जानें क्या होता है इगास - बग्वाल:
- इगास पर्व दीपावली से 11 दिन बाद मनाया जाता ढोल नगाड़ों के साथ आग के चारों ओर लोक नृत्य किया जाता है
- कुमाऊं के क्षेत्र में इसे बूढ़ी दीपावली कहा जाता
- इगास- बग्वाल के दिन भैलो खेलने का विशेष महत्व है
- इस पर्व के दिन सुबह मीठे पकवान बनाये जाते हैं रात में स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है
- भैलो संग 11 दिन बाद मनाई
क्या होता है भैलो
इगास- बग्वाल के दिन भैलो खेलने का विशेष महत्व है यह चीड़ की लीसायुक्त लकड़ी से बनाया जाता है जहां चीड़ के जंगल न हों वहां लोग देवदार, भीमल या हींसर की लकड़ी आदि से भी भैलो बनाते हैं इन लकड़ियों के छोटे-छोटे टुकड़ों को एक साथ रस्सी से बांधा जाता है फिर इसे जला कर घुमाते हैं इसे ही भैलो खेलना कहा जाता है।
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