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उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) द्वारा संचालित योजनायें /ऊर्जा विभाग (उरेडा), उत्तराखण्ड/Schemes run by Uttarakhand Renewable Energy Development Agency (UREDA) / Energy Department (UREDA), Uttarakhand/

 

उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) द्वारा संचालित योजनायें   /ऊर्जा विभाग (उरेडा), उत्तराखण्ड/Schemes run by Uttarakhand Renewable Energy Development Agency (UREDA) / Energy Department (UREDA), Uttarakhand/


  योजनायें :- 


योजना का नाम:-  राष्ट्रीय बायो  इनर्जी कार्यक्रम

लाभ:- बायोगैस संयंत्रों से प्राप्त गैस का उपयोग कुकिंग के लिये किया जा सकता है तथा उच्च कोटि की खाद (कम्पोस्ट खाद) प्राप्त  की जा सकती है। निम्नानुसार अनुदान देय होगाः-  1 घनमीटर -रू0 17,000/-  2-4 घनमीटर -रू0 22,000/-  6 घनमीटर -रू0 29,250/-  8-10 घनमीटर -रू0 34,500/-  15 घनमीटर -रू0 63,250/-  20-25 घनमीटर -रू0 70,400/-  छोटे बायोगैस प्लान्ट में अनुमानित धनराशि रू0 40,000.00  लगभग व्यय होती है तथा विभाग से रू0 22,000.00 का अनुदान  दिया जाता है।

 पात्रता/लाभार्थी:-  प्रदेश के पशुपालक बायोगैस  संयंत्र की स्थापना हेतु पात्र  होंगे। बायोगैस संयंत्र हेतु  लाभार्थी का पशुपालक होना  आवश्यक है। बायोगैस लगाये जाने हेतु  4x3 =12 वर्ग मी0 भूमि तथा  03 पशुओं की आवश्यकता होगी।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय,  भारत सरकार के पोर्टल  https://biogas.mnre.gov.in/  पर  ऑनलाईन या जनपद स्तरीय उरेडा  कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया जा  सकता है। संयत्र की स्थापना के लिये ऑनलाईन  आवेदन करने हेतु, आधार कार्ड, राशन  कार्ड एवं बैंक खाते की आवश्यकता होगी। पी0सी0बी0 की एन0ओ0सी0 या अन्य किसी  विभाग की एन0ओ0सी0 की आवश्यकता  नहीं है। ऑनलाईन आवेदन न कर पाये ताे  ऑफ लाईन भी आवेदन जमा कर सकता  है। उरेडा का जनपद स्तरीय कार्यालय  सहयोग करेगा।

 

योजना का नाम:-  मुख्यमंत्री सौर  स्वरोजगार  योजना  

लाभ:-  योजना के अन्तग र्त पात्र आवेदकों/लाभार्थियों को  20/25/50/100 एंव 200 कि0वा0 क्षमता की सौर  परियोजनाओं का आवंटन कर स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाता  है। 20 किलोवाट हेतु रू0 10 लाख एवं 25 किलाेवाट हेतु 12.50  लाख तथा 300 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता होगी।  50 किलाेवाट हेतु 700-1000 वर्ग मी0, धनराशि लागत रू0 25. 00 लाख है।  100 किलोवाट हेतु 1500-2000 वर्ग मी0 धनराशि लागत रू0  50.00 लाख। 200 किलोवाट हेतु 3000-4000 वर्ग मी0, धनराशि लागत  रू0 100.00 लाख।  (चयनित अभ्यर्थियों को उत्तराखण्ड राज्य/जिला सहकारी बैंकों  से 8 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।  योजनान्तग र्त उद्योग विभाग द्वारा एमएसएमई नीति-2023 के  अंतग र्त अनुमन्य लाभ/प्रोत्साहन देय है।आवंटित सौर ऊर्जा  परियोजनाओं की स्थापना से उत्पादित विद्युत को यू0पी0सी0एल0 द्वारा 25 वर्षो के लिये क्रय किया जायेगा।  विक्रय की गयी विद्युत को टैरिफ दरों के अनुसार  यू0पी0सी0एल0 द्वारा लाभार्थी को भुगतान किया जायेगा।

 पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड के स्थायी  निवासी ही आवेदन हेतु पात्र  होगें तथा 01 परिवार से  केवल 01 ही आवेदक को 01  ही सोलर पावर प्लान्ट  आवंटित किया जाता है।  आवंटी द्वारा प्रभावी डैडम् पॉलिसी के अन्तग र्त लाभ  लिये जाने हेतु इस योजना के  अन्तग र्त केवल आवंटी द्वारा  प्रोपराइटरशिप के रूप में  आवेदन किया जाना होगा। अन्य किसी विकल्प  पार्टनरशिप फर्म, कम्पनी, ट्रस्ट  अथवा सोसाईटी के रूप में  इस योजना के अन्तग र्त  स्थापना अनुमन्य नहीं होगी।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- योजना के अन्तग र्त ऑनलाइन के माध्यम  से पोर्टल www.msy.uk.gov.in   पर  आवेदन किया जायेगा। आवेदन हेतु स्थायी  निवास प्रमाण- पत्र, आधार कार्ड, पहचान  पत्र, आवेदन शुल्क, शपथ पत्र , प्रस्तावित  भूमि विवरण संबंधी दस्तावेजों की  आवश्यकता होगी। तद्ोपरान्त पोर्टल पर  प्राप्त आवेदन को यू0पी0सी0एल0 को ज्थ्त् हेतु प्रेषित किया जायेगा, यू0पी0सी0एल0  द्वारा उक्त कार्यवाही के उपरान्त आवेदन  को वापस उरेड़ा को उपलब्ध कराया जाता  है, जिसके उपरान्त जनपदीय कार्यालय  द्वारा आवंटन समिति के सम्मुख प्रस्तुत  करते हुये संस्तुति उपरान्त उरेडा द्वारा  आवेदक को सोलर पावर प्लान्ट का  आवंटन किया जाता है।

 

 योजना का नाम:- गि्रड कनेक्टेड  रूफटॉप सोलर  पावर प्लान्ट  योजना

लाभ:- एम0एन0आर0ई0, भारत सरकार की रूफटॉप सोलर पावर प्लान्ट  योजना के अन्तग र्त ही पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकार द्वारा  राज्यांश के रूप में 01 कि0वा0 से 03 कि0वा0 तक की श्रेणी  वाले संयत्रों हेतु रू0 17000.00 प्रति कि0वा0 की दर से एंव 03  कि0वा0 से 10 कि0वा0 तक की क्षमता के संयत्रों हेतु रू0  51,000.00 नियत लाभ अनुदान के रूप में अनुमन्य किया गया  है। आवंटित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना से उत्पादित  विद्युत को यू0पी0सी0एल0 द्वारा नेट मीटरिंग के आधार पर  उपभाेक्ता के विद्युत बिल में समायोजित किया जायेगा।

पात्रता/लाभार्थी:-  सम्पूर्ण राज्य के विभिन्न घरेलू  उपभाेक्ताओं जिनके द्वारा  एम0एन0आर0ई0, भारत  सरकार द्वारा संचालित ’’गि्रड  कनेक्टिड रूफटॉप सोलर  पावर प्लान्ट योजना’’ के  अन्तग र्त एम0एन0आर0ई0,  भारत सरकार के नेशनल  पोर्टल solarrooftop.gov.in पर  आवेदन किया गया हो एंव  संयत्र स्थापना केन्द्रीय  वित्तीय सहायता  स्वीकृत/निग र्त की जा चुकी  हो, पात्र होंगे।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  एम0एन0आर0ई0 भारत सरकार द्वारा जिन  उपभाेक्ताओं को अनुदान का भुगतान किया  गया हो, उनके द्वारा जिला उरेडा कार्यालय  में उक्त स्वीकृति संबंधी दस्तावेजों सहित,  आधार कार्ड/बैंक खाता के प्रमाण पत्र  संलग्न कर जमा करने पडते हैं। सत्यापन  के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान प्रदान किया जायेगा।

 

 योजना का नाम:- GRID CONNECTED ROOFTOPPHASE II योजना,  MNRE भारत  सरकार द्वारा  संचालित    

लाभ:- घर की छत पर सोलर रूफ़टॉप प्लांट लगाने से अपने विद्युत  बिल की धनराशि को सोलर प्लांट द्वारा जनित विद्युत के  उपयोग से कम कर सकते है तथा शेष विद्युत को गि्रड में प्रवाहित कर उसके सापेक्ष भुगतान प्राप्त कर उपभोक्ता अतिरिक्त  आय अर्जित कर सकते है। एकल घरेलू उपभोक्ताओं हेतु भारत  सरकार द्वारा 3KW क्षमता तक सोलर प्लांट हेतु रू  17662/KW एवं तदुपरान्त 10KW क्षमता तक रू  8831/KW का अनुदान सीधे उपभाेक्ता को उनके खाते में  दिया जा रहा है। उपरोक्त के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा भी  3KW क्षमता तक के सोलर प्लांट हेतु रू 17000/KW का  अनुदान अनुमन्य किया गया है। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी,  रेज़िडेन्शियल वेलफ़ैर एसोशिएशन हेतु 10 KW क्षमता तक रू. 8831/KW का अनुदान भारत सरकार द्वारा दिया जा रहा है  

 पात्रता/लाभार्थी:- समस्त घरेलू उपभोक्ता, गु्रप  हाउसिंग सोसाइटी,  रेज़िडेन्शियल वेलफेयर  एसोसिएशन।  

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- MNRE भारत सरकार के पोर्टल www.solarrooftop.gov.in  पर  पंजीकरण उपरान्त ऑनलाइन आवेदन  किया जाता है, जिस हेतु UPCL द्वारा  NOC भी ऑनलाइन ही जारी की जाती है। उपभोक्ता द्वारा UPCL के किसी भी  पंजीकृत वेंडर के माध्यम से सोलर प्लांट  स्थापित कराया जा सकता है। प्लांट  स्थापना के उपरान्त UPCL  द्वारा NET METER स्थापित कर प्लांट को गि्रड से  जोड़ दिया जाता है एवं समस्त संबंधित  अभिलेख पोर्टल पर अपलोड कर दिये जाते है। अंत मे उपभोक्ता द्वारा अपने बैंक  एकाउंट का विवरण उक्त पोर्टल पर  अपलोड किया जाता है जिसमे अनुदान की  धनराशि सीधे अवमुक्त की जाती है।