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उत्तराखण्ड लोक संस्कृति/Uttarakhand Folk Culture

उत्तराखण्ड लोक संस्कृति

  •  पहाड़ी चित्रकला के विकास की तीन मुख्य शाखाएं है- बसोहली, काँगड़ा व गढवाली शैली
  • गढवाली शैली के चित्रो की खोज बैरिस्टर मुकुन्दीलाल ने की मोरप्रिया चित्र मोलाराम का प्रारम्भिक अवस्था का चित्र है इसमें पक्षियों का अंकन किया गया है।
  • गढवाली शैली चित्रकला के सूत्रपात हीरालाल थे, जो मौलाराम कें वंशज थे
  • मोलाराम तोमर गढ़वाली शैली के सर्वश्रेष्ठ चित्रकार थे मोलाराम के बाद गढ़वाली शैली के चित्रकार उसके वंशज ज्वालाराम तथा शिवराम थे
  • दंपति चित्र में मोलाराम ने प्रद्युम्न शाह व उसकी रानी का चित्र बनाया था
  • चन्द्रमुखी चित्र पर मोलाराम द्वारा कविता भी लिखी गयी है
  • हिंडोला व मस्तानी चित्र का चित्रण मोलाराम ने बाघ व घुरड़ चित्र भी मौलाराम की चित्रावली है किया

चैतू व माणकू

  • 13 चित्रों की रुकमणिहरण माला का चित्राकंन चैतू ने किया था चैतू ने कृष्ण लीलाओं के चित्रण पर ख्याति प्राप्त की थी
  • चैतू अपने बनाए चित्रो के पृष्ठभाग पर हस्ताक्षर करता था 
  • मणिराम वैरागी भी चैतू के समय का चित्रकार था
  • आंख मिचौली का रंगीन चित्र का चित्रांकन माणकू ने किया
  • माणकू ने जयदेव रचित गीत गोविन्द का चित्रण 1730 में किया
  • चैतू व माणकू चित्रकार सुदर्शन शाह के दरबारी चित्रकार थे माणकू देवलगढ समीप रामपुर निवासी था

 उत्तराखण्ड कला संग्रहालय

  • मोलाराम कला संग्रहालय श्रीनगर में स्थित है
  • नरेन्द्रशाह महाराज संग्रहालय नरेन्द्र नगर में है कुँवर विचित्रशाह संग्रहालय टिहरी में स्थित है
  • गिरिजा किशोर जोशी संग्रहालय अल्मोडा में स्थित है 
  • मुकुन्दी लाल जी का संग्रहालय कोटद्वार में स्थित है
  • राव विरेन्द्र शाह संग्रहालय देहरादून में स्थित है राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में गढ़वाल चित्रकारी से सम्बन्धित चित्र रखे गए हैं
  • न्यूयार्क संग्रहालय में बाजबहादुर चंद का चित्र रखा गया है। कस्तूरी भाई- -लाल भाई संग्रहालय अहमदाबाद में स्थित है सीताराम शाह संग्रहालय वाराणसी उत्तरप्रदेश में है

 उत्तराखण्ड में चित्रकला सम्बन्धी पुस्तकें

  • गढ़वाली शैली पर मुकुन्दी लाल द्वारा लिखित- गढ़वाल पेंटिग, सम नोट्स आन मोलाराम तथा गढ़वाल स्कूल ऑफ पेंटिंग है
  • पहाडी चित्रकला पुस्तक के लेखक किशोरी लाल वैद्य है
  • गढ़वाली चित्रशैलीः एक सर्वेक्षण पुस्तक डॉ यशंवत कठौच की है 
  • राजपूत पेटिंग पुस्तक का प्रकाशन कुमार स्वामी ने किया
  • पहाड़ी घसियारे चित्र रणबीर सिंह बिष्ट द्वारा बनाया गया है
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