Total Count

हरिद्वार|Haridwar

 

हरिद्वार|Haridwar

हिन्दुओं की सबसे पवित्र नदी गंगा यहाँ से पर्वतीय प्रदेश छोड़कर मैदानों में प्रवेश करती है. हरिद्वार हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ स्थान है. संस्कृत साहित्य में इसका नाम 'मायापुरी' या 'मायाक्षेत्र' मिलता है. कुछ लोगों ने इसे तपोवन या गंगाद्वार नाम दिया है. कपिल मुनि के नाम पर इसे 'कपिला' भी कहा गया है. यहाँ अनेक मन्दिर और देव स्थान हैं. हरि की पीड़ी पर स्नान करना मोक्षदायी माना जाता है. प्रत्येक 12 वर्ष पर हरिद्वार में गंगा तट पर विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला लगता है संध्याकाल में हर की पीड़ी पर आरती का दृश्य अत्यंत पावन और मनोहर होता है. संध्या के समय गंगाजी के नीले जल में तैरते हुए दीप और फूलमालाएँ अत्यंत शोभायमान होती हैं. मनसादेवी का प्रसिद्ध मन्दिर सीधी चढ़ाई पर है. अब इसके लिए सीढ़ीदार मार्ग वनने से चढ़ाई सुगम हो गई है. ऐसी मान्यता है कि भगवती माँ की पूजा से दर्शनार्थियों की कामनापूर्ण हो जाती है. दूसरी ओर शिवालिक पहाड़ी पर चण्डी देवी का मन्दिर है. हरिद्वार में बड़े विशाल मन्दिर, अखाड़े, आश्रम और धर्म- शालाएँ हैं. इनमें भारतमाता मन्दिर, गंगामाता मन्दिर पावन- धाम तथा दक्ष प्रजापति के मन्दिर प्रमुख हैन्य दर्शनीय स्थानों में भीमगोड़ा, सप्तसरोवर, जय  श्रम, महात्माओं के आश्रम, महाविद्यालय, ऋषिकुल तथा गुरुकुल आदि हैं. पं.श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित तीर्थ 'शांतिकुंज' अपने आप में अनुठा है, इस आश्रम के माध्यम से देश विदेश में मानव नव निर्माण का अलख जगाया जा रहा है, हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग देश के सभी वड़े नगरों से रेल सम्पर्क है. वस सेवा भी उपलब्ध है.

हरिद्वार का इतिहास:

हरिद्वार का इतिहास हजारों साल पुराना है। यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल रहा है और कई प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख है।

हरिद्वार का प्राचीन इतिहास:

  • वैदिक काल में, हरिद्वार को "गंगद्वार" के नाम से जाना जाता था।
  • महाकाव्यों, जैसे रामायण और महाभारत में भी इसका उल्लेख है।
  • माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां अपना निवास बनाया था और यहाँ "हरिद्वार" नाम भगवान विष्णु के नाम "हरि" से उत्पन्न हुआ है।
  • पुराणों में, हरिद्वार को "सप्त पुरियों" में से एक माना जाता है, जो हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र शहरों में से एक है।

मध्यकालीन इतिहास:

  • मध्यकाल में, हरिद्वार कई राजवंशों द्वारा शासित किया गया था, जिनमें गुप्त, मौर्य, और पंवार शामिल हैं।
  • इस दौरान, कई मंदिरों और आश्रमों का निर्माण किया गया था।
  • 13वीं शताब्दी में, सूफी संतों ने भी हरिद्वार में अपना प्रभाव डाला।

आधुनिक इतिहास:

  • 18वीं शताब्दी में, हरिद्वार ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।
  • ब्रिटिश शासन के दौरान, हरिद्वार एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन और व्यापारिक केंद्र बन गया।
  • भारत की स्वतंत्रता के बाद, हरिद्वार उत्तर प्रदेश राज्य का हिस्सा बन गया।
  • 2000 में, यह नवगठित उत्तराखंड राज्य का हिस्सा बन गया।

आज:

  • आज, हरिद्वार हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
  • हर साल लाखों लोग यहां गंगा नदी में स्नान करने और मंदिरों और आश्रमों की यात्रा करने के लिए आते हैं।
  • हरिद्वार कुंभ मेले का भी स्थल है, जो हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक हिंदू तीर्थ यात्रा और त्योहार है।

हरिद्वार के कुछ प्रसिद्ध मंदिर:

  • हर की पौड़ी
  • मनसा देवी मंदिर
  • चंडी देवी मंदिर
  • दक्ष महादेव मंदिर
  • मय्या देवी मंदिर

हरिद्वार के कुछ प्रसिद्ध आश्रम:

  • स्वामी रामकृष्ण आश्रम
  • परमार्थ निकेतन
  • दयानंद आश्रम
  • गीता भवन

हरिद्वार का महत्व:

  • हरिद्वार हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
  • यह गंगा नदी का तट पर स्थित है और माना जाता है कि जो कोई भी गंगा नदी में स्नान करता है, उसके पाप धुल जाते हैं।
  • हरिद्वार कुंभ मेले का भी स्थल है, जो एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ यात्रा और त्योहार है।
  • हरिद्वार एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है और यहाँ कई मंदिर, आश्रम, और पर्यटन स्थल हैं।

हरिद्वार की मान्यताएं:

हरिद्वार हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और कई मान्यताएं इसके साथ जुड़ी हुई हैं।

गंगा नदी:

  • गंगा नदी को हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है।
  • माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है।
  • हरिद्वार में गंगा नदी का तट "हर की पौड़ी" के नाम से जाना जाता है और यह हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्नान स्थलों में से एक है।

कुंभ मेला:

  • कुंभ मेला एक हिंदू तीर्थ यात्रा और त्योहार है जो हर 12 साल में चार बार आयोजित किया जाता है।
  • हरिद्वार कुंभ मेले के चार स्थानों में से एक है।
  • माना जाता है कि कुंभ मेले के दौरान गंगा नदी में स्नान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

हरिद्वार के अन्य मान्यताएं:

  • हरिद्वार को "भगवान का द्वार" माना जाता है।
  • माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां अपना निवास बनाया था।
  • हरिद्वार में कई मंदिर हैं जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं।
  • इन मंदिरों में दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • हरिद्वार में कई आश्रम भी हैं जो आध्यात्मिक शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

हरिद्वार की मान्यताओं का महत्व:

  • हरिद्वार की मान्यताएं हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से जोड़ती हैं।
  • ये मान्यताएं लोगों को गंगा नदी में स्नान करने, कुंभ मेले में भाग लेने, मंदिरों में दर्शन करने और आश्रमों में आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • ये मान्यताएं लोगों को जीवन में सही मार्ग दिखाने और उन्हें मोक्ष प्राप्त करने में मदद करती हैं।