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उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध आन्दोलन/Famous Movements of Uttarakhand

 उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध आन्दोलन/Famous Movements of Uttarakhand

 उत्तराखण्ड प्रसिद्ध आन्दोलन

  • गाड़ी सडक आन्दोलन 1939-40- इस आन्दोलन का उददेश्य गरूड़ से कर्णप्रयाग व लैसडाउन से पौडी तक सडक निर्माण कराना था
  • कुली उतार आन्दोलन-ब्रिटिश अधिकारी जब किसी जगह यात्रा पर जाते तो उस जगह के लोगों को उनका सामान ढोना पड़ता था जिसके कारण यह आन्दोलन करना पड़ा.
  • कुली बेगार आन्दोलन-ब्रिटिश अधिकारियों का सामान निशुल्क ढोना पड़ता था 
  • कुली बर्दायश आन्दोलन ब्रिटिश अधिकारियों के लिए स्थानीय लोगों द्वारा निशुल्क भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती था
  • कुंजणी वन आन्दोलन 1903-04 टिहरी रियासत में इसके तहत राजस्व करों में वृद्धि के विरूद्ध हुआ, इस आन्दोलन का नेतृत्व अमर सिंह ने किया 
  • खास पट्टी वन आंदोलन- 1906-07 ई० में गढवाल क्षेत्र में हुआ था, इस आन्दोलन में जनता ने वन अधिकारी सदानंद गैरोला को रस्सी में बांध दिया था
  • कोटाखर्रा आंदोलन-इसके तहत तराई क्षेत्रों में भूमिहीन किसानों को जमीन उपलब्ध कराना था
  • कंकोड़ाखाल आंदोलन- यह आंदोलन चमोली जिले में अनुसूईया प्रसाद बहुगुणा के नेतृत्व में हुआ था
  • कनकटा बैल भ्रष्टाचार आंदोलन-यह आन्दोलन अल्मोड़ा के बड़ियार रैत गांव में बैल के कानों को काटकर उसकी बीमा राशि दो बार हड़प लेने के विरूद्ध चलाया गया आन्दोलन था
  • शराब विरोधी आंदोलन - इस आंदोलन के तहत उत्तराखण्ड संघर्ष वाहिनी ने 1984 ई0 में नशा नहीं रोजगार दो का नारा दिया 
  • विश्वविद्यालय आंदोलन - इसके तहत 1973 ई० को राज्य गढ़वाल विवि व कुमाऊँ विवि की स्थापना हुयी
  • पाणी राखो आन्दोलन- उफरैंखाल पौड़ी के युवाओं ने पानी की कमी दूर करने के लिए सच्चिदानंद भारती के नेतृत्व में आंदोलन चलाया गया
  • डूंगी-पैंतोली आंदोलन- इसके तहत चमोली जिले में बांज जंगल काटने के विरोध में हुआ था
  • रक्षा सूत्र आंदोलन- इसके तहत भिलंगना नदी क्षेत्र में पेड़ों की कटान रोकने के लिए पेडों पर रक्षा सूत्र बांधा, इसका नेतृत्व सुरेन्द्र सिंह ने 1994 ई0 में किया था
  • डाडामंडी आन्दोलन-भारत छोडो आन्दोलन के समय गढ़वाल में उमराव सिंह रावत के नेतृत्व में हुआ, जिसमें क्रांतिकारियों ने दुगड्डा क्षेत्र में दूरसंचार साधनों को क्षतिग्रस्त किया
  • हेवलघाटी आंदोलन-टिहरी में चूना पत्थर की अवैध खदान से सम्बन्धित आन्दोलन था
  • गुजडू आंदोलन- गुजडू को गढ़वाल का बारदोली कहा जाता है यह गढ़वाल में 1942 में रामप्रसाद नौटियाल के नेतृत्व में हुआ था
  • बाल सभा- मार्च 1935 ई० को टिहरी के सकलाना पट्टी के उनियाल गांव में सत्यप्रसाद रतूड़ी ने स्थापना की, जिसका उद्देश्य बालकों में देश भक्ति की भावना जगाना था बाल सभा | के सदस्यों ने केसरी पत्रिका का सम्पादन किया
  • जहरीखाल में झंडा सत्याग्रह का नेतृत्व बलदेव आर्य ने किया 
  • गोपाल सिंह राणा को टिहरी में आधुनिक किसान आन्दोलन का जन्म दाता कहा जाता है
  • प्रेरणा आन्दोलन इसके द्वारा बच्चों को पर्यावरण प्रहरी बनाने की पहल की गयी है, प्रेरणा आंदोलन अरूण थपलियाल जी द्वारा देहरादून के विकासनगर से प्रारम्भ किया है
  • बीज बचाओ आन्दोलन टिहरी के हैंवलघाटी से प्रारम्भ हुआ इस आंदोलन को विजय जड़धारी ने अपने गांव नागणी से शुरु किया था
  • हिमालय पर्यावरण शिक्षा संस्थान मातली, उतरकाशी के नेतृत्व में नदी बचाओ आन्दोलन राज्य भर में शरु हुआ
  • डीडीहाट के देवचूला पहाड़ी पर दामोदर सिंह राठौर ने स्मृति वन तैयार किया, इस कार्य के लिए सन् 2000 में दामोदर सिंह को वृक्षमित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है


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