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युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग, उत्तराखण्ड|/पी.आर.डी./Youth Welfare and Provincial Guard Department, Uttarakhand(PRD)



 योजनायें :- 


योजना का नाम:- प्रान्तीय रक्षक  दल  (पी0आर0डी0)  स्वयंसेवकों की  तैनाती

लाभ:- पुलिस सहायतार्थ एवं विभिन्न कार्यालयों में  ड्यूटी पर तैनात किए जाने हेतु पी0आर0डी0  स्वयंसेवकों को रू0 570/- प्रतिदिन की दर  से मानदेय भुगतान किया जाता है।  

विशम परिस्थितियों में ड्यूटी के दौरान मृत्यु,  स्थायी दिव्यांगता अथवा दुर्घटनाग्रस्त होने की  दषा में साम्प्रदायिक दंगों के दौरान मृत्यु की  दषा में रू0 2.00 लाख, विषेश जोखिम वाली  ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने की दषा में रू0  1.50 लाख तथा सामान्य ड्यूटी में मृत्यु  होने के दषा में रू0 1.00 लाख एवं स्थायी  अपंगता की दषा में उच्च श्रेणी के लिए  अनुमन्य अनुग्रह धनराषि की आधी तथा  गम्भीर रूप से घायल होने की दषा में  अनुमन्य धनराषि की चौथाई अनुग्रह धनराषि,  आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।  

 

पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड राज्य के  स्थायी निवासी युवा  (पुरूश एवं महिला) भर्ती  के समय जिनकी आयु  18 से 42 के मध्य हो।

प्रषिक्षित प्रान्तीय रक्षक  दल स्वयंसेवक/उनके  आश्रित।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  विभिन्न विभागों के द्वारा आवष्यकतानुसार पी0आर0डी0 स्वयंसेवकों की  माँग युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग को भेजी जाती है।  माँग के क्रम में विभाग द्वारा विज्ञापन के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं तथा शारीरिक नाप-जोख एवं शारीरिक परीक्षा हेतु  जनपदवार तिथि निर्धारित की जाती है। परीक्षा में प्रतिभाग करने हेतु  जन्म तिथि का प्रमाण पत्र, मोबाईल नं0, बैंक खाता, स्थायी निवास  प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, शैक्षिक योग्यता प्रमाण-पत्र अनिवार्य हैं।  शारीरिक परीक्षा की मेरिट के आधार पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पी0आर0डी0 स्वयंसेवकों का चयन किया जाता है।  चयनित पी0आर0डी0 (वर्दीधारी) स्वयं सेवकों को 22 दिवसीय अर्द्धसैन्य  एवं 15 दिवसीय पुर्नप्रषिक्षण दिया जाता है, उसके उपरान्त उन्हें ड्यूटी  पर तैनात किया जाता है तथा तैनाती अवधि का मानदेय का भुगतान  डी0बी0टी0 के माध्यम से किया जाता है।  

 पी0आर0डी स्वयंसेवक/उनके आश्रित द्वारा मृत्यु की दशा में मृत्यु  प्रमाण-पत्र, प्रषिक्षण प्रमाण पत्र, उत्तरजीवी प्रमाण-पत्र एवं दिव्यांगता  की दशा में चिकित्सा प्रमाण-पत्र के साथ प्रार्थना-पत्र जिला युवा  कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल कार्यालय में जमा करना होगा। आश्रित  होने की स्थिति में आश्रित का जन्म तिथि प्रमाण-पत्र, उत्तरजीवी  प्रमाण-पत्र, बैंक खाता, परिवार रजिस्टर/राशन कार्ड की प्रति उपलब्ध  करानी होगी।  विभाग द्वारा विषम परिस्थितियों का आंकलन करने के उपरान्त पी0आर0डी स्वयंसेवक/उनके आश्रितों को धनराशि भुगतान की जाती  है।

 

योजना का नाम:- प्रतियोगिताओं का  आयोजन एवं  प्रषिक्षण कार्यक्रम

लाभ:- खेल महाकुम्भ प्रतियोगिताओं का आयोजन-  अण्डर-14, अण्डर-17 एवं अण्डर-21 के  आयुवर्गों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ करायी  जाती हैं। न्याय पंचायत स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं  तृतीय (रू0 300, रू0 200 एवं रू0 150)  विकासखण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं  तृतीय (रू0 500, रू0 400 एवं रू0 300)  जनपद स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय  (रू0 800, रू0 600 एवं रू0 400) तथा राज्य  स्तर पर प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय (रू0 1500,  रू0 1000 एवं रू0 700) का पुरस्कार दिया  जाता है। प्रतियोगिताओं के दौरान  विकासखण्ड एवं जनपद स्तर पर सर्वश्रेश्ठ  प्रदर्षन करने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों का  विभाग द्वारा चिन्हित कर राज्य स्तर पर प्रतिभाग करने से पूर्व निःशुल्क प्रषिक्षण प्रदान  किया जाता है।

  पात्रता/लाभार्थी:- खेल प्रतियोगिताओं में  उत्तराखण्ड राज्य के  स्थायी निवासी युवा  (बालक एवं बालिका)  प्रतिभाग कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- खेल महाकुम्भ का आयोजन सामान्यतः माह अक्टूबर से दिसम्बर के  मध्य होता है। जिसकी सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती है  कि किस ग्राम पंचायत/न्याय पंचायत स्तर पर प्रतियोगितायें  आयोजित होंगी तथा षासकीय विद्यालयों/युवा कल्याण विभाग/खेल  विभाग आदि के माध्यम से फॉर्म वितरण करके इच्छुक प्रतिभागियों से  प्रतिभाग कराया जाता है। ऽ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हेतु खिलाड़ी को फोटो पहचान  पत्र/जन्म प्रमाण-पत्र, बैंक खाता, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट  साईज फोटो अनिवार्य है। ऽ इन दस्तावेजों के साथ खिलाड़ी प्रतियोगिता में प्रतिभाग तथा खेल  महाकुम्भ में ग्राम स्तर/न्याय पंचायत स्तर पर खिलाड़ियों द्वारा  प्रतिभाग किया जाता है, जिनमें से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान  प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों द्वारा विकास खण्ड स्तर पर तथा इसी  प्रकार विकासखण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने  वाले खिलाड़ियों द्वारा जनपद स्तर पर तथा जनपद स्तर पर प्रथम,  द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों द्वारा राज्य स्तर  पर प्रतिभाग किया जाता है।  

 

योजना का नाम:- युवा दलों को  आर्थिक सहायता

लाभ:- उत्तराखण्ड राज्य में रोजगारपरक  परियोजना/ व्यवसाय आरम्भ करने हेतु कुल  18 व्यवसायों (डेयरी उत्पादन कार्य हेतु रू0  1.00 लाख, टेंट बर्तन दरी कुर्सी किराये हेतु  रू0 50 हज़ार, साउण्ड सिस्टम किराये हेतु  रू0 50 हज़ार, आटा चक्की संयोजन कार्य  हेतु रू0 50 हज़ार,  फोटोकॉपी/फैक्स/लेमीनेषन मषीन क्रय हेतु  रू0 1.00 लाख, मषरूम/सब्जी/फूल  उत्पादन हेतु रू0 50 हज़ार,  रिंगाल/दरी/गलीचा एवं ऊनी वस्त्रों के निर्माण हेतु उपकरण क्रय हेतु रू0 50 हज़ार,  साहसिक खेल उपकरण क्रय हेतु रू0 4.00  लाख, सिलाई मषीन क्रय  /बूटीक/ब्यूटीपार्लर कार्य हेतु रू0 50  हज़ार, जैविकखाद/पषुचारा उत्पादन कार्य  हेतु रू0 50 हज़ार, फल संरक्षण कार्य हेतु  रू0 50 हज़ार, पषु पालन कार्य हेतु रू0 50  हज़ार, सांस्कृतिक वाद्य यंत्र क्रय हेतु रू0 50  हज़ार, इलैक्ट्रानिक्स कार्य हेतु रू0 50 हज़ार,  वाहन मरम्मत कार्य हेतु रू0 50 हज़ार,  प्लम्बरिंग कार्य हेतु रू0 10 हज़ार, मोबाइल  फोन रिपेयरिंग कार्य हेतु रू0 12 हज़ार एवं  अभिनव कार्य हेतु रू0 1.50 लाख की आर्थिक  सहायता प्रदान की जाती है। उक्त आर्थिक  सहायता विभाग द्वारा अधिकतम प्रस्तावित  कार्य योजना की कुल लागत का 75 प्रतिशत  अथवा उक्त में अंकित कार्य के सम्मुख  धनराशि, जो भी कम हो, होगी तथा अवशेष  धनराशि की व्यवस्था लाभार्थी युवा दलों द्वारा  स्वयं के स्तर पर की जायेगी।

पात्रता/लाभार्थी:-  विभाग से सम्बद्धीकृत  युवक/महिला मंगल  दल जिन्हें पूर्व में योजना से लाभान्वित न  किया गया हो। सदस्यों का राज्य का  स्थायी निवासी होना  आवश्यक है।  

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- आर्थिक सहायता का लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक युवक/महिला मंगल  दल द्वारा आवेदन पत्र युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल कार्यालय से  प्राप्त करना होगा। आवेदन पत्र के साथ दल के समस्त सदस्यों की  सामूहिक फोटो, व्यवसाय जो करना चाहते हैं, उसका  विवरण/कार्ययोजना, व्यवसाय के लिए भवन/भूमि की उपलब्धता का  विवरण, तथा सम्भावित व्यय के प्रमाणित आगणन, दल का पंजीयन  संख्या, दल के समस्त सदस्यों का नाम, जन्म प्रमाण-पत्र, शैक्षिक  योग्यता प्रमाण-पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, दल का बैंक खाता, जो  व्यवसाय कर रहे हों उससे सम्बन्धित प्रशिक्षण/अनुभव प्रमाण-पत्र। सभी  स्त्रोतों से पारिवारिक मासिक आय का विवरण संलग्न कर क्षेत्रीय युवा  कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारी के माध्यम से जिला युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराया  जायेगा। जिला युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल अधिकारी द्वारा  स्थलीय निरीक्षण करते हुए अपनी संस्तुति सहित उक्त प्रस्ताव  जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। लाभार्थी युवा दलों के चयन  तथा अनुश्रवण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा  चयनित लाभार्थी युवा दलों की सूची संस्तुति सहित निदेशक, युवा  कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल निदेशालय को प्रेषित की जायेगी।  निदेशालय द्वारा प्रत्येक जनपद से न्यूनतम 02 लाभार्थी युवा दलों का  चयन करते हुए बजट सीमा के अन्तर्गत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता  उपलब्ध करायी जायेगी। धनराशि का भुगतान दल के बैंक खाते में किया  जायेगा।

 


योजना का नाम:- युवक मंगल दल  एवं महिला मंगल  दल स्वावलम्बन  योजना

लाभ:- दलों को स्वावलंबी बनाने हेतु सामुदायिक  उपयोग की आवष्यक सामग्री क्रय किये जाने  हेतु रू0 14,268.00 की धनराषि के रूप में  आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

पात्रता/लाभार्थी:-  विभाग से सम्बद्धीकृत  युवक मंगल दल एवं  महिला मंगल दल।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- दलों द्वारा ग्राम पंचायत की आम सभा में प्रस्ताव पास करवाकर पी.आरडी. कार्यालय को भेजा जाता है। प्रस्ताव के साथ सभी सदस्यों का  आधार कार्ड, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र एवं दल का बैंक खाता विवरण  संलग्न करना होता है। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित  समिति द्वारा प्रस्ताव उचित पाये जाने पर संस्तुति सहित जिला युवा  कल्याण अधिकारी को भुगतान हेतु निर्देशित किया जाता है तथा उसके  उपरान्त दल के बैंक खाते में भुगतान किया जाता है।

 

योजना का नाम:- महिला मंगल  एवं युवक मंगल  दल का गठन

लाभ:- युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल  विभाग (पी.आर.डी.) विभाग की कई  योजनाओं का लाभ प्राप्त करने तथा  किसी भी व्यवसाय को समूह में करने  हेतु अनिवार्य है।

पात्रता/लाभार्थी:- राज्य की ग्राम पंचायतों  के इच्छुक महिला/पुरूश  जिनकी उम्र 18 वर्श या  उससे अधिक हो, पात्र  होंगे।  

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- महिला मंगल एवं युवक मंगल दल का गठन-प्रान्तीय रक्षक दल एवं युवा  कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक महिला मंगल एवं एक  युवक मंगल दल का गठन किया जाता है। यदि किसी को महिला मंगल  दल/युवक मंगल दल का सदस्य बनना हो तो तत्सम्बन्धी प्रस्ताव ग्राम  सभा से पास करवाकर क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल  अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा।  

 

योजना का नाम:- ग्रामीण खेलकूद  एवं स्वास्थ्य  संवर्द्धन योजना

लाभ:- युवा वर्ग को स्वस्थ्य रहने हेतु प्रत्येक ग्राम  पंचायत में सामुदायिक फिटनेस उपकरण  (ओपन जिम) की स्थापना हेतु रू0 17,960.00  की धनराषि मंगल दलों को आवंटित की  जाती है।  

पात्रता/लाभार्थी:- राज्य की प्रत्येक ग्राम  पंचायत।

आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:- ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम निर्माण हेतु स्थान का चयन कर ग्राम  सभा से प्रस्ताव पास करवाकर क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक  दल अधिकारी को प्रस्तुत किया जाता है। उसके उपरान्त धनराशि मंगल  दलों को आवंटित की जाती है।  

 

 योजना का नाम:- युवाओं का  साहसिक  प्रषिक्षण

लाभ:- राज्य के युवाओं को विभिन्न साहसिक  प्रषिक्षण कार्यक्रम जैसे व्हाईट वॉटर रिवर  राफ्टिंग गाईड प्रषिक्षण, आपदा प्रबन्धन एवं  आपदा बचाव कार्य, फर्स्टएड, बर्मा ब्रिज,  ट्रैकिंग आदि में निःशुल्क प्रषिक्षण प्रदान किया  जाता है।  (हृदय रोग, अस्थमा, मिरगीदौरा, हाथ-पैरो में  रॉड लगा हो, पात्र नहीं होगा।)

पात्रता/लाभार्थी:- उत्तराखण्ड राज्य के  स्थायी निवासी, युवा (पुरूश एवं महिला),  जिनकी आयु-15 से 30  वर्ष के मध्य (01 मार्च,  2023 को) न्यूनतम 8वी  पास, शारीरिक रूप से  स्वस्थ हो। प्रशिक्षण हेतु  पीआरडी स्वयंसेवक,  एनएसएस, एनसीसी,  युवक /महिला मंगलदल  के सदस्य/ पदाधिकारी  को प्राथमिकता दी  जायेगी।

 आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया:-  विभाग द्वारा प्रतिवर्ष समाचार पत्रों के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए  जाते हैं। प्रषिक्षणार्थियों द्वारा आवेदन पत्र पी0आर0डी0 कार्यालय से प्राप्त कर दस्तावेजों (शैक्षिक योग्यता का प्रमाणपत्र की छायाप्रति, दो पासपोर्ट साईज रंगीन फोटो, आधारकार्ड, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र एवं चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र) के साथ उक्त कार्यालय  में जमा करना होगा। दस्तावेज सही पाये जाने के उपरान्त जिला युवा  कल्याण एवं प्रारद अधिकारियों के माध्यम से प्रषिक्षण हेतु भेजा जाता है।