रेशम विभाग उत्तराखण्ड द्वारा संचालित योजनायें /Schemes run by Silk Department Uttarakhand |
योजनायें :-
योजना का
नाम:- रेशम वृक्षारोपण
लाभ:- कलस्टर
में चयनित किसानों को रेशम वृक्षारोपण
हेतु रू0 17,244 की धनराशि अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। 2- रेशम
वृक्ष, विभाग द्वारा
निःशुल्क उपलब्ध कराये
जाते हैं।
पात्रता/लाभार्थी:- पात्रता हेतु लाभार्थियों का कल्स्टर/समूह होना चाहिए। पर्वतीय क्षेत्रों में कलस्टर हेतु न्यूनतम 25 किसान एवं मैदानी क्षेत्रों में 50 किसान होने अनिवार्य। समूह के लाभार्थियों के पास न्यूनतम 300 पौधाें के रोपण हेतु भूमि उपलब्ध हो। चा ॅकी कीटपालन कार्य विभागीय देखरेख में किया जाता है। इसलिए कल्स्टर का चयन विभागीय रेशम फॉर्मों के 15-20 किमी के दायरे के अन्तग र्त/इससे अधिक दूरी होने पर चयनित समूह, सामुहिक चॉकी केन्द्र हेतु एक एकड़ भूमि उपलब्ध करवाये तथा चॉकी कीटपालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर, चा ॅकी कीटपालन कार्य कर सकते हैं। पूर्व से कीटपालन कार्य करने वाले या जिन किसानों के पास शहतूत भौज्य पौध उपलब्ध हों उनको प्राथमिकता। शहतूती रेशम कार्य 4000 फीट की ऊॅचाई वाले क्षेत्र तक किया जा सकता है, लेकिन इस कार्य के लिए गरम घाटी वाले क्षेत्र उपयुक्त होते है। रेशम कीट पालन हेतु विभाग द्वारा इस प्रकार के कोई क्षेत्र विशेष चयनित नहीं किये हैं, लेकिन अधिकांश राजकीय रेशम फार्म पूर्व में उन्हीं स्थानों पर स्थापित किये गये हैं जहां पर शहतूती रेशम का कार्य आसानी से किया जा सकता है।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- चॉकी केन्द्रों से
सम्बद्ध सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों /रेशम स्वयं सहायता समूहों एवं
केन्द्र/रेंज प्रभारियों द्वारा क्षेत्र में आयोजित प्रचार-प्रसार
गोष्ठियों/बैठकों के माध्यम से इच्छुक लाभार्थियों का चयन किया जाता है। क्षेत्र विशेष में कलस्टर का प्रस्ताव प्राप्त होने
पर विशेषज्ञ कमेटी द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया जाता है कि संबंधित
क्षेत्र रेशम वृक्षारोपण/कायोंर् हेतु उपयुक्त है या नहीं, स्थलीय
निरीक्षण की संस्तुति के उपरांत विभागीय कार्मिकों के तकनीकी सहयोग से शहतूत वृक्षारोपण व अन्य काय र् योजना की गाइड लाईन के
अनुरूप किया जाता है। चयनित लाभार्थियों की पी0आई0एस0 तैयार करने हेतु वोटर आईडी/राशन कार्ड, बैंक
खाते विवरण, जिस क्षेत्र में वृक्षारोपण करना चाहते हैं, उसके
जमीन संबंधी दस्तावेज फाेटाे प्राप्त किये जाते हैं। उसके उपरांत विभागीय कार्मिकों की देख रेख में वृक्षारापेण व अन्य
कार्य सम्पन्न किये जाते हैं और सम्पादित किये कायोंर् के अनुरूप ही किसानों को अनुदान धनराशि उपलब्ध करायी जाती है।
योजना का
नाम:- कीटपालन उपकरण
लाभ:- चयनित लाभार्थियों को कीटपालन कार्य हेतु रू0 40,000 की सहायता (80%10%10)े आवश्यक उपकरण खरीदने हेतु भुगतान की जाती है। उक्त धनराशि में से 10 प्रतिशत धनराशि लाभार्थी द्वारा स्वयं से व्यय करते हुए लीफ चैम्बर की स्थापना करनी होती है तथा अन्य कीटपालन सामग्री विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जाती हैं।
पात्रता/लाभार्थी:- पात्रता हेतु लाभार्थियों
का क्लस्टर/समूह होना
चाहिए। पर्वतीय क्षेत्रों में कलस्टर हेतु न्यूनतम 25 किसान एवं मैदानी
क्षेत्रों में 50 किसान होने अनिवार्य।
संबंधित लाभार्थी कीटपालन
करने हेतु इच्छुक हों। पूर्व से कीटपालन कार्य करने वाले या जिन किसानों के पास शहतूत
भौज्य पौध उपलब्ध हों उनको
प्राथमिकता। सिल्क समग्र
योजना के अन्तग र्त किसानों की खेताें की मेड़ों पौध रोपण किया जाता है जिसका मानक 300
पौध/एकड़ निर्धारित है। चयनित
कलस्टर में सभी किसानों को पौध रोपण की अनिवार्यता है।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- चॉकी केन्द्रों से
सम्बद्ध सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों/रेशम स्वयं सहायता समूहों एवं
केन्द्र/रेंज प्रभारियों द्वारा क्षेत्र में आयोजित
प्रचार-प्रसार गोष्ठियों/ बैठकों/ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से इच्छुक
लाभार्थियों का चयन किया जाता है। क्षेत्र विशेष में कलस्टर का प्रस्ताव प्राप्त होने पर विशेषज्ञ कमेठी
द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया
जाता है कि संबंधित क्षेत्र रेशम वृक्षारोपण/ कायोंर् हेतु उपयुक्त है या नहीं, स्थलीय
निरीक्षण की संस्तुति के उपरांत
विभागीय कार्मिकों की तकनीकी सहयोग में शहतूत वृक्षारापेण व अन्य कार्य योजना की गाइडलाइन के अनुरूप किया जाता है।
चयनित लाभार्थियों की पी0आई0एस0 तैयार
करने हेतु वोटर आईडी /राशन कार्ड, बैंक खाते विवरण, जिस क्षेत्र में वृक्षारोपण करना चाहते हैं, उसके
जमीन संबंधी दस्तावेज फोटो प्राप्त
किये जाते हैं। लीफ चैम्बर की स्थापना किसान द्वारा की जाती है अन्य कीटपालन सामग्री विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
सिल्क समग्र योजना के अन्तग र्त किसानों को प्रशिक्षण का प्राविधान होता है जिसमें कलस्टर में चयनित सभी किसानों को
वृक्षारोपण/कीटपालन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है। जो लाभार्थी योजनान्तग र्त चयनित नहीं होते हैं, उन्हें
उपरोक्तानुसार प्रशिक्षण दिया जाता है।
योजना का
नाम:- कीटपालन कक्ष
लाभ:- कीटपालन
कक्ष हेतु रू0 1 लाख की आर्थिक सहायता (80%10%10) उपलब्ध
करायी जाती है। रू0 10,000 किसान द्वारा स्वयं वहन करते हुए कीटपालन कक्ष की नींव का निर्माण कार्य पूर्ण करना। राज सहायता मद में रू0 90,000 की सहायता दाे समान किस्तों में।
पात्रता/लाभार्थी:- योजनान्तग र्त चयनित
लाभार्थी जिनकों वृक्षारोपण
मद में सहायता उपलब्ध कराइ र् गई है और जिनके पास कीटपालन हेतु 300 शहतूत पौध उपलब्ध हों
सिल्क समग्र योजना के अन्तग र्त
किसानों का चयन कलस्टर मोड में किया जाता
है जिसके के लिए विभागीय कमेठी द्वारा स्थलीय निरीक्षण
किया जाता है तथा क्षेत्र की उपयुक्तता के आधार पर योजना
का संचालन किया जाता है जिसमें किसान की पी0आई0एस0
तैयार करने हेतु पूर्व उल्लिखित दस्तावेजों का संकलन
किया जाता है। कीटपालन कक्ष निर्माण में किसान द्वारा स्वयं
की धनराशि पर कीटपालन कक्ष की नींव का निर्माण किया जाता
है। निर्माण कार्य की प्रगति एवं योजनाओं के दिशा निर्देशों के
अनुरूप कलस्टर प्रभारी की संस्तुति पर राज सहायता धनराशि किसान
के खाते में भुगतान की जाती है।
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