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ताड़ीखेत|Tadikhet |
यह एक विकसित होता हुआ नगर है. यह स्थान रानीखेत
से 8 किमी की दूरी पर स्थित है.
ताड़ीखेत का अनुपम सौन्दर्य पर्यटकों को वरबस आकृष्ट कर लेता है. सन् 1928 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने यहाँ तीन दिन
विताए. उस समय महात्मा गांधी ने पूरे तीन सप्ताह कुमाऊँ की पहाड़ियों में बिताये
थे. यहाँ से जाने के वाद Young India' के 11 जुलाई, 1929 के अंक में उन्होंने लिखा था कि-"मुझे आश्चर्य है कि ऐसी
स्वास्थ्यवर्द्धक पहाड़ियों के होते हुए हमारे देश के लोग यूरोप में स्वास्थ्य लाभ
के लिए क्यों जाते हैं ?" ताड़ी खेत
में महात्मा गांधी की कुटिया है. इस कुटिया को प्रेम विद्यालय के छात्रों ने अपने
हाथों से बनाया था. इसी कुटिया के बरामदे में गांधीजी ने तीन दिन विताए थे.
ताड़ीखेत में पर्यटकों के रहने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. यहाँ पर कुछ अच्छे
होटल और सरकारी डाक बंगले हैं. बहुत से गांधीवादी यहाँ की गांधी कुटिया में रहकर साधना करते हैं. रानीखेत
अल्मोड़ा आने वाले पर्यटक ताड़ीखेत अवश्य आते हैं.
ताड़ीखेत का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र पहले 'कुमाऊं' नामक एक आदिवासी जनजाति का निवास स्थान था। 18वीं शताब्दी में, गढ़वाल के राजा ने इस क्षेत्र को 'ताड़ीखेत' नाम दिया, जो 'ताड़' और 'खेत' शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है 'ताड़ के पेड़ों का खेत'।
1869 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और इसे एक 'हिल स्टेशन' में विकसित किया। कई ब्रिटिश अधिकारियों ने यहां घर और बंगले बनवाए और यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया।
आजादी के बाद, ताड़ीखेत भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना हुआ है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और कई आकर्षणों के लिए जाना जाता है।
ताड़ीखेत के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम:
- 18वीं शताब्दी: गढ़वाल के राजा ने इस क्षेत्र को 'ताड़ीखेत' नाम दिया।
- 1869: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
- 1879: ताड़ीखेत को एक 'नगरपालिका' घोषित किया गया।
- 1947: भारत की स्वतंत्रता के बाद, ताड़ीखेत भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना हुआ है।
ताड़ीखेत के कुछ प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल:
- ताड़ीखेत झील: यह ताड़ीखेत के पास एक प्राकृतिक झील है जो नौका विहार और पिकनिक के लिए लोकप्रिय है।
- ताड़ीखेत मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और ताड़ीखेत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
- ताड़ीखेत बाजार: यह ताड़ीखेत का मुख्य बाजार है जहाँ आप विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ खरीद सकते हैं।
ताड़ीखेत के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल:
- ताड़ीखेत झील: यह ताड़ीखेत के पास एक प्राकृतिक झील है जो नौका विहार और पिकनिक के लिए लोकप्रिय है।
- ताड़ीखेत मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और ताड़ीखेत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
- ताड़ीखेत बाजार: यह ताड़ीखेत का मुख्य बाजार है जहाँ आप विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ खरीद सकते हैं।
- ताड़ीखेत कैंटोनमेंट: यह ताड़ीखेत के पास एक ब्रिटिश कैंटोनमेंट है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
- ताड़ीखेत वन्यजीव अभयारण्य: यह ताड़ीखेत के पास एक वन्यजीव अभयारण्य है जो विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों का घर है।
ताड़ीखेत घूमने का सबसे अच्छा समय:
ताड़ीखेत घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है। इन महीनों के दौरान, मौसम सुखद होता है और तापमान आरामदायक होता है।
ताड़ीखेत कैसे पहुंचें:
ताड़ीखेत हवाई, रेल और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग:
ताड़ीखेत का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में है, जो लगभग 200 किलोमीटर दूर है। देहरादून हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग:
ताड़ीखेत का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम में है, जो लगभग 170 किलोमीटर दूर है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग:
ताड़ीखेत सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, देहरादून, ऋषिकेश और अन्य शहरों से बस या टैक्सी द्वारा ताड़ीखेत पहुंच सकते
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