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महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड।Schemes run by Women Empowerment and Child Development Department, Uttarakhand

 

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड।Schemes run by Women Empowerment and Child Development Department, Uttarakhand


 

योजनायें:-

  1. समेकित बाल विकास सेवाऐं (आई.सी. डी.एस.)
  2. किशोरी बालिका योजना
  3.  प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना
  4. सखी निवास-काम काजी महिला छात्रावास
  5. नंदा गौरा योजना
  6. मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना
  7. मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना
  8. मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना
  9. मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना
  10. तीलू रौतेली पुरस्कार
  11. सैनेटरी नैपकिन योजना
  12. आंगन बाड़ी कर्मी कल्याण कोष
  13. राष्ट्रीय महिला हैल्प लाईन 181 


योजना का नाम:- समेकित बाल विकास सेवाऐं (आई.सी. डी.एस.)

लाभ:- आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से निःशुल्क निम्न सेवायें प्रदान की जाती है :-

06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को  अनुपूरक पोषाहार, प्रतिरक्षण/टीकाकरण, संदर्भ सेवायें।

03 वर्ष-06 वर्ष के बच्चों को प्रतिरक्षण/टीकाकरण, स्कूल पूर्व शिक्षा, संदर्भ सेवायें। गर्भवती एवं धात्री माताओं को प्रतिरक्षण/टीकाकरण, स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा सेवायें।

पात्रता/लाभार्थी:- देश के समस्त 06 माह से 06 वर्ष के बच्चें, गर्भवती महिलायें एवं धात्री मातायें। इन योजनाओं का लाभ लेने हेतु आय सीमा की कोई बाध्यता नहीं है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  संबंधित क्षेत्र की आंगनबाड़ी  कार्यकर्ती द्वारा या स्वयं लाभार्थी द्वारा नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्र पर जाकर योजना के लाभ हेतु पंजीकरण करवाया जाता है। पंजीकरण करने हेतु गर्भवती/धात्री महिला/बच्चे का आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती द्वारा पोषण ट्रैकर मोबाइल ऐप पर पंजीकृत कर योजना का निम्न लाभ दिया जाता है :-

कुक्ड फूड - आंगनबाड़ी  केन्द्र में पंजीकृत 03 से 06 वर्ष के स्कूल पूर्व बच्चों को सुबह का नाश्ता एवं ताजा पका भोजन, महीने में 25 दिन आंगनबाड़ी  केन्द्रों पर दिया जाता है।

टेक होम राशन -06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, 03 -06 वर्ष के बच्चे, अतिकुपोषित बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को  आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के माध्यम से प्रतिमाह टी0एच0आर0 के रूप में गेंहू एवं फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है  तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रतिरक्षण, टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण प्रदान किया जाता है।

  

योजना का नाम:- किशोरी बालिका योजना

लाभ:- किशोरी  बालिकाओं को पोषण, स्वास्थ्य एवं जीवन चक्र विषयों पर जागरूकता तथा वर्ष में 300 दिवस अनुपूरक पोषाहार (फोर्टिफाइड चावल एवं गेंहू प्रत्येक माह में 25 दिन के अनुसार) दिया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड के आकांक्षी जनपद- हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर की 14 वर्ष से 18 वर्ष की समस्त किशोरी बलिकाएं।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाता है, जिसके लिए किशोरी का आधार एवं जन्मप्रमाण पत्र आवश्यक है।

 

 योजना का नाम:- वन स्टॉप सेन्टर

लाभ:- पीड़ित महिला/किशोरी को एक ही कार्यालय/स्थान पर आश्रय/रात में रूकने की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा, कानूनी सलाह, पुलिस सुविधा एवं परामर्शदाता की सेवाऐं एक ही परिसर में 24x7 निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:- पीड़ित महिलायें/ किशोरी (दुर्व्यवहार, अपराध, घरेलू हिंसा आदि से पीड़ित)

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  मिशन शक्ति योजना के अंतग र्त प्रत्येक जनपद में 01 वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है। पीडित महिला/किशोरी सीधे वन स्टाप सेन्टर में जाकर अपनी समस्या से अवगत करा सकती है   या राष्ट्रीय महिला हेल्पलाईन 181 पर फोन करके, अपनी समस्या बता सकती है। विभाग द्वारा तैनात मनोचिकित्सक/काउंसलर/संबंधित अधिकारी द्वारा पीडित महिला की समस्या जानकर यथावश्यक रात्रि विश्राम, पुलिस,कानूनी सहायता उपलब्ध करवायी जाती है।


योजना का नाम:- प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना

लाभ:- प्रथम बच्चे के जन्म पर प्रथम किस्त के रूप में रू0 3000/- मिलते हैं। लाभ प्राप्त करने हेतु, दो प्रसवपूर्व जांच के बाद आवेदन करना होता है, जिस हेतु दस्तावेज :- मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड (MCP कार्ड), गर्भावस्था का पंजीकरण और कम से कम दो प्रसवपूर्व जांच (ANC) अधिमानतः LMP से छह माह के भीतर)

प्रथम बच्चे की द्वितीय किस्त के रूप में रू0 2000/- मिलते है। बच्चे के जन्म से 270 दिनों के भीतर आवेदन करना होता है, जिस हेतु दस्तावेज :- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, MCP कार्ड की प्रति जिसमें बच्चे के टीकाकरण का प्रथम चक्र पूर्ण हो 14 सप्ताह/बी0सी0जी0 और पेंटा की तीनो डोज या इसके समकक्ष का टीकाकरण प्रमाण पत्र।

दूसरे बच्चे के जन्म पर यदि जन्मा बच्चा बालिका हो, तो रू0 6000/- मिलते हैं। बालिका के जन्म के 09 माह के भीतर आवेदन करना होगा, जिस हेतु दस्तावेज :-बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, गर्भावस्था का पंजीकरण और कम से कम दो प्रसवपूर्व जांच (ANC) अधिमानतः LMP से छह माह के भीतर, MCP कार्ड की प्रति जिसमें बच्चे के टीकाकरण का प्रथम चक्र पूर्ण हो 14 सप्ताह/बी0सी0जी0 और पेंटा की तीनों डोज या इसके समकक्ष का टीकाकरण प्रमाण पत्र।

पात्रता/लाभार्थी:- कोई भी गर्भवती एवं धात्री महिलाएं, जिनकी आयु 18 से 55 वर्ष हो , पात्र होंगी - पारिवारिक वार्षिक आय आठ लाख से कम हो अथवा बी0पी0एल0 कार्ड धारक महिला, मनरेगा जॉब कार्ड धारक,किसान सम्मान निधि की लाभार्थी, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) आयुष्मान भारत की लाभार्थी, आंशिक (40%) या पूर्ण द्विब्यांग अनुसूचित जाति/जनजाति महिला, आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ सहायिका/आशा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम NFSA 2013 राशन कार्ड धारक, महिलाएं पात्र होंगी।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  मिशन शक्ति (सामर्थ्य) के अंतग र्त, इस योजना में महिला को निम्न दस्तावेज आंगनबाड़ी कार्यकर्ती/ सहायिका को उपलब्ध करवारकर, उनके द्वारा ऑनलाइन https://pmmvy.wcd.gov.in/पर आवेदन किया जाता है। वर्तमान में लाभार्थियों के स्वयं आवेदन की व्यवस्था अभी नहीं है। प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना में अंकित अनिवार्य दस्तावेजों के साथ ही महिला का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, जो आधार से लिंक हो व DBT Enabled हो, महिला का जन्म प्रमाण पत्र/परिवार रजिस्टर, राशन कार्ड, आठ लाख से कम की आय का प्रमाण पत्र अथवा बीपीएल प्रमाण पत्र, यदि दिव्यांग हों तो, दिव्यांग प्रमाण पत्र, तथा कॉलम 4 में अंकित की गयी पात्रता संबंधी प्रमाण पत्र एवं पति का आधार कार्ड आवश्यक है।

समस्त दस्तावेज तैयार कर, उक्त निर्धारित समयावधि से पूर्वआंगनबाड़ी कार्यकर्ती को उपलब्ध कराने पडते हैं, यदि किसी कारणवश उक्त निर्धारित अवधि में आवेदन नहीं किया गया तो ,प्रेगनेंसी कन्सीव करने की तिथि से (जो MCP कार्ड में अंकित हो) 730 दिन के भीतर आवेदन करना हो गा तथा द्वितीय बालिका के जन्म पर, डब्च् कार्ड न होने की स्थिति में बालिका के जन्म तिथि से 460 दिन के भीतर आवेदन करना होगा, उसके बाद आंगनबाडी कार्यकर्ती द्वारा उसको ऑनलाइन किया जाता है तथा आवेदन सही पाये जाने पर निर्धारित धनराशि भुगतान की जाती है।

 

योजना का नाम:- सखी निवास-काम काजी महिला छात्रावास

लाभ:- महिलाओं को शहरी क्षेत्रों में रहने के लिए छात्रावास की व्यवस्था की गयी है, जिसमें एक निश्चित धनराशि का भुगतान करने के उपरांत हॉस्टल में निवास कर सकते हैं। सुविधायें-रहने की व्यवस्था, मैस, पुस्तकालय, जिम, टी0वी0 हॉल, क्रैच आदि।

पात्रता/लाभार्थी:- उच्च शिक्षा या प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली कामकाजी महिलायें।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  वर्तमान में जनपद देहरादून, हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में संचालित है। हॉस्टल में जाकर, फार्म जमा करना पडता है, जिसमें आधार कार्ड एवं परिवार के सदस्यों का विवरण तथा फीस जमा कर हॉस्टल में निवास किया जा सकता है।


योजना का नाम:- नंदा गौरा योजना

लाभ:- इस योजना के अन्तगर्त पात्र परिवार की 02 बालिकाओं को, प्रति बालिका को दो किश्तों में क्रमशः जन्म के समय रू0 11000/- एवं बालिका द्वारा कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने पर रू0 51000/- की धनराशि दी जाती है। प्रथम किश्त हेतु कन्या के जन्म होने के 06 माह के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है तथा बालिका का जन्म किसी चिकित्सालय/एएनएम सेंटर में हो ना अनिवार्य है

द्वितीय किश्त, बालिका द्वारा कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने पर, जिस वर्ष 12वीं पास किया हो, उसी वर्ष जुलाई माह से आवेदन मांगे जाते हैं तथा उसी वर्ष में नवम्बर माह तक आवेदन जमा करने पडते हैं। अगले वर्ष में आवेदन करने पर, आवेदन मान्य नहीं होगा। बालिका द्वारा 12वीं पास उत्तराखण्ड बोर्ड/अन्य राज्यों के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड/सीबीएसई/आईसीएसईसी बोर्ड/ राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान, नई दिल्ली से किया होगा, तो ही मान्य होगा। बालिका अविवाहित होनी आवश्यक है।

पात्रता/लाभार्थी:-  उत्तराखण्ड के स्थायी निवासी परिवार, जिनकी मासिक आय प्रतिमाह रू0 6000/- हो अथवा बीपीएल हो, की 2 बालिकाएं पात्र होंगी।

·       माता/पिता/अभिभावक द्वारा परिवार की अन्य बालिकाओं को पूर्व में  कन्या के जन्म पर योजना का लाभ दिये जाने/न दिये जाने विषयक शपथ पत्र देना अनिवार्य है, जिसमें निम्न बिंदु अंकित किये जायेंगे:-

·       मेरे द्वारा चल अचल सम्पति एवं अन्य चाही गयी,समस्त सूचनाएं सही सही दी गयी है।

·       मैं प्रमाणित करता/ करती हूँ की यह लाभ मेरी प्रथम/द्वितीय पुत्री द्वारा लिया जा रहा है मेरे द्वारा किसी भी तथ्य को छुपाया नहीं गया है मेरे द्वारा परिवार के समस्त खातो का विवरण, एक वर्ष के बैंक स्टेटमेंट सहित दे दिया गया है।

·       12वीं पास होने की स्थिति में-मेरी बालिका अविवाहित है, अंकित करना होगा।

·       नारी निकेतन, बालिका निकेतन, अनाथ आश्रम, राज्य सरकार द्वारा सहायतित अन्य गृहों में पलने वाली बालिकाआें को 12वीं उत्तीर्ण होने के उपरांत लाभ लेने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र या माता-पिता के नाम की अनिवार्यता से छूट प्रदान होगी।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु बालिकाओं/माता-पिता/अभिभावक द्वारा ऑनलाइन पोर्टल https:// www.nandagaurauk.in/ पर जाकर, पंजीकरण करना होता है पंजीकरण हेतु आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद निर्धारित अवधि के भीतर लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन करने के लिए निम्न दस्तावेज अपलोड

करने अनिवार्य हैं :-

कन्या के जन्म पर- मातृशिशु प्रतिरक्षण/एम०सी० पी० (टीकाकरण) कार्ड, कन्या शिशु की नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो, जन्म पंजीकरण प्रमाण पत्र, माता का संस्थागत प्रसव का प्रमाण पत्र, माता/ पिता/अभिभावक के हस्ताक्षर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, जो आधार से लिंक/सीड हो, मोबाइल नंबर, स्थाई निवास प्रमाण पत्र।

बालिका के 12वीं पास करने पर- छात्रा की नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो , हस्ताक्षर, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, जो आधार से लिंक/सीड हो, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, हाईस्कूल का प्रमाण-पत्र, कक्षा 12वीं उत्तीर्ण का अंक पत्र एवं प्रमाण पत्रअथवा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय / अन्य शिक्षण संस्थान से कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाली आवेदिका द्वारा स्वप्रमाणित अंक पत्र, उच्च शिक्षा में दाखिले के पूर्ण अभिलेख की प्रति (यदि उपलबध है), प्रधानाचार्य द्वारा कक्षा 12 उत्तीर्ण का निग र्त प्रमाण पत्र केवल संस्थागत छात्रा के लिए आवश्यक है।

उक्त दस्तावेजों के अतिरिक्त निम्न दस्तावेज, दोनों किश्तों का लाभ लेने के लिए आवश्यक हैंः-

आंगनबाडी कार्यकर्ती का प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर की नकल या सभासद/पार्षद द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र अथवा बीपीएल प्रमाण पत्र, नगरीय/ग्रामीण स्थानीय निकाय द्वारा दिया गया गृह कर या किराया समझौते के कागजात ना उपलब्ध होने की स्थिति में गृह कर ना देने का ग्राम प्रधान/पार्षद द्वारा प्रदत प्रमाण पत्र, परिवार के समस्त सदस्यों  के बैंक पासबुक की प्रति/विगत 01 वर्ष के बैंक स्टेटमैन्ट की प्रति, सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) में परिवार की स्थिति के आंकलन की प्रति (यदि उपलबध है), शपथ पत्र, अन्य आवश्यक अभिलेख परिवार के विगत 03 बार के बिजली के बिलों की प्रति तथा विगत 01 बार के पानी के बिल की प्रति कनेक्शन न होने की स्थिति में शपथ पत्र में अवश्य उल्लेख करे।

आवेदन ऑनलाइन जमा करने के बाद संबंधित विभाग द्वारा जांच की जाती है एवं जांच में सही पाये जाने पर, बजट की उपलब्धता के आधार पर धनराशि खाते में भुगतान की जाती है।

 

योजना का नाम:- मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना

लाभ:- स्कूल पूर्व बच्चों (3 वर्ष से 06 वर्ष) को सप्ताह में दो दिन अण्डा एवं दो दिन केले चिप्स दिये जाते हैं।

पात्रता/लाभार्थी:- 3 वर्ष से 06 वर्ष के बच्चे

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आंगनबाड़ी  केन्द्र पर जो बच्चे जाते हैं/पंजीकृत होते हैं उनको केन्द्र में ही लाभ प्रदान दिया जाता है।

 

योजना का नाम:-  मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना

लाभ:- गर्भवती/धात्री महिलाओं को सप्ताह में दो दिन अण्डा एवं दो  दिन खजूर दिया जाता है जिन पंजीकृत गर्भवती/धात्री महिलाओं द्वारा अण्डा नहीं लिया जाता उनको खजूर उपलब्ध कराया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:- गर्भवती/धात्री महिलायें

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आंगनबाड़ी केन्द्र पर महिला पंजीकृत होते हैं, उनको केन्द्र में ही लाभ प्रदान किया जाता है।

 

योजना का नाम:- मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना

लाभ:- 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को फोर्टीफाइड मिल्क विटामिन ए व डी युक्त सुगन्धित दूध सप्ताह में चार दिन दिया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:- 03 से 06 वर्ष तक के बच्चे

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आंगनबाड़ी केन्द्र पर जो बच्चे जाते हैं/ पंजीकृत हो ते हैं उनको केन्द्र में ही लाभ प्रदान दिया जाता है।

 

योजना का नाम:- मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना

लाभ:- राज्य में प्रसवोपरान्त महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर एक-एक किट एवं जुडवा बच्चों  के जन्म पर महिला को एक व बच्चों  को पृथक-पृथक दो महालक्ष्मी किट से लाभान्वित किया जायेगा।

पात्रता/लाभार्थी:- गर्भवती महिलायें (जो इनकम टैक्सपेयर न हो ) जो आंगनबाडी केन्द्र में पंजीकृत हों, को प्रसवोपरांत महालक्ष्मी किट प्रदान की जाती है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीकृत गर्भवती महिला का संस्थागत प्रसव होने के उपरान्त, लाभ के रुप में महालक्ष्मी किट प्रदान की जाती है। किट के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों  के लिए निम्न सामग्री निर्धारित की गई है :-माताओं के लिए - ड्राई फ्रुट, जुराब, स्कार्प तौलिया, शाल, कंबल, बेडशीट, सैनाटोरी पैड, सरसों तेल, साबुन नेलकटर। बालिका के लिए - सूती/गर्म टोपी, जुराब, लंगोट,तौलिया, बेबी सोप , रबर शीट, गर्म कंबल, टीकाकरण कार्ड।

 

योजना का नाम:- तीलू रौतेली पुरस्कार

लाभ:- प्रत्येक जनपद से एक महिला अथवा किशोरी, जिसने किसी क्षेत्र विशेष में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त की हो, को राज्य सरकार द्वारा रु0 51000.00 की नगद धनराशि तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:- राज्य की ऐसी महिलाओं एवं किशोरियों जिनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों- सामाजिक, शिक्षा, साहित्य, कला, संस्कृति, साहस व बहादुरी का उत्कृष्ट कार्य किया हो , आवेदन करेंगे।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार के माध्यम से वर्ष में एक बार आवेदन मांगे जाते हैं, तत्समय आवेदन विभागीय वेबसाइट  https://wecd.uk.gov.in/  पर आनलाईन करना हो ता है। प्राप्त आवेदनों को जनपद स्तरीय समिति द्वारा अवलोकन कर जिला स्तर से निदेशालय को तीन नाम प्रेषित किये जाते है। जिसे राज्य स्तरीय समिति द्वारा मूल्यांकन कर अंतिम प्रतिभागी का चयन किया जाता है। पुरस्कार 8 अगस्त को वितरित किया जाता है।

 

योजना का नाम:- सैनेटरी नैपकिन योजना

लाभ:- किशोरी बालिकाओं/महिलाओं को रू0 6.00 में सैनेटरी नैपकीन का वितरण किया जाता है ।

पात्रता/लाभार्थी:- किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  समस्त आंगनबाड़ी  केन्द्रों से खरीद सकते हैं।

 

योजना का नाम:- आंगन बाड़ी कर्मी कल्याण कोष

लाभ:- न्यूनतम धनराशि रू0 30,000/-दिये जाते हैं एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर रू0. 1,30,000/- दी जाती है तथा जमा धनराशि पर प्रतिवर्ष 5% की वृद्धि  का प्राविधान है।

पात्रता/लाभार्थी:- मानदेय सेवा पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ती/मिनी कार्यकत्री/सहायिका को 60 वर्ष की अधिवर्षता आयु पूर्ण करने पर।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आंगनबाड़ी कर्मी कल्याण कोष अन्तग र्त, पारितोषिक धनराशि प्राप्त करने हेतु, उन्हें संबंधित सीडीपीओ कार्यालय में आवेदन करना पडता है। आवेदन के साथ आंगनबाड़ी केन्द्र से सेवानिवृत होने का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता संलग्न करना हो गा।


योजना का नाम:- राष्ट्रीय महिला हैल्प लाईन 181  

लाभ:- महिलाओं एवं किशोरियों को आपातकालीन एवं गैर  आपातकालीन परिस्थितियों में आवश्यक एवं त्वरित सहायता प्रदान करने हेतु 181 राष्ट्रीय महिला हैल्पलाइन नम्बर संचालित किया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:- महिलायें/किशोरी

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  पीडित एवं जरूरतमंद महिला द्वारा 181 नम्बर पर, 24 घंटे में से कभी भी काल कर अपनी समस्या को बताया जाता है। यदि किसी योजना की जानकारी प्राप्त करनी हो  तो, तत्संबंधी सूचना भी एवं विभाग संबंधी शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं