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उत्तराखंड राज्य सैनिक बोर्ड द्वारा देय सहायता /Assistance payable by Uttarakhand Rajya Sainik Board/

 


 योजनायें 

  • वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी धनराशि
  • विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों को एकमुश्त अनुदान राशि।
  • उत्तराखण्ड शहीद कोष अनुदान।
  • आवासीय सहायता अनुदान।
  • इंजिनियरिंग एवं मेडिकल शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति।
  • निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण।
  •  निःशुल्क भर्ती पूर्व प्रशिक्षण।


योजना का नाम:- वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी धनराशि

लाभ:- एकमुश्त धनराशि अधिकतम 50 लाख तथा न्यूनतम 4लाख दी जाती है। साथ ही वार्षिकी अधिकतम 3 लाख एवं न्यूनतम 40 हजार दी जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:- वीरता पदक से अलंकृत राज्य के सेवारत सैनिकों/पूर्व सैनिकों को एकमुश्त अनुदान/वार्षिकी अनुमन्य है। सैनिक के शहीद होने अथवा मृत्यु होने की दशा में निम्नानुसार अनुमन्य है :-

  • वीर नारी (पूरे जीवनभर अथवा दूसरा विवाह करने तक)।
  • पुत्र (25 वर्ष की आयु तक)/पुत्री  (विवाह हो ने तक)।
  • माता-पिता।
  • अविवाहित बहनें।
  • भाई (25 वर्ष की आयु तक)।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से आवेदन प्रारूप प्राप्त कर, संबंधित कार्यालय में ही जमा करना होता है। आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज :-आवेदक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति एवं निरस्त किया हुआ चैक, यदि आवेदक आश्रित हो तो आश्रित का पहचान पत्र, उत्तराखंड का मूलनिवास प्रमाणपत्र, की वीरता पदक से अलंकृत किये जाने के सम्बन्ध में गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रति, इस आशय का शपथ पत्र (रू 10 के स्टाम्प पेपर पर) कि वीरता पदक पर देय एकमुश्त अनुदान/वार्षिकी धनराशि किसी दूसरे राज्य से प्राप्त न किया हो और ना ही भविष्य में करूंगा/करूंगी, की छायाप्रति, यदि आवेदक भूतपर्व सैनिक हो तो डिस्चार्ज बुक की छायाप्रति।जिला सैनिक कल्याण कार्यालय स्तर पर आवेदनों की जांच के पश्चात् सही पाये गये आवेदकों को डी०बी०टी० के माध्यम से स्वीकृत धनराशि का भुगतान किया जाता है, जिसमें एकमुश्त तत्काल भुगतान की जाती है तथा वार्षिकी प्रतिवर्ष भुगतान की जाती है।

 

योजना का नाम:- विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों को एकमुश्त अनुदान राशि।

लाभ:- अधिकतम 2 लाख तथा न्यूनतम 75 हजार दी जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:- विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत राज्य केसेवारत सैनिक/पूर्व सैनिकों को एकमुश्त अनुदान अनुमन्य है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से आवेदन प्रारूप प्राप्त कर, संबंधित कार्यालय में ही जमा करना होता है। आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज :-आवेदक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति एवं निरस्त किया हुआ चैक, यदि आवेदक आश्रित हो तो आश्रित का पहचान पत्र, उत्तराखंड का मूलनिवास प्रमाणपत्र, की वीरता पदक से अलंकृत किये जाने के सम्बन्ध में गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रति, इस आशय का शपथ पत्र (रू 10 के स्टाम्प पेपर पर) कि वीरता पदक पर देय एकमुश्त अनुदान/वार्षिकी धनराशि किसी दूसरे राज्य से प्राप्त न किया हो और ना ही भविष्य में करूंगा/करूंगी, की छायाप्रति, यदि आवेदक भूतपर्व सैनिक हो तो डिस्चार्ज बुक की छायाप्रति।जिला सैनिक कल्याण कार्यालय स्तर पर आवेदनों की जांच के पश्चात् सही पाये गये आवेदकों को डी०बी०टी० के माध्यम से स्वीकृत धनराशि का भुगतान किया जाता है, जिसमें एकमुश्त तत्काल भुगतान की जाती है तथा वार्षिकी प्रतिवर्ष भुगतान की जाती है। परंतु उक्त दस्तावेजों के साथ विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत किये जाने के सम्बन्ध में गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रति संलग्न करनी होगी।

 


योजना का नाम:- उत्तराखण्ड शहीद कोष अनुदान।

लाभ:- रू0 10 लाख एकमुश्त अनुदान

पात्रता/लाभार्थी:- विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवा/आश्रित को अनुमन्य।

(1) शहीद के विवाहित होने की दशा में :-

(2)विधवा (वीर नारी)-विहित धनराशि 60%

(3)माता-पिता-विहित धनराशि 40%

(ख) परन्तु यह कि यदि माता-पिता जीवित नहीं है तो पूर्ण विहित धनराशि,

विधवा (वीर नारी) को दी जायेगी तथा जहां विधवा (वीर नारी) जीवित नहीं है तो  विहित धनराशि, का 40 प्रतिशत माता-पिता को तथा 60 प्रतिशत सभी आश्रित बच्चों में बराबर-बराबर बांट दिया जायेगा।

(ग) ऐसी स्थ्ति में जहां माता-पिता तथा विधवा (वीर नारी) जीवित नहीं है तो विहित धनराशि, सभी आश्रित बच्चों में बराबर-बराबर बांट दिया जायेगा।

(घ) ऐसी स्थिति में जहां विधवा (वीर नारी) जीवित न हो और बच्चे भी न हों तो सम्पूर्ण विहित धनराशि, माता-पिता को दिया जायेगा।

(ड़) ऐसी स्थिति में जहां शहीद अविवाहित अथवा विधुर हो, विहित धनराशि, माता-पिता को दिया जायेगा।

 

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से आवेदन प्रारूप प्राप्त कर, संबंधित कार्यालय में ही जमा करना होता है। आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज :-बैंक खाता पासबुक, यु़द्ध से सम्बंधित प्रारम्भिक रिपोर्ट, युद्ध अपघटना सम्बंधित अभिलेख कार्यालय/महानिदेशक कार्यालय का भाग-दो आदेश, शहीद सैनिक का बैटल क ग्रैय्जुटी  प्रमाण पत्र, आश्रितों का सम्बंधित अभिलेख कार्यालय/महानिदेशक कार्यालय द्वारा निर्गत नातेदारी प्रमाण पत्र, डिस्चार्ज बुक, आश्रितों का पहचान पत्र, जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास कार्यालय द्वारा अनुग्रह अनुदान भुगतान न किए जाने का प्रमाण पत्र, अर्द्धस ैनिक बल के लिए - महानिदेशक अर्द्धसैनिक बल द्वारा जारी बैटल क ग्रैय्जुटी /आप्रेशनल क ग्रैय्जुटी  का प्रमाण पत्र, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए - महानिदेशक केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल द्वारा जारी बैटल क ग्रैय्जुटी / आप्रेशनल क कैजुअल्टी का प्रमाण पत्र।जिला सैनिक कल्याण कार्यालय स्तर पर आवेदनों की जांच के पश्चात् सही पाये गये आवेदकों को डी.बी.टी. के माध्यम से स्वीकृत धनराशि का भुगतान किया जाता है।

 

 

 


 

योजना का नाम:- आवासीय सहायता अनुदान।

लाभ:- रू0 2 लाख एकमुश्त अनुदान।

पात्रता/लाभार्थी:- विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों में शहीद सैनिकों की विधवाओं/आश्रितों एवं युद्ध दिव्यांग सेवा मुक्त सैनिकों को पूरे जीवन में एक बार भवन निर्माण/मरम्मत हेतु अनुमन्य।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से आवेदन प्रारूप प्राप्त कर, संबंधित कार्यालय में ही जमा करना होता है। आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज :-शहीद सैनिक/युद्ध दिव्यांग सेवामुक्त सैनिक की बैटल कैजुल्टी रिपोर्ट की सत्यापित प्रतिलिपि, बैटल क ैजुल्टी का पाट र् टू आर्डर की सत्यापित प्रतिलिपि, आश्रितों का प्रमाण-पत्र, भवन निर्माण/मरम्मत के कार्य का आगणन कनिष्ठ/सहायक अभियंता द्वारा जारी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी द्वारा आवेदक को पूर्व में राज्य सरकार से आवासीय सहायता भुगतान न करने का प्रमाणपत्र।

जिला सैनिक कल्याण कार्यालय स्तर पर आवेदनों की जांच के पश्चात् सही पाये गये आवेदकों को डी.बी.टी. के माध्यम से स्वीकृत धनराशि का भुगतान किया जाता है।

 

 

 

योजना का नाम:- इंजिनियरिंग एवं मेडिकल शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति।

लाभ:-  इंजीनियरिंग -12 हजार,

मेडिकल-15 हजार,

पीएचडी-10 हजार, प्रतिवर्ष

पात्रता/लाभार्थी:- इंजिनियरिंग/मेडिकल एवं पी0एच0डी0 की कक्षाओं में अध्यनरत पूर्व सैनिकों के आश्रितों को अनुमन्य धनराशि भुगतान की जाती है।

नोट :- आवेदक का बैंक खाते एवं डिस्चार्ज बुक में सही नाम अंकित होना अनिवार्य है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आवेदक द्वारा सैनिक कल्याण विभाग की बेबसाईट www.sainikkalyan.org पर ऑनलाईन आवेदन किया जाता है। आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं :- आवेदक का आधार कार्ड, बैंक खाता, पूर्व सैनिक पहचान पत्र, डिस्चार्ज बुक, जिस कोर्स में अध्ययनरत हों, उसका प्रमाण पत्र।जिला सैनिक कल्याण कार्यालय एवं निदेशालय स्तर पर आवेदनों की जांच के पश्चात् सही पाये गये आवेदकों को डी.बी.टी. के माध्यम से कारगिल शहीद परिवार मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत धनराशि का भुगतान किया जाता है।

 

 

योजना का नाम:- निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण।

लाभ:- 01 वर्षीय कम्प्यूटर/एकाउंटिंगनिःशुल्क प्रशिक्षण।

पात्रता/लाभार्थी:- पूर्व सैनिक/सैनिक विधवा एंव उनके आश्रित, जिनकी शैक्षिक योग्यता 12वीं पास हों, हेतु अनुमन्य है, जिसमें उत्तराखण्ड के सभी जनपदों में निम्न प्रशिक्षण वर्तमान में

दिये जा रहे हैं :-

·       डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन और प्रोग्रामिंग अवधि- 01 वर्ष

·       डिप्लोमा इन प्रोफेशनल एकाउंटिंग अवधि- 01 वर्ष

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  सर्वप्रथम निदेशक सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा प्रचार-प्रसार के माध्यम से पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों से कोर्स हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं।आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं :-साधारण प्रार्थना पत्र, आधार कार्ड, पूर्व सैनिक पहचान पत्र, डिस्चार्ज बुक, 12वीं पास प्रमाण पत्र।इसके उपरांत संबंधित जिला सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था को नाम उपलब्ध करवाये जाते हैं तथा संबंधित संस्था आवेदकों को प्रशिक्षण शुरू किये जाने से पूर्व प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने हेतु सूचित करती है।

 

 

योजना का नाम:- निःशुल्क भर्ती पूर्व प्रशिक्षण।

लाभ:- सेना /अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस बल में भर्ती हेतु 8 सप्ताह का भर्ती पूर्व निशुल्क प्रर्शिक्षण।

पात्रता/लाभार्थी:- पूर्व सैनिकों के पुत्र जिनकी आयु 16 वर्ष से अधिक तथा 21 वर्ष से कम हो और  हाईस्कूल में 45 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हो, को निःशुल्क भर्ती पूर्व प्रशिक्षण दिया जाता है, प्रशिक्षण पर होने वाले समस्त व्यय (प्रशिक्षकों का मानदेय + खाना + आवास) का भुगतान निदेशालय सैनिक कल्याण द्वारा किया जाता है।

नोट :- वर्ष में 5 कोर्सो का संचालन किया जाता है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  जिला सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा प्रचार- प्रसार के माध्यम से पूर्व सैनिकों के पुत्रों से आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं :- साधारण प्रार्थना पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, शैक्षिक संबंधी प्रमाण पत्र (कम से कम हाई स्कूल/हायर सेकेन्डरी परीक्षा उत्तीर्ण), चिकित्सा प्रमाण पत्र, पूर्व सैनिक पहचान पत्र, डिस्चाज र् बुक।उक्त दस्तावेजों के साथ संबंधित जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में जमा किया जाता है। इसके उपरांत प्रतिभाग करने वाले प्रशिक्षणार्थियों  को प्रशिक्षण हेतु सूचित किया जाता है। तदोपरान्त् राज्य के गढ़वाल गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल में प्रशिक्षण शुरू किया जाता है।