उत्तराखंड में ऊनी वस्त्र उद्योग|Woolen textile industry in Uttarakhand |
वकरी व भेड़पालन और इनसे प्राप्त ऊन से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन करना उत्तराखण्ड के समस्त जिलों में यहाँ के लोगों का पारम्परिक व्यवसाय रहा है. ऊन की बढ़ती माँग को देखकर पशुपालन विभाग ने भी पिछले वर्षों में भेड़ पालन पर काफी जोर दिया है. उनकी मात्रा बढ़ाने व इसकी गुणवता सुधारने के न्यूजीलैण्ड व आस्ट्रेलिया से अच्छे नस्ल की भेड़ें खरीदकर भेड़ पालकों को बाँटी गई है. यह उद्योग कुटीर उद्योग के रूप में सभी जनपदों में संचालित हैं, किन्तु विशेषरूप से यह उद्योग बागेश्वर एवंअल्मोड़ा जिलों में संचालित है.
- इतिहास:-उत्तराखंड में ऊनी वस्त्र उद्योग का इतिहास प्राचीन काल का है। राज्य में ऊन उत्पादन का लंबा इतिहास रहा है, और ऊनी कपड़े स्थानीय लोगों द्वारा सदियों से पहने जाते रहे हैं।
- उद्योग का महत्व:-ऊनी वस्त्र उद्योग उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। यह उद्योग राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
- उद्योग का वर्तमान परिदृश्य:- आज, उत्तराखंड में कई बड़ी और छोटी ऊनी मिलें हैं। ये मिलें विभिन्न प्रकार के ऊनी कपड़े का उत्पादन करती हैं, जिनमें शॉल, स्वेटर, और टोपी शामिल हैं।
- उद्योग के सामने चुनौतियां:- उत्तराखंड में ऊनी वस्त्र उद्योग कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें कच्चे माल की बढ़ती लागत, आधुनिकीकरण की कमी, और बाजार में प्रतिस्पर्धा शामिल हैं।
- उद्योग का भविष्य:- इन चुनौतियों के बावजूद, उत्तराखंड में ऊनी वस्त्र उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है। राज्य सरकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है। इनमें नई ऊनी मिलों की स्थापना, मौजूदा मिलों के आधुनिकीकरण, और कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
- उद्योग का सामाजिक प्रभाव:- उत्तराखंड में ऊनी वस्त्र उद्योग का सा
- माजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। यह उद्योग महिलाओं और गरीबों को सशक्त बनाने में मदद करता है।
- कच्चा माल: उत्तराखंड में ऊन का उत्पादन राज्य में ही होता है। यह ऊन भेड़ों, बकरियों, और याक से प्राप्त होता है।
- उत्पादन: उत्तराखंड में ऊनी कपड़ों का उत्पादन विभिन्न तरीकों से किया जाता है। इनमें हाथ से बुनाई, मशीन से बुनाई, और फैक्ट्री में उत्पादन शामिल हैं।
- बाजार: उत्तराखंड में ऊनी कपड़ों का बाजार बड़ा है। ये कपड़े राज्य के अंदर और बाहर दोनों जगह बेचे जाते हैं।
- सरकारी सहायता: उत्तराखंड सरकार ऊनी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत, सरकार उद्योग को वित्तीय सहायता, तकनीकी सहायता, और बाजार सहायता प्रदान करती है।
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