योजनायें :-
- प्रदेश में जड़ी-बूटी कृषि करण को प्रोत्साहित करने हेतु सामाग्री का वितरण, विशेष प्राविधान-सीमान्त जनपद के कृषकों अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों एवं बी0पी0एल0 कृषकों को औषधीय पादपों के बीज/पौध 03 नाली तक तथा सगन्ध पादपों के बीज/ पौध का 05 नाली तक निशुल्क वितरण करने की योजना (नोट वर्तमान में समस्त इच्छुक कास्तकारों को उक्त योजना के अन्तग र्त लाभान्वित किया जा रहा है)। जड़ी-बूटी के कृषिकरण को प्रोत्साहित करने हेतु जड़ी-बूटी के पौधरोपण सामाग्री-निवेशों आदि पर 50 प्रतिशत राज सहायता प्रदान करना।
- जड़ी-बूटी कृषकों का पंजीकरण
- जड़ी-बूटी उत्पाद की निकासी प्रक्रिया का सरलीकरण
- निर्यात के लिए औषधीय पादप उत्पादकों को वैधानिक उत्पादन प्रमाण पत्र (legal production Certificate ) LPC जारी करना।
योजना का
नाम:- प्रदेश में जड़ी-बूटी कृषि करण को प्रोत्साहित
करने हेतु सामाग्री का वितरण, विशेष
प्राविधान-सीमान्त जनपद के कृषकों अनुसूचित
जाति/जनजाति के कृषकों एवं बी0पी0एल0 कृषकों को औषधीय पादपों के बीज/पौध 03 नाली तक तथा सगन्ध पादपों के बीज/ पौध का 05 नाली तक
निशुल्क वितरण करने की योजना (नोट
वर्तमान में समस्त इच्छुक कास्तकारों को उक्त योजना के अन्तग र्त लाभान्वित किया जा रहा है)। जड़ी-बूटी के कृषिकरण को प्रोत्साहित करने हेतु जड़ी-बूटी के पौधरोपण सामाग्री-निवेशों आदि पर 50 प्रतिशत राज सहायता प्रदान करना।
लाभ:- औषधीय
पादप अतीस, कुटकी, कूठ, जटामांसी, चिरायता, वन
ककड़ी, पाइरेथ्रम,
तगर, मंजीठ, कोलियस, सर्पगन्धा, शतावर, सिलिबम, पिपली मण्डूकपर्णी/ब्राह्मी, अमीमेजस, स्टीविया
तथा तिलपुष्पी, की 03 नाली
तक बीज/पौध तथा औषधीय
एवं सगन्ध पादपों जैसे फरण, कालाजीरा, बड़ी
इलायची, रोजमैरी, जिरेनियम,
लेमनग्रास, कैमोमाईल
तेजपात व अमीमेजस की 05 नाली तक
निःशुल्क बीज/पौध वितरित कर कृषकों को औषधीय
व सगन्ध पादपों की खेती के लिए प्रोत्साहित
कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता
है। प्रदेश के कृषकों को राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने
वाली अनुदान सुविधा अनुमन्य
कराना, तकनीकी जानकारी सुलभ कराना , प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करना, प्रसंस्करण व्यवस्था का लाभ देना एवं कृषिकरण
कार्य का अभिलेखीकरण/डाटा बेस तैयार
करना।
पात्रता/लाभार्थी:- प्रदेश के जिन काश्ताकरों के नाम विधिवित नाप भूमि उपलब्ध है तथा वे जड़ी-बूटियों के कृषिकरण के इच्छुक हों वे समस्त काश्तकार पात्र होंगे।
योजना का
नाम:- जड़ी-बूटी कृषकों का पंजीकरण
लाभ:- औषधीय
एवं सगन्ध पादपों का कृषिकरण कर रहे कृषकों
की पंजीकरण व्यवस्था तथा कृषिकरण से उत्पादित
जड़ी-बूटी की निकासी प्रक्रिया का सरलीकरण
एवं वन क्षेत्रों से अवैध विदाेहन को नियंत्रित
करना।
पात्रता/लाभार्थी:- औषधीय व सगन्ध पौध उत्पादक काश्तकार पात्र माने जाते हैं जो नाप भूमि में स्वयं के संसाधन अथवा जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान द्वारा प्रोत्साहित काश्तकार या किसी अन्य संस्था/संस्थान/विभा ग/स्वयं सेवी संस्था द्वारा प्रोत्साहित कृषक
लाभार्थी होते हैं।
लाभ:- कृषिकरण
से उत्पादित औषधीय व सगन्ध उत्पाद की
निकासी के सरलीकरण के उद्देश्य से यह नीति
प्रतिपादित की गयी है अपनी नाप भूमि से उत्पादित
औषधीय व सगन्ध उत्पाद को कृषक, वन
विभाग द्वारा संचालित मण्डियों अथवा किसी अन्य
क्रेता को बेच सकते हैं इस व्यवस्था से कृषिकरण
से उत्पादित औषधीय व सगन्ध पादपों के
उत्पाद की विपणन प्रक्रिया का सरलीकरण हुआ
है।
पात्रता/लाभार्थी:- नाप भूमि में औषधीय व सगन्ध पादपों का उत्पादन कर रहे काश्तकार लाभान्वित होंगे तथा वैधानिक रूप से नाप भूमि में औषधीय व सगन्ध पादपों का उत्पादन कर रहे काश्तकार पात्र होंगे।
योजना का
नाम:- निर्यात के लिए औषधीय पादप उत्पादकों
को वैधानिक उत्पादन प्रमाण पत्र (legal
production Certificate ) LPC जारी करना।
लाभ:- कतिपय
संकटग्रस्त व साइटीस (CITES) प्रजातियों
के उत्पाद के निर्यात पर प्रतिबंध है किन्तु
नाप भूमि में वैधानिक रूप से उत्पादित संकटग्रस्त
प्रजातियों जैसे कूठ,
कुटकी, इत्यादि के निर्यात में सुविधा प्रदान करना इस नीति का उद्देश्य है।
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