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पंवार वंश में प्रयोग प्रमुख शब्दावली/Major terminology used in Panwar dynasty

पंवार वंश में प्रयोग प्रमुख शब्दावली

  • थात- भूमि
  • थातवान- भू स्वामी
  • खैकर- थातवान के कृषक 
  • सिरतान कृषि भूमि वार्षिक भोगी, जो भू-स्वामी को किराया देता है।
  • गूंठ या विष्णुप्रिती भूमि मन्दिरों को दान दी जाने वाली भूमि 
  • सदावर्त - वह अनुदान जो धर्मार्थ कार्यो के लिए उपयोग या तीर्थयात्रियों के भोजन आदि की व्यवस्था के लिए प्रयोग होता था 
  • हलिया- बड़े भू स्वामी खेतों में काम करने के लिये व्यवस्था थी
  • संजायत भूमि-वह भूमि जिसका बँटवारा नहीं किया गया जिसका स्वामित्व गाँव के सम्पूर्ण निवासियों के पास हो।
  • गूल- खेतों की सिंचाई के लिए बनाई गई छोटी नहर
  • नौला- भूमिगत जल को एकत्र करने के लिए बनाये जाते है
  • सिमार या गजार-भूमि का कीचड़ युक्त हिस्सा है खाल- वर्षा का जल संरक्षण के लिए बनाए जाते है
  • घराट- पनचक्की या आटा पीसने के लिए प्रयोग
  • पधान- गांव में राजस्व एकत्र करने का काम, वह धनराशि पटवारी को सौंप देता था, इसका पद वंशानुगत होता था। 
  • थोकदार- राज्य व पधान के मध्य राजस्व अधिकारी, थोकदार को कमीन या सयाना भी कहा जाता था
  • बेनाप भूमि-वेस्ट लैण्ड जिसमें गाँव का स्वामित्व होता था 
  • कैसरे हिन्द भूमि - बंजर भूमि या जहां कभी खेती न की गई हो, इसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास होता है

प्रसिद्ध गढ़वाली मुद्राएं

  • फतेहशाह ने अष्टकोण रजत मुद्रा जारी की थी जउ एक प्रकार की मुद्रा जो लद्दाख टकसाल में बनती थी
  • 1 तिमाशी बराबर 10 टका होता था
  • 40 टका बराबर एक गढवाली रूपया होता था
  • 50 टका बराबर एक फर्रुखाबादी रूपया होता था
  • टका व तिमाशी का प्रचलन ब्रिटिश शासन में बंद हो गया था

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