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उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा दी जाने वाली योजनायें /Schemes offered by Uttarakhand Building and Other Construction Workers Welfare Board, Labor Department, Uttarakhand

 


योजनायें :- 

  • श्रमिक कार्ड एवं श्रमिक  कार्ड का नवीनीकरण
  • पुत्र/पुत्री शिक्षा  सहायता
  • टूल-किट सहायता
  • साईकिल/ सिलाई  मशीन सहायता  
  • सौर उर्जा सहायता
  • छाता सहायता
  • सैनेट्री नैपकीन
  • शौचालय निर्माण  आर्थिक सहायता  (02 किश्तों में) 
  •  भवन क्रय अथवा  निर्माण हेतु
  •  प्रसूति आर्थिक  सहायता  
  • पुत्री विवाह आर्थिक  सहायता  
  • निःशक्ता पेंशन
  • वृद्धा पेंशन प्रक्रिया  (60 वर्ष पूर्ण होने  पर)  
  • वृद्धा पेंशन (65 वर्ष  पूर्ण होने पर)  
  • कुटुम्ब पेंशन
  • मृत्योपरान्त अर्थिक  सहायता  


योजना का नाम:- श्रमिक कार्ड एवं श्रमिक  कार्ड का नवीनीकरण

 लाभ:- भवन एवं सन्निर्माण  कर्मकार कल्याण बोर्ड  की समस्त योजनाओ  का लाभ लेने हेतु, यह  कार्ड अनिवार्य है। यह कार्ड भवन एवं  सन्निर्माण कर्मकार की  पहचान के रूप में भी  उपयोग किया जा  सकता है।

  पात्रता/लाभार्थी:- सरकारी एवं ग़ैर सरकारी  भवनों के निर्माण और अन्य  निर्माण कार्यां जैसे पुल  ,सड़क, हवाईपट्टी, सिंचाई,  पानी निकासी, तटबन्ध,  सुरंग, बाढ़ नियन्त्रण,  विद्युत उत्पादन, पारेषण  एवं वितरण, जल -कल,  तेल एवं गैस इन्स्टालेशन,  बांध, नहर, जलाशय, पाइप  लाईन, टावर, टेलीविजन,  टेलीफोन-मोबाइल टावर  आदि से संबंधित निर्माण  कार्य मरम्मत, रख-रखाव  आदि में कार्य कर रहे  कामगार, मनरेगा कामगार (मजदूर, मिस्त्री, प्लम्बर,  इलैक्टि्रशियन आदि) भवन  एवं अन्य सन्निर्माण  कर्मकार, पात्र होंगे। उक्त कर्मकारों की आयु  18 से 60 वर्ष के मध्य  तथा पिछले वर्ष में 90 दिन  निर्माण श्रमिक/अन्य  निर्माण संबंधी कार्य किये  जाने का प्रमाण पत्र होना  अनिवार्य है।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार, श्रमिक कार्ड हेतु अपना  पंजीकरण/नवीनीकरण नजदीकी जन सुविधा केन्द्र अथवा श्रमिक सुविधा  केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाईन करेगा। ऑनलाइन आवेदन करने हेतु  प्रार्थना पत्र के साथ पासपोर्ट आकार के 02 फाेटाे चाहिए। उम्र के निर्धारण  हेतु- 10वीं का प्रमाण पत्र/जन्म प्रमाण पत्र/किसी चिकित्साधिकारी का  प्रमाण-पत्र/नोटरी सत्यापित निर्माण श्रमिक का शपथ-पत्र/वाेटर  पहचानपत्र/राशन कार्ड/ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान अथवा पार्षद  द्वारा जारी प्रमाण-पत्र, में से कोई एक प्रमाण पत्र।  विगत वर्ष में कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य करने का  प्रमाण-पत्र तथा निर्माण श्रमिक द्वारा अपने क़ानूनी वारिसो के नामांकन हेतु  नामांकन- पत्र भी भरा जाना आवश्यक है। श्रमिक का आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता जो आधार लिंक/सीड हो,  स्वप्रमाणन/स्वघोषणा पत्र (जो जन सुविधा केन्द्र अथवा श्रमिक सुविधा  केन्द्रों में ही मिल जायेगा) तथा आश्रितों के आधार कार्ड की आवश्यकता  होगी। उक्त दस्तावेज अपलोड करने के उपरांत रू0 100/- (सौ रूपये मात्र)  पंजीकरण शुल्क जमा करना होता है। उसके उपरांत आवेदक का  ऑनलाइन आवेदन संबंधित विभाग को जाता है। विभाग द्वारा दस्तावेज सही पाये जाने/जांच में सही पाये जाने पर, श्रमिक पंजिका में पंजीकृत करेंगे  तथा जिस क्रमांक पर निर्माण श्रमिक का नाम दर्ज होगा वही क्रमांक उसकी  पंजीयन संख्या होगी।  पंजीकरण अधिकारी द्वारा निर्माण श्रमिक का पंजीकरण करके फोटो युक्त  पहचान- पत्र जारी किया जायेगा, जिसे श्रमिक संबंधित विभाग के जन  सुविधा केन्द्र से प्राप्त कर सकते हैं अथवा श्रम विभाग के कार्यालय से प्राप्त  कर सकते हैं। यह कार्ड तीन वर्ष तक वैध होता है।  नवीनीकरण- तीन वर्ष पूर्ण होने से पहले ही नवीनीकरण हेतु आवेदन करना  पड़ता है। प्रत्येक तीन वर्ष के लिए एक सौ रुपये मात्र का अभिदाय निर्माण  श्रमिक को जमा करना आवश्यक होगा। यदि कोई श्रमिक कार्ड का  नवीनीकरण नहीं करेगा तो आगामी समय में लाभ लेने हेतु पात्र नहीं होगा,  परंतु प्राधिकृत अधिकारी की अनुमति से सदस्यता बकाया राशि के साथ  प्रत्यावर्तित हो सकेगी, यह सुविधा भी 2 बार से अधिक नहीं होगी।
 

 
 योजना का नाम:-  पुत्र/पुत्री शिक्षा  सहायता  

लाभ:- निर्माण श्रमिक की पुत्र/पुत्री की शिक्षा  हेतु निम्नवत धनराशि वार्षिक दी जाती है :-  कक्षा 1 से 5 तक रू0  1,800/- कक्षा 6 से 10  तक रू0 2,400/- कक्षा 11 से 12  तक रू0 3,000/- स्नातक परास्नातक  अथवा उसके समकक्ष  उपाधि रू0 10000ध्. व्यावसायिक  पाठ्यक्रम/कोस र् करने  पर, जैसे  आई0टी0आई0,  पॉलटैक्निक, एवं उच्च  शिक्षा हेतु कोसर् की  फीस राजकीय  संस्थाओं /कॉलेज के  अनुसार देय होगी।

 पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक के 02 बच्चों हेतु। जिस वर्ष कक्षा 1 से  परास्नातक तक की  कक्षाओ में प्रवेश किया हो  उसी वित्तीय वर्ष में माह  नवम्बर से अगले शिक्षा  सत्र (अगला वित्तीय वर्ष)  के माह जून तक आवेदन  करना होगा इसके पश्चात  प्राप्त होने वाले आवेदनों  पर बोर्ड द्वारा विचार नहीं  किया जाएगा। शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता वार्षिक आधार पर दी जाती  है।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  निर्माण श्रमिक द्वारा ऑनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से  करना होगा। आवेदन के दौरान श्रमिक कार्ड, श्रमिक का आधार काड र्,  मोबाइल नंबर, बैंक खाता, बच्चों का आधार कार्ड, बच्चों की गत् वर्ष की अंकतालिका की सत्यापित प्रति (कक्षा 01 के लिए आवश्यक नहीं), शैक्षिक  संस्था द्वारा अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र एवं स्वघोषणा पत्र। इस संबंध  में किसी अन्य विभाग/सरकार से सहायता न ली हो, का प्रमाण-पत्र,  संलग्न करना होता है। उसके उपरांत विभाग द्वारा जांच की जाती है, जांच  में सही पाये जाने पर सम्पूर्ण शैक्षणिक सत्र हेतु आर्थिक सहायता एक बार  में ही श्रमिक के खाते में उपलब्ध करायी जायेगी।  
 
 
योजना का नाम:- टूल-किट सहायता
लाभ:- रू0 10,000/- की  सीमा तक टूल- किट  सहायता दी जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार कार्ड,  स्वघोषणा प्रमाण पत्र, जमा करना होता है। विभागीय जांच के उपरांत  निर्माण श्रमिक को, टूलकिट यथा हाथ के दस्ताने, निर्माण संबंधी टूल आदि  दिये जाते हैं। सम्पूर्ण जीवनकाल में केवल 01 बार लाभार्थी को लाभ मिलेगा।  
 
योजना का नाम:- साईकिल/ सिलाई  मशीन सहायता  
लाभ:- मैदानी क्षेत्र के निर्माण  श्रमिकों को साईकिल  तथा पर्वतीय क्षेत्र के  निर्माण श्रमिकों अथवा  उनके आश्रित को  सिलाई मशीन उपलब्ध  करायी जाती है।  

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक अथवा उनके आश्रित।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार काड र् तथा स्वघोषणा प्रमाण-पत्र जमा करना करना होता है। विभागीय जांच में  सही पाये जाने के उपरांत साइकिल/सिलाई मशीन विभाग द्वारा, निर्माण  श्रमिकों को बुलाकर दी जाती है। यह सम्पूर्ण जीवनकाल में केवल एक बार  दी जाती है।
 
योजना का नाम:- सौर उर्जा सहायता
 लाभ:- सौर ऊर्जा प्लेटें/  पैनल मिलेगा तथा  रख-रखाव एवं सर्विस चार्ज के लिए संबंधित  आपूर्तिकर्ता से सम्पर्क  करना होगा।   

 पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक के परिवार को।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार कार्ड,  स्वघोषणा प्रमाण पत्र, इस संबंध में किसी अन्य विभाग से लाभ न लिए जाने का प्रमाण पत्र संलग्न करना होता है। विभागीय जांच में सही पाये जाने के  उपरांत सौर ऊर्जा प्लेटें/पैनल, विभाग द्वारा संबंधित आपूर्तिकर्ता/डीलर से  उपलब्ध करवाये जाते हैं। यह सम्पूर्ण जीवनकाल में केवल एक बार लाभार्थी  को मिलता है।
  

योजना का नाम:- छाता सहायता
लाभ:- धूप तथा बारिश से  बचाव हेतु छाता  उपलब्ध कराया जाता  है।

 पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार कार्ड,  स्वघोषणा प्रमाण पत्र, इस संबंध में किसी अन्य विभाग से लाभ न लिए जाने का प्रमाण पत्र संलग्न करना होता है। विभागीय जांच में सही पाये जाने के  उपरांत सौर ऊर्जा प्लेटें/पैनल, विभाग द्वारा संबंधित आपूर्तिकर्ता/डीलर से  उपलब्ध करवाये जाते हैं। यह सम्पूर्ण जीवनकाल में केवल एक बार लाभार्थी  को मिलता है।
 

योजना का नाम:- सैनेट्री नैपकीन
लाभ:- निःशुल्क सैनेट्री  नैपकीन उपलब्ध  कराया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:-   उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक की बालिकाऑ एवं  महिला श्रमिकों हेतु।  

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार कार्ड,  स्वघोषणा प्रमाण पत्र, इस संबंध में किसी अन्य विभाग से लाभ न लिए जाने  का प्रमाण पत्र संलग्न करना होता है। उसके उपरांत विभाग द्वारा सैनेट्री  नैपकिन उपलब्ध करवाये जाते हैं।
  

योजना का नाम:- शौचालय निर्माण  आर्थिक सहायता  (02 किश्तों में)  
लाभ:- कुल रू0  12,000/-की धनराशि  दी जाती है, जो दो  किस्तों में दी जाती है (प्रथम किस्त रू0  8,000.00 एवं द्वितीय  किस्त रू0 4,000.00)

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन के दौरान श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, बैंक  खाता जो आधार से लिंक हो, शौचालय निर्माण संबंधी फोटो श्रमिक भी उस  फोटो में उपस्थित हो तथा फोटो में शौचालय में पक्की दीवारें, लिंटर वाली  छत, टैंक, पानी की व्यवस्था, सीट का लगा होना, भी आना चाहिए। जिस जमीन पर शौचालय निर्माण किया है, उसका जमीन संबंधी दस्तावेज  जैसे दाखिल खारिज/खतौनी/रजिस्ट्री आदि अथवा भूमि स्वामित्व संबंधी  प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, संलग्न करने होंगे। किसी अन्य  योजना से इसका लाभ न लिए जाने एवं अन्य विभाग में लाभ हेतु आवेदन  न किये जाने का शपथ पत्र, लगाकर आवेदन करना होता है। विभागीय  जांच में सही पाये जाने पर प्रथम किस्त का भुगतान खाते में किया जाता है  तथा निर्माण पूर्ण होने के उपरांत 01 माह बाद पुनः दूसरी किस्त के लिए  समस्त दस्तावेजों के साथ आवेदन करना पड ़ता है तथा दूसरी किस्त रू0  4000/- भुगतान की जाती है।
 
योजना का नाम:- भवन क्रय अथवा  निर्माण हेतु
लाभ:- भवन क्रय/ निर्माण  हेतु रू0 50,000/-  की धनराशि ऋण के  रूप में मकान खरीदने  अथवा निर्माण करने  हेतु प्रदान की जाती है। इस ऋण पर कम  से कम 5 प्रतिशत  वार्षिक दर से ब्याज  भी देय है।

  पात्रता/लाभार्थी:-   उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक। भवन क्रय निर्माण हेतु  अगि्रम ऋण प्राप्त करने के लिए कर्मकार को पांच वर्षों  से निधि का सदस्य होना  तथा अधिवर्षता/  सेवानिवृत्ति उम्र में कम  से कम 15 वर्ष का समय  शेष होना आवश्यक है।  

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-   आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता तथा आवेदक  द्वारा इस संबंध में किसी अन्य विभाग से कोई सहायता न ली गयी हो, का  स्वहस्तलिखित प्रमाण पत्र, स्वघोषणा प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।  विभागीय जांच में सही पाये जाने पर अगि्रम धनराशि भुगतान की जाती है, जिस पर प्रतिमाह 5 प्रतिशत की दर से ब्याज भी श्रमिक द्वारा भुगतान  किया जाता है। अग्रिम आहरित होने की तिथि से 06 माह के भीतर बोर्ड के सचिव को काय र् पूर्ण होने का प्रमाण प्रस्तुत किया जाएगा। अगि्रम के रूप में स्वीकृत  धनराशि की वसूली बोर्ड द्वारा निर्धारित समान किश्तों में की जाएगी।

 
 योजना का नाम:- प्रसूति आर्थिक  सहायता  
लाभ:- रू0 6 हजार प्रति पुत्र /पुत्री (लेकिन यह  केवल दो पुत्र/पुत्री  हेतु ही है।)

 पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक की पुत्र/पुत्री  (केवल 2) हेतु प्रसूतावस्था वाली निर्माण  श्रमिक।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-   आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, 0एन0सी0 कार्ड तथा प्रसूति के संबंध में  चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, किसी अन्य विभाग से कोई सहायता  न लेने का, स्वहस्तलिखित प्रमाण पत्र तथा स्वघोषणा प्रमाण पत्र संलग्न  करना होगा। आवेदन प्रसूति की तारीख से 01 वर्ष के भीतर आवेदन करना  अनिवार्य है। यह सुविधा 02 बच्चाें के जन्म पर ही दी जाती है 3 बच्चे के  जन्म पर यह सुविधा नहीं दी जायेगी। आवेदन के उपरांत विभाग द्वारा जांच  की जाती है। जांच में सही पाये जाने पर विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक के खाते में धनराशि का भुगतान किया जाता है।  

 योजना का नाम:- पुत्री विवाह आर्थिक  सहायता  
लाभ:- रू0 51 हजार प्रति  विवाह  (दो पुत्रियों/स्वयं के  विवाह हेतु)।

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक एवं उनकी 2  पुत्रियों के विवाह हेतु।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, श्रमिक का बैंक खाता, शादी का कार्ड,  वर-वधू के आधार कार्ड तथा विवाह होने के उपरांत पंजीकरण प्रमाण पत्र,  किसी अन्य विभाग से कोई सहायता न लेने का स्वहस्तलिखित प्रमाण पत्र  तथा स्वघाेषणा प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। आवेदन विवाह की तिथि  से 01 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा। आवेदन के उपरांत  विभाग द्वारा जांच की जाती है। जांच में सही पाये जाने पर विभाग द्वारा  निर्माण श्रमिक के खाते में धनराशि का भुगतान किया जाता है।
 
योजना का नाम:- निःशक्ता पेंशन

लाभ:- रू0 1,000/- प्रति  माह एवं अनुग्रह  राशि रू0 40,000/-  दी जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक, जो लकवा, कुष्ठ  रोग, तपेदिक, दुर्घटना  आदि के कारण स्थाई रूप  से निःशक्त हो गये हों।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड, स्थायी रूप से निःशक्त  होने का चिकित्सा प्रमाण पत्र, जो राजकीय सी0एम0एस0/सी0एम00  द्वारा बनाया गया हो, किसी भी योजना से लाभ न लिये जाने का शपथ  पत्र, स्वघोषणा प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। श्रमिक को स्थायी  रूप से निःशक्त होने की तिथि से 01 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य  है। आवेदन के उपरांत विभाग द्वारा जांच की जाती है। जांच में सही पाये  जाने पर विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक के खाते में प्रतिमाह रू. 1000/- तथा  अनुग्रह राशि एकमुश्त रू. 40 हजार का भुगतान किया जाता है।  
 

योजना का नाम:- वृद्धा पेंशन प्रक्रिया  (60 वर्ष पूर्ण होने  पर)  
लाभ:- रू0 1,000/-  प्रतिमाह, पेंशन दी  जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  ऑनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन के दौरान श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक, स्वघोषणा  प्रमाणपत्र तथा किसी भी योजना का लाभ प्राप्त न किये जाने का शपथ पत्र  की आवश्यता होती है। विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर, पेंशन छमाही आधार पर मिलने लग जाती है तथा छः माह पर श्रमिक को  जीवित होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा।

 
योजना का नाम:- वृद्धा पेंशन (65 वर्ष  पूर्ण होने पर)  
लाभ:- रू0 1,500.00  प्रतिमाह।  

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन पत्र के साथ पूर्व श्रमिक कार्ड एवं बोर्ड से पेंशन प्राप्त करने संबंधी प्रमाण-पत्र, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, किसी भी योजना का लाभ प्राप्त न किये  जाने का शपथ पत्र संलग्न करना होता है। विभागीय जांच/परीक्षण में सही  पाये जाने पर, पेंशन मिलने लग जाती है।

 
योजना का नाम:- कुटुम्ब पेंशन

लाभ:- रू0 500.00 प्रति  माह या पेंशन भोगी  की  पेंशन का 50% जो भी  अधिक हो।

पात्रता/लाभार्थी:-   उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिक, जो पेंशनभोगी हो,  उसकी मृत्यु होने की दशा  में पति/पत्नी को मिलेगी।  
 
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  आवेदन के दौरान स्वघाेषणा प्रमाण पत्र, मृतक श्रमिक का श्रमिक काड र्,  मृतक श्रमिक का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि संलग्न करने होंगे।  कुटुम्ब पेंशन हेतु आवेदन पेंशनभोगी की मृत्यु की तिथि से 03 माह के  भीतर आवेदन करना होगा। विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर,  पेंशन मिलने लग जाती है।

 
योजना का नाम:- मृत्योपरान्त अर्थिक  सहायता  
लाभ:- रू0 2 लाख (सामान्य  मृत्यु होने पर) रू0 04 लाख (दुर्घटना  से कारित मृत्यु की  दशा में)

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण  बोर्ड में पंजीकृत निर्माण  श्रमिकों के आश्रितों को,  जिनके नाम आश्रित के  रूप में श्रमिक कार्ड में  उल्लिखित हो।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है,  ऑनलाईन आवेदन पंजीकृत निर्माण श्रमिक के नामित आश्रित द्वारा किया  जाएगा, जिसका नाम श्रमिक के श्रमिक कार्ड में उल्लिखित हो, श्रमिक की  मृत्यु की तिथि से 01 साल के अन्तग र्त आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन  के दौरान स्वघोषणा प्रमाण पत्र, मृतक श्रमिक का श्रमिक कार्ड, आधार काड र्,  मृत्यु प्रमाण पत्र, दुर्घटना होने की स्थिति में, दुर्घटना संबंधी प्रमाण, आश्रित  का आधार कार्ड एवं बैंकखाता विवरण संलग्न करना होगा तथा किसी अन्य योजना से यह लाभ प्राप्त न किये जाने का शपथ पत्र भी लगाना होगा।  विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर, आर्थिक सहायता मिल जाती  है।