राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा संचालित योजनाएं/कार्यक्रम/Schemes/Programmes run by National Health Mission, Uttarakhand |
योजनायें :-
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK)
- जननी सुरक्षा योजना JSY
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA)
- प्रतिरक्षण कार्यक्रम
- बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
- किशोर स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक
- सप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड गोली निषुल्क वितरण
- सैनिटरी नैपकीन वितरण
- निशुल्क जांच योजना
- 108, आकस्मिक एम्बुलेन्स सेवा
- खुशियों की सवारी सेवा
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम
- निशुल्क रक्त
- हीमोग्लोबिनोपैथी
- एकीकृत टोल फ्री 104 हेल्पलाइन
- राष्ट्रीय क्षःय उन्मूलन कार्यक्रम
- राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम NTCP
- राष्ट्रीय दृश्टिविहीनता नियंत्रण कार्यक्रम NPCB
- राष्ट्रीय पैलियटिव केयर कार्यक्रम NPPC
- राष्ट्रीय वरिश्ठ नागरिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम ( NPHCE)
योजना का
नाम:- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK)
लाभ:- निःशुल्क
प्रसव की सुविधा, जिसके अन्तर्गत नॉर्मल सिजेरियन डिलीवरी, दवाईयॉ
एवं अन्य जॉचे (रक्त,
पेशाब जॉच तथा अल्ट्रासोनोग्राफी
आदि) ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा (आवश्यकता
होने पर) दी जाती है। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान निःशुल्क भोजन सुविधा
(सामान्य प्रसव में 3 दिन तथा सिजेरियन
प्रसव में 7 दिन तक) तथा घर से चिकित्सालय तक जाने की सुविधा, यदि
अस्पताल द्वारा अन्यत्र रैफर किया जाता है तो
उस अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक जाने तथा घर वापस आने के लिए निःशुल्क
ट्रांसपोर्ट सुविधा दी जाती है। बीमार
नवजात शिशु के लिए (जन्म के बाद एक वर्ष तक) निःशुल्क उपचार, दवाईयॉं
जॉचे तथा निःशुल्क ब्लड ट्रांसफ्यूजन की
सुविधा (आवश्यकता होने पर)घर से स्वास्थ्य संस्थान जाने, रैफरल के समय एक संस्थान से
दूसरे संस्थान जाने तथा घर वापस
आने के लिए निःशुल्क ट्रांसपोर्ट सुविधा।
पात्रता/लाभार्थी:- गभर्वती महिलाओं के लिएः सरकारी चिकित्सालयों मे प्रसव पूर्व ANC प्रसवोरांत
PNC जॉच कराने वाली राज्य की सभी गभर्वती महिलाओं, नवजात शिशु (जन्म के बाद एक वर्ष तक) को यह सुविधा दी जाती है।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- गभर्वती महिला (नवजात
शिशु (जन्म के बाद एक वर्ष तक) का किसी भी सरकारी चिकित्सालय मे पंजीकरण कराना आवश्यक है। पंजीकरण
कराने की प्रक्रिया एवं दस्तावेजः- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत गभर्वती महिलाओं के अलग से
पंजीकरण की कोई प्रक्रिया नहीं है। प्रदेश की किसी भी गर्भवती महिला को गर्भधारण करने के उपरांत प्रदेश के सरकारी
स्वास्थ्य केंद्रों में यह सेवा प्रदान की जाती है। गर्भवती महिलाओं का RCH पोर्टल https://rch.nhm.gov. in/RCH/ पर पंजीकरण आशा/एएनएम/जीएनएम द्वारा किया जाता है तथा उनके द्वारा RCH ID
एवं MCP कार्ड ANM कार्यकत्री द्वारा बनाया जाता है, जिसमें
गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था का सम्पूर्ण विवरण होता है।
लाभ:- गर्भवती
महिलाओं को राज्य के किसी भी सरकारी चिकित्सालय
में प्रसव कराने पर शहरी क्षेत्र की महिला को रू0-1000 एवं ग्रामीण
क्षेत्र की महिला को रू0 -1400 की
प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- गभर्वती महिलाऐं
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- सरकारी चिकित्सालयों मे
पंजीकरण करवा कर प्रसव कराने
पर प्रसवोरांत प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है। पंजीकरण
की प्रक्रियाः- आशा कार्यकत्री के माध्यम से अथवा आशा कार्यकत्री न
होने की दशा में गर्भवती महिलाएं
स्वयं भी अपना पंजीकरण प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में करवा सकती है, जिसके लिए गर्भवती महिला का बैंक खाता, आधार
संख्या, मोबाईल नंबर, आदि
देना होता है। प्रसव करवाने के उपरांत लगभग एक माह के भीतर धनराशि का भुगतान महिला के खाते में हो जाता है।
योजना का
नाम:- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व
अभियान (PMSMA)
लाभ:- सरकारी
चिकित्सालयों में प्रत्येक माह की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं एवं उच्च
जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओ
की प्रसव पूर्व जांच के दौरान । ANC से सम्बन्धित
समस्त जांचें एवं न्सजतेंवनदक की सुविधा सरकारी
चिकित्सालयों में निःशुल्क प्रदान की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- गभर्वती महिलाऐं
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- गर्भवती महिलाओं को
सरकारी चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री
सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन पंजीकरण करवाने पर यह सुविधा प्रदान की जाती है। पंजीकरण संबंधित चिकित्सालय के
एएनएम/आशा/जीएनएम द्वारा
किया जाता है तथा पंजीकरण हेतु महिला का आधार कार्ड मोबाइल नंबर अनिवार्य होता है।
योजना का
नाम:- प्रतिरक्षण कार्यक्रम
लाभ:- कई
जानलेवा बीमारियों से शिशुओं के बचाव हेतु सार्वभौमिक
टीकाकरण कार्यक्रम (यू0आई0पी0) के अर्न्तगत निःशुल्क टीकाकरण निम्नवत
निर्धारित अवधि में किया जाता हैः-
National Immunization Schedule
Vaccine Dose Vaccination Age
BCG 1 dose At birth, Upto one year
OPV 5 doses At birth, 6 week,10 week,14 week and 16-23 months
FIPV 3 doses 6 week,14 week, & 9 month
Hepatitis-B 1 dose At birth
Pentavalent 3 doses 6 week,10 week,14 week
RVV 3 doses 6 week,10 week,14 week
PCV 3 doses 6 week,10 week,14 week
MR 2 doses 9 month & 16-23 month
JE(In endemic districts only) 2 doses 9 month & 16-23 month
DPT 2 doses 16-23 month & 5-6 year
Td 2 doses 10 year, 16 year
पात्रता/लाभार्थी:- 0-16 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चे जिनकों टीकाकरण की आवश्यकता हो।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- टीकाकरण की सुविधा समस्त सामु0स्वा0
केन्द्र, प्रा0स्वा0 केन्द्र, उपकेन्द्र, प्रसवोत्तर केन्द्र, नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है जिसका लाभ 0-16
वर्ष तक की आयु के समस्त बच्चे पंजीकरण करवा कर
प्राप्त कर सकते है। पंजीकरण हेतु बच्चे को संबंधित
राजकीय चिकित्सालयों में ले जाना पडता है तथा
बच्चे का जन्म संबंधी प्रमाण/एएनएम द्वारा जारी कार्ड
की आवश्यकता होती है।
योजना का
नाम:- बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
लाभ:- बाल
स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत 0-5 वर्ष तक के बच्चों को चिकित्सा सेवाएं
एस0एन0सी0यू0, एन0बी0एस0यू0 एवं एन0आर0सी0
के माध्यम से प्रदान की जाती है। इसके साथ
ही आशा/ऑगनबाडी कार्यकत्रियों /ANMद्वारा Vitamin A, IFA
Surup 0-5 Month तक के बच्चों को निःशुल्क
वितरित की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- 0-5 वर्ष तक के बच्चे
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- राज्य के जिला
चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयांे, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एस0एन0सी0यू0, एन0बी0एस0यू0
एवं एन0बी0सी0सी0 संचालित
किये जा रहे है। इन केन्द्रों में पंजीकरण कराकर सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
योजना का
नाम:- किशोर स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक
लाभ:- किशोर
स्वास्थ्य क्लीनिक में निःशुल्क परामर्श प्रदान की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- राज्य के समस्त किशोर (10 से 19 वर्ष)
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- राज्य के 13 जिला
चिकित्सालयों, 02 उप जिला चिकित्सालयों तथा 45 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पंजीकरण करवाने पर
निःशुल्क परामर्श प्रदान किया जाता है।
योजना का
नाम:- सप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड गोली
निषुल्क वितरण
लाभ:- राज्य
के सभी राजकीय व राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयां
के छात्र/छात्राओं को प्रत्येक सोमवार को सप्ताहिक
आयरन फॉलिक एसिड गोली निशुल्क वितरण का
कार्य विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा किया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:- छा़त्र या छा़त्रा
आवेदन प्रक्रिया
एवं चयन प्रक्रिया:- समस्त राजकीय व राजकीय
सहायता प्रप्त विद्यालयों में पंजीकृत छात्र-छात्राओं को उक्त योजना का लाभ प्रदान किया जाता है।
योजना का
नाम:- सैनिटरी नैपकीन वितरण
लाभ:- किशोरियों
को प्रजनन तंत्र संक्रमण के बचाव एवं माहवारी स्वच्छता की आदत विकसित करने
हेतु वर्तमान में रू0 6/-
भुगतान करने पर सैनिटरी नैपकीन आशा द्वारा प्रदान
किया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:- राज्य की 10 से 19 वर्ष की समस्त किशोरियां
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- सैनिटरी नैपकीन सभी
आशाओं के पास उपलब्ध होते हैं।
लाभ:- जिला
चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्रों में निःशुल्क जांचें प्रदान की जाती है। योजना के अन्तग र्त 266
जॉचें निःशुल्क की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- राज्य के राजकीय चिकित्सालयों
में पंजीकरण करने के उपरांत कोई भी निःशुल्क जांच करवा सकता है।
आवेदन प्रक्रिया
एवं चयन प्रक्रिया:- राज्य के जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लैब उपलब्ध है। इन चिकित्सा इकाईयों में
निर्धारित समय, जो कि उस चिकित्सालय
के ब्डैध्भ्वेचपजंस प्दबींतहम द्वारा निर्धारित किया जाता है, के
पश्चात् आने वाले रोगियों की अनुबन्धित फर्म के कार्मिक द्वारा निःशुल्क जांचें की जाती है।
लाभ:- किसी
भी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना में मरीजों को चिकित्सालय तक पहुॅचाना तथा
प्राथमिक चिकित्सा सुविधाऐं
उपलब्ध करवाना । इस सेवा का लाभ 272 एम्बुलेन्सों
के माध्यम से राज्य वासियों को दिया जा रहा है।
पात्रता/लाभार्थी:- दुर्घटना के पीडित व्यक्ति एवं आपातकालीन
सेवा हेतु।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- 108 नम्बर पर कॉल करके सेवाओं
का लाभ निःशुल्क प्राप्त
किया जा सकता है। 1
योजना का
नाम:- खुशियों की सवारी सेवा
लाभ:- गर्भवती
महिलाओं को प्रसव के उपरान्त नवजात शिशु सहित
निशुल्क चिकित्सालय से घर तक पहुचाना, गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउण्ड हेतु घर से चिकित्सालय तक आने -जाने की
निःशुल्क सुविधा 128 वाहनों
के माध्यम से प्रदेश में उपलब्ध कराई जा रही है।
पात्रता/लाभार्थी:- गर्भवती महिलाएँ एवं 0 से 01 साल तक के नवजात
शिशु हेतु।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- 102 नम्बर पर कॉल करके सेवाओं
का लाभ निशुल्क प्राप्त
किया जा सकता है।
योजना का नाम:- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम
लाभ:- राज्य
में निम्नलिखित 14 डायलिसिस केंद्रों पर सभी को निःशुल्क डायलिसिस सेवाओं का
लाभ प्रदान किया जा रहा
है।
1. बेस अस्पताल, अल्माेडा,
2. जिला अस्पताल, बागेश्वर,
3. ट्रामा सेंटर कर्णप्रयाग, चमोली,
4. जिला अस्पताल, चंपावत,
5. संयुक्त अस्पताल, रुडकी, हरिद्वार,
6. जी0बी0पंत अस्पताल, नैनीताल,
7. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, पौडी
गढवाल,
8. जिला अस्पताल, पिथौरागढ,
9. जिला अस्पताल, रुद्रप्रयाग,
10. उप जिला अस्पताल, नरेंद्रनगर, टिहरी गढवाल,
11. उप जिला अस्पताल, खटीमा, उधम सिंह नगर,
12. जिला अस्पताल, उत्तरकाशी,
13. जिला अस्पताल, पौडी गढवाल,
14. दून मेडिकल
कॉलेज, देहरादून।
राज्य के 05 डायलिसिस केंद्रों ;कोरोनेशन
अस्पताल, देहरादून, मेला
अस्पताल, हरिद्वार,
बेस अस्पताल, हल्द्वानी, नैनीताल, बेस अस्पताल, कोटद्वार, पौडी
गढवाल, जिला अस्पताल, रुद्रपुर, उधम
सिंह नगर में राज्य के आयुष्मान कार्डधारक
रोगियों, राज्य खाद्य सुरक्षा योजाना के बी0पी0एल0
कार्ड धारक रोगियों को निःशुल्क एवं अन्य रोगियों
को निम्नलिखित रियायती दरों पर डायलिसिस सेवाओं
का लाभ प्रदान किया जा रहा है। रु0 1028/- प्रति डायलिसिस सेशन की दर से मेला अस्पताल, हरिद्वार, बेस
अस्पताल, कोटद्वार,
पौडी गढवाल एवं
जिला अस्पताल, रुद्रपुर,
उधम सिंह नगर डायलिसिस केंद्रों में।
रु0 1290/- प्रति डायलिसिस सेशन की दर से कोरोनेशन अस्पताल, देहरादून
एवं बेस अस्पताल, हल्द्वानी, नैनीताल डायलिसिस केंद्रों
में। जो कॉलम 3 में अंकित हैं, में रोगियों को डायलिसिस उपचार की सुविधा वर्तमान में
प्रदान की जाती है।
आवेदन प्रक्रिया
एवं चयन प्रक्रिया:- जनपद के निकटतम डायलिसिस
केंद्र में भ्रमण कर स्वयं
को पी0एम0एन0डी0पी0 पोर्टल पर रजिस्टर करवाने पर रजिस्टर किये गये रोगी डायलिसिस उपचार हेतु पात्र हो जाते है।
रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु रोगी को आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस एवं
मोबाईल, जिस पर ओ0टी0पी0 भेजा
जायेगा, की आवश्यकता पडती है। रजिस्टर किये गये रोगी डायलिसिस उपचार हेतु पात्र हो जाते हैं।
राज्य की 19 चिकित्सा इकाईयों,
योजना का नाम:- निशुल्क रक्त
लाभ:- योजना
के अन्तग र्त राजकीय चिकित्सालयों में भर्ती समस्त रोगियों को निःशुल्क रक्त
उपलब्ध कराया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:- राजकीय चिकित्सालय में भर्ती समस्त रोगी जिन्हे रक्त की आवश्यकता
हों।
आवेदन प्रक्रिया
एवं चयन प्रक्रिया:- रक्त की आवश्यकता होने
पर राजकीय चिकित्सालयों में भर्ती रोगी को राजकीय रक्तकोषों द्वारा रक्त निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
राज्य की कुल 23 चिकित्सा इकाईयों
में रोगियों को निशुःल्क रक्त की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
1. जिला चिकित्सालय, अल्मोडा,
2. उप-जिला चिकित्सालय, रानीखेत,
3. जिला चिकित्सालय, बागेश्वर,
4. जिला चिकित्सालय, चमोली
5. जिला चिकित्सालय, चम्पावत,
6. दून चिकित्सालय,
7. राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून,
8. उप-जिला चिकित्सालय, ऋषिकेश,
9. जिला चिकित्सालय हरिद्वार,
10.उप-जिला चिकित्सालय, रूडकी,
11. जिला चिकित्सालय, नैनीताल,
12. बेस चिकित्सालय हल्द्वानी,
13. सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज,
14. जिला चिकित्सालय, पौडी,
15. बेस चिकित्सालय, कोटद्वार,
16. श्रीनगर राजकीय मेडिकल कॉलेज,
17. जिला चिकित्सालय, पिथौरागढ़,
18. जिला चिकित्सालय, रूद्रप्रयाग,
19. जिला चिकित्सालय, टिहरी,
20. जिला चिकित्सालय, उधम सिंह नगर,
21. जिला चिकित्सालय, काशीपुर,
22. उप-जिला चिकित्सालय, खटीमा,
23. जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी
लाभ:- इस
योजना के अन्तग र्त थैलीसीमिया से ग्रसित रोगी को निःशुल्क ब्लड फिल्टर, चिलेटर
तथा रक्त निःशुल्क उपब्लध
कराया जाता है। हीमोफीलिया से ग्रसित को निःशुल्क हीमोफीलिया फैक्टर (जीवन रक्षक औषधि) उपलब्ध
कराया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:- थैलीसीमिया और हीमोफीलिया
से ग्रसित समस्त रोगी।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- थैलीसीमिया से ग्रसित
रोगी उपजिलाचिकित्सालय रूडकी, बेस
चिकित्सालय अल्मोडा,
बेस चिकित्सालय नैनीताल, जिला
चिकित्सालय रूद्रपुर ऊधमसिंहनगर में स्थापित क्म्प्ब् केन्द्र में जाकर पंजीकरण कराना पडता है पंजीकरण हेतु रोगी का
आधार कार्ड, मोबाईल नंबर एवं चिकित्सक से परामर्श कर उक्त रोग की पुष्टि संबंधी प्रमाण की
आवश्यकता होती है। उसके उपरांत निःशुल्क ब्लड फिल्टर, चिलेटर तथा रक्त की सुविधा
प्राप्त कर सकते है।
हीमोफीलिया से ग्रसित रोगी को चिकित्सक के निदान पर्चे और आधार कार्ड के माध्यम से हीमोफीलिया सोसाईटी
मे पंजीकरण कराने के उपरान्त
अपनी निकटतम् राजकीय चिकित्सा ईकाई से निःशुल्क हीमोफीलिया फैक्टर प्राप्त कर सकते है। रजिस्ट्रेशन
प्रक्रिया-हीमोफीलिया से ग्रसित रोगी 104 हैल्पलाईन (निःशुल्क) अथवा हीमोफीलिया सोसाईटी से संपर्क करके अपना
पंजीकरण करा सकते है।
योजना का
नाम:- एकीकृत टोल फ्री 104 हेल्पलाइन
लाभ:- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NMH) के तहत एकीकृत टोल फ्री 104 हेल्पलाइन 24X7X365
दिन के आधार पर संचालित किया
जा रहा है। इसके माध्यम से स्वास्थ्य सलाह/जानकारी
प्राप्त की जा सकती है।
पात्रता/लाभार्थी:- आम जन मानस
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- उक्त हेतु 104 नम्बर पर
कॉलकर सम्बन्धित जानकारी प्राप्त
की जा सकती है।
योजना का
नाम:- राष्ट्रीय क्षःय उन्मूलन कार्यक्रम
लाभ:- कार्यक्रम
अर्न्तगत क्षःय रोग की जाँच, उपचार एवं औषधि निःशुल्क
उपलब्ध है। सभी क्षःय रोगियों को उपचार अवधि तक निःक्षय पोषण योजना के
अर्न्तगत पोषाहार भत्ता रू0-
500 /- प्रतिमाह प्रदान किया जाता है।
पात्रता/लाभार्थी:- राज्य में उपचार ले रहे क्षःय रोग से ग्रसित व्यक्ति।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- राष्ट्रीय क्षःय उन्मूलन
कार्यक्रम के अर्न्तगत कार्यरत सम्बधित क्षेत्र के सीनियर ट्रीटमेन्ट सुपरवाइजर /लैब टेक्नीशियन द्वारा क्षःय
रोग से ग्रसित व्यक्तियों को सम्बधित स्वास्थ्य केन्द्र में निःक्षय पोर्टल पर
पंजीकृत किया जाता है। पंजीकरण
हेतु रोगी का नाम,
पता मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड आवश्यक होता है।
योजना का
नाम:- राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम NTCP
लाभ:- तम्बाकू
का सेवन कर रहें व्यक्तियों को जिला चिकित्सालयों
में स्थापित तम्बाकू उन्मूलन केन्द्रों में तैनात काउंसलर के द्वारा उचित
परामर्श व उपचार प्रदान कर तम्बाकू
की लत से छुटकारा मिलता है।
पात्रता/लाभार्थी:- समस्त आयु वर्ग के व्यक्ति।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- तम्बाकू का सेवन कर रहे
व्यक्तियों को जिला चिकित्सालय
में स्थापित तम्बाकू उन्मूलन केन्द्र में तैनात काउन्सलर से संम्पर्क कर पंजीकरण कराकर लाभ प्राप्त किया जा
सकता है।वर्तमान में जनपद हरिद्वार को छोड़कर राज्य के समस्त 12 जनपदों में राष्ट्रीय
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम ; NTCP के अन्तर्गत काउंसलर तैनात
है।
योजना का
नाम:- राष्ट्रीय दृश्टिविहीनता नियंत्रण
कार्यक्रम NPCB
लाभ:- समस्त
जिला चिकित्सालयों व अनुबन्धित गैर सरकारी चिकित्सालयों
के माध्यम से नेत्र रोग से सम्बन्धित मरीजों की स्क्रीनिंग कर उपचार
प्रदान किया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों
व स्कूली बच्चों को राजकीय चिकित्सा इकाई के माध्यम से स्क्रीनिंग कर
निःशुल्क चश्मों का वितरण किया जाता
है।
पात्रता/लाभार्थी:- नेत्र रोग से सम्बन्धित समस्त
व्यक्ति।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- नेत्र रोग से सम्बन्धित
समस्त रोगियों द्वारा नजदीकी चिकित्सा इकाई में पंजीकरण कराकर तैनात दृष्टिमितिज्ञ के माध्यम से स्क्रीनिंग
के पश्चात उच्च चिकित्सा इकाई में उपचार प्राप्त किया जा सकता है।
योजना का
नाम:- राष्ट्रीय पैलियटिव केयर कार्यक्रम NPPC
लाभ:- राज्य
के जिला चिकित्सालयों में स्थापित पैलियटिव वार्ड में प्रशिक्षित चिकित्सकों व
स्टॉफ नसोर्ं के माध्यम से लाइलाज
रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को दर्द प्रबन्धन व देखभाल प्रदान की जाती है। पैलियटिव
वार्ड में निम्न बिमारियों से ग्रसित लाइलाज रोगों से पीड़ित मरीजों का दर्द
प्रबन्धन व देखभाल प्रदान की जाती हैः- Cancer, Heart
Disease, Lung Disease, Kidney Failure, Chronic LiverDisease, Rheumatoid
Arthritis, Neurological Diseases, Congenital Anomalies, Dementia, HIV AIDS, ALS
(Amyotrophic Lateral Sclerosis) इत्यादि अथवा कोई भी Chronic
Diseases जिसके कारण मरीज Bedridden हों या सामान्य
जीवन व्यतीत करने में असमर्थ हों या जीवन के अन्तिम
दौर से गुजर रहा हो।
पात्रता/लाभार्थी:- लाइलाज रोगों से पीड़ित समस्त
व्यक्ति।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- राज्य के समस्त जिला
चिकित्सालयों में पंजीकरण कराकर
प्रशिक्षित चिकित्सकों व स्टॉफ नर्सों के माध्यम से
उपचार प्राप्त किया जा सकता है। जनपद के 09 जिला चिकित्सालयों में (नैनीताल, उधमसिंहनगर, चम्पावत, बागेश्वर, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, रूद्रप्रयाग
एवं चमोली) पैलियटिव वार्ड क्रियाशील हैं तथा 04 जनपदाें- पिथौरागढ, अल्माेड़ा, टिहरी, उत्तरकाशी में वार्ड का
स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है।
योजना का
नाम:- राष्ट्रीय वरिश्ठ नागरिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम ( NPHCE)
लाभ:- जिरेयटिक
वार्ड का मुख्य उददेश्य है कि यदि कोई बीमार वरिष्ठ नागरिक, हॉस्पिटल
में भर्ती होने हेतु आता है तो उसको
जिरेयटिक वार्ड में बैड उपलब्ध कराया जायेगा। समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों के माध्यम से निशुल्क फिजियोथेरेपी
प्रदान की जाती है।
पात्रता/लाभार्थी:- समस्त 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के व्यक्ति।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- राज्य के समस्त जनपदों के जिला चिकित्सालयों में 10 बैडेड स्थापित जिरेयटिक वार्ड में प्रशिक्षित चिकित्सकों/ स्टॉफ नर्सों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की विशेष देखभाल की जाती है। राज्य के समस्त जिला चिकित्सालयों में पंजीकरण कराकर प्रशिक्षित चिकित्सकों व स्टॉफ नसोर्ं के माध्यम से उपचार प्राप्त किया जा सकता है।
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