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उत्तराखण्ड की अनुसूचित जातियाँ|Scheduled Castes of Uttarakhand

 

उत्तराखण्ड की अनुसूचित जातियाँ|Scheduled Castes of Uttarakhand


(भाग-XXIV उत्तराखण्ड विधेयक) उत्तराखण्ड की अनुसूचित जातियों की संख्या 65 है. ये अनुसूचित जातियाँ इस प्रकार हैं-

 
1.अगरिया (Agariya)
2. वधिक (Badhik)
3. बादी (Badi)
4. बहेलिया (Baheliya)
5. बैगा (Baiga)
6. वैसवार (Baiswar)
7. बजनिया (Bajaniya)
৪. वाजगी (Bajgi)
9. वलहार (Balhar)
10. बलाई (Balai)
11. वाल्मीकि (Balmiki)
12. बंगाली (Bangali)
13. वनमानुस (Binmanus)
14. बॉँसफोर (Bansphor)
15. वरवार (Barwar)
16. वसोर (Basor)
17. बवरिया (Bawariya)
18. वेलदार (Bedar)
19. बेरिया (Beriya)
20, भाँटू (Bhantu)
21, भुविआ (Buiya)
22. भुविहार (Bhuyiar)
23. वोरिया (Boria)
24. चमार, धुसिया, झुरिया, जाटव
25. चेरो (Chero)
26. डवगार (Dabgar)
27. धनगार (Dhangar)
28. धानुक (Dhanuk)
29. धरकार (Dharkar)
30. धोवी (Dhobi)
31, डोम (Dom)
32. डोमार (Domar
33, दुसाध (Dusadh)
34. धरमी (Dharmi)
35. धरिया (Dhariya)
36. गोंड (Gond)
37. ग्वाल (Gwal)
38, हबुरा (Habura)
39. हरी (Hari)
40, हेला (Hela)
41. कलावाज (Kalabaz)
42. कंजर (Kanjar)
43. कपरिया (Kapariya)
44. करवाल (Karwal)
45. खरैता (Kharaita)
46. खरवार (Kharwar)
47. खटीक (Khatik)
48. खरोट (Kharot)
49. कोल (Kol)
50. कोरी (Kori)
51. कोरवा (Korwa)
52. लालवेगी (Lalbegi)
53. मझवार (Majhwar)
54. मज़हबी (Mazhabi)
55. मुसहर (Musahar)
56. नट (Nat)
57. पनखा (Pankha) (Exeluding Vanwasi) 
58. vef (Parahiya)
59. पासी, टरमाली (Pasi, को भे Tarmali)
60. पटारी (Patari)
61. सहरिया (Sahariya)
62. सनीर्हिया (Sanaurhiya)
63. सनसिया (Sansiya)
64. शिल्पकार (Shilpkar)

65. तुरैहा (Turaiha)

 

अनुसूचित जनजातियों के लिए संवैधानिक संरक्षण

        भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजातियों के लिए कई प्रकार के संरक्षण प्रदत्त हैं. भारतीय संविधान के भाग III में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों के अन्तर्गत उनके संरक्षण के लिए कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं. अनुछ्छेद 38 में उल्लिखित है कि "राज्य यथासम्भव प्रभावी ढंग से एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था गठित एवं विकसित करने का प्रयास करेगा, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की समस्त संस्थाओं का रूप धारण करेगा.'अनुछ्छेद 46 के अनुसार, "राज्य देश के कमजोर वर्गो, विशेषकर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक एवं आर्थिक हितों को विशेष सावधानी से विकसितकरेगा तथा सामाजिक अभाव एवं समस्त प्रकार के शोषण से उनकी सुरक्षा करेगा.

 

उत्तराखण्ड की अनुसूचित जातियाँ|Scheduled Castes of Uttarakhand

संविधान में प्रदत्त सुरक्षा सम्बन्धी प्रावधान

अनुच्छेद 15 (4) द्वारा धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी प्रकार के भेदभाव का निषेध

किया गया है, इसी अनुच्छेद में खण्ड 4 में यह व्यवस्था है कि राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों एवं सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े नागरिकों की उन्नति एवं प्रगति के लिए कोई भी उपवन्ध बनाने का अधिकार दिया गया है.

 

    अनुच्छेद 16 (4) में पदों और नीकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की गई है. अनुच्छेद 19 (5) के अन्तर्गत सम्पत्ति क्रय के मामले में राज्य अनुसूचित जनजातियों के हितों के रक्षार्थ विशेष प्रतिवन्ध लगा सकता है. अनुच्छेद 23 में मानवीय व्यापार, वेगार और अन्य इसी प्रकार के बलात श्रम पर प्रतिबन्ध का प्रावधान किया गया है.

 

    अनुच्छेद 29 (2) में इस बात का प्रावधान है कि किसी भी नागरिकों के लिए किसी ऐसी संस्था में प्रवेश की मनाही नहीं होगी, जो राज्य द्वारा रख-रखाव के अन्तर्गत हो या केवल धर्म, जाति, प्रजाति, भाषा का इनमें से किसी आधार पर राज्य निधियों से सहायता प्राप्त कर रही हो.

     अनुछेद 164 विहार, उड़ीसा और मध्य प्रदेश के राज्यों में जनजातियों के कल्याण के लिए भार-साथक मंत्री की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है.

 

        अनुच्छेद 330, 312 और 334 में लोक सभा एवं विधानसभाओं में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.

 

        अनुछेद 339 (1) के अन्तर्गत राष्ट्रपति राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के

कल्याण के लिए आयोग की नियुक्ति कर सकता है.

 

संविधान में आर्थिक विकास सम्बन्धी प्रावधान

         अनुच्छेद 275 और 339 में अनुसूचित जनजातियों के आर्थिक विकास के लिए प्रावधान किए गए हैं. अनुछेद 275 के अन्तर्गत संविधान के उपवन्धों की पूर्ति के लिए राज्यों को संघ से अनुदान मिलने की व्यवस्था है. अनुच्छेद 339 (2) के अन्तर्गत संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार किसी ऐसे राज्य को ऐसे निर्देश देने तक होगा, जो उस राज्य की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निर्देश में आवश्यक वताई गई योजनाओं के बनाने एवं निष्पादन के सम्वन्ध में है.

        संविधान के अनुच्छेद 371 (क) में नागालैण्ड, अनुछ्छेद 371 (ख) असम तथा 371 (ग) में मणिपुर राज्यों के अनु-सूचित जनजातियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं.