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आवास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा संचालित योजनायें /Schemes run by Housing Department Uttarakhand

 

आवास विभाग उत्तराखण्ड  द्वारा संचालित योजनायें /Schemes run by Housing Department Uttarakhand


 योजनायें :- 


योजना का नाम:- प्रधानमंत्री  आवास  योजना (शहरी)  के भागीदारी में  किफायती आवास  घटक  

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतग र्त तीन  प्रकार से आवास बनाने हेतु सहायता  उपलब्ध करायी जाती है :-

 1. ऋण से जुडी सब्सिडी।

  2. भागीदारी में किफायती आवास।

  3. लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास  निर्माण/विस्तार।

लाभ:-   उक्त बिंदु 2 ‘‘भागीदारी में किफायती  आवास घटक’’ का लाभ, पात्रता एवं  प्रक्रिया का उल्लेख निम्न है -   उक्त योजना के अन्तग र्त  राज्य में निवास कर रहे निम्न  आयु वर्ग के व्यक्तियों को 30 वर्ग0मी0  तक कारपेट एरिया के पक्का  आवास एवं मूलभूत सुविधाएं  जैसे- विद्युत, पेयजल, आदि सुविधा  दी जाती है। वर्तमान में राज्य  अन्तग र्त विभिन्न शहरों में आवास  विभाग द्वारा कुल 21 परियोजनाओं में  173040डब्ल्यू0 एस0 आवासों का  निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।  योजनान्तग र्त प्रति इकाई आवास  का विक्रय मूल्य रू0 6.00 लाख निर्धारित किया गया है, जिसमें  से केन्द्र सरकार द्वारा प्रति इकाइ र्  रू0 1.50 लाख, राज्य सरकार द्वारा रू0 1.00 लाख प्रति इकाई  एवं लाभार्थी द्वारा शेष रू0 3.50  लाख प्रति इकाई दिया जाना प्रस्तावित है।

पात्रता/लाभार्थी:- लाभार्थी की वार्षिक आय रू. तीन लाख से हो तथा भारत का  नागरिक हो एवं उत्तराखण्ड में  दिनांक 17.06.2015 से पूर्व  निवास कर रहा हो (निवास प्रमाण  पत्र उपलब्ध कराना होगा) एवं भारत में कोई पक्का  आवास न हो पंजीकरण भारत सरकार  के आवासन एवं शहरी काय र्  मंत्रालय के पोर्टल https://pmaymis.gov.in/ पर होना  चाहिए। उक्त पोर्टल पर  पंजीकरण कराये जाने हेतु  सम्बन्धित नगर निगम कार्यालय,  शहरी विकास कार्यालय  अथवा परियोजना के विकासकों /प्राधिकरणों/परिषद् के माध्यम से  कराया जा सकता है। उत्तराखण्ड आवास नीति के अनुसार  उक्त योजना अन्तग र्त वही लोग  आंवटन हेतु पात्र होते हैं, जिनका  पंजीकरण प्रधानमंत्री आवास योजना  (शहरी) के पोर्टल पर हो तथा इस  हेतु उनको न्दपुनम पकमदजपपिबंजपवद नम्बर निग र्त हो गया हो।  

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- सम्बन्धित विकास प्राधिकरणाें द्वारा दैनिक समाचार पत्राें  में विज्ञापन के माध्यम से आवेदन निर्धारित समयावधि  के अंतग र्त आमंत्रित किये जाते हैं। लाभार्थियों से  आवेदन फार्म पर वांछित सूचना एवं रू0 5000.00 की बुकिगं धनराशि प्राप्त करने के उपरान्त आवेदन  फार्म सम्बन्धित जिला के जिलाधिकारी  कार्यालय, नगर निगम/ परिषद् कार्यालय,  सम्बन्धित जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय,  विकासक के ऑफिस एवं बैंक तथा ब्लॉक  कार्यालयों में फार्म जमा कराये जाते है। आवेदन के साथ लाभार्थी का आधार कार्ड, राशन कार्ड,  बैंक पासबुक, फोटो, उत्तराखण्ड में निवास की तिथि से  सम्बन्धित दस्तावेज तथा देश में कंही भी आवास न  होने संबंधी शपथ पत्र की आवश्यकता होती है। प्राप्त  आवेदनों की प्रथम दस्तावेजों की जांच  सम्बन्धित प्राधिकरणाें अथवा उत्तराखण्ड आवास एवं  विकास परिषद् के माध्मय से पूर्ण करते हुए  परियोजना सम्बन्धित जिले के नगर निगम कार्यालय  को स्थलीय सत्यापन/ जांच हेतु प्रेषित किये जाते  है, जहां पर संयुक्त रूप से नगर निगम,  जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण एवं उपजिलाधिकारी कार्यालय द्वारा पूर्ण  किये जाने के उपरान्त पात्र लाभार्थियों की  सूची सम्बन्धित प्राधिकरण/परिषद् को  लॉटरी से आवंटन हेतु प्रेषित की जाती है। उक्त सूची पर लॉटरी किये जाने के  उपरान्त लाभार्थियों द्वारा धनराशि जमा की जाती है  तथा उनको आवास आवंटित किया जाता है। वर्तमान में सी०एस०सी० सेन्टर भी आवेदन जमा किये  जा सकते हैं।

 

  योजना का नाम:- शहरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड  

 लाभ:- राष्ट्रीय शहरी  आजीविका मिशन  (डे0-एन0यू0 एल0एम0) राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के  अंतर्गत गरीबी रेखा से निवासरत शहरी  बेरोजगारों को आजीविका संबंधी कार्यो  को करने हेतु रू0 2.00 लाख का ऋण  7 प्रतिषत प्दजमतमेजैनइेपकल पर  बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता  है।

पात्रता/लाभार्थी:- शहरी गरीब एवं  बेरोजगार, जिनकी  वार्षिक आय  रू0 3.00 लाख से कम  हो।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  लाभार्थी को आवेदन हेतु आधार कार्ड, आय प्रमाण-पत्र और किस प्रयोजन के लिए ऋण लिया जा  रहा है विवरण सहित आवेदन नगर निकाय में करना होता है। आवेदन नगर निकायों के माध्यम से  चयन टॉस्क फोर्स कमेटी द्वारा लाभार्थियों के साक्षात्कार के उपरातं आवेदन पत्रों को बैंकों को स्वीकृति हेतु प्रेशित किया जाता है। बैंक से लोन प्राप्त करने से पूर्व लाभार्थी के पास अंशदान होने  की बाध्यता नहीं है। बैंक से लोन प्राप्त करने हेतु शहरी विकास विभाग द्वारा सहयोग प्रदान किया  जाता है।

 

योजना का नाम:- पी0एम0 स्वनिधि

लाभ:-  फेरी व्यवसायियों को अपने रोजगार  बढ़ाने हेतु प्रथम चरण में रू0  10,000/- द्वितीय चरण में रू0 20,000  एवं तृतीय चरण में रू0 50,000/- का  ऋण उपलब्ध कराया जाता है। प्रथम चरण की ऋण अवधि एक वश,र्  द्वितीय चरण की ऋण अवधि एक से  डेढ़ वर्श एवं तृतीय चरण की ऋण की  अवधि डेढ़ वर्श है। उक्त ऋण ब्याजमुक्त है।

पात्रता/लाभार्थी:-   शहरी फेरी व्यवसायी

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  आवेदन हेतु ऑफलाईन प्रारूप उपलब्ध नहीं है। आवेदन सीधे नगर निकायों एवं सी0एस0सी0 के  माध्यम से ऑनलाईन वेबसाईट https://pmsvanidhi.mohua.gov.in  किया जाता है।  आधार कार्ड, बचत खाता एवं मोबाईल न0 तथा एल00आर0 एव वेण्डिंग सर्टिफिकेट, तहबजारी  षुल्क रषीद। (यदि है तो) ऑनलाइन अपलोड करना पडता है। वैण्डर सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया - इस हेतु वैण्डर को निकाय में आवेदन करना होता है,  निकाय द्वारा परीक्षणोपरान्त वैण्डर को वैण्डिंग लाईसेन्स जारी किया जाता है। वेंडर सर्टिफिकेट हेतु  आवेदन का प्रारूप उत्तराखड फैरी नियमावली, 2016 में उल्लेखित हैं, इस हेतु निम्न दस्तावेजों की  आवश्यकता होगी :- लाभार्थी का आधार कार्ड, लाभार्थी के बैंक खाते की पास बुक तथा लाभार्थी  का आधार लिंक मोबाईल नम्बर।  

 

 योजना का नाम:- प्रधानमंत्री  आवास योजना  - सबके लिए आवास  (शहरी)

लाभ:- समस्त शहरी आवासहीन परिवारों को  किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराना।
  •  भारत वर्श में अपने  अथवा अपने परिवार  के सदस्य के नाम  पक्का आवास न  होना।  
  • लाभार्थी की वार्शिक  पारिवारिक आय रू0  3.00 लाख अथवा  उससे कम होना।

  पात्रता/लाभार्थी:-  1. लाभार्थी नगर निकाय/सी०एस०सी० सेन्टर के माध्यम से योजना के पोर्टल पर ऑनलाईन  आवेदन करेगा। 

2. आवदेन हेतु लाभार्थी को अपना व परिवार के सदस्यों का आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण, 10  रु० के स्टांप पर स्वघोषित आय तथा भारत वर्ष में आवास न होने का प्रमाण पत्र व 17 जून  2015 से पूर्व निकाय क्षेत्र में रहने का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होता है।

3. नगर निकाय लाभार्थियों द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना का सत्यापन कर लाभार्थी की सूचना  राज्य स्तर पर State level Nodal Agency (SLNA) को उपलब्ध करायेगा, जिसे राज्य  स्तर पर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित   State level Sanctioning and Monitoring committee (SLSMC)  से अनुमोदन प्राप्त कर भारत सरकार को  स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जायेगा।

4. भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत चयनित लाभार्थी की सूची योजना पोर्टल पर दर्ज कर दी जाती  है।