उत्तराखण्ड राज्य वाद्ययंत्र ढोल/uttarakhand state instrument dhol |
- भंडारी कमेटी की सिफारिश पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2015 में ढोल को राज्य वाद्ययंत्र घोषित किया
- ढोल एक प्राचीन वाद्ययंत्र है, जिसको तांबे, पीतल व चाँदी धातु पर बकरी की खाल लगाकर बनाया जाता है
- ढोल से 22 तरह के ताल बजाए जाते है ढोल से नौबत या निमती, रहमानी, बढ़ें आदि ताल बजाए जाते है
- नौबत प्रातःकाल में औजी जाति के लोग 22 पड़ताल में बजाते हैं
- मांगलिक काज शुरू करने से पहले बढ़ें ताल बजाया जाता है
- राज्य में एक मात्र ढोल सागर के ज्ञाता उतम दास है
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