उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् हल्दी, पंतनगर (कृषि विभाग, उत्तराखण्ड) /Uttarakhand Biotechnology Council Haldi, Pantnagar (Agriculture Department, Uttarakhand) |
योजनायें :-
- कौशल विकास कार्यक्रम
- जैव प्रोद्योगिकी में उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- कृषक-वैज्ञानिक संगाेष्ठी
योजना का नाम:- कौशल विकास कार्यक्रमः-
- पादप उत्तक संर्वधन द्वारा पौध उत्पादन विधि एवं कृषिकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
- हाइड्राेपोनिक एवं मृदारहित कृषिकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- पेयजल एवं मृदा गुणवत्ता जांॅच पर प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- आण्विक जीवविज्ञान और आनुवंशिक अभियांत्रिकी तकनीकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- हिमालय वनस्पतियों से प्राप्त प्राकृतिक उत्पाद से औषधि निर्माण पर प्रशिक्षण।
पात्रता/लाभार्थी:- जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, आण्विक और आनुवंशिक जीव
विज्ञान, पर्यावरण जीव विज्ञान, बीटेक
बायोटेक्नाेलाेजी
इत्यादि विषय से स्नातक/
परास्नातक स्तर के विद्यार्थी, शोधार्थी एवं किसान लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
लाभ:- प्रदेश के युवाओं को जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्यमिता विकास एवं स्टार्टअप प्रारम्भ करने हेतु प्रशिक्षण एवं तकनीकी जानकारी देना एवं आवश्यकतानुरूप मार्गदर्शन प्रदान करना।
पात्रता/लाभार्थी:- जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, आण्विक और आनुवंशिक जीव
विज्ञान, पर्यावरण जीव विज्ञान
आदि विषय से स्नातक/परास्नातक एवं
पी0एच0डी0
स्तर के विद्यार्थी एवं शोधाथी र् इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- परिषद् द्वारा उद्यमिता
विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। आयोजन से पूर्व इसकी सूचना बेवसाइट के साथ
समाचार पत्र में प्रकाशित की
जाती है। महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों व संबंन्धित संस्थानों को
ई-मेल अथवा सोशल मीडिया प्लेटफार्म
इत्यादि के माध्यम से अवगत कराया जाता है। आवेदन पत्र गूगल फॉर्म के माध्यम से प्राप्त किये जाते
हैं।
योजना का
नाम:- कृषक-वैज्ञानिक संगाेष्ठी
लाभ:- परिषद्
कृषक-वैज्ञानिक संगाेष्ठियों के
माध्यम से प्रदेश के किसानों को
विषय-विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी
मार्गदर्शन देकर जैव प्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण एवं पशुपालन में आ रही समस्याओं को निराकरण करती है। साथ ही हाईड्रोपोनिक, मृदा
रहित खेती एवं कीवीफल
के कृषिकरण, मत्स्य पालन, मधुमक्खी
पालन, सब्जी उत्पादन, फूल
उत्पादन इत्यादि की तकनीकी जानकारी प्रदान करके उनको स्वरोजगार के साथ उनके आर्थिकी को बढ़ाने के
लिए सतत् रूप से प्रयासरत् है।
पात्रता/लाभार्थी:- युवा, किसान, स्वयं सहायता समूह एवं पशुपालक।
आवेदन
प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- परिषद् द्वारा समय-समय पर ऐसे संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
प्रतिभाग हेतु विभिन्न क्षेत्रों के किसानों, युवाओं एवं कृषि से जुड़े छात्र-छात्राओं को प्रकाशित विवरणिका, लिफ्लेट
एवं अन्य सोशल मीडिया
के माध्यमों से अवगत कराकर इच्छुक अभ्यर्थियों का पंजीकरण कराया जाता है, तदोपरान्त
प्रशिक्षण/ संगोष्ठी
सम्पादित की जाती है।
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