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उत्तराखंड श्रम विभाग की कोन कोन सी योजनायें है /What are the schemes of Uttarakhand Labor Department?

 

उत्तराखंड श्रम विभाग की योजनायें 

योजनाएं:-
  • ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया (असंगठित कामगारों का एकीकृत नेशनल डेटा बेस)
  • प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM 
  • राष्ट्रीय पेंशन योजना  (NPS-TRADERS)


योजना का नाम:- ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया (असंगठित कामगारों का एकीकृत नेशनल डेटा बेस)

लाभ:- ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने पर असंगठित कामगार को इ र्श्रम कार्ड प्राप्त होता है,  जो असंगठित कामगार की पहचान पत्र, के रूप में उपयोग होता है।

पात्रता/लाभार्थी:- पंजीकरण के पश्चात पंजीकृत कामगार को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 02 लाख का दुर्घटना बीमा कवर, निःशुल्क आजीवन के लिए होता है।

उक्त के साथ ही सभी असंगठित कामगारों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाया जा रहा है। ताकि समस्त योजनाओ का लाभ पात्र असंगठित कामगार को आसानी से मिल सके तथा भविष्य में कोविड जैसे आपातकालीन स्थिति में सीधे लाभ पहुंचाया जा सके।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- असंगठित कामगार (सन्निर्माण कामगार, प्रवासी कामगार, गिग और प्लेटफॉर्म कामगार, फेरी वाले, घरेलू कामगार, कृषि कामगार, फिल्म निर्माण में सहयोगी कलाकार, यूटयूबर, ढेली/रेडी वाले, दुकानदार, स्व-नियोजित कामगार आदि) हों,

उक्त कामगार ई0पी0एफ00/ 0एस0 आई0सी0 के सदस्य न हों अथवा उसका ई0एस0आई0 कार्ड न हो तथा उसका पी0एफ0 न कटता हो तथा वह सरकारी सेवक न हो,

उक्त असंगठित कामगारों की आयु 16-59 वर्ष के बीच हो।ई-श्रम कार्ड हेतु पात्र होंगे।

असंगठित कामगार द्वारा पंजीकरण स्वयं अथवा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल  https://eshram. gov.in/ पर तथा उमंग ऐप के माध्यम से किया जाता है। पंजीकरण हेतु आधार संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, आईएफएससी कोड के साथ बचत बैंक खाता संख्या आवश्यक है।  नोट- यदि किसी भी श्रमिक के पास उसका आधार लिंक मोबाइल नंबर नहीं है, तो वह अपने नज़दीकी CSC से बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के द्वारा पंजीकरण करवा सकता है। पंजीकरण के दौरान कामगार का नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता, कौशल स्वरूप, परिवार के विवरण इत्यादि सूचनाएं मांगी जाती है।पंजीकरण के उपरांत ई-श्रम कार्ड बन जाता है, जिसे भविष्य हेतु सुरक्षित रखना पडता है। 


योजना का नाम:- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM)  

लाभ:- 60 वर्ष की आयु के उपरान्त लाभार्थी को रू0 3,000/-  की न्यूनतम सुनिश्चित मासिक पेंशन दी जाती है।लाभार्थी की मृत्यु पर उत्तराधिकरी पति या पत्नी 50% मासिक पेंशन हेतु पात्र। पति और पत्नी दोनों के योजनामें शामिल होने की स्थिति में वे रू0 6,000/- मासिक पेंशन हेतु पात्र होंगे।

यह योजना स्वैच्छिक एवं अंशदान आधारित है, जिसमें लाभार्थी को आवेदन करने के दौरान से ही मासिक धनराशि न्यूनतम रू0 55/- से  अधिकतम रू0 200/- तक का भुगतान (उम्र के  अनुसार, मासिक भुगतान सिस्टम पर स्वतः ही  गणना के उपरांत निर्धारित होगा) 60 वर्ष तक  करना पडता है तथा उतना ही अंषदान भारत सरकार  द्वारा दिया जाता है

पात्रता/लाभार्थी:- 18 से 40 आयु वर्ग के असंगठित कर्मकार यथा-घरेलू श्रमिक, कृषि मजदूर, भवन निर्माण श्रमिक, ठेली वाले, रिक्शा वाले, मछुवारे, मनरेगा श्रमिक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकत्री इत्यादि, जिनकी मासिक आय रू. 15,000/- से कम हो तथा आयकर दाता न हों।  नई पेंशन योजना (NPS),  कर्मचारी राज्य बीमा निगम  योजना (ESIC) या कर्मचारी  भविष्य निधि संगठन (EPF) में  पंजीकृत न हों।  

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आवेदक, अपना आवेदन स्वयं अथवा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भारत सरकार के पोर्टल ीजजचेरूध्ध् उंदकींदण् पदध् पर आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के दौरान आधार संख्या, मोबाईल नंबर जो आधार सेलिंक हो, बैंक खाता, जिससे प्रतिमाह अंशदान धनराशि का भुगतान काटा  जायेगा, का विवरण देना होगा तथा  नॉमिनी का सही विवरण देना होता  है।  लाभार्थी प्रथम किस्त/भुगतान स्वंय  ऑनलाइन जमा करेगा अथवा कॉमन  सर्विस सेंटर के माध्यम से जमा  करेगा। भुगतान के उपरांत पेंशन  नंबर प्रदर्शित होगा। उक्त जानकारी पोर्टल पर अपलोड  करने के उपरांत एक स्वघोषणा प्रमाण  पत्र जनरेट होता है, जिसमें लाभार्थी  को स्वघोषणा प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर  करके पुनः अपलोड करना पडता है  तथा उसके उपरांत पेंशन कार्ड जारी  होता है, जिसे भविष्य के लिए  संभालकर रखना पडता है।  बैंक द्वारा स्वतः वैरिफिकेशन करने के  उपरांत भविष्य में आॅटो डेबिट खाते  से अंशदान कटने लगता है।  उक्त योजना का वित्तीय प्रबन्धन  पेंशन फण्ड मैनेजर - भारतीय जीवन  बीमा निगम LIC द्वारा किया जाता  है।  

 

योजना का नाम:- राष्ट्रीय पेंशन योजना  (NPS-TRADERS)

लाभ:- 60 वर्ष की आयु के उपरान्त लाभार्थी को रू0 3,000/-  की न्यूनतम सुनिश्चित मासिक पेंशन मिलने लग जाती  है। लाभार्थी की मृत्यु पर उत्तराधिकरी पति या पत्नी 50% मासिक पेंशन हेतु पात्र। पति और पत्नी दोनों के  योजना में शामिल होने की स्थिति में वे रू0 6,000/-  मासिक पेंशन हेतु पात्र।

यह योजना भी स्वैच्छिक एवं अंशदान आधारित  है, जिसमें लाभार्थी को आवेदन करने के दौरान  से ही मासिक धनराशि न्यूनतम रू0 55/- से  अधिकतम रू0 200/- तक का भुगतान (उम्र के  अनुसार, मासिक भुगतान सिस्टम पर स्वतः ही  गणना के उपरांत निर्धारित होगा) 60 वर्ष तक  करना पडता है तथा उतना ही अंषदान भारत सरकार  द्वारा दिया जाता है।

पात्रता/लाभार्थी:- 18 से 40 आयु वर्ग के लघु एवं  खुदरा व्यापारियों और  स्वनियोजित व्यक्तियों हेतु।  रूपया 1.50 करोड़ से कम  वार्षिक टर्न ओवर वाले खुदरा  व्यापारी/ दुकानदार एवं स्व-  नियोजित व्यक्ति।  लाभार्थी आयकर दाता न हों।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आवेदक, अपना आवेदन स्वयं अथवा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भारत सरकार के पोर्टल ीजजचेरूध्ध् उंदकींदण् पदध् पर आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के दौरान आधार संख्या, मोबाईल नंबर जो आधार सेलिंक हो, बैंक खाता, जिससे प्रतिमाह अंशदान धनराशि का भुगतान काटा  जायेगा, का विवरण देना होगा तथा  नॉमिनी का सही विवरण देना होता  है।  लाभार्थी प्रथम किस्त/भुगतान स्वंय  ऑनलाइन जमा करेगा अथवा कॉमन  सर्विस सेंटर के माध्यम से जमा  करेगा। भुगतान के उपरांत पेंशन  नंबर प्रदर्शित होगा। उक्त जानकारी पोर्टल पर अपलोड  करने के उपरांत एक स्वघोषणा प्रमाण  पत्र जनरेट होता है, जिसमें लाभार्थी  को स्वघोषणा प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर  करके पुनः अपलोड करना पडता है  तथा उसके उपरांत पेंशन कार्ड जारी  होता है, जिसे भविष्य के लिए  संभालकर रखना पडता है।  बैंक द्वारा स्वतः वैरिफिकेशन करने के  उपरांत भविष्य में आॅटो डेबिट खाते  से अंशदान कटने लगता है।  उक्त योजना का वित्तीय प्रबन्धन  पेंशन फण्ड मैनेजर - भारतीय जीवन  बीमा निगम LIC द्वारा किया जाता  है।