादमी नरेन्द्रनगर में 2011 से है शिवानन्द आश्रम मुनि की रेती टिहरी में है

भुवनेश्वरी महिला आश्रम 

  • भुवनेश्वरी महिला आश्रम टिहरी के अंजलीसैंण में है इस आश्रम की स्थापना 1977 में स्वामी मनमंथन ने की स्वामी मन्मंथन 1964 में केरल से में आए थे
  • भुवनेश्वरी महिला आश्रम का ध्येय वाक्य खुशहाल बच्चा, खुशहाल परिवार व खुशहाल समाज है
  • बंटा जल आन्दोलन में स्वामी मन्मंथन की मुख्य भूमिका रही। जिस कारण 1976 में अलकनंदा नदी से पानी पंप करने की योजना पारित हुयी

टिहरी जनपद में ऊर्जा संसाधन

  • कोटली भेल परियोजना टिहरी में गंगा नदी पर 100 M.W की है
  • लंगरासू व झाला कोटी परियोजना टिहरी गढ़वाल में है कोटेश्वर बांध परियोजना भागीरथी नदी में 400 मेगावाट की है टिहरी में भिलंगना परियोजना 23 मेगावाट की है

टिहरी बांध परियोजना

  • टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना 12 जुलाई 1988 में हुयी। फरवरी 1989 से THDC ने टिहरी जल परियोजना | का कार्य भार संभाला
  • THDC इंस्टीटयूट ऑफ हाइड्रोपावर इंजनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी | भागीरथी पुरम की स्थापना- 2011
  • टिहरी बाँध बनाने की स्वीकृति योजना आयोग द्वारा 1972 में दी गयी, यह भागीरथी एवं भिलगंना के संगम पर बना है
  • टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊँचा व दुनिया का चौथा सबसे ऊँचा बाँध है, टिहरी बांध की ऊँचाई 260.5 मी है
  • टिहरी बाँध का कार्य 1978 में उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग ने प्रारम्भ
  • किया था टिहरी परियोजना को राष्ट्र के गांव की संज्ञा दी गई है। टिहरी बांध की 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता है जो प्रारम्भ में 600 मेगावाट की परियोजना थी
  • टिहरी बांध से 400 मेगावाट का कोटेश्वर बांध बना है जो भागीरथी नदी पर है
  • टिहरी बांध का जलाशय 42 वर्ग किमी0 में फैला है, इसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से जाना जाता है
  • टिहरी बांध का प्रथम चरण 1000 मेगावाट का 30 जुलाई 2006 को शुरू हुआ था, जिससे राज्य को रायल्टी के रूप में 12 प्रतिशत बिजली मुफ्त मिलती है
  • टिहरी बांध का डिजाइन जेम्स ब्रून ने बनाया था 1986 में रूस के साथ टिहरी बांध निर्माण में समझौता हुआ
  • टिहरी बांध के विरोध में सर्वप्रथम आवाज राजमाता कमलेन्दुमति  शाह ने उठाई थी और इसके विरोध में 1979 ई० को विरेन्द्र सकलानी ने बांध विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली
  • 1978 ई0 में टिहरी में बांध विरोधी समिति बनी, जिसके अध्यक्ष विद्यासागर नौटियाल थे
  • 1991 ई० में बांध विरोधी समिति का नेतृत्व सुन्दर लाल बहुगुणा ने किया, और यहां धरना देकर 76 दिनों तक बांध निर्माण कार्य को रोके रखा।

टिहरी जनपद में परिवहन सुविधाएं

  • राष्ट्रीय राजमार्ग N.H- 707 त्यूनी से मसूरी से नई टिहरी होते हुए श्रीनगर जाता है, जो राज्य का दूसरा सबसे बडा राष्ट्रीय राजमार्ग है इसकी लम्बाई 315 किमी० है
  • पाँच सड़कों वाला चौराहा टिहरी में है

टिहरी में शिक्षा/साहित्य/समाचारपत्र

  • टिहरी में स्थित गढवाल विश्व विद्यालय के परिसर को अलग कर 2010 में दीनदयाल विश्व विद्यालय कर दिया था फिर 2012 में दीनदयाल से नाम बदलकर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कर दिया गया है।
  • सत्यवीर, कर्मयुग, उत्तराखण्ड आजकल व हिमाद्री गौरव समाचार पत्र का सम्पादान टिहरी गढ़वाल में होता है
  • विश्वेश्वर दत सकलानी जिन्हे वृक्ष मानव कहा जाता है
  • टिहरी जिले के मूल निवासी है पर्यावरणविद् सुन्दर लाल बहुगुणा का सम्बन्ध टिहरी के मरोंडा ग्राम से था
  • आधुनिक किसान आन्दोलन का जनक गोपाल सिंह राणा को माना जाता है।
  • देहरादून से निकलने वाली युगवाणी के सम्पादक गोपेश्वर कोठियाल का सम्बन्ध टिहरी से है

लीलाधर जगूड़ी

  • लीलाधर जगूड़ी का जन्म 1944 में टिहरी गढ़वाल में हुआ 
  • 1997 में लीलाधर जगूड़ी को उनकी रचना अनुभव के आकाश में चाँद के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला 2018 में उनकी रचना जितने लोग उतने प्रेम के लिए 28वां व्यास सम्मान मिला
  • लीलाधर जगूड़ी की अन्य प्रमुख रचना महाकाव्य के बिना, बची।हुई पृथ्वी, घबराए हुए शब्द और रात अब भी मौजूद है पाँच बेटे नामक नाटक की रचना भी लीलाधर जगूड़ी ने की

बीरेन डंगवाल

  • बीरेन डंगवाल का जन्म 1947 में टिहरी के कीर्तिनगर में हुआ इनकी रचना दुष्टचक्र में सृष्टा के लिए 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला
  • बीरेन डंगवाल की अन्य रचनाएं इसी दुनिया में, कवि ने कहा व स्याही ताल आदि है

हरीकृष्ण रतूड़ी

  • हरीकृष्ण रतूड़ी 1908 ई0 तक महाराजा कीर्तिशाह के बजीर रहे, और बाद में नरेन्द्र शाह के सलाहकार बने हरीकृष्ण रतूड़ी ने 1910 ई0 में गढ़वाल का इतिहास लिखा, जो 1928 में प्रकाशित हुआ

तारादत गैरोला

  • तारादत गैरोला का जन्म 1875 में टिहरी जिले में हुआ इन्होंने 1901 में गढ़वाल हितकारिणी सभा की स्थापना की कुमाऊँ परिषद् का दूसरा अधिवेशन हल्द्वानी में 1918 ई0 में
  • तारादत गैरोला की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ
  • 1917 ई0 में रायबहादुर की उपाधि दी गयी • इन्होनें सेरमन ओकले के साथ मिलकर हिमालयन फोकलोर पुस्तक की रचना की
  • तारादत गैरोला ने गढ़वाली कविता की पुस्तक सदेई 1921 में स्वयं प्रकाशित की
  •  सेलेक्टेड लैण्ड रिवेन्यू डिसीजन ऑफ कुमाऊँ पुस्तक के लेखक भी तारादत गैरोला है

कमलेन्दु मति शाह

  • कमलेन्दु मति शाह को 1958 में पद्म भूषण पुरस्कार मिला कमलेन्दुमति शाह 1952 में प्रथम आम चुनाव टिहरी संसदीय सीट से जीतकर सासंद बनी थी
  • जीवन ज्योति नामक कविता संग्रह एवं माई इम्फ्रेंसन ऑफ अमेरिका पुस्तक कमलेन्दुमति शाह द्वारा लिखी गयी हैं

श्री देव सुमन

  • श्री देव सुमन का जन्म 25 मई 1916 को टिहरी के जौल गांव में हुआ इनका बचपन का नाम श्रीदत बड़ोनी था श्रीदेव सुमन के पिता हरिराम बड़ोनी व माता तारादेवी और पत्नी विनय लक्ष्मी थी
  • 1937 में श्री देव ने सुमन सौरभ नाम से कविताएं प्रकाशित की 23 जनवरी 1939 को देहरादून टिहरी राज्य प्रजामंडल की स्थापना में श्रीदेव सुमन की भूमिका रही
  • "तुम मुझ तोड सकते हो मोड नही सकते" यह कथन श्री देव सुमन का है, श्रीदेव सुमन ने 3 मई 1944 को आमरण अनशन शुरू किया, और 25 जुलाई 1944 को 84 दिनों की भूख हडताल के बाद श्री देव सुमन शहीद हो गए।
  • प्रथम बार श्री देव सुमन दिवस 25 जुलाई 1946 को मनाया गया

वीर गबर सिंह नेगी

  • प्रथम विश्व युद्ध के समय 1915 में चम्बा के गबर सिंह नेगी को विक्टोरिया क्रास मिला
  • गबर सिंह प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस के न्यूचैपल में तैनात थे 
  • गबर सिंह 39 वीं गढ़वाल राइफल की दूसरी बटालियन में राइफलमैन थे। 
  • गबर सिंह स्मारक चम्बा की स्थापना दिसम्बर 1925 में हुयी

इन्द्रमणी बडोनी

  • उत्तराखण्ड का गांधी इन्द्रमणी बडोनी को कहते है
  • इन्द्रमणी बडोनी का जन्म 24 दिसम्बर 1924 को टिहरी के जखोली विकास खण्ड में हुआ, इनके पिता का नाम सुरेशानंद बडोनी था । इन्द्रमणी बडोनी केदार नृत्य के कुशल नृतक थे
  • 1956 के गणतंत्र दिवस की परेड में केदार नृत्य को देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू भी झूम उठे
  • बडोनी जी मीरा बेन के कहने पर सामाजिक कार्यों में जुट गए
  • 1967 में देवप्रयाग से विधायक चुने।
  • लोक संस्कृति दिवस 24 दिसम्बर को मनाया जाता है, इसे इन्द्रमणी बडोनी जी के जन्म स्मृति में मनाया जाता है खतलिंग ग्लेशियर की खोज का श्रेय बडोनी जी को जाता है

टिहरी जनपद से अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु

  • प्रतापनगर का पुराना नाम डांगधार है। रैका गढ प्रतापनगर में था
  • रतनगढ नरेन्द्र नगर के कुजणी में था। गाजणा पट्टी प्रतापनगर में है
  • मलेथा पट्टी कीर्तिनगर में है
  • ज्वाड प्रथा महिलाओं की सम्पति अधिकार से सम्बन्धित हैं। 
  • सल्टवाड़ा प्रथा लड़का पैदा होने पर मामा के घर ले जाने वाली प्रथा है
  • गंगपरिया बोली टिहरी गढ़वाल में बोली जाती है याद आली टिहरी गढवाली फिल्म 2010 में बनी
  • उत्तराखंड का चेरापूंजी नरेन्द्र नगर को कहते हैं
  • राज्य का सबसे छोटा नगर निकाय कीर्तिनगर है सोनी भिलंग टिहरी में स्थित है
  • टिहरी में प्रथम कृषि बैंक की स्थापना 1920 में नरेन्द्र शाह के समय हुयी

ये भी पढ़ें