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चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड /Medical Health and Medical Education Department, Uttarakhand

 

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड /Medical Health and Medical Education Department, Uttarakhand


 योजनायें :- 


योजना का नाम:- ईजा-बोई शगुन  योजना

 लाभ:-  जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु प्रसव उपरान्त  सरकारी अस्पताल में 48 घण्टे तक रूकने वाली सभी  पात्र प्रसूताओं को रू0 2000/- प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दी जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:-  प्रसूता महिला  उत्तराखण्ड  की स्थायी  निवासी होनी  अनिवार्य है।  सरकारी  अस्पतालों में  प्रसव किया  हो।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- प्रसूता महिला का सरकारी अस्पताल में प्रसव होने के  उपरांत संबंधित चिकित्सालय द्वारा प्रसूता महिला के  आधार कार्ड, बैंक खाता मांगा जाता है तथा  चिकित्सालय द्वारा महिला को रू0 2000/- की  धनराशि भुगतान करने की कार्यवाही की जाती है, जो  बाद में महिला के खाते में आती है।  

 

योजना का नाम:- कैंसर डे केयर  सेंटर

लाभ:-  कैंसर का प्रारम्भिक अवस्था में पता लगाने और उपचार  शुरू करने के लिए उत्तराखंड के सभी जिलों में सामान्य  कैंसर (ओरल, ब्रेस्ट और सीए सर्विक्स) की निशुल्क जांच  की जा रही है।  

पात्रता/लाभार्थी:- सभी कैंसर  रोगी

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- कैंसर रोगियों को कीमोथेरेपी, दर्द प्रबंधन और अन्य डे केयर संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी 13 जिल्लों  में कैंसर डे केयर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। अतिथि तक उत्तराखंड के 10 पहाड़ी जिलों में कैंसर डे  केयर यूनिट की स्थापना की गई है। संबंधित  चिकित्सालय में जाकर उक्त सुविधा प्राप्त कर सकते  हैं।  

 

 योजना का नाम:- संस्थागत प्रसव  को बढ़ावा।

लाभ:- सभी जनपदों में विषेशतः आपदाकाल में मार्ग बाधाओं के  दृष्टिगत चिन्हित क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं को संभावित  प्रसव तिथि से ही 15 दिन पूर्व जिला चिकित्सालय के  नजदीक ठपतजी ॅंपजपदह त्ववउ के रूप में संचालित श्व्दमैजवच  ब्मदजतमश् (महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित किये  जा रहे हैं) में निःशुल्क ठहरने की व्यवस्था स्वास्थ्य  विभाग एवं महिला एवं बाल विकास कल्याण के समन्वय  से की जा रही है, जिससे आपदाकाल में प्रसव की  स्थिति होने पर प्रसूता को निकटवर्ती चिकित्सालय में  भर्ती कराकर संस्थागत प्रसव की सुविधाओं के माध्यम से  सुरक्षित प्रसव कराया जा सके। प्रत्येक जनपद में “One Stop Centre स्थापित है।  

पात्रता/लाभार्थी:- सभी गर्भवती  महिलाएं

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  नजदीकी आशा/आंगनबाड़ी /एएनएम से सम्पक र् कर,  उक्त सुविधा प्राप्त की जा सकती है।  

 

योजना का नाम:- चिकित्सा प्रमाण  पत्र बनाने की  प्रक्रिया  (दिव्यांगता  प्रमाणित करने हेतु)  

लाभ:- दिव्यांगता प्रमाणित करने हेतु तथा विभिन्न समाज  कल्याण की पेंशन, छात्रवृति, सेवायोजन में आरक्षण का  लाभ प्राप्त करने हेतु यह प्रमाण पत्र आवश्यक है।  

पात्रता/लाभार्थी:- दिव्यांग व्यक्ति

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- दिव्यांग व्यक्ति को चिकित्सा प्रमाण पत्र बनाने हेतु  सर्वप्रथम अपने जनपद के जिला चिकित्सालय में  बुधवार को जाना पडता है, वहां पर पंजीकरण फाम र्  न्यूनतम शुल्क जमा कर प्राप्त किया जाता है। उसके  उपरांत जिस अंग से दिव्यांग हो, संबंधित डाक्टर एवं अन्य डाक्टरों को दिखाना पडता है। दिव्यांग व्यक्ति  अपने साथ आधार कार्ड, मोबाइल नंबर एवं पासपोर्ट  साइज फोटो लेकर जायेगा। प्रत्येक बुधवार को जिला  चिकित्सालयों में सामान्यतः मुख्य चिकित्सा अधिकारी  उपस्थित होते हैं तथा उनके द्वारा, डाक्टरों की जांच  आख्या के आधार पर, चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किया  जाता है एवं संबंधित दिव्यांग को उपलब्ध कराया जाता  है। यदि तत्समय प्राप्त न हो तो, मुख्य चिकित्सा  अधिकारी कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।

 

योजना का नाम:- दिव्यांगजनों के  लिए विशिष्ट  पहचान पत्र  (यू0आई0डी0  कार्ड ) बनाने की  प्रक्रिया।  

लाभ:- दिव्यांग प्रमाण पत्र धारक व्यक्ति को समाज कल्याण एवं  अन्य विभागों की पेंशन, छात्रवृति तथा आरक्षण संबंधी  सुविधाएं प्राप्त करने हेतु भारत सरकार द्वारा यू0आई0डी0  कार्ड को अनिवार्य किया गया है।

पात्रता/लाभार्थी:- देश के समस्त  ऐसे दिव्यांग  व्यक्ति,  जिनका  दिव्यांग  चिकित्सा  प्रमाण पत्र  बना हो, पात्र  होंगे।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  दिव्यांग व्यक्ति को यू0आई0डी0 कार्ड बनाने हेतु स्वयं https://www.swavlambancard.gov.in/  पर आवेदन कर सकता है या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर  के माध्यम से आवेदन कर सकता है। इसके लिए  आवेदक का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता  विवरण, ईमेल आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर  एवं चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत दिव्यांग प्रमाण पत्र  आवश्यक होता है।  उक्त पोर्टल पर पंजीकरण के उपरांत यू0आई0डी0  कार्ड जांच हेतु संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा  अधिकारी के पास ऑनलाइन आता है उसके बाद चिकित्साधिकारी द्वारा जांच में सही पाये जाने पर भारत  सरकार को ऑनलाइन भेजा जाता है तथा भारत  सरकार के स्तर से यह कार्ड जारी कर संबंधित व्यक्ति  के पते पर भेजा जाता है। व्यक्ति इस कार्ड को उक्त  पोर्टल से भी डाउनलाेड करके प्रिंट कर सकता है।