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उत्तराखण्ड द्वारा संचालित स्वजल परियोजना/Swajal project run by Uttarakhand

 

 उत्तराखण्ड  द्वारा संचालित स्वजल परियोजना/Swajal project run by Uttarakhand

 योजनायें :- 



योजना का नाम:-  स्वच्छ भारत  मिशन (ग्रामीण-  शौचालय  निर्माण)

लाभ:- शौचालय निर्माण एवं उसके  उपयोग के उपरान्त प्रोत्साहन  धनराशि रू0 12000 प्रति  शौचालय, प्रति लाभार्थी  परिवार को दिया जाता है।  

पात्रता/लाभार्थी:- शौचालय विहीन  गरीबी रेखा से  नीचे जीवन बसर  करने वाले सभी  परिवारों तथा  गरीबी रेखा से  ऊपर वाले अनुसूचित जातियों  /अनुसूचित जन  जातियों, लघु एवं  सीमांत किसानों,  वासभूमि वाले  भूमिहीन श्रमिकों,  शारीरिक रूप से  दिव्यांग, महिला  प्रमुख परिवार।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण हेतु संबंधित ग्राम पंचायत के माध्यम अथवा स्वयं  ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन माध्यम से जनपद स्तरीय जिला परियोजना प्रबन्धन  इकाई, स्वजल में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। तदोपरान्त जनपदीय इकाई  द्वारा पात्रता सम्बन्धी मानकों का परीक्षण कर आवेदन स्वीकृत/अस्वीकृत किया जाता  है। आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेजों में बी0पी0एल0 परिवार द्वारा बी0पी0एल0,  आई0डी0 के साथ राशन कार्ड की प्रति, आधार कार्ड की प्रति, आवेदन पत्र पर  लाभार्थी की पासपोर्ट साइज फोटो तथा ए0पी0एल0 परिवार द्वारा बी0पी0एल0आई0डी0  को छोड़ कर उपरोक्त समस्त अभिलेखों के साथ-साथ अनुसूचित जाति/अनुसूचित  जनजाति, लघु एवं सीमांत किसान, वासभूमि वाले भूमिहीन श्रमिकों, शारीरिक रूप से  दिव्यांग और महिला प्रमुख परिवार होने के प्रमाण का दस्तावेज तथा बैंक पासबुक की  फोटोकॉपी संलग्न किया जाना होता है। ऑफ-लाईन आवेदन पत्र पर ग्राम प्रधान व  ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के हस्ताक्षर आवश्यक है। तदोपरान्त जिला परियोजना  प्रबन्धन इकाई स्तर पर सत्यापन उपरान्त परियोजना प्रबन्धक द्वारा स्वीकृति प्रदान की  जाती है। ऑन-लाईन आवेदन भारत सरकार की वेबसाइटेइउण्हवअण्पद पर किया  जा सकता है जिसमें आवेदनकर्ता का आधार संख्या एवं बैंक की पासबुक का पृष्ठ  अपलोड किया जाना होता है।  

 

 

योजना का नाम:-  स्वच्छ भारत  मिशन (ग्रामीण-  अपशिष्ट  प्रबन्धन)

लाभ:- ठोस एवं तरल अपशिष्ट  प्रबन्धन के कायों र् यथा  सार्वजनिक कूड़ादान,  सोकपिट, कम्पोस्ट पिट, कूड़ा  संग्रहण केन्द्र, तथा  सामुदायिक स्वच्छता  कॉम्पलैक्सों का निर्माण ग्राम  पंचायत मे आवश्यकतानुसार  प्रवासी एवं अस्थायी  जनसंख्या के लिए अभिसरण  के माध्यम से बनाये जाते है,  जिसकी लागत रु0 3.00  लाख है। (70% स्वच्छ भारत  मिशन तथा 30% 15वें वित्त  आयोग), ग्राम पंचायताें को  देती है।  

पात्रता/लाभार्थी:- ग्राम पंचायत द्वारा  जनपदीय इकाई  को ग्राम पंचायत  के प्रस्ताव के  साथ साधारण  आवेदन पत्र के साथ आवेदन  किया जा सकता  है। इस हेतु कोई  निश्चित प्रारूप  नहीं है।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- सम्बन्धित कार्य हेतु सम्बन्धित ग्राम पंचायत से प्रस्ताव जनपदीय इकाई को प्राप्त होता  है जो कि इकाई स्तर से भारत सरकार के मानकों का परीक्षण करने के उपरान्त  स्वीकृत अथवा अस्वीकृत किया जाता है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के कायोंर्  यथा सार्वजनिक कूड़ादान, सोकपिट, कम्पोस्ट पिट, कूड़ा संग्रहण केन्द्र, हेतु प्रत्येक  गांव की आबादी के अनुसार प्रति व्यक्ति की दर से मानक निम्नानुसार निर्धारित है :-

 ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के कायोंर् हेतुः- 5000 तक की आबादी वाले ग्राम में- 60  रु0 प्रति व्यक्ति एवं 5000 से अधिक आबादी वाले ग्राम में- 45 रु0 प्रति व्यक्ति।  

 तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के कायोंर् हेतुः- 5000 तक की आबादी वाले ग्राम में - 280  रु0 प्रति व्यक्ति एवं 5000 से अधिक आबादी वाले ग्राम में - 660 रु0 प्रति व्यक्ति। उपरोक्त गतिविधियांे हेतु न्यूनतम रू0 एक लाख प्रति ग्राम।  

 अभिसरण (70% स्वच्छ भारत मिशन तथा 30% 15वां वित्त आयोग)।  

 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन-रू0 16 लाख प्रति विकासखण्ड।  

 बायोगैस संयंत्र- रू0 50 लाख (प्रति जनपद में 01 मॉडल इकाई हेतु)  बायोगैस संयंत्र के बजट का भुगतान कार्यदायी संस्था के रूप में चयनित ग्राम पंचायत  को दिया जाता हैं। वर्तमान मे एक जनपद में एक सामुदायिक या कलस्टर बायोगैस  संयंत्र का निर्माण कराया जाना है।