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अल्मोड़ा|Almora

 

अल्मोड़ा|Almora

उत्तराखंड राज्य में स्थित अल्मोड़ा, कुमाऊं क्षेत्र का मुख्यालय है। यह शांत वातावरण, प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। अल्मोड़ा हिमालय की कुमाऊं पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है और 1642 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ कश्यप पर्वत पर कौशिकी देवी का मन्दिर है. पुराणों के अनुसार शुम्भ-निशुम्भ दैत्यों का नाश करने के लिए पार्वती जी के शरीर से कौशिकी देवी यहीं प्रकट हुई थीं. एडकिसन के अनुसार अल्मोड़ा नगर को वसाने वाला राजा भीष्मचंद' था, जो अपने बढ़ते हुए राज्य की आवश्यकताओं और इस क्षेत्र में कत्यूरियों के प्रभाव को रोकने के लिए चम्पावत के स्थान पर अल्मोड़ा को अपनी राजधानी बनाना चाहता था. अल्मोड़ा कुमाऊँ के मध्य स्थित या. यह यह केन्द्रीय स्थान था जहाँं से वह अपना शासन सुचारु रूप रो चला सकता था. इसके लिए उसने अल्मोड़ा के निकट 'खगमरा कोट' के पुराने किले पर अपना आवास स्थल बनाया था. चन्द शासक ने लगभग तीन शताब्दियों तक अल्मोड़ा नगर में शासन किया, 1790-1815 तक यहाँ गोरखों ने राज्य किया. उन्होंने प्रजा पर घोर अत्याचार किए. भीलमोड़ा या चल्मोड़ा घास की अधिकता वाले क्षेत्र केकारण इस क्षेत्र का नाम अल्मोड़ा हुआ. ऐसा स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है. अल्मोड़ा शिक्षा का प्रमुख केन्द्र है. प्राकृतिक सुन्दरता के कारण इसे हिमालय के नेकलेस की उपमा दी जाती है. सम्पूर्ण पर्वतीय प्रदेश में यह अपनी सांस्कृतिक विरासत उत्सवों के उल्लास तथा शिक्षा व राजनैतिक चेतना के रूप में विख्यात है.

अल्मोड़ा का इतिहास:

प्राचीन इतिहास:

अल्मोड़ा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र पहले कत्यूरी राजाओं द्वारा शासित था। 8वीं शताब्दी में, कत्यूरी राजाओं ने अल्मोड़ा को अपनी राजधानी बनाया। कत्यूरी राजाओं ने अल्मोड़ा में कई मंदिरों और किलों का निर्माण किया।

मध्यकालीन इतिहास:

16वीं शताब्दी में, मुगलों ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया। मुगलों ने अल्मोड़ा में कई मस्जिदों और मकबरों का निर्माण किया। 17वीं शताब्दी में, गोरखाओं ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया।

आधुनिक इतिहास:

1815 में, एंग्लो-गोरखा युद्ध में अंग्रेजों ने गोरखाओं को हराया और अल्मोड़ा पर अपना शासन स्थापित किया। अंग्रेजों ने अल्मोड़ा में कई सरकारी भवनों और स्कूलों का निर्माण किया।

अल्मोड़ा के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  • 8वीं शताब्दी: कत्यूरी राजाओं ने अल्मोड़ा को अपनी राजधानी बनाया।
  • 16वीं शताब्दी: मुगलों ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया।
  • 17वीं शताब्दी: गोरखाओं ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया।
  • 1815: एंग्लो-गोरखा युद्ध में अंग्रेजों ने गोरखाओं को हराया और अल्मोड़ा पर अपना शासन स्थापित किया।

अल्मोड़ा के इतिहास के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  • अल्मोड़ा का नाम 'अल्मा' नामक एक देवी के नाम पर रखा गया है।
  • अल्मोड़ा में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें कसार देवी मंदिर, जैंतेश्वर मंदिर और त्रिपुरा सुंदरी मंदिर शामिल हैं।
  • अल्मोड़ा में कई ऐतिहासिक किले हैं, जिनमें रानीखेत किला, कत्यूर किला और गढ़वाल किला शामिल हैं।
  • अल्मोड़ा कई प्रसिद्ध हस्तियों का जन्मस्थान है, जिनमें चंद्रशेखर आज़ाद, सुभाष चंद्र बोस और विक्रम साराभाई शामिल हैं।

अल्मोड़ा में घुमने की जगहें:

मंदिर:

  • कसार देवी मंदिर: यह मंदिर देवी कसार को समर्पित है, जो अल्मोड़ा की रक्षक देवी हैं। यह मंदिर 9वीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं द्वारा बनवाया गया था।
    जैंतेश्वर मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 16वीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं द्वारा बनवाया गया था।

  • त्रिपुरा सुंदरी मंदिर: यह मंदिर देवी त्रिपुरा सुंदरी को समर्पित है। यह मंदिर 18वीं शताब्दी में गोरखाओं द्वारा बनवाया गया था।

किले:

  • रानीखेत किला: यह किला 18वीं शताब्दी में गोरखाओं द्वारा बनवाया गया था। यह किला हिमालय का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
  • कत्यूर किला: यह किला 9वीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं द्वारा बनवाया गया था। यह किला अल्मोड़ा शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
  • गढ़वाल किला: यह किला 16वीं शताब्दी में गढ़वाल राजाओं द्वारा बनवाया गया था। यह किला अल्मोड़ा शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।

अन्य:

  • नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान: यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
  • कत्यूर घाटी: यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी: यह अकादमी भारत की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य अकादमियों में से एक है।
  • नैनीताल: यह झील शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।

अल्मोड़ा कैसे पहुंचें:

अल्मोड़ा हवाई, रेल और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो लगभग 170 किलोमीटर दूर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 89 किलोमीटर दूर स्थित है। अल्मोड़ा सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली, लखनऊ और देहरादून जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।