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उत्तराखंड की भूगर्भिक संरचना केसी है /What is the geological structure of Uttarakhand?

 

उत्तराखंड की भूगर्भिक संरचना केसी है /What is the geological structure of Uttarakhand?

भूगर्भिक संरचना

 इस पर्वतीय क्षेत्र के धरातलीय स्वरूप पर यहाँ की भूगर्भिक संरचना का स्पष्ट प्रभाव दृष्टिगोचर होता है. इस क्षेत्र की भूगर्भिक चट्टानों का अध्ययन मिडिपल मिस ने 1887, ग्रीसवेक ने 1891, मेडलीकाट ने 1864 तथा आइन महोदय ने 1931 में किया है. आइन महोदय ने संरचना की दृष्टि से 5 पेटियों में विभक्त किया है. 

  1. स्वस्थानिक मेखला दून घाटी में 50 किमी. उत्तर तक फैली हुई है. इस भाग में चूना पत्थर तथा निपेक्षित अवसादों का जमाव पाया जाता है, इस भाग में वलन एवं ध्रंशन कम पाए जाते हैं. 
  2. क्राल नापे समस्थानिक मेखला का एक भाग है जो देहरादून की चकराता तहसील के पूरव में एक अभिनति केरूप में स्थित है. 
  3. गढ़वाल नापे, क्राल नापे पर निपेक्षित है. इसमें आग्नेय शैलों की प्रधानता है. 
  4. मुख्य हिमालय मेखला गढ़वाल नापे की आधारशिला है. इसमें नीस तथा आग्नेय शैलों का आधिक्य है. 
  5. मध्य समस्थानिक पेटी का निर्माण ग्रेनाइट शैलों से हुआ है, जिसमें नीस एवं शिष्ट शैलें पाई जाती हैं.


उत्तराखंड की गर्भिक संरचना :

1. भूगर्भीय इतिहास:

  • उत्तराखंड हिमालय पर्वत माला का हिस्सा है, जो भारतीय उपमहाद्वीप और यूरेशियन प्लेट के टकराव के परिणामस्वरूप बना था।
  • यह टकराव लाखों सालों तक चला और इसने कई भूगर्भीय संरचनाओं का निर्माण किया, जिनमें शामिल हैं:
    • हिमालय की तह: यह तहदार पर्वत श्रृंखला उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हुई है।
    • दक्खन का पठार: यह पठार भारतीय उपमहाद्वीप का दक्षिणी भाग है।
    • गंगा का मैदान: यह मैदान हिमालय और दक्खन के पठार के बीच स्थित है।

2. प्रमुख भूवैज्ञानिक इकाइयां:

  • उत्तराखंड में तीन प्रमुख भूवैज्ञानिक इकाइयां हैं:
    • हिमालय: यह उत्तराखंड का सबसे ऊंचा भाग है और इसमें कई पर्वतमालाएं, हिमनद, और घाटियाँ शामिल हैं।
    • दून घाटी: यह एक तलछटी घाटी है जो हिमालय और शिवालिक पर्वतमालाओं के बीच स्थित है।
    • तराई: यह एक मैदानी क्षेत्र है जो दक्षिणी उत्तराखंड में स्थित है।

3. चट्टानों का प्रकार:

  • उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार की चट्टानें पाई जाती हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • आग्नेय चट्टानें: ये चट्टानें पिघले हुए लावा से बनती हैं।
    • अवसादी चट्टानें: ये चट्टानें मिट्टी, रेत, और अन्य अवसादों से बनती हैं।
    • रूपांतरित चट्टानें: ये चट्टानें उच्च तापमान और दबाव के कारण बनती हैं।

4. खनिज संपदा:

  • उत्तराखंड में कई खनिज संपदाएं हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • चूना पत्थर: यह सीमेंट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
    • डोलोमाइट: यह कांच और मैग्नीशियम बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
    • तांबा: इसका उपयोग विद्युत तार और अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है।
    • सीसा: इसका उपयोग बैटरी और अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है।

5. भूकंपीय गतिविधि:

  • उत्तराखंड भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है। यहां भूकंप आने की संभावना हमेशा रहती है।

निष्कर्ष:

  • उत्तराखंड की गर्भिक संरचना जटिल और विविध है।
  • यह संरचना राज्य के भूगोल, जलवायु, और खनिज संपदा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
  • भूकंपीय गतिविधि के कारण, उत्तराखंड में भूकंप आने का खतरा हमेशा रहता है।