Total Count

मुक्तेश्वर|Mukteshwar

 

मुक्तेश्वर|Mukteshwar

मुक्तेश्वर गाँव, जो मोहेश्वर के नाम से भी जाना जाता है, 29° 28' उत्तर अक्षांश एवं 79° 29' पूर्व देशांतर में महरूरी विच्छली की पश्चिमी सीमा पर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. महरूरी विच्छली की ऊँचाई 2.286 से 2,347 मीटर तक है. इसका क्षेत्रफल 223 हेक्टेयर है, यहाँ से हिमालय के हिमाच्छादित शिखरों का मनोरमश्य दृष्टिगोचर होता है. पूर्व में यह स्थान प्राचीन शिव मन्दिर एवं एक या दो स्थानीय देवी देवताओं के मन्दिरों हेतु जाना जाता था. शिव मन्दिर के नीचे की चट्टान में कुछ चिह्न अंकित हैं. इस विषय में यह मान्यता है कि ये चिह्न किसी देवता की सेना के हाथियों, घोड़ों एवं ऊँटों के पद चिह्न हैं. जिसका विरोध यहाँ के स्थानीय देवताओं द्वारा किया गया था. बाद में स्थानीय देवता की अपने कृत्य हेतु अपराधी ठहराए जाने की अपेक्षा कठोर दण्ड से मुक्ति मिल गई, तब से यह स्थान मुक्तेश्वर के नाम से जाना जाने लगा. ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा 1893 में पूना की अपेक्षा मुक्तेश्वर को गिल्टी रोग हेतु वास्तुतीकरण का टीका बनाने के लिए प्रयोगशाला बनाने के लिए चुना गया. 1896 में इसका निर्माण प्रारम्भ किया गया तथा 1898 में यह पूर्व हो गई. एक भीषण अग्निकाण्ड के कारण भवन नष्ट हो गया. इसका पुनः निर्माण किया गया तथा 1901 में यह भवन पूर्ण कर दिया गया तथा इसे उपकरणों से सुसज्जित किया गया. इस प्रयोगशाला हेतु 1,397 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई जिसमें 1,075 हेक्टेयर भूमि सुरक्षित वन क्षेत्र है.  जलापूर्ति हेतु इस   स्थान का अपना वाटर वर्क्स  (Water works) है. प्रयोगशाला भवन एवं अन्य इमारतें विद्यमान हैं. इस संस्थान की अपनी कार्यशालाएँ हैं, जो आधुनिकतम मशीनों एवं औजारों से युक्त है. यहाँ पर एक चिकित्सालय, एक मौसम ज्ञान सम्बन्धी वेधशाला है.

मुक्तेश्वर, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक मनमोहक शहर और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह समुद्र तल से 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो कुमाऊं की पहाड़ियों और हिमालय श्रृंखला के मनोरम दृश्य प्रदान करता है।

मुक्तेश्वर अपनी शांति, प्राकृतिक सुंदरता और साल भर सुखद मौसम के लिए प्रसिद्ध है। 

  • मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता: हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ, मुक्तेश्वर नंदा देवी, त्रिशूल और केदारनाथ जैसी बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है।

  • साहसिक गतिविधियाँ: मुक्तेश्वर साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। आप मनोरम परिवेश में पैराग्लाइडिंग, रैपलिंग, रॉक क्लाइंबिंग और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।

  • मंदिर और आध्यात्मिक स्थल: मुक्तेश्वर धार्मिक महत्व का स्थान है। भगवान शिव को समर्पित मुक्तेश्वर धाम मंदिर एक श्रद्धेय तीर्थ स्थल है। एक अन्य दिलचस्प पड़ाव मुक्तेश्वर महादेव मंदिर है, माना जाता है कि इसे पांडवों ने अपने वनवास के दौरान बनवाया था।

  • सुखद मौसम: मुक्तेश्वर में साल भर सुखद मौसम रहता है। गर्मियाँ आरामदायक होती हैं, तापमान लगभग 20-25 डिग्री सेल्सियस रहता है, जबकि सर्दियाँ ठंडी होती हैं और कभी-कभी बर्फबारी भी होती है।

  • फलों के बाग और खेत: मुक्तेश्वर अपने फैले हुए बागों और उपजाऊ भूमि के लिए प्रसिद्ध है। आप सीधे बागों से सेब, आड़ू और बेर जैसे ताजे फलों का स्वाद ले सकते हैं।

  • पक्षी देखने का स्वर्ग: पक्षी देखने के शौकीन विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियों को देखने के लिए मुक्तेश्वर आते हैं। कुछ आम तौर पर देखे जाने वाले पक्षियों में हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध, लैमरजियर और पश्चिमी तीतर शामिल हैं।

मुक्तेश्वर कैसे पहुंचे:

  • वायु मार्ग द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो मुक्तेश्वर से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए टैक्सी और कैब आसानी से उपलब्ध हैं।
  • रेल मार्ग द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मुक्तेश्वर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से मुक्तेश्वर जाने के लिए टैक्सी और बसें आसानी से उपलब्ध हैं।
  • सड़क मार्ग द्वारा: मुक्तेश्वर दिल्ली, हल्द्वानी और काठगोदाम जैसे प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप या तो राज्य परिवहन बस ले सकते हैं या टैक्सी किराए पर लेकर मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं।

मुक्तेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय:

मुक्तेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है। इन महीनों के दौरान मौसम सुहाना होता है और आसमान साफ रहता है, जिससे हिमालय का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है।