मनीला का नैसर्गिक सौन्दर्य प्रकृति प्रेमी सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है. मनीला से हिमालय का दृश्य वहुत ही आकर्षक लगता है. सामने का दृश्य देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो हिमालय खड़ा होकर अपने पास बुला रहा है.मनीला रानीखेत से 66 किमी दूर समुद्रतल से 2250 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. सैलानियों के रहने के लिए यहाँ पर वन विभाग का एक विश्रामगृह है.
मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और हिमालय के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।
मंदिर में देवी मनीला की एक मूर्ति है। मूर्ति को पत्थर से बनाया गया है और देवी को देवी पार्वती के शांत रूप में दर्शाया गया है। मंदिर में भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान हनुमान की भी मूर्तियां हैं।
मनीला देवी मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। हर साल हजारों भक्त मंदिर में दर्शन करने आते हैं। मंदिर में नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के दौरान विशेष मेले आयोजित किए जाते हैं।
मनीला देवी मंदिर कैसे पहुंचें:
मनीला देवी मंदिर सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अल्मोड़ा, कौसानी और अन्य शहरों से बस या टैक्सी द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
मनीला देवी मंदिर के दर्शन का समय:
मंदिर सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
मनीला देवी मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
- मनीला देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।
- ऐसा माना जाता है कि मंदिर की मूर्ति स्वयंभू है।
- मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुंड है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड के जल में औषधीय गुण हैं।
- मंदिर के पास एक बरगद का पेड़ है। ऐसा माना जाता है कि यह पेड़ सदियों पुराना है।
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