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उत्तराखण्ड में पत्रकारिता का विकास/Development of Journalism in Uttarakhand

उत्तराखण्ड में पत्रकारिता का विकास

  • भारत में सर्वप्रथम प्रिंटिंग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तगालियों का है
  • उत्तराखण्ड में प्रथम प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र मसूरी से अंग्रेजी में 1842 में द हिल्स था जिसका सम्पादन जान मैकिनन ने किया था मैकिनन ने उत्तराखण्ड की पहली प्रिंटिंग प्रेस मसूरी में खोली थी
  • द हिल्स समाचार पत्र का प्रकाशन 1850 ई0 में बंद हुआ था 1850 ई0 के आसपास मेफिसलाइट समाचार पत्र का प्रकाशन  जान लेग द्वारा किया गया
  • भारत में हिन्दी का प्रथम समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड था, जिसका प्रकाशन 1826 ई० को हुआ
  • समय विनोद पत्र राज्य का पहला हिन्दी समाचार पत्र था इसका प्रकाशन 1868 ई० में नैनीताल से हुआ इसके सम्पादक जयदत्त जोशी थे जिसके उस समय 32 ग्राहक थे
  • समय विनोद पत्र के अन्तिम अंक का वर्णन वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट में 1 अप्रैल 1877 का मिलता है, अतः समय विनोद प्रकाशन 1877 में बंद हो गया था
  • 1878 ई0 में द ईगल समाचार पत्र का सम्पादन मौर्टन ने किया

अल्मोडा अखबार

  • 1870 ई0 में अल्मोड़ा के डिबेटिंग क्लब के संरक्षक भीम सिंह को चुना गया, बल्कि इसके स्थापना की सलाह बुद्धिबल्लभ पंत ने दी
  • 1871 में अल्मोडा अखबार का सम्पादन हुआ, इसका जीवन काल 1918 तक 48 वर्षो तक रहा अल्मोड़ा अखबार का रजिस्ट्रेशन न० 10 था, 
  • अल्मोड़ा अखबार अंग्रेजी पत्र पायनियर के समकालीन था 
  • अल्मोड़ा अखबार के 48 वर्षो के संम्पादन में बुद्धिवल्लभ पंत, मुंशी इम्तियाज अली, जीवान्द जोशी, सदान्द सनवाल, विष्णुदत जोशी तथा 1913 में बद्रीदत पांडे ने मुख्य भूमिका निभाई थी
  • 1913 ई0 में अल्मोड़ा अखबार के सम्पादक बद्रीदत पांडे बने
  • अल्मोड़ा अखबार बंद होने के बाद शक्ति अखबार का पहला अंक 15 अक्टूबर 1918 को विजयदशमी के दिन निकला था
  • शक्ति का सम्पादन का कार्य बद्रीदत पांडे, विक्टर मोहन जोशी दुर्गादत पांडे, मनोहर पंत, रामसिंह धौनी मथुरादत, पूरन चंद्र तिवारी और देवीदत पंत ने किया था
  • 1921 में शक्ति के सम्पादक विक्टर मोहन जोशी थे

गढ़वाली अखबार

  • देहरादून से प्रकाशित प्रथम गढ़वाली भाषा का मासिक समाचार पत्र गढ़वाली अखबार का प्रकाशन 1905 ई0 में हुआ, जो 1952ई0 तक चला था
  • गढ़वाली पत्र के प्रथम अंक में सत्य शरण रतूड़ी की अमर कविता उठो गढ़वालियों को प्रकाशित किया गया था
  • गढ़वाली पत्र का सम्पादन तीन संपादकों द्वारा किया गया क्रमशः
  • 1. गिरिजा दत नैथानी, 
  • 2. तारादत गैरोला, 
  • 3. विश्वभर दत चंदोला 
  • विश्वम्भर दत चंदोला को गढ़वाल पत्रकारिता का पितामह कहा जाता है।
  • 1916 ई0 से 1952 ई0 तक गढ़वाली का सम्पादन विश्वम्भर दत चंदोला ने किया
  • अन्य समाचार पत्र 1893 में अल्मोड़ा से कूर्माचल समाचार पत्र का प्रकाशन हुआ
  • 1902 को गढ़वाल में प्रकाशित पहला हिन्दी समाचार पत्र गढ़वाल समाचार का सम्पादन गिरिजादत नैथानी ने लैंसडाउन से किया,
  • दो वर्ष बाद सम्पादन बंद हुआ तथा दुगड्डा मे 1913-1915 में पुनः प्रकाशित किया गया गढवाली भाषा का प्रथम पत्र विशालकीर्ति था, 1913 में पौड़ी से सदानंद कुकरेती द्वारा सम्पादित किया गया
  • 1918 से 1923 तक ल० नैथानी ने दुगड्डा में पुरुषार्थ नामक पत्र का भी सम्पादन किया। पुरूषार्थ पत्र ने अल्मोडा अखबार बंद होने पर एक व्यंग लिखा कि एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और अल्मोंडा अखबार
  • अल्मोड़ा से 1913 में हस्तलिखित साप्ताहिक अखबार बाजार बंधु प्रकाशित हुआ था
  • लैंसडाउन से 1922 में तरूण कुमाऊँ का प्रकाशन मुकुन्दी लाल ने किया
  • अल्मोड़ा से 1930 से 1933 तक साप्ताहिक पत्रिका स्वाधीन प्रजा का प्रकाशन विक्टर मोहन जोशी ने किया
  • 1930 में अल्मोड़ा में झण्डा सत्याग्रह का नेतृत्व मोहन जोशी ने किया 
  • अल्मोड़ा से 1922 में जिला समाचार नाम से समाचार-पत्र निकाला। जो 1925 में कुमाऊँ कुमुद नाम से निकलने लगा, इसका सम्पादन पूर्ण चन्द्र ने किया था
  • कुमाऊँ कुमुद के 1928 अंक में एक शीर्षक स्वतंत्रता की चाह नाम से एक लेख तथा 1943 के अंक में फासिज्म का दिवाला नाम से लेख लिखा था
  • कृपाराम मिश्र के सम्पादन में 1929 ई0 को गढ़देश समाचार पत्र का प्रकाशन कोटद्वार से हुआ था
  • 1934 से अल्मोडा में समता नामक साप्ताहिक पत्र का सम्पादन हरिप्रसाद टम्टा ने किया, दलितो के उत्थान के लिए पहला अंक 1 जून 1934 से निकला
  • उत्तराखण्ड की प्रथम दलित महिला पत्रकार लक्ष्मी देवी टम्टा ने भी समता का सम्पादन किया
  • 1934 ई0 में देवकीनन्दन ध्यानी ने हल्द्वानी से स्वर्गभूमि समाचार पत्र का सम्पादन किया 
  • 1936 ई0 में पौड़ी गढ़वाल से हितैषी नामक पत्र का सम्पादन पीताम्बर दत ने किया
  • 1937 ई0 में उत्थान नामक समाचार पत्र का सम्पादन ज्योति प्रसाद माहेश्वरी ने किया था
  • 1938 में कोटद्वार से संदेश नामक समाचार पत्र निकला इसका सम्पादन कृपाराम मिश्र और हरिराम मिश्र ने किया
  • 1939 में हल्द्वानी से जागृत जनता का प्रकाशन पीताम्बर पांडे ने किया
  • 1939 में लैंसडाउन से कर्मभूमि का प्रकाशन हुआ इसका सम्पादन भैरव दत धूलिया व भक्तदर्शन ने किया था
  • 1939 में अल्मोड़ा से सोबन सिह जीना ने पताका साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन किया था
  • 1942 ई० में रामप्रसाद बहुगुणा जी द्वारा चमोली में समाज नामक समाचार पत्र का सम्पादन किया
  • 1947 ई० में देहरादून में युगवाणी का प्रकाशन हुआ, टिहरी राज्य प्रजामंडल के बारे में लिखने के कारण इसे रियासती पत्र भी कहा गया, इस पत्र का सम्पादक भगवती प्रसाद पांथरी और आचार्य गोपेश्वर कोठियाल ने किया था
  • युगवाणी समाचार पत्र का पहला अंक प्रकाशित 15 अगस्त 1947 ई० को देहरादून से हुआ
  • 1948 में मसूरी से सत्यप्रसाद रतूडी ने हिमाचल नामक साप्ताहिक पत्रिका को निकाला 
  • 1947-48 में रानीखेत से जयदत वैला 'बकील' जी द्वारा प्रजाबंधु पत्र का सम्पादन किया 
  • 1948 में अल्मोडा से कुमाऊँ राजपूत अखबार निकला
  • राज्य का प्रकाशित प्रथम दैनिक पत्र पर्वतीय था


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