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सहकारिता विभाग उत्तराखण्ड द्वारा संचालित योजनायें /Schemes run by Cooperative Department Uttarakhand

 

   सहकारिता विभाग उत्तराखण्ड द्वारा संचालित योजनायें /Schemes run by Cooperative Department Uttarakhand

 योजनायें :- 


 योजना का नाम:- दीन दयाल  उपाध्याय  सहकारिता  किसान कल्याण  योजना  

लाभ:- योजनान्तग र्त कृषि कार्य हेतु रू0 1.00 लाख तथा  कृषियेत्तर कार्य (यथा  पशुपालन, दुग्ध, मुर्गी  पालन, मत्स्य, जड़ी-  बूटी, सगन्ध पादप,  मसाला, मशरूम, पुष्प  उत्पादन, औद्यानिकी,कृषि  प्रसंस्करण, कृषि- यंत्रीकरण, जैविक खेती,  बेमौसमी सब्जी उत्पादन,  पॉली-हाउस आदि) हेतु  रू0 3.00 लाख तक एवं  स्वयं सहायता समूह को  रू0 5.00 लाख तक का  ब्याज रहित ऋण दिया  जाता है।

 पात्रता/लाभार्थी:- सामान्य, लघु, सीमान्त  कृषकों तथा गरीबी रेखा  से नीचे जीवनयापन करने  वाले कृषकों एवं उनके  परिवार के सदस्य एवं  स्वयं सहायता समूह, को  जो उस क्षेत्र की सहकारी  समिति के सदस्य अथवा  जिला सहकारी बैंक में  बचत खाताधारक हो।  परिवार के एक सदस्य को ही उक्त योजना का लाभ  दिया जायेगा। (लघु कृषक का तात्पर्य  उन कृषकों से है जिनके  पास 5 एकड़ तक  असिंचित भूमि अथवा 2.50  एकड़ तक सिंचित भूमि  उपलब्ध हो। सीमान्त  कृषक का तात्पर्य उन कृ षकों से है जिनके पास  2.50 एकड़ तक असिंचित  भूमि अथवा 1.25 एकड़  तक सिंचित भूमि उपलब्ध  हो।) योजना का लाभ सहकारी  बकायेदार सदस्यों को  नहीं दिया जायेगा।  वर्तमान में योजना में  कृषकों के लिये आय  सीमा निर्धारित नहीं है।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- रू0 1 लाख से 3 लाख तक का ऋण हेतु आवेदक को सहकारी समिति  का सदस्य होना आवश्यक है तथा सीधे बैंक से ऋण लेने की स्थिति में  बैंक का नाममात्रिक सदस्य बनना पडेगा। आवेदक सबसे पहले  बैंक/समिति से आवेदन प्रारूप प्राप्त करेगा। आवेदन पत्र के साथ  आवेदक का फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एवं कार्य योजना, वार्षिक  आय/व्यय का विवरण तथा यदि कहीं से ऋण लिया हो तो तत्संबंधी  जानकारी उल्लिखित करेगा। आवेदक के पास उपलब्ध चल/अचल  सम्पत्ति जैसे जमीन, जमाधनराशि आदि। ऋण लेने हेतु 2 जमानतियों का होना आवश्यक है, जिनकी चल/अचल सम्पत्ति का विवरण भी मांगा  जाता है। आवेदन पत्र के साथ जमीन संबंधी प्रमाण पत्र/खाता खतौनी,  किसान कार्ड, के साथ उक्त फार्म संबंधिक बैंक/समिति में जमा करने के  उपरांत गठित विकासखण्ड स्तरीय समिति द्वारा लाभार्थियों का चयन कर  उन्हें योजना से आच्छादित कर ऋण प्रदान किया जाता है। रू0 5 लाख  तक के ऋण हेतु समूह द्वारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट/ प्रस्ताव जमा करना पडता  है तथा यह ऋण व्यक्तिगत न मिलकर समूह को दिया जाता है। समूह  का, सहकारी बैंक में खाता होना अनिवार्य है। योजना के अन्तग र्त  लाभान्वित स्वयं सहायता समूह, राज्य सरकार/ केन्द्र सरकार द्वारा  संचालित कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित योजना से आच्छादित  क्रिया-कलापों हेतु पंजीकृत होना चाहिए। उक्त योजनान्तग र्त वितरित  अल्पकालीन ऋण रू0 1 लाख (फसली ऋण) हेतु भुगतान की अवधि  ऋण वितरण की तिथि से एक वर्ष की अवधि तक। मध्यकालीन ऋण  रू0 3 लाख हेतु भुगतान की अवधि ऋण वितरण की तिथि से 03 वर्ष  की अवधि तक भुगतान करना होगा तथा इस हेतु भी प्राेजेक्ट रिपोर्ट की  आवश्यकता होगी।  योजनान्तग र्त ऋण वितरण का लक्ष्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्राविधानित  बजट के सापेक्ष ही निर्धारित किया जाता है। ऋण लेने के पश्चात प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तग र्त संसूचित  फसलों हेतु स्वीकृत किये गये अल्पकालीन कृषि ऋणों का फसल बीमा  कराया जाना आवश्यक होगा। कृषि ऋणों का बीमा सहकारी बैक स्वयं  करवाता है। यदि किसी कृषक को किसी वर्ष ऋण नहीं मिलता है तथा उसे आगामी वर्ष में यदि आवश्यकता हो तो, आगामी वर्ष में विभाग उसके  पूर्व में प्रेषित आवेदन को ही स्वीकार करेगा। सहकारी समिति में सदस्य  बनने की प्रक्रिया-इच्छुक आवेदनकर्ता सम्बन्धित समिति कार्यालय में  सदस्यता हेतु आवेदन पत्र भरते हुये रू0 108/- सदस्यता शुल्क के रूप  में जमा कर समिति सदस्यता हेतु आवेदन कर सकता है। संचालक  मण्डल सम्बन्धित समिति द्वारा सदस्यता हेतु किये गये आवेदन पर विचार  कर सम्बन्धित आवेदक की सदस्यता स्वीकार/अस्वीकार की जाती है।  सदस्य बनने हेतु उसी क्षेत्र में जमीन संबंधी प्रमाण पत्र, पटवारी से  प्रमाणित किसान कार्य संबंधी प्रमाण पत्र तथा आधार कार्ड की  आवश्यकता होती है।

 

 योजना का नाम:-  मुख्यमंत्री घस्यारी  कल्याण योजना

लाभ:-   उत्तराखण्ड के दूरस्थ  ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों के  पशुपालकों को हरा मक्का  के साथ पोषक तत्व  मिलाते हुये पैक्ड सायलेज  एवं सम्पूर्ण मिश्रित  पशुआहार तैयार कर रू  2.75 प्रति किग्रा की दर  से उपलब्ध कराया जा  रहा है। योजनान्तग र्त  सायलेज के विक्रय मूल्य  रू0 9.00 प्रति किग्रा पर  75 प्रतिशत अनुदान तथा  परिवहन लदान ढुलान  आदि व्ययों पर रू0 3.00  प्रति किग्रा की दर से  राज्य सरकार द्वारा  आर्थिक सहायता प्रदान  की जा रही है।  फलस्वरूप लाभार्थी को रू  2.75 प्रति किग्रा की दर  से सायलेज उपलब्ध हो  रहा है।

पात्रता/लाभार्थी:- पर्वतीय क्षेत्रों के समस्त  पशुपालक/महिलाएं  योजना मात्र पर्वतीय क्षेत्रों  में ही लागू है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- पशुपालक/महिला, सायलेज की मांग हेतु सीधे सम्बन्धित समिति के  सचिव को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र के रूप में अवगत कराते हुये  सायलेज की मांग करेंगे। प्रार्थना पत्र के साथ पशुपालकों को समिति क्षेत्र  में निवासरत् रहने से सम्बन्धित अभिलेख, आधार कार्ड आदि उपलब्ध  कराने पड़ते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में सहकारी समितियां काफी दूर होती हैं,  दूरस्थ होने की स्थिति में महिलाओं द्वारा उक्त के उपरान्त आगामी मांग  दूरभाष/व्हाट्सएप के माध्यम से प्रेषित की जा सकती है। इस योजना में  सहकारी समिति का सदस्य होना आवश्यक नहीं है।  उक्त मांगानुसार पशुपालक/महिलाएं, सहकारी समितियों के  कार्यालयों/केन्द्र में निर्धारित शुल्क जमा कर, सायलेज/टाेटल मिक्स  राशन/चारा प्राप्त करेंगे।

 

 योजना का नाम:- मोटर साईकिल  टैक्सी योजना

 लाभ:-  आवेदनकर्ता को प्रमुख  पर्यटक स्थलों में  पर्यटक/ यात्रियों को एक  स्थान से दूसरे स्थान पर  लाने व छाेड़ने हेतु स्कूटर  अथवा मोटर साईकिल को  क्रय करने हेतु 2 वर्ष तक,  कुल धनराशि का 75  प्रतिशत अथवा रू0 1.75  लाख जो भी कम हो, प्रति  स्कूटर/ मोटर साइकिल  पर ब्याजमुक्त ऋण दिया  जायेगा। शेष 25 प्रतिशत  धनराशि आवेदक के पास  होनी चाहिए। आवेदक  अधिकतम 10 स्कूटर/ मोटरसाइकिल खरीद  सकता है।  

 पात्रता/लाभार्थी:- आवेदक उत्तराखण्ड का  स्थायी निवासी हो तथा  उसकी आयु 18 वर्ष से  अधिक तथा 55 वर्ष से  कम हो। आवेदक के पास  परिवहन विभाग द्वारा जारी  वैध लाईसेन्स हो। आवेदक किसी वित्तीय  संस्था/सहकारी संस्था  का बकायेदार न हो,  आवेदक का न्यूनतम  सिविल (क्रेडिट रेटिंग  एजेन्सी) स्कोर 700 से  कम न हो।  

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आवेदक स्कूटर अथवा मोटर साईकिल, खरीदने हेतु संबंधित क्षेत्र के  सहकारी बैंक से आवेदन पत्र प्राप्त करेगा।  आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण,  स्थायी निवास प्रमाण पत्र, कोटेशन तथा उसमें मोटरसाइकिल की  एक्सशोरूम कीमत, ड्राइविंग लाइसेंस, दाे जमानतियों का विवरण, संलग्न  करेगा तथा संबंधित बैंक में ही जमा करेगा। आवेदन पत्र जमा होने के बाद जांच उपरान्त आवेदन पत्रों को  जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय कमेटी के सम्मुख चयन के लिये प्रस्तुत किया जाता है। कमेटी  द्वारा चयनित आवेदकों के आवेदन पत्र जिला सहकारी बैंक प्रधान  कार्यालय के माध्यम से सम्बन्धित बैंक शाखाओं को प्रेषित किये जायेगें।  सम्बन्धित शाखाओं द्वारा निर्धारित औपचारिकतायें पूर्ण कराते हुये ऋण  स्वीकृति पत्र निग र्त करते हुये, स्वीकृत ऋण की धनराशि सीधे उस  संस्था/फर्म को प्रेषित की जायेगी, जिससे मोटर साईकिल वाहन क्रय  किया जाना है। ऋण की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी। ऋण की  वसूली ऋण वितरित करने की तिथि से 01 माह के बाद से प्रतिमाह 35  समान किस्तों में की जायेगी।

 

योजना का नाम:- ई-रिक्शा  कल्याण योजना

लाभ:-   बेरोजगार युवक/ युवतियों को ई-रिक्शा  खरीद हेतु 09 प्रतिशत  वार्षिक ब्याज दर पर ऋण  उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तग र्त बचत  खाता में मूल्य 12 रूपये  वार्षिक प्रीमियम पर 02.00  लाख रू0 के सुरक्षा बीमा  का लाभ प्राप्त होगा। 18  वर्ष से 50 वर्ष तक की  आयु वर्ग के लाभार्थी  बचत खाते पर मूल्य 330  रू0 प्रीमियम जमा करने पर प्रधानमंत्री जीवन  ज्योति बीमा से लाभान्वित  हो सकते हैं।  

पात्रता/लाभार्थी:- योजना के लिये स्थानीय  बेरोजगार पात्र होगें। उत्तराखण्ड राज्य का  स्थायी निवासी हो। पात्र  व्यक्ति का स्वयं का वैध  ड्राईविंग लाईसेन्स। लाभार्थी की आयु  अधिकतम 55 वर्ष हो।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आवेदक, ई-रिक्शा खरीदने हेतु ऋण लेने के लिए क्षेत्र के नजदीकी,  सहकारी बैंक में जाकर आवेदन प्रारूप प्राप्त करेगा तथा आवदेक का  सम्बन्धित सहकारी बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा तथा आवेदक  एवं 2 गारंटरों का बैंक का नाममात्रिक सदस्य बनाया जाना अनिवार्य  होगा। आवेदन प्रारूप के साथ जिस डीलर का कोटेशन, दो गारंटरों का  विवरण, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, संबंधित बैंक का बैंक  खाता विवरण, वोटर आई0डी0 जिसमें स्थानीय पता अंकित हो अथवा  बिजली का बिल, पानी का बिल, जो पात्र व्यक्ति से सम्बन्धित हो प्रस्तुत  करना होगा एवं वैध ड्राइविंग लाइसेंस भी देना होगा। प्रदेश के एेसे  बेरोजगार जो शहरी अथवा अद्ध र्शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रहे हों  तथा किराये पर हों उन्हें किरायेनामे का प्रमाण पत्र तथा उत्तराखण्ड  स्थायी निवासी प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। उक्त दस्तावेजों के साथ  बैंक में आवेदन जमा करना होगा। आवेदन पत्र सही पाये जाने पर, बैंक  द्वारा धनराशि सीधे डीलर को प्रदान की जाती है तथा उसके उपरांत  प्रतिदिन की किस्त/प्रतिमाह की किस्त बनाकर आवेदक 9 प्रतिशत ब्याज  सहित धनराशि जमा करता रहेगा।