योजनायें :-
- ECCE (प्रारंम्भिक शिशु देखभाल एवं शिक्षा)
- कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका (छात्रावास)
- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास कुल 13 छात्रावास देहरादून(बनियावाला, आराघर, झड़ीपानी, नाभाहाउस-ऋषिकेश) हरिद्वार (अलीपुर, लालढांग, मोहितपुर), पौड़ी (श्रीनगर, पीठसैंण), चम्पावत एवं ऊधमसिंहनगर (गदरपुर, काशीपुर, सितारगंज)
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
- प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पी0एम0 पोषण)
- व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम
योजना का नाम:- ECCE (प्रारंम्भिक शिशु देखभाल एवं शिक्षा)
लाभ:-
राज्य के राजकीय विद्यालय के परिसर में संचालित
को-लोकेटेड आंगनबाडी केन्द्रों में
अवस्थापना विकास (फर्नीचर, टी0एल0एम0, चाइल्ड, फै्रडंली
फर्नीचर) सम्बन्धी सुविधा
उपलब्ध कराना। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिका का प्रशिक्षण। बच्चों
की विद्यालय पूर्व तैयारी एवं
कक्षा- 1 में प्रवेश से पूर्व बच्चा
संज्ञानात्मक एवं मनोवैज्ञानिक
कौशल प्राप्त कर सके।
पात्रता/लाभार्थी:-
3 से 6 आयु के बालक/बालिका अर्ह होंगे। 6
वर्ष का अभिप्राय है कि
बालक या बालिका द्वारा शैक्षिक
सत्र प्रारम्भ होने की तिथि को 06 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पूर्व की अवस्था।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- बच्चे को संबंधित को-लोकेटड आंगनबाडी
केन्द्रों में ले जाना पडता है तथा साथ में
बच्चे का आधार कार्ड अथवा जन्म प्रमाण पत्र, जिससे आयु प्रमाणित हो सके, ले जाना पडता है, जो बच्चे के प्रवेष पंजीकरण के लिए अनिवार्य है। प्रवेष निःशुल्क
है तथा बच्चे का प्रवेष 3
वर्श से 6
वर्श की आयु के बीच कभी भी कर सकते हैं। राजकीय विद्यालय के परिसर में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों/बालवाटिका में सेवित
क्षेत्रान्तर्गत निर्धारित आयु वर्ग के समस्त बच्चों
का पंजीकरण।
योजना का
नाम:- कस्तूरबा
गांधी आवासीय बालिका (छात्रावास)
लाभ:-
छात्रावासों में उच्च प्राथमिक स्तर पर तथा माध्यमिक स्तर (कक्षा-6 से कक्षा-12 तक) पर विभिन्न
अपवंचित समूह की बालिकाऐं
जैसे-सामाजिक अपवंचित
वर्ग (अनुसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा
वर्ग) एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग
एवं विशेष आवश्यकता वाली बालिकाओं को चिन्हित एवं नामांकित किया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:-
योजना में लक्षित समूह
के दृ ष्टिगत एस०सी०, एस0टी0, ओ०बी०सी०
तथा अल्पसंख्यक समुदाय
से 75% बालिकाओं को के०जी0बी0वी0 में नामांकन हेतु प्राथमिकता दी जायेगी तथा शेष 25% गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की बालिकाओं
हेतु। उक्त के अतिरिक्त ऐसी बालिकाएं जो कि आर्थिक रूप से
पिछड़े वर्ग (जिनकी वार्षिक आय
रू0 55,000 से कम हो अथवा जिन बालिकाओं के माता-पिता
अथवा माता-पिता में से कोई एक
जीवित न हों, भी
पात्र हांेगें।
योजना का
नाम:- नेताजी
सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास कुल 13 छात्रावास देहरादून
(बनियावाला, आराघर, झड़ीपानी, नाभाहाउस-ऋषिकेश) हरिद्वार
(अलीपुर, लालढांग, मोहितपुर), पौड़ी (श्रीनगर, पीठसैंण), चम्पावत एवं ऊधमसिंहनगर (गदरपुर, काशीपुर, सितारगंज)
लाभ:-
छात्रावासों में निवासित सभी बच्चे औपचारिक शिक्षा हेतु निकटस्थ
विद्यालयों में नांमाकित
किये जाते है। छात्रावास के अन्तर्गत
समस्त सुविधाएं निःशुल्क रूप से
प्रदान की जाती है। बच्चों
को रू0 200/- प्रतिमाह काैजपचमदक
भी दिया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:-
उम्र 6
से 18 वर्ष की आयु के ऐसे बालक-बालिकाओं को निःशुल्क छात्रावास की सुविधा दी जाती है, जो बीपीएल परिवार अथवा जिनके परिवार की वार्षिक आय
रू० 55,000/- से कम हो अथवा एस0सी0/ एस0टी0 /ओ०बी०सी० तथा अल्पसंख्यक समुदाय से हो। अथवा जिन बालक-बालिकाओं के माता -पिता
अथवा माता-पिता में से कोई
एक जीवित न हों, अथवा दिव्यांग
बालक-बालिका हो, अथवा कूडा
बीनने वाले/भीख मांगने वाले
बच्चे, शहरी अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चे।
योजना का
नाम:- शिक्षा
का अधिकार अधिनियम 2009
लाभ:-
अधिनियम की धारा 12(1)(ब) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के
कमजोर एवं अपवंचित वर्ग के ग्रामीण
एवं शहरी बच्चों को निजी
विद्यालयों में कक्षा 8 तक
निःशुल्क शिक्षा, पाठ्य पुस्तकें, गणवेश
एवं पीएमपोषण योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। निजी
विद्यालयों की सबसे न्यूनतम
कक्षा में कुल सीटों की 25
प्रतिशत सीटें, शिक्षा के अधिकार
अधिनियम की धारा 12 (1) (ब) के अन्तर्गत कमजोर एवं अपवंचित वर्ग के बच्चों के
लिए आरक्षित होती हैं।
योजना का नाम:- प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पी0एम0 पोषण)
लाभ:-
राजकीय विद्यालय में संचालित
को-लोकेटेड आंगनबाडी केन्द्र, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में
अध्ययनरत बच्चों को कार्य दिवसों पर दोपहर का पौष्टिक भोजन मौसमानुसार फल, अण्डा, दूध आदि दिया जाता है।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- राजकीय तथा राजकीय
सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चे का एडमिशन करने
के उपरान्त उक्त लाभ बच्चे को स्कूल में ही दिया जाता है।
योजना का नाम:- व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम
लाभ:-
कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित विद्यालयों के कक्षा-9 से 12 में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को
अकादमिक शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक व्यावसायिक शिक्षा
प्रदान करने हेतु छैफथ् के अन्तर्गत भारत सरकार से
स्वीकृ त 08 सेक्टर संचालित किये जा रहे
हैं, जिसमें छात्र-छात्राओं को व्यवसायपरक
शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिया
जाता है ।
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