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मसूरी |Mussoorie|उत्तराखंड पर्यटन |Uttarakhand Tourism

 



देहरादून से 35 किमी दूर 6-500 फुट की ऊँचाई पर बसी मसूरी उत्तराखण्ड की सर्वोत्तम पर्वतीय बस्ती है. इसे 'पर्वतीय स्थानों की रानी' कहा जाता है. यहाँ पर्यटकों की सुविधा के लिए रज्जुमार्ग भी है. यह नगर अपने सौन्दर्य और प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्ध है. गर्मियों में मसूरी का मौसम सुन्दर और आकर्षक होता है. यहाँ देश विदेश के हजारों सैलानी गर्मी के मौसम में ठहरने के लिए और वर्षाकाल में हिमपात का आनन्द लेने के लिए आते हैं. इस नगर में अनेक अच्छे-अच्छे होटल और विश्रामगृह सैलानियों के ठहरने हेतु उपलब्ध है. मसूरी में लाल वहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक एकेडमी है. जहाँ भारतीय सिविल सेवा (IAS) के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अतिरिक्त कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कॉलेज और स्कूल भी हैं. मसूरी से हिमालय की हिमाच्छादित चोटियाँ स्पष्ट दिखायी देती हैं. गनहिल चोटी और लाल टिव्बा से चीन की सीमा और वर्फीला हिमालय साफ-साफ दिखाई देता है.

 

मसूरी का इतिहास

मसूरी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र पहले 'मनुष्य' नामक एक आदिवासी जनजाति का निवास स्थान था। 18वीं शताब्दी में, गढ़वाल के राजा ने इस क्षेत्र को 'मसूरी' नाम दिया, जो 'मंशारी' शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'मशरूम'।

1827 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के एक सैन्य अधिकारी, कैप्टन फ्रेडरिक यंग ने इस क्षेत्र की खोज की और इसकी प्राकृतिक सुंदरता से प्रभावित हुए। उन्होंने यहां एक 'सैनिटोरियम' स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जो ब्रिटिश सैनिकों के लिए गर्मी की छुट्टियों का स्थान होगा।

1832 में, मसूरी को आधिकारिक तौर पर एक 'हिल स्टेशन' घोषित किया गया और ब्रिटिश शासन के दौरान यह तेजी से विकसित हुआ। कई ब्रिटिश अधिकारियों ने यहां घर और बंगले बनवाए और यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया।

आजादी के बाद, मसूरी भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना हुआ है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और कई आकर्षणों के लिए जाना जाता है।

मसूरी के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम:

  • 18वीं शताब्दी: गढ़वाल के राजा ने इस क्षेत्र को 'मसूरी' नाम दिया।
  • 1827: कैप्टन फ्रेडरिक यंग ने इस क्षेत्र की खोज की।
  • 1832: मसूरी को आधिकारिक तौर पर एक 'हिल स्टेशन' घोषित किया गया।
  • 1857: भारतीय विद्रोह के दौरान, मसूरी ब्रिटिश शासन का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
  • 1947: भारत की स्वतंत्रता के बाद, मसूरी भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना हुआ है।

मसूरी के कुछ प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल:

  • कैंपटी फॉल्स: यह मसूरी के पास एक लोकप्रिय झरना है।
  • गन हिल: यह मसूरी के पास एक पहाड़ी है जो हिमालय के शानदार दृश्य प्रस्तुत करती है।
  • कैंपटी झील: यह मसूरी के पास एक मानव निर्मित झील है जो नौका विहार और पिकनिक के लिए लोकप्रिय है।
  • भट्टा फॉल्स: यह मसूरी के पास एक और लोकप्रिय झरना है।
  • मसूरी झील: यह मसूरी शहर के केंद्र में स्थित एक झील है।

मसूरी का इतिहास समृद्ध और विविध है। यह शहर प्राचीन काल से ही लोगों का निवास स्थान रहा है और विभिन्न संस्कृतियों का घर रहा है। आज, मसूरी भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है.