उत्तराखण्ड गृह (पुलिस) विभाग द्वारा दी जाने वाली योजनायें कोन कोन सी है/What are the schemes offered by Uttarakhand Home (Police) Department?
योजनायें :-
- उत्तराखण्ड राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनकी विधवाऑ की मासिक/ पारिवारिक पेंशन।
- उत्तराखण्ड राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रथम पीढ़ी के सभी जीवित विधिक उत्तराधिकारियों को सम्मिलित रूप से अनुमन्य ‘‘सम्मान पेंशन’’ की योजना।
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की विधवा पुत्रवधु को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा।
- उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा घायल हुये आन्दोलनकारियों की पेंशन।
- उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा घायल हुये आन्दोलनकारियों की श्रेणी से भिन्न राज्य आन्दोलन कारियों की पेंशन योजना।
- उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा घायल हुये आन्दोलनकारियों की श्रेणी से भिन्न चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों (पति/पत्नी) को आन्दोलनकारी की मृत्यु उपरांत पेंशन योजना।
- उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान विकलांग होकर पूर्णतः शय्याग्रस्त हुए राज्य आन्दोलनकारियों की विशेष सम्मान पेंशन योजना।
- आपातकालीन अवधि (दिनांक-25.06.1975 से दिनांक-21.03.1977 तक) में मीसा / डी0आई0आर0 में कारागार में निरूद्व प्रदेश के लोकतन्त्र सेनानियों की ‘‘लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन’’ योजना।
- आपातकालीन अवधि (दिनांक-25.06.1975 से दिनांक-21.03.1977 तक) में मीसा / डी0आई0आर0 में कारागार में निरूद्व प्रदेश के लोकतन्त्र सेनानियों की विधवा पत्नी अथवा विधुर पति को ‘‘लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन’’ योजना।
योजना का नाम:- उत्तराखण्ड राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनकी विधवाऑ की मासिक/ पारिवारिक पेंशन।
लाभ:-
रूपये
25,000/-
मासिक/ पारिवारिक
पेंशन दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड राज्य के अधिवासी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी तथा उनकी विधवा।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन
प्रक्रिया:- स्वतन्त्रता संग्राम सैनानियों एवं
उनकी विधवाऑ को आवेदन का प्रारूप जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त करना
होता है। आवेदन के प्रारूप के साथ आवेदन हेतु वांछित दस्तावेजों
का विवरण ‘उत्तरप्रदेश स्वतन्त्रता संग्राम सैनानियों और उनके
परिवारों को दिये जाने वाले अनुदान तथा स्वतन्त्रता संग्राम पेंशन
संबंधी नियम, 1975 (उत्तराखण्ड में यथाप्रवृत्त) के पृष्ठ संख्या 13 से 17 तक
में विहित है, संबंधित
दस्तावेज लगाने के उपरांत, जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जाना होगा, जिलाधिकारी द्वारा जांच के उपरांत आख्या/संस्तुति के क्रम में मा0 विभागीय मंत्री/मा0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त करते हुए शासन स्तर
से पेंशन स्वीकृत की जाती है तब लाभार्थी को मिलती है।
योजना का
नाम:- उत्तराखण्ड
राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रथम पीढ़ी के सभी जीवित विधिक उत्तराधिकारियों को सम्मिलित रूप से अनुमन्य ‘‘सम्मान पेंशन’’ की योजना।
लाभ:- प्रतिमाह रूपये 4,800/- ‘‘सम्मान पेंशन’’
दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड
प्रदेश के अधिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रथम पीढ़ी के सभी जीवित विधिक उत्तराधिकारी सम्मिलित होंगे।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- संबंधित जनपद के जिला मजिस्ट्रेट के
कार्यालय से आवेदन, प्राप्त
किया जा सकता है तथा आवेदन के साथ
वांछित अभिलेखों को संलग्न कर, आवेदन जिलाधिकारी कार्यालय में
प्रस्तुत करना हो गा, तदोपरान्त जिला मजिस्ट्रेट के स्तर से
जांच के उपरांत ही सम्मान पेंशन स्वीकृत की जायेगी। उक्त पेंशन
दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की विधवा
पत्नी/ विधुर पति के जीवनोपरान्त ही प्रारम्भ होगी
और दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की प्रथम पीढ ़ी के सभी जीवित विधिक उत्तराधिकारी, जिसमें उसके पुत्र एवं पुत्री चाहे वे विवाहित हों अथवा अविवाहित हों, के साथ-साथ प्रथम पीढ़ी की उत्तराधिकारी की विधवा भी सम्मिलित रूप
से पंेशन प्राप्त करने के हकदार हैं।
योजना का नाम:- स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की विधवा पुत्रवधु को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा।
लाभ:- उत्तराखण्ड परिवहन नि0 की बसों में निःशुल्क
यात्रा का लाभ
मिलता है।
पात्रता/लाभार्थी:- स्वतंत्रता संग्राम
सेनानी की विधवा पुत्रवधु होना आवश्यक है और यात्रा हेतु वैध परिचय पत्र होना अनिवार्य है।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी की विधवा पुत्रवधू को परिचय पत्र बनाने हेतु
संबंधित जिलाधिकारी कार्यालय में संपर्क
स्थापित कर आवेदन हेतु वांछित दस्तावेजों के संबंध में सूचना प्राप्त
करते हुए आवेदन प्रस्तुत करना होगा तथा तदक्रम में जिलाधिकारी
कार्यालय द्वारा उन्हें परिचय पत्र निग र्त
किया जायेगा। परिचय पत्र के आधार पर उत्तराखण्ड परिवहन
निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की जा सकती है।
योजना का
नाम:- उत्तराखण्ड
राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन
जेल गये अथवा घायल हुये आन्दोलनकारियों
की पेंशन।
लाभ:- प्रतिमाह रूपये 6,000/- पेंशन दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:-
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों जो किसी कारणवश सेवायोजित नहीं हो सके।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन
प्रस्तुत किया जाना होगा, आवेदन हेतु कोई प्रारूप निर्धारित नहीं
है। आन्दोलनकारियों की चिन्हित सूची पूर्व से जारी है तथा
कतिपय यदि छूटे हों तो तत्संबंधी परिचय पत्र बनने
के उपरांत ही उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। उक्त श्रेणी के
अंतग र्त राज्य आन्दोलनकारी चिन्हित किये जाने के संबंध
में शासनादेश संख्या- 777/XX(4)/26/उ आ /2006-08 दिनांक 22.10.2008 तथा सपठित शासनादेश संख्या 1192/बीस-4/2017-3(13)/2011 दिनांक 01.12.2017 में विहित मानकों के पूर्ण होने
पर ही चिन्हीकरण संभव होगा। आवेदन जमा करने के उपरांत, जिला मजिस्ट्रेट की आख्या/संस्तुति के
क्रम में मा0 विभागीय मंत्री/मा0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त
करते हुए शासन स्तर से पेंशन स्वीकृत की जायेगी। चिन्हीकरण-
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों को जिलाधिकारियों एवं
उनके द्वारा नामित अधिकारियों द्वारा चिन्हित किया जाता है तथा चिन्हीकरण अग्रलिखित अभिलेखों के आधार
पर किया जाता है- एलआईयू की रिपोर्ट, पुलिस के अन्य अभिलेख यथा डेली डायरी के
प्रासंगिक अंश, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) जिस
रूप में भी दर्ज हो, चिकित्सालय सम्बन्ध रिपोर्ट, ऐसे अन्य अभिलेखों पर आधारित सूचनाएं जिनकी
प्रमाणिकता जिलाधिकारी द्वारा पुष्ट की जाये, के उपरांत ही पहचान पत्र निग र्त किया
जाता है।
योजना का
नाम:- उत्तराखण्ड
राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन
जेल गये अथवा घायल हुये आन्दोलनकारियों की श्रेणी से भिन्न राज्य आन्दोलन कारियों की पेंशन योजना।
लाभ:- रूपये 4,500/-
प्रतिमाह पेंशन
दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा राज्य आन्दोलन के
दौरान घायल हुये आन्दोलनकारियों की श्रेणी से भिन्न समस्त ऐसे चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों, जिन्हें आन्दोलनकारी
पेंशन अथवा किसी अन्य राजकीय श्रोत से पेंशन अनुमन्य नहीं थी अथवा वे राजकीय सेवा में सेवायोजित नहीं थे, को संबंधित
पेंशन अनुमन्य होगी।
योजना का
नाम:- उत्तराखण्ड
राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन
जेल गये अथवा घायल हुये आन्दोलनकारियों की श्रेणी से भिन्न चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों (पति/पत्नी) को आन्दोलनकारी की मृत्यु उपरांत पेंशन योजना।
लाभ:- रूपये 4,500/-
प्रतिमाह आश्रितों
को पेंशन दी जाती
है।
पात्रता/लाभार्थी:- राज्य आन्दोलन
के दौरान 07
दिन जेल गये अथवा राज्य आन्दोलन के दौरान घायल हुये आन्दोलनकारियों की श्रेणी से भिन्न समस्त ऐसे चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों, जिन्हें आन्दोलनकारी
पेंशन या किसी अन्य राजकीय स्त्रोत से पेंशन अनुमन्य नहीं थी या वे राजकीय सेवा में सेवायोजित नहीं थे, के आश्रितों (पति/पत्नी) होंगें।
योजना का
नाम:- उत्तराखण्ड
राज्य आन्दोलन के दौरान विकलांग होकर पूर्णतः शय्याग्रस्त हुए राज्य आन्दोलनकारियों की विशेष सम्मान पेंशन योजना।
पात्रता/लाभार्थी:- लाभार्थी वे
होंगे जो उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के
दौरान दिव्यांग होकर पूर्णतः शय्याग्रस्त (Bedridden)
हुए हों।
योजना का
नाम:- आपातकालीन अवधि (दिनांक-25.06.1975 से
दिनांक-21.03.1977 तक) में मीसा / डी0आई0आर0 में
कारागार में निरूद्व प्रदेश के लोकतन्त्र सेनानियों
की ‘‘लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन’’
योजना।
लाभ:- प्रतिमाह रूपये 20,000/- ‘‘लोकतंत्र सेनानी
सम्मान पेंशन’’
दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- लाभार्थी वे
होंगे जो आपातकालीन अवधि (दिनांक-25.06.1975 से दिनांक 21.03.1977 तक) में मीसा/ डी0आई0आर0 में कारागार में निरूद्व रहे हों।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष
आवेदन प्रस्तुत किया जाना होगा,
तदोपरान्त जिला मजिस्ट्रेट की आख्या/संस्तुति
के क्रम में मा0 विभागीय मंत्री/मा0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त
करते हुए शासन स्तर से पेंशन स्वीकृत की जायेगी।
योजना का नाम:- आपातकालीन अवधि (दिनांक-25.06.1975 से दिनांक-21.03.1977 तक) में मीसा / डी0आई0आर0 में कारागार में निरूद्व प्रदेश के लोकतन्त्र सेनानियों की विधवा पत्नी अथवा विधुर पति को ‘‘लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन’’ योजना।
लाभ:- प्रतिमाह रूपये 20,000/- ‘‘लोकतंत्र सेनानी
सम्मान पेंशन’’
दी जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- लाभार्थी
आपातकालीन अवधि (दिनांक-25.06.1975 से दिनांक-21. 03.1977 तक) में मीसा/
डी0आई0 आर0 में कारागार में निरूद्व रहे लोकतंत्र
सेनानियों की विधवा पत्नी अथवा विधुर पति होंगे।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन
प्रस्तुत किया जाना होगा, तदोपरान्त जिला मजिस्ट्रेट की आख्या/संस्तुति
के क्रम में मा0 विभागीय मंत्री/मा0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त
करते हुए शासन स्तर से पेंशन स्वीकृत की जायेगी। आवेदन हेतु
प्रारूप उपलब्ध नहीं है। आवेदन हेतु साक्ष्य के रूप में आवेदक/आवेदिका
को इस तथ्य का साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा कि उनके
स्व0 पति/पत्नी लोकतंत्र
सेनानी पेंशन प्राप्त कर रहे थे अथवा वे
आपातकालीन अवधि (दिनांक 25.06.1975 से
दिनांक 21. 03.1977
तक) में मीसा/डी0आई0आर0 में कारागार में निरूद्ध/जेल रहे।
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