योजनाएं:-
- स्वरोजगार योजना ‘‘अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोज गारों हेतु’’
- मुख्यमंत्री हुनर योजना
- मौलाना आजाद एजुकेशन फाईनेन्स फाउन्डेशन योजना
योजना का नाम:- स्वरोजगार योजना ‘‘अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोज गारों हेतु’’
लाभ:- स्वरोजगार के लिए अनुदान की व्यवस्था
है। रू0 1 लाख से 10 लाख
तक का ऋण लिये जाने पर, ऋण का 25 प्रतिशत धनराशि का अनुदान। न्यूनतम 25 हजार एवं
अधिकतम 2,50,000/- है। योजना
का लाभ ऋण लेने पर ही मिलेगा, जिसमें 60 प्रतिशत ऋण
लेना होगा तथा 25 प्रतिशत विभाग द्वारा अनुदान/सब्सिडी दी जाती है तथा 15 प्रतिशत अंशदान आवेदक के पास होना चाहिए। ऋण पर ब्याज बैंक में
वर्तमान प्रचलित दरों के अनुसार लगेगा।
पात्रता/लाभार्थी:- आवेदक अल्पसंख्यक समुदाय का हो तथा
उत्तराखण्ड का स्थाई निवासी हो, आयु कम से कम 18 वर्ष अधिकतम 55
वर्ष के मध्य हो, आवेदक के परिवार की समस्त श्रोतों से वार्षिक आय रू 2,50,000/-
से
अधिक नहीं हो अथवा बीपीएल परिवार का सदस्य हो।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- लाभार्थी का चयन
करने हेतु विभाग द्वारा विज्ञापन निकाला जाता है। उसके उपरांत आवेदन फॉर्म प्रदेश
के जनपदीय कार्यालयों (जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी/जिला समाज कल्याण अधिकारी) के
कार्यालय से प्राप्त कर सकता है। आवेदन फार्म के साथ निर्धारित आय प्रमाण
पत्र/बीपीएल प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्थायी
निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता एवं अविधित योजना की प्रोजेक्ट
रिपोर्ट संलग्न कर आवेदन पत्र भरकर सम्बन्धित जनपद के जिला अल्पसंख्यक कल्याण
अधिकारी/जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में जमा करेगा।तत्पश्चात जिला स्तर पर
मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा साक्षात्कार लिया
जाता है, साक्षात्कार में सफल आवेदकों के आवेदन पत्र, बैंक ऋण की
स्वीकृति हेतु आवेदक के बैंक को प्रेषित किया जाता है। बैंक स्वीकृति उपरान्त
जनपदीय कार्यालय द्वारा आवदेन पत्र समस्त औपचारिकता पूर्ण करते हुये अनुदान की 25
प्रतिशत राशि अवमुक्त किये जाने हेतुनिगम मुख्यालय को प्रेषित किया जाता है,
निगम
मुख्यालय द्वारा प्रबन्ध निदेशक की स्वीकृति उपरान्त अनुदान की धनराशि जनपदीय
कार्यालय को उपलब्ध करायी जाती है। तत्पश्चात जनपदीय कार्यालय द्वारा लाभार्थी से
लाभार्थी अंश की 15 प्रतिशत धनराशि प्राप्त करते हुये, 40 प्रतिशत धनराशि
सम्बन्धित बैंक को प्रेषित कर दी जाती है। जिसके उपरान्त सम्बन्धित बैंक द्वारा
आवेदक को ऋण अवमुक्त कर दिया जाता है। वर्तमान में ऑफलाइन आवेदन है तथा ऑनलाइन की
प्रक्रिया गतिमान है।
योजना का नाम:- मुख्यमंत्री हुनर योजना
लाभ:- इस योजना में निःशुल्क प्रशिक्षण ही
दिया जाता है तथा प्रशिक्षण के दौरान मानदेय भुगतान भी किया जाता है। रू. 2000/-
प्रशिक्षण
अवधि 100 घंटे होने पर, रू.
2500/- प्रशिक्षण अवधि 150 घंटे होने पर, रू. 4000/-
प्रशिक्षण
अवधि 250 घंटे होने पर, रू. 4500/- प्रशिक्षण अवधि 300
घंटे
होने पर,प्रशिक्षणार्थियों को भुगतान किया जाता है। विभाग, प्रशिक्षणार्थियों
को प्रशिक्षण कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से देती है तथा प्रशिक्षण में उपस्थिति
के अनुसार मानदेय दिया जाता है। उपस्थिति 90 प्रतिशत होनी
अनिवार्य है।
योजना का नाम:- मौलाना आजाद एजुकेशन फाईनेन्स फाउन्डेशन योजना
लाभ:- अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा एवं विदेश में शिक्षा
प्राप्त करने हेतु रू0 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण का लाभ दिया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:-
अल्पसंख्यक
समुदाय के ऐसे छात्र-छात्राएं जो उत्तराखण्ड के स्थाई निवासी हों, आयु
18 वर्ष से 35 वर्ष के मध्य हो, 12वीं उत्तीर्ण हो
तथा वह जिस विश्वविद्यालय/ कॉलेज/संस्थान में अध्ययन कर रहा हो/दाखिला लिया हो,
वह
केन्द्र/ राज्य सरकार अथवा किसी अन्य सक्षम पदाधिकारी द्वारा मान्यता प्राप्त हो।
परिवार की समस्त श्रोतों से वार्षिक आय रू. 2,50,000 होनी चाहिये। ऋण
प्राप्त करने वाले लाभार्थी को शिक्षा पूर्ण करने के 6 माह/सेवायोजित
के उपरांत अगले 3 वर्षो में ऋण की वापसी करनी होगी।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आवेदन पत्र जनपदीय कार्यालय से प्राप्त
कर, जनपदीय कार्यालय में दिनांक 31 अगस्त तक जमा
किया जाता है तथा आवेदन वर्तमान में ऑफलाईन होता है। आवेदन पत्र के साथ आवेदक का
कलर फोटो, आधार कार्ड, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, अल्पसंख्यक
प्रमाण पत्र, जन्मप्रमाण पत्र, पिछले वर्ष की मार्कशीट, कॉलेज/संस्थान
में एडमिशन प्रमाण पत्र, फीस स्ट्रक्चर, कॉलेज आईडी,
राष्ट्रीयकृत
बैंक की पासबुक, इस आशय का शपथ पत्र कि ऋण योजना का लाभ प्रथम बार लिया जा रहा है। 02
गारंटर के वेतन/आय संबंधी प्रमाण पत्र, गारंटरों के पैन कार्ड,फोटो,
आधार,
राशन
कार्ड, हैसियत प्रमाण-पत्र रिपोर्ट संलग्न करनी होगी।
तत्पश्चात जनपदीय कार्यालय
द्वारा उक्त आवेदन 15 सितम्बर तकनिगम मुख्यालय को प्रेषित किये जाते है। उसके उपरांतउत्तराखण्ड
शासन में गठित चयन समिति के सम्मुख प्रस्तुत किये जाते हैं, जिन्हे ऋण चयन
समिति द्वारा स्वीकृत किया जाता है एवं ऋण की स्वीकृत धनराशि अभ्यर्थी की मांग के
अनुरूप सम्बन्धित जनपद के खाते में हस्तान्तरित कर दी जाती है। जनपदीय कार्यालय
द्वारा सम्बन्धित आवेदक को धनराशि खाते में दी जाती है। वित्तीय वर्ष में उपलब्ध
बजट सीमा के अंतग र्त ही प्रस्ताव स्वीकृत होते हैं अन्य प्रस्ताव स्वतः निरस्त
समझे जाते हैं।
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