ऊधमसिंह नगर का इतिहास
- ऊधम सिंह नगर जनपद का गठन 30 सितम्बर 1995ई0 नैनीताल से काटकर किया गया है जिला मुख्यालय रुद्रपुर में है ऊधम सिंह नगर जिले का नाम जनरल डायर को गोली मारने वाले ऊधमसिंह के नाम पर पड़ा
- ऊधम सिंह ने डायर को गोली मार्च 1940 ई0 लन्दन में मारी थी 1588 ई0 में रूद्रपुर को फरमान अकबर ने चंद राजा रूद्रचंद को दिया था
- 1864-65 ई0 में तराई व भाबर को तराई-भाबर अधिनियम के तहत रखा गया
- तराई जिले का गठन 1842 ई० में हुआ
- 1948 ई० को तराई क्षेत्र में अप्रवासियों का पहला बैच आया था
ऊधमसिंह नगर की भौगोलिक स्थिति
- ऊधम सिंह नगर जिला राज्य का सबसे दक्षिणी जिला है
- ऊधम सिंह नगर जिला राज्य के मैदानी जिलों में से एक है
- ऊधम सिंह नगर जिला का अधिकतर क्षेत्र तराई क्षेत्र में पड़ता है
- ऊधम सिंह नगर जिले का क्षेत्रफल 2542 वर्ग किमी० है
- ऊधम सिंह नगर जिले की सीमाएं दो जनपद नैनीताल एवं चम्पावत से मिलती है
- ऊधमसिंह नगर जनपद का प्रशासन ऊधम सिंह नगर जिले में विधानसभा क्षेत्र - 9
- ऊधम सिंह नगर जिले में विकासखण्ड-7
- ऊधम सिंह नगर जिले में तहसील - 8
- ऊधम सिंह नगर जिले में नगर निगम- 2
- रूद्रपुर और काशीपुर को 2013 को नगर निगम बनाया गया
- ऊधम सिंह नगर जिले की जनसंख्या- 16,48,902
- सर्वाधिक दशकीय वृद्धि वाला जिला ऊधम सिंह नगर है
- ऊधम सिंह नगर जिले का जनघनत्व- 649
- ऊधम सिंह नगर जिले का लिंगानुपात 920
- ऊधम सिंह नगर जिले की साक्षरता दर - 73.10%
- ऊधम सिंह नगर जिले की महिला साक्षरता -64.5%
- ऊधम सिंह नगर जिले की पुरुष साक्षस्ता- 81%
- राज्य में न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला ऊधम सिंह नगर है
ऊधमसिंह नगर में नदी / कुण्ड/ताल / झीले
- द्रोण ताल ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर के पास है
- गिरी ताल ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर के पास मनसा देवी का मंदिर भी है
- खेड़ा झील रूद्रपुर में बनी कृत्रिम झील है 2006 में निर्माण हरिपुरा जलाशय बाजपुर में बाकरा नदी पर बना हुआ है
ऊधमसिंह नगर वन्यजीव विहार
- राज्य का सबसे कम वन क्षेत्र ऊधम सिंह नगर जिले में है।
- ऊधम सिंह नगर जिले में 564 वर्ग किमी0 वन क्षेत्रफल है
- प्रतिशत की दृष्टि से सबसे कम वन क्षेत्र ऊधम सिंह नगर जनपद का है
- नंधौर वन्य जीव विहार का गठन 2012 में हुआ, नंधौर वन्य जीव विहार नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिले के बार्डर पर है।
- नंधौर वन्य जीव विहार 270 वर्ग किमी0 में फैला है
ऊधमसिंह नगर प्रमुख पर्यटक स्थल
- पर्यटक स्थल बाजपुर
- ऊधम सिंह नगर जिले का बाजपुर नगर धूमा नदी के तट पर है बाजपुर का पुराना नाम मुन्डिया था
- बाजपुर नगर बहादुर चंद द्वारा बसाया गया
- बाजपुर में 1959 ई0 को पहली सहकारी चीनी मिल खोली गयी जो देश में प्रथम सहकारी मिल थी
- हरिपुरा जलाशय गुलरभोज, बाजपुर में स्थित है
- जसपुर का प्राचीन नाम शाहजाफर (सहजगीर) था
- जसपुर गांव यशोधर जोशी नामक व्यक्ति ने बसाया था
- कीर्तिचंद ने जसपुर में किला बनाकर कीर्तिनगर नाम दिया 1850 ई0 में टाउन एरिया कमेटी की स्थापना जसपुर में हुयी
पर्यटक स्थल रूद्रपुर
- रूद्रपुर की स्थापना चंदशासक रूद्रचंद ने की रूद्रचंद ने रूद्रपुर में एक सैन्य शिविर की स्थापना की
- चंद काल में रूद्रपुर को बोक्साड़ नाम से जाना जाता था बाजबहादुर चंद के समय तराई क्षेत्र के लाट अधिकारी का निवास स्थान रूद्रपुर में था
- चंद व रूहेला युद्ध के समय चंदों की अगुवाई शिवदेव जोशी ने की।
- रूहेलाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दीपचंद ने रूद्रपुर में एक किले का निर्माण करवाया
- 1790 ई0 में अल्मोड़ा चंद शासन के पतन के बाद काशीपुर के लाट नंदराम ने रूद्रपुर क्षेत्र अवध के नबाव को सौंप दिया था
- 1837 ई0 में रूद्रपुर रूहेलखण्ड में शामिल हो गया
- 1891 ई0 में तराई जनपद खत्म कर रूद्रपुर को नैनीताल में शामिल किया गया ।
- रूद्रपुर में रेल सेवा का प्रारम्भ 1886 ई0 में हुआ
- 1984 ई0 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के कारण सिख चरम पंथियों ने तराई क्षेत्र में शरण ली
- अक्टूबर 1991 ई0 रूद्रपुर बम विस्फोट हुआ था
- रूद्रपुर कल्याणी नदी के तट पर स्थित है
- रूद्रपुर 2013 में नगर निगम बना
- जनसंख्या के आधार पर कुमाऊँ का दूसरा बड़ा नगर है उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास संस्थान रूद्रपुर में स्थित है
पर्यटक स्थल काशीपुर
- काशीपुर का पुराना नाम गोविषाण है, गोविषाण का शाब्दिक अर्थ गाय की सींग, और चंद काल में काशीपुर का नाम कोटा था
- काशीपुर को उज्जयनी नगरी भी कहा जाता है
- हर्ष काल में कृर्तपुर राज्य में गोविषाण राज्य था जिसके अन्तर्गत वर्तमान काशीपुर, रामपुर व पीलीभीत आते थे
- बद्रीदत पांडे के अनुसार काशीपुर की स्थापना 1639 ई0 में हुयी
- कनिघम मानते है कि काशीपुर की स्थापना 1718 ई0 में देवीचंद के अनुयायी काशीनाथ द्वारा की गयी
- देवीचंद ने ही तराई का मुख्यालय रूद्रपुर से काशीपुर में स्थानांतरित किया था
- चंद राजाओं के लाट अधिकारी काशीनाथ अधिकारी द्वारा काशीपुर बसाया गया था
- 1777 ई0 में काशीपुर के लाट अधिकारी नंदराम ने स्वंय को स्वतन्त्र राजा घोषित किया
- 1801 ई0 में काशीपुर के राजा शिवलाल ने काशीपुर राज्य को अंग्रेजो को सौंप दिया
- काशीपुर तराई क्षेत्र ढेला नदी के तट बसा हुआ है
- 1872 ई० में काशीपुर नगरपालिका बना
- 2013 में काशीपुर को नगर निगम बनाया गया
- राज्य की सबसे पुरानी सूती मिल काशीपुर में है
- उत्तराखण्ड स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (I.I.M) काशीपुर की स्थापना अप्रैल 2011 में हुयी यह देश का 13वां (IIM) है चौराह समाचार पत्र का प्रकाशन काशीपुर से होता है
- हस्तकला व हथरकरघा के लिए काशीपुर में क्राफ्ट डिजाइन केन्द्र की स्थापना की गयी
- खोखरे का टीला काशीपुर में स्थित है।
पंतनगर शहर
- गोविन्द बल्लभ पंत के नाम पर इस नगर का नाम पंतनगर पड़ा पंतनगर के फूलबाग में एक हवाई अड्डा है
- 17 नवम्बर 1960 ई० में नेहरू जी ने पंतनगर में देश का पहला कृषि विश्व विद्यालय की स्थापना की गयी
- 1972 ई0 में विश्व विद्यालय का नाम बदलकर गोविन्द वल्लभ पंत के नाम पर रखा गया
- पंतनगर विश्व विद्यालय के प्रथम कुलपति एंथोनी पार्कर स्टीवेंशन थे। देश में हरित क्रांति लाने का श्रेय पंतनगर विश्व विद्यालय को जाता है
ऊधमसिंह नगर जनपद में प्रसिद्ध मंदिर
- बाला सुन्दरी (चैती देवी) का मंदिर काशीपुर में स्थित है बाला सुन्दरी देवी को ज्वाला देवी एवं उज्जैनी देवी के नाम से भी जाना जाता है।
- बालासुन्दरी चंदवंश के राजाओं की कुलदेवी थी, इस मंदिर के परिसर पर चैती मेला लगता हैं, इसमें बोक्सा लोग बढ़-चढकर भाग लेते है
- नानकमता साहिब ऊधम सिंह नगर जिले में सिखों का पवित्र तीर्थस्थल है
- अटरिया देवी मंदिर रूद्रपुर में स्थित है।
- मोटेश्वर महादेव या भीमाशंकर महादेव का मंदिर काशीपुर में स्थित है
- चौमुंडा देवी का मंदिर काशीपुर में है
- ऊधमसिंह नगर जनपद में प्रमुख त्योहार /मेला
- अटरिया मेला रूद्रपुर में नवरात्रि के समय लगता है
- रामडोला का मेला खटीमा में लगता है
चैती मेला
- चैती मेला काशीपुर में बाला सुन्दरी देवी का मेला है बाला सुन्दरी देवी का मंदिर शाक्त सम्प्रदाय से सम्बन्धित है
- चैती मेला चैत्र मास की अष्टमी 15 दिनों तक लगता है प्राचीन समय में चैती मेले में घोड़ों का क्रय-विक्रय होता था
ऊधमसिंह नगर में उद्योग/औद्योगिक क्षेत्र
- एल्डिको सिडकुल इंडस्ट्रीयल पार्क लि० सितारगंज ऊधम सिंह
- नगर का विकास सिडकुल द्वारा किया जा रहा है सिडकुल द्वारा सितारगंज में फेज-2 भी प्रस्तावित है।
- राज्य की सर्वाधिक चीनी मिल ऊधम सिंह नगर जिले में है नेस्ले कम्पनी का कारखाना पंतनगर में है
- सितारगंज में हिमालयन फूड पार्क निर्माणाधीन है, केन्द्र सरकार द्वारा मिनी स्पाईश पार्क का निर्माण सितारगंज में किया गया और बाजपुर में इथेनॉल प्लांट लगाया गया
- ऊधमसिंह नगर जनपद में ऊर्जा संसाधन खटीमा परियोजना ऊधम सिंह नगर में शारदा नदी पर है, इसका
- निर्माण 1955 ई० में हुआ लोहियावेड परियोजना ऊधम सिंह नगर जिले में है, जो शारदा नदी पर है
- हरिपुरा डैम 1975 ई0 में ऊधम सिंह नगर जिले में बनाया गया. बेगुल डैम सितारगंज में बेगुल व सुखली नदियों पर बनाया गया, जो 1968 ई0 में बनकर पुरा हुआ ऊधम सिंह नगर के किच्छा में बौर डैम बनाया गया है।
- धोरा बांध किच्छा नदी पर बनाया है जो 1960 ई0 में पूरा हुआ तुमरिया बांध काशीपुर के फिका नदी पर बना है इसका निर्माण 1961 ई0 में शुरू हुआ था और 1970 ई0 से चालू किया गया नानक सागर बांध ऊधम सिंह नगर में 1962 ई० में चालू हुआ, जो नंधौर नदी पर बना हुआ है
ऊधमसिंह नगर खेल-खिलाड़ी/व्यक्तित्व
- राज्य के प्रथम भारोतोलक के. सी. सिह बाबा ऊधम सिंह नगर के निवासी थे, के.सी. सिह बाबा 2004 में नैनीताल से सांसद रहे
- फैयाज अहमद अंसारी का सम्बन्ध भारोतोलक से है, इन्हे स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है लोकरत्न पन्त गुमानी
- कुमाऊँ के सबसे प्राचीन कवि गुमानी पंत है, इनका जन्म 1790 ई० में काशीपुर में हुआ था SU
- पंत जी का मूल नाम लोकरत्न पंत था इनके पितामाह पुरूषोतम पन्त तथा पिता देवनिधि पंत थे और माता का नाम देवमंजरी था
- गुमानी पतं के दादा नेपाल नरेश के राजवैद्य थे।
- गुमानी का पूरा नाम लक्ष्मीनन्दन पंत या लोकरत्न था।
- गुमानी पंत काशीपुर के राजा गुमान सिंह देव की राजसभा में कवि थे।
- पंत जी टिहरी नरेश सुदर्शन शाह के दरबार में भी रहे।
- गुमानी की रचनाओं का संकलन गुमानी नीति को रेवादत उप्रेती ने 1894 ई0 में अल्मोड़ा से प्रकाशित किया था
- पर्वतीय कुमाऊँ के वैद्यों में रामदत पंत कविराज के नाम से प्रसिद्ध है।
- वैद्य अनूप सिंह में 1940 ई0 में व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लिया
ऊधमसिंह नगर जनपद अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
- खटीमा का पुराना नाम मकरपुर है ऊधम सिंह नगर राज्य में गन्ना उत्पाद में प्रथम स्थान है
- दूध वाला कुआँ ऊधम सिह नगर जिले में स्थित है
- किच्छा का पुराना नाम बिलारी या किलपुरी है
- पर्वत पुत्र समाचार पत्र का प्रकाशन रूद्रपुर में होता है वाणी प्रवाह समाचार पत्र काशीपुर से निकलता है
- बिगुल व चौराह समाचार पत्र भी काशीपुर से निकलता है कुमाऊँ एक्सप्रेस समाचार पत्र किच्छा, ऊधम सिह नगर से निकलता है
- संपूर्णानंद खुली जेल सितारगंज ऊधम सिह नगर में स्थित है
- राज्य की अधिकांश पेपर मिल कलस्टर काशीपुर में है
- गन्ना विकास संस्थान ऊधम सिह नगर के काशीपुर में स्थित है।
- राष्ट्रीय लघु उद्योग विकास निगम ऊधम सिह नगर में स्थित है सेन्ट्रल मेडिसिनल एंव एरोमैटिक प्लांट संस्थान ऊधम सिह नगर जिले में स्थित है
- कृषक संसाधन विकास संस्थान किच्छा ऊधम सिह नगर में है
- 1 सितम्बर 1994 ई० में खटीमा गोली कांड में प्रताप सिंह, भुवन सिंह, परमजीत व भगवान सिह आदि व्यक्ति शहीद हुए
विधानसभा क्षेत्र- 9
1. जसपुर2. काशीपुर3. खटीमा4. गदरपुर5. रूद्रपुर6. किच्छा7. सितारगंज8. बाजपुर अनुसूचित जाति (S.C) आरक्षित क्षेत्र है9. नानकमता अनुसूचित जनजाति (S.T) आरक्षित क्षेत्र
तहसील - 8
1. काशीपुर2. किच्छा3. खटीमा4. बाजपुर5. जसपुर6. गदरपुर7. रूद्रपुर8 सितारगंज
विकासखण्ड-7
1. जसपुर2. काशीपुर3. बाजपुर4. गदरपुर5. रूद्रपुर6. सितारगंज7. खटीमा
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