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उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र (यू-सैक) |Uttarakhand Space Applications Center (U-SAC)

 

 उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केन्द्र (यू-सैक)   |Uttarakhand Space Applications Center (U-SAC)


योजना का नाम:- रिमोट  सेंसिंग व  जी.आई. एस.  एप्लीकेशन  पर ट्रेनिंग/  क्षमता  विकास  कार्यक्रम  /शोध कार्य  

लाभ:-  केंद्र राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित  वैज्ञानिक शोध परियोजनाओं में शोधार्थियों को  चयन कर रिमोट सेंसिंग व जी. आई. एस. ऐप्लीकेशन कार्य हेतु प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण निःशुल्क होता है। चयनित शोधार्थियों  (JRF/SRF/Project scientist)  को सम्बंधित वित्त  पोषित संस्था द्वारा निर्धारित नियमों के अंतग र्त  मिससवूीपच (भ्त्। सहित) प्रदान की जाती है।  भोजन व आवास की व्यवस्था शोधार्थियों द्वारा स्वयं  की जाती है।  

राज्य में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों  स्नातकोत्तर अंतिम छमाही/वर्ष के विधार्थियों को  Dissertation व स्नातक के विद्यार्थियोंर् को  internship कार्य के माध्यम से रिमोट सेंसिंग व  जी. आई. एस. ऐप्लीकेशन कार्य हेतु प्रशिक्षण प्रदान  किया जाता है। उपरोक्त प्रशिक्षण निःशुल्क होता  हैं । इस अवधि में भोजन व आवास की व्यवस्था  विधार्थियों द्वारा स्वयं की जाती है।

आवश्यकतानुसार समय-समय पर विभिन्न  रेखीय विभागों के लिए रिमोट सेंसिंग व जी. आई. एस. में क्षमता विकास कार्यक्रम आयोजित किया  जाता है। उपरोक्त हेतु रिमोट सेंसिंग व जी.आई . एस. में आयोजित क्षमता विकास कार्यक्रम हेतु  रेखीय विभागों से प्रतिभाग हेतु कोई शुल्क नहीं  लिया जाता हैं। इस अवधि में भोजन आवास की  सुविधा सम्बंधित विभाग द्वारा यू -सैक के सहयोग  से किया जाता है।

समय-समय पर अनुरोध पर  आवश्यकतानुसार प्रदेश के विभिन्न डिग्री  कॉलेजों/स्कूलाें में भौगोलिक सूचना प्रणाली पर  कार्यशाला आयोजित करना तथा छात्रों को अंतरिक्ष  प्रौद्योगिकी के लिए प्रेरित करना। यू -सैक द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाता है, जिसमे भोजन एवं परिवहन की व्यवस्था निशुल्क  की जाती है, यू -सैक द्वारा इसमें आवास की  व्यवस्था नहीं की जाती है।

 पात्रता/लाभार्थी:- भारत ें  स्थित किसी भी  मान्यता प्राप्त  विश्वविद्यालयों के  स्नातकोत्तर (मुख्यतः विज्ञान वर्ग) प्रथम  श्रेणी में उत्तीणर्  विद्यार्थी।

भारत ें  स्थित किसी भी  मान्यता प्राप्त  विश्वविद्यालयों  (प्राइवेट/राजकीय/  केन्द्रीय) के  स्नातकोत्तर (मुख्यतः  विज्ञान वर्ग) अंतिम  छमाही/वर्ष के  विद्यार्थी ।
केन्द्र सरकार  के कार्मिक व राज्य के  विभिन्न रेखीय विभाग  के कार्मिक।
राज्य ें  स्थित प्राइवेट/ राजकीय/ केन्द्रीय  विश्वविद्यालयों/  कॉलेज के मुख्यतः  स्नातक व उच्च  कक्षाओं के विद्यार्थी

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- परियोजना में आवश्यकता होने पर यू- के  पोर्टल (www.u-sac.in) पर सूचना प्रदान की जाती  है तथा निर्धारित अवधि में वाक-इन-इंटरव्यू के माध्यम  से चयन किया जाता है। जिस हेतु विद्यार्थियों के  स्नातकोत्तर उत्तीर्ण (प्रथम श्रेणी) एवं अन्य शैक्षणिक  दस्तावेज, अनुभव यदि हो तत्संबंधी प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण  संबंधी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाण  पत्र मांगे जाते हैं। इंटरव्यू में सफल होने पर शोधार्थियों  को शोध मानदेय fellowship दिया जाता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति/डीन/रजिस्ट्रार/ विभागाध्यक्ष द्वारा स्नातकोत्तर (मुख्यतः विज्ञान वर्ग)  अंतिम छमाही/वर्ष के छात्र, छात्राओं के पक्ष में,  यू-सैक के निदेशक को केंद्र में dissertation/internship के लिए अनुरोध पत्र  दिया जाता है। जिस हेतु निदेशक यू सैक को छात्र,  छात्राओं के पक्ष में पत्र प्रेषित कर व निदेशक यू-सैक  से संस्तुति प्राप्ति के आधार पर, प्रशिक्षण हेतु बुलाया  जाता है। प्रशिक्षण हेतु पंजीकरण के लिए प्रशिक्षणार्थी के  समस्त दस्तावेज यथा आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाण पत्र,  मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है।

विभागीय कार्मिक अपनविभागाध्यक्ष के माध्यम  से यू-सैक के निदेशक को अनुरोध पत्र प्रेषित करेंगे।  यू.सैक द्वारा समय-समय पर रेखीय विभागों हेतु  क्षमता विकास कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिसमे  विभागाध्यक्ष द्वारा अधिकृत, विभिन्न स्तर के अधिकारियों/कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया जाता है  इसके अतिरिक्त रेखीय विभागों के अनुरोध पर उनकी  आवश्यकतानुसार समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम  आयोजित किये जाते हैं। व्यक्ति विशेष हेतु प्रशिक्षण की  व्यवस्था नहीं की गई हैं ।

  स्थानों/डिगरी कॉलेज प्राचार्य विभागाध्यक्ष,  डीन द्वारा, यू-सैक के निदेशक को अनुरोध पत्र प्रेषित  किया जाता है तथा यू-सैक प्रशिक्षण की अवधि निर्धारित  कर अवगत कराता है तथा संबंधित का ॅलेज/विद्यालय  अपने विद्यार्थियों को विजिट हेतु ला सकते हैं।