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बद्रीनाथमंदिर |Badrinath Temple | उत्तराखंड पर्यटन|Uttarakhand Tourism




बद्रीनाथ भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह भगवान विष्णु को समर्पित चार धामों में से एक है, और हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर, गढ़वाल हिमालय की ऊंचाई पर स्थित है। 3,133 मीटर (10,279 फीट)।

  • बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने किया था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान विष्णु ने ध्यान लगाया था। मंदिर एक पत्थर की संरचना है। इसमें गर्भगृह, दर्शन मंडप और सभामंडप है। गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति विराजमान है। मूर्ति काले पत्थर की बनी है और यह लगभग 1 मीटर (3 फीट) ऊंची है।
  • बद्रीनाथ के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में है, जो मंदिर से लगभग 314 किलोमीटर (195 मील) दूर है। देहरादून से बद्रीनाथ के लिए नियमित बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
  • बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को गर्म कपड़े, मजबूत जूते और रेनकोट साथ लाने चाहिए। मंदिर में ऊंचाई की बीमारी एक आम समस्या है, इसलिए तीर्थयात्रियों को धीरे-धीरे ऊंचाई के अनुकूल होना चाहिए।
  • बद्रीनाथ एक सुंदर और पवित्र स्थान है। यह एक ऐसा स्थान है जहां तीर्थयात्री भगवान विष्णु के दर्शन कर सकते हैं और आध्यात्मिक शांति पा सकते हैं।

बद्रीनाथ की पौराणिक कथाएं:

  • बद्रीनाथ के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां ध्यान लगाया था।
  • एक अन्य कथा के अनुसार, बद्रीनाथ मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को मृत्यु से बचाया था।
  • एक अन्य कथा के अनुसार, बद्रीनाथ मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से एक कुंड बनाया था।
बद्रीनाथ|Badrinath

बद्रीनाथ का इतिहास:

  • बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने किया था।
  • 12वीं शताब्दी में, राजा भोज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।
  • 16वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट अकबर ने मंदिर को कर से मुक्त कर दिया।
  • 18वीं शताब्दी में, गोरखा नेपालियों ने मंदिर पर कब्जा कर लिया।
  • 1816 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने गोरखा नेपालियों से बद्रीनाथ पर कब्जा कर लिया।
  • 1962 में, भारत-चीन युद्ध के दौरान, बद्रीनाथ मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था।
  • 1970 के दशक में, मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया।
बद्रीनाथ|Badrinath

बद्रीनाथ के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  • बद्रीनाथ मंदिर 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
  • मंदिर का मुख्य द्वार 15 मीटर (49 फीट) ऊंचा है।
  • मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति विराजमान है।
  • मूर्ति काले पत्थर की बनी है और यह लगभग 1 मीटर (3 फीट) ऊंची है।
  • बद्रीनाथ मंदिर साल भर खुला रहता है।
  • हालांकि, मंदिर के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है।


बद्रीनाथ मंदिर की विशेषताएं:

1. भौगोलिक स्थिति:

  • बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है।
  • यह मंदिर 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे तीर्थस्थलों में से एक बनाता है।

2. धार्मिक महत्व:

  • बद्रीनाथ मंदिर चार धामों में से एक है, जो हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं।
  • यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें हिंदू धर्म में त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) में से एक माना जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां ध्यान लगाया था, और इसलिए यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है।

3. स्थापत्य:

  • बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण पत्थर से किया गया है और यह शिखर शैली में बनाया गया है।
  • मंदिर का मुख्य द्वार 15 मीटर (49 फीट) ऊंचा है और इसमें कई नक्काशीदार मूर्तियां हैं।
  • मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति विराजमान है, जो काले पत्थर से बनी है और लगभग 1 मीटर (3 फीट) ऊंची है।
बद्रीनाथ|Badrinath(पवित्र कुण्ड में स्न्नानकरते श्रद्धालु )

4. त्योहार और उत्सव:

  • बद्रीनाथ मंदिर में हर साल कई त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • बद्रीनाथ उत्सव: यह मंदिर का मुख्य त्योहार है, जो हर साल अप्रैल-मई में मनाया जाता है।
    • माता मूर्ति उत्सव: यह त्योहार हर साल सितंबर-अक्टूबर में मनाया जाता है।
    • दीपावली: यह त्योहार हर साल अक्टूबर-नवंबर में मनाया जाता है।

5. अन्य विशेषताएं:

  • बद्रीनाथ मंदिर के पास कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • शेषनाग मंदिर: यह मंदिर भगवान विष्णु के शेषनाग पर स्थित होने का प्रतीक है।
    • तप्त कुंड: यह एक गर्म पानी का झरना है, जो मंदिर के पास स्थित है।
    • नारायण पर्वत: यह एक पर्वत है, जो मंदिर के पीछे स्थित है और माना जाता है कि यह भगवान विष्णु का निवास स्थान है।
बद्रीनाथ|Badrinath

बद्रीनाथ मंदिर के पोराणिक साक्ष्य:

बद्रीनाथ मंदिर के बारे में कई पुराणों और हिंदू धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है। इनमें से कुछ प्रमुख साक्ष्य इस प्रकार हैं:

1. स्कंद पुराण:

  • स्कंद पुराण में बद्रीनाथ मंदिर को "केदारनाथ" के नाम से जाना जाता है।
  • इस पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु ने यहां ध्यान लगाया था और इसलिए यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है।

2. विष्णु पुराण:

  • विष्णु पुराण में भी बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख है।
  • इस पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु ने यहां ध्यान लगाया था और इसलिए यह स्थान "बद्रीनाथ" के नाम से जाना जाता है।

3. महाभारत:

  • महाभारत में भी बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख है।
  • इस महाकाव्य में कहा गया है कि पांडवों ने बद्रीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की थी।

4. भागवत पुराण:

  • भागवत पुराण में भी बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख है।
  • इस पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु ने यहां ध्यान लगाया था और इसलिए यह स्थान "बद्रीनाथ" के नाम से जाना जाता है।

5. अन्य पुराण:

  • बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख कई अन्य पुराणों में भी है, जैसे कि पद्म पुराण, ब्रह्म पुराण, और नारद पुराण।

अन्य पोराणिक साक्ष्य:

  • कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में बद्रीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
  • 12वीं शताब्दी में, राजा भोज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।
  • 16वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट अकबर ने मंदिर को कर से मुक्त कर दिया।
Night view of Badrinath Temple

अन्य 

  • बद्रीनाथ भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है।
  • हर साल लाखों तीर्थयात्री बद्रीनाथ की यात्रा करते हैं।
  • बद्रीनाथ चार धामों में से एक है, जो हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं।