योजना का
नाम:- राज्य समेकित
सहकारी विकास
योजना तथा गंगा
गाय महिला डेरी योजना।
लाभ:- दुग्ध सहकारी समितियों के
सदस्यों को गाय/भैंस खरीदने हेतु
निम्नवत लाभ दिया जाता
है। सामान्य जाति के सदस्यों हेतु
:- 02, 03 एवं 05 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापना
(पशु क्रय, बीमा, परिवहन व्यय, कैटल शेड
काफ सहित, मिल्क वैन आदि) हेतु 50 अनुदान
एवं 40 प्रतिशत ऋण जिला सहकारी बैंक
के माध्यम से स्वीकृत किया जाता है तथा शेष 10
प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता
है। डेयरी विभाग द्वारा 2
पशुओं हेतु रू.
80,000/- तीन पशुओं हेतु रू. 1,23,250/- एवं पांच पशुओं हेतु रू. 2,03,625/- की अनुदान ही दी जायेगी। अनुसूचित जाति, जनजाति
एवं महिला सदस्यों (किसी भी जाति की) हेतु- 02, 03 एवं 05
दुधारू पशुओं की इकाई स्थापना
(पशु क्रय, बीमा, परिवहन व्यय, कैटल शेड
काफ सहित, मिल्क वैन आदि) के लिये 75 प्रतिशत अनुदान एवं 25 प्रतिशत ऋण जिला
सहकारी बैंक के माध्यम से स्वीकृत किया
जाता है। डेयरी विभाग द्वारा 2 पशुओं हेतु
रू. 1,20,000/- तीन पशुओं हेतु रू. 1,84,875/- एवं पांच पशुओं हेतु रू. 3,05,438/- धनराशि ही दी जायेगी।
न्यूनतम पशु
खरीदने ही होंगे तथा सब्सिडी प्राप्त करने हेतु ऋण
लेना अनिवार्य है।
पात्रता/लाभार्थी:- दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों अथवा जो सदस्य नही है उनको सदस्य बनाकर, गाय
(12 ली0 /दिन)
एवं भैंस (10 ली0/दिन)
क्रय हेतु ऋण एवं अनुदान दिया जाता है। सामान्य जाति एवं अनु0जाति0/ जनजाति/महिला सदस्य पात्र होंगे। गाय/भैंस का क्रय राज्य के बाहर से किये जाने की बाध्यता है। न्यूनतम 2
पशु खरीदने ही होंगे तथा सब्सिडी प्राप्त करने हेतु ऋण लेना अनिवार्य है।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आवेदक, समिति
का सदस्य होना अनिवार्य है, संबंधित ग्राम पंचायत/ग्रामीण क्षेत्र में 18
वर्ष से उपर का सदस्य, नजदीकी समिति सचिव के
पास रू0 25.00 का सदस्यता शुल्क जमा करके रसीद प्राप्त कर सदस्यता ली जा सकती है, इसके
लिए पशुपालक होना अनिवार्य नहीं है। आवेदक,
आवेदन पत्र दुग्ध सहकारी समिति अथवा नजदीकी जिला सहकारी बैंक
से प्राप्त करेगा। आवेदन पत्र
के साथ आधार कार्ड,
बैंक खाता विवरण, जाति प्रमाण पत्र, यदि
आवश्यक हो तो, सहकारी समिति की सदस्य संख्या, चल/अचल सम्पति/जमीन प्रमाण पत्र, उक्त व्यवस्था न होने पर
02 जमानती जो दुग्ध समिति के सदस्य हों, की जमानत उपलब्ध करायी जायेगी। किसी संस्था से ऋण लिया
हो तो उसका विवरण,
कितने पशु लेने हैं, का विवरण, के साथ दुग्ध सहकारी
समिति में जमा करना होगा। उसके
उपरांत समिति सचिव प्रमाणित करते हैं। तथा प्रबंधक/प्रधान प्रबंधक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0
एवं सहायक निदेशक डेयरी द्वारा जांच के उपरांत संस्तुति दी जाती है।संस्तुति के उपरांत आवेदन पत्र बैंक में
प्रस्तुत किया जाता है, बैंक द्वारा समस्त दस्तावेजों की जांच करने के उपरांत, लाभार्थी
का मानक के अनुसार, ऋण
स्वीकृत किया जाता है तथा ऋण
धनराशि लाभार्थी के खाते में वितरित की जाती है। धनराशि प्राप्त होने के
बाद, दुग्ध सहकारी समिति/ डेयरी विभाग की क्रय समिति द्वारा संबंधित लाभार्थी को अवगत कराया जाता है तथा
राज्य के बाहर, विभाग के अंतर्गत
सूचीबद्ध डेयरी फार्मो से पशु खरीदने हेतु क्रय समिति
साथ में जाती है। पशुओं का चयन कर क्रय करती है एवं पशुओं की स्वास्थ्य की जांच कर, पशुपालक
के घर तक छोडती है। इसके
लिए पशुपालक को, विभागीय कार्मिकों को
कोई धनराशि नहीं देनी पडती है। यदि किसी लाभार्थी को सूचीबद्ध फर्म के पशु पसंद नहीं आते हैं तो उस स्थिति में लाभार्थी, संबंधित जनपदीय प्रबंधक को लिखित में
सूचित करेंगे एवं अनुमति मिलने के उपरांत राज्य के बाहर से क्रय समिति के साथ ही पशु उपलब्ध करायेगे।
योजना का
नाम:- दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना
लाभ:- दुग्ध
सहकारी समितियों को दूध उपलब्ध कराने
वाले पशुपालकों को दूध का मूल्य प्रदान
करने के साथ ही मानक के अनुसार रू0 04.00/ली0 अथवा
रू0 03.00/ली0 की प्रोत्साहन
राशि भुगतान की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के ऐसे सदस्य जो दूध उपलब्ध करवा रहे हों।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- दुग्ध समिति को दुग्ध आपूर्ति करने वाले सदस्यों को निर्धारित मानक (7.50
से 7.99 प्रतिशत वसा रहित ठोस) पर रू0
03.00/ली0 एवं 08.00 प्रतिशत व इससे अधिक वसा रहित ठोस पर रू0 4.0/ ली0
प्रोत्साहन धनराशि का
भुगतान दुग्ध समिति सदस्यों को डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाता है। इसके लिए दुग्ध उपलब्ध
कराने वाले पशुपालक को सहकारी
समिति में अपना बैंक खाता विवरण देना होगा।
योजना का
नाम:- साईलेज एवं दुधारू पशुपोषण योजना
लाभ:- ं दुग्ध सहकारी समिति के
सदस्यों पर्वतीय एवं मैदान
के ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्ता युक्त मिनिरल
मिक्चर एवं प्रोबाइटिक्स वत र्मान दरों में
साईलेज पर 75 प्रतिशत अनुदान पर दिया जा
रहा है, जिसमें लाभार्थी को प्रति किग्रा. रू0 2.00रू.
अपफ्रन्ट अनुदान सहित मिलता है।
काम्पैक्ट फीड ब्लाक 50 प्रतिशत,
जो वर्तमान में रू0 8/कि0ग्रा0 में लाभार्थी को मिलता
है।
पात्रता/लाभार्थी:- दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों को, जो दुग्ध सहकारी समिति को दूध उपलब्ध कराते हों।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- समिति को दुग्ध उपलब्ध
कराने वाले पोरर सदस्य द्वारा चारा की मांग का प्रार्थना पत्र समिति के सचिव के नाम पर लिखना होता है तथा
सम्बन्धित समिति सचिव सदस्य की आवश्यकतानुसार जिला स्तरीय दुग्ध संघ को मांग प्रेषित कर सदस्य को दुग्ध
सहकारी समिति में ही पशुपोषण
आहार उपलब्ध कराया जाता है।
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