योजनायें :-
- श्रमिक कार्ड एवं श्रमिक कार्ड का नवीनीकरण
- पुत्र/पुत्री शिक्षा सहायता
- टूल-किट सहायता
- साईकिल/ सिलाई मशीन सहायता
- सौर उर्जा सहायता
- छाता सहायता
- सैनेट्री नैपकीन
- शौचालय निर्माण आर्थिक सहायता (02 किश्तों में)
- भवन क्रय अथवा निर्माण हेतु
- प्रसूति आर्थिक सहायता
- पुत्री विवाह आर्थिक सहायता
- निःशक्ता पेंशन
- वृद्धा पेंशन प्रक्रिया (60 वर्ष पूर्ण होने पर)
- वृद्धा पेंशन (65 वर्ष पूर्ण होने पर)
- कुटुम्ब पेंशन
- मृत्योपरान्त अर्थिक सहायता
योजना का नाम:- श्रमिक कार्ड एवं श्रमिक कार्ड का नवीनीकरण
लाभ:- भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की समस्त योजनाओ का लाभ लेने हेतु, यह कार्ड अनिवार्य है। यह कार्ड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार की पहचान के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
लाभ:- निर्माण श्रमिक की पुत्र/पुत्री की शिक्षा हेतु निम्नवत धनराशि वार्षिक दी जाती है :- कक्षा 1 से 5 तक रू0 1,800/- कक्षा 6 से 10 तक रू0 2,400/- कक्षा 11 से 12 तक रू0 3,000/- स्नातक⁄ परास्नातक अथवा उसके समकक्ष उपाधि रू0 10ए000ध्. व्यावसायिक पाठ्यक्रम/कोस र् करने पर, जैसे आई0टी0आई0, पॉलटैक्निक, एवं उच्च शिक्षा हेतु कोसर् की फीस राजकीय संस्थाओं /कॉलेज के अनुसार देय होगी।
योजना का नाम:- टूल-किट सहायता
लाभ:- रू0 10,000/- की सीमा तक टूल- किट सहायता दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक
योजना का नाम:- साईकिल/ सिलाई मशीन सहायता
लाभ:- मैदानी क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों को साईकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों अथवा उनके आश्रित को सिलाई मशीन उपलब्ध करायी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक अथवा उनके आश्रित।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार काड र् तथा स्वघोषणा प्रमाण-पत्र जमा करना करना होता है। विभागीय जांच में सही पाये जाने के उपरांत साइकिल/सिलाई मशीन विभाग द्वारा, निर्माण श्रमिकों को बुलाकर दी जाती है। यह सम्पूर्ण जीवनकाल में केवल एक बार दी जाती है।
योजना का नाम:- सौर उर्जा सहायता
योजना का नाम:- छाता सहायता
लाभ:- धूप तथा बारिश से बचाव हेतु छाता उपलब्ध कराया जाता है।
योजना का नाम:- सैनेट्री नैपकीन
लाभ:- निःशुल्क सैनेट्री नैपकीन उपलब्ध कराया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की बालिकाऑ एवं महिला श्रमिकों हेतु।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति, आधार कार्ड, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, इस संबंध में किसी अन्य विभाग से लाभ न लिए जाने का प्रमाण पत्र संलग्न करना होता है। उसके उपरांत विभाग द्वारा सैनेट्री नैपकिन उपलब्ध करवाये जाते हैं।
योजना का नाम:- शौचालय निर्माण आर्थिक सहायता (02 किश्तों में)
लाभ:- कुल रू0 12,000/-की धनराशि दी जाती है, जो दो किस्तों में दी जाती है (प्रथम किस्त रू0 8,000.00 एवं द्वितीय किस्त रू0 4,000.00)
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक
योजना का नाम:- भवन क्रय अथवा निर्माण हेतु
लाभ:- भवन क्रय/ निर्माण हेतु रू0 50,000/- की धनराशि ऋण के रूप में मकान खरीदने अथवा निर्माण करने हेतु प्रदान की जाती है। इस ऋण पर कम से कम 5 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देय है।
लाभ:- रू0 6 हजार प्रति पुत्र /पुत्री (लेकिन यह केवल दो पुत्र/पुत्री हेतु ही है।)
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्र/पुत्री (केवल 2) हेतु प्रसूतावस्था वाली निर्माण श्रमिक।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, ए0एन0सी0 कार्ड तथा प्रसूति के संबंध में चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, किसी अन्य विभाग से कोई सहायता न लेने का, स्वहस्तलिखित प्रमाण पत्र तथा स्वघोषणा प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। आवेदन प्रसूति की तारीख से 01 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। यह सुविधा 02 बच्चाें के जन्म पर ही दी जाती है 3 बच्चे के जन्म पर यह सुविधा नहीं दी जायेगी। आवेदन के उपरांत विभाग द्वारा जांच की जाती है। जांच में सही पाये जाने पर विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक के खाते में धनराशि का भुगतान किया जाता है।
लाभ:- रू0 51 हजार प्रति विवाह (दो पुत्रियों/स्वयं के विवाह हेतु)।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं उनकी 2 पुत्रियों के विवाह हेतु।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, श्रमिक का बैंक खाता, शादी का कार्ड, वर-वधू के आधार कार्ड तथा विवाह होने के उपरांत पंजीकरण प्रमाण पत्र, किसी अन्य विभाग से कोई सहायता न लेने का स्वहस्तलिखित प्रमाण पत्र तथा स्वघाेषणा प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। आवेदन विवाह की तिथि से 01 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा। आवेदन के उपरांत विभाग द्वारा जांच की जाती है। जांच में सही पाये जाने पर विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक के खाते में धनराशि का भुगतान किया जाता है।
योजना का नाम:- निःशक्ता पेंशन
लाभ:- रू0 1,000/- प्रति माह एवं अनुग्रह राशि रू0 40,000/- दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जो लकवा, कुष्ठ रोग, तपेदिक, दुर्घटना आदि के कारण स्थाई रूप से निःशक्त हो गये हों।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन पत्र के साथ श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड, स्थायी रूप से निःशक्त होने का चिकित्सा प्रमाण पत्र, जो राजकीय सी0एम0एस0/सी0एम0ओ0 द्वारा बनाया गया हो, किसी भी योजना से लाभ न लिये जाने का शपथ पत्र, स्वघोषणा प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। श्रमिक को स्थायी रूप से निःशक्त होने की तिथि से 01 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन के उपरांत विभाग द्वारा जांच की जाती है। जांच में सही पाये जाने पर विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक के खाते में प्रतिमाह रू. 1000/- तथा अनुग्रह राशि एकमुश्त रू. 40 हजार का भुगतान किया जाता है।
योजना का नाम:- वृद्धा पेंशन प्रक्रिया (60 वर्ष पूर्ण होने पर)
लाभ:- रू0 1,000/- प्रतिमाह, पेंशन दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- ऑनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन के दौरान श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक, स्वघोषणा प्रमाणपत्र तथा किसी भी योजना का लाभ प्राप्त न किये जाने का शपथ पत्र की आवश्यता होती है। विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर, पेंशन छमाही आधार पर मिलने लग जाती है तथा छः माह पर श्रमिक को जीवित होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा।
योजना का नाम:- वृद्धा पेंशन (65 वर्ष पूर्ण होने पर)
लाभ:- रू0 1,500.00 प्रतिमाह।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन पत्र के साथ पूर्व श्रमिक कार्ड एवं बोर्ड से पेंशन प्राप्त करने संबंधी प्रमाण-पत्र, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, किसी भी योजना का लाभ प्राप्त न किये जाने का शपथ पत्र संलग्न करना होता है। विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर, पेंशन मिलने लग जाती है।
योजना का नाम:- कुटुम्ब पेंशन
लाभ:- रू0 500.00 प्रति माह या पेंशन भोगी की पेंशन का 50% जो भी अधिक हो।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जो पेंशनभोगी हो, उसकी मृत्यु होने की दशा में पति/पत्नी को मिलेगी।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, आवेदन के दौरान स्वघाेषणा प्रमाण पत्र, मृतक श्रमिक का श्रमिक काड र्, मृतक श्रमिक का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि संलग्न करने होंगे। कुटुम्ब पेंशन हेतु आवेदन पेंशनभोगी की मृत्यु की तिथि से 03 माह के भीतर आवेदन करना होगा। विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर, पेंशन मिलने लग जाती है।
योजना का नाम:- मृत्योपरान्त अर्थिक सहायता
लाभ:- रू0 2 लाख (सामान्य मृत्यु होने पर) रू0 04 लाख (दुर्घटना से कारित मृत्यु की दशा में)
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के आश्रितों को, जिनके नाम आश्रित के रूप में श्रमिक कार्ड में उल्लिखित हो।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आनलाइन आवेदन श्रमिक सुविधा केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है, ऑनलाईन आवेदन पंजीकृत निर्माण श्रमिक के नामित आश्रित द्वारा किया जाएगा, जिसका नाम श्रमिक के श्रमिक कार्ड में उल्लिखित हो, श्रमिक की मृत्यु की तिथि से 01 साल के अन्तग र्त आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन के दौरान स्वघोषणा प्रमाण पत्र, मृतक श्रमिक का श्रमिक कार्ड, आधार काड र्, मृत्यु प्रमाण पत्र, दुर्घटना होने की स्थिति में, दुर्घटना संबंधी प्रमाण, आश्रित का आधार कार्ड एवं बैंकखाता विवरण संलग्न करना होगा तथा किसी अन्य योजना से यह लाभ प्राप्त न किये जाने का शपथ पत्र भी लगाना होगा। विभागीय जांच/परीक्षण में सही पाये जाने पर, आर्थिक सहायता मिल जाती है।
Follow Us