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यमुनोत्री मंदिर: हिमालय की नदी देवी का वास|Yamunotri Temple: Abode of the river goddess of the Himalayas.

 

यमुनोत्री मंदिर: हिमालय की नदी देवी का वास|Yamunotri Temple: Abode of the river goddess of the Himalayas.

ऋषिकेश से यमुनोत्री 222 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ऋषिकेश से नरेन्द्र नगर 16 किलोमीटर है. ऋषिकेश से 2 किमी चलने पर मुनि की रेती नामक स्थान आता है. यहीं से एक मार्ग गंगोत्री-यमुनोत्री के लिए (मुनि की रेती से ही) नरेन्द्र नगर की ओर मुड़ जाता है. 1920 में टिहरी गढ़वाल के राजा ने नरेन्द्र नगर को बसाया था. हनुमानचट्टी से 6 किमी की दूरी पर यमुनोत्री का तीर्थ स्थान है, जहाँ पर कालिन्दी शैल से एक छोटी जलधारा आकर मन्दिर के पास दौड़ती हुई चली आती है. यही नदी कालिन्दी अथवा यमुना है. पीराणिक कथा के अनुसार यमुना जी में स्नान करने मात्र से मुक्ति मिल जाती है. जो व्यक्ति यमुना के दर्शन करके यमुनोत्री में रात्रि विश्राम करता है उसके सारे पाप जलकर राख हो जाते हैं. यहीं पर गरम कुण्ड है, जिसको आजकल 'गोरखडिविया' भी कहते हैं. यहाँ पर यम ने तप कर 'लोकपाल पद' प्राप्त किया था.

केदार घाटी में 3,200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री मंदिर एक अनूठी स्थापत्य शैली को प्रदर्शित करता है। कत्यूरी शैली में निर्मित, इसमें काले ग्रेनाइट का बाहरी भाग और लाल किनारों वाला शंकु के आकार का शिखर है। गर्भगृह के अंदर देवी यमुना की मनमोहक काले संगमरमर की मूर्ति स्थापित है, जिसे फूलों से सजाया गया है और जो शांति का भाव देती है। मुख्य देवी के साथ यमुना की बहन गंगा की एक छोटी मूर्ति भी है, जो इन जीवनदायी जलमार्गों के बीच पवित्र बंधन को और उजागर करती है।

यमुनोत्री मंदिर का महत्व इसके ऐतिहासिक और स्थापत्य पहलुओं से कहीं आगे बढ़ जाता है। यह चार धाम यात्रा में एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में कार्य करता है, जो हिमालय के चार पवित्र धामों की यात्रा है, जो श्रद्धालु हिंदू करते हैं। मंदिर के पास जल्दी कुंड नामक एक गर्म झरने में स्नान करना, मंदिर में प्रार्थना करने से पहले एक शुद्धिकरण अनुष्ठान माना जाता है। आसपास का परिदृश्य ही आध्यात्मिक आभा में चार चांद लगा देता है, जिसमें राजसी बंदरपूंछ चोटियां एक लुभावने दृश्य का निर्माण करती हैं।


यमुनोत्री मंदिर की विशेषताएं:

यमुनोत्री मंदिर अपनी अनेक विशेषताओं के लिए जाना जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. धार्मिक महत्व:

  • यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है, जो हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण देवी हैं।
  • यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री मंदिर के पास ही होता है, जिसके कारण यह तीर्थस्थल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
  • यह मंदिर चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है, जो हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ यात्राओं में से एक है।

2. स्थापत्य:

  • मंदिर का निर्माण कत्यूरी शैली में किया गया है, जो हिमालयी क्षेत्र में प्रचलित एक स्थापत्य शैली है।
  • मंदिर का बाहरी भाग काले ग्रेनाइट से बना है और इसमें एक शंकु के आकार का शिखर है।
  • मंदिर के गर्भगृह में देवी यमुना की काले संगमरमर की मूर्ति स्थापित है।

3. प्राकृतिक सुंदरता:

  • यमुनोत्री मंदिर हिमालय के पहाड़ों में स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • मंदिर के आसपास घने जंगल और ऊंचे पहाड़ हैं, जो मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
  • यमुना नदी का उद्गम भी यमुनोत्री मंदिर के पास ही होता है, जो इस स्थान को और भी सुंदर बनाता है।

4. अन्य विशेषताएं:

  • यमुनोत्री मंदिर के पास कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें सूर्य मंदिर, शिव मंदिर और हनुमान मंदिर शामिल हैं।
  • मंदिर के पास एक गर्म झरना भी है, जिसे जल्दी कुंड कहा जाता है।
  • यमुनोत्री मंदिर के पास कई धर्मशालाएं और होटल हैं, जहाँ तीर्थयात्री ठहर सकते हैं।

5. तीर्थयात्रा:

  • यमुनोत्री मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और हर साल लाखों तीर्थयात्री यहां आते हैं।
  • तीर्थयात्री यमुना नदी में स्नान करते हैं और देवी यमुना की पूजा करते हैं।
  • यमुनोत्री मंदिर की यात्रा अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच सबसे अच्छी होती है।

यमुनोत्री मंदिर जाने के लिए व्यवस्था

यमुनोत्री मंदिर जाने के लिए दो मुख्य रास्ते हैं:

1. सड़क मार्ग:

  • यमुनोत्री मंदिर तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
  • दिल्ली, ऋषिकेश और देहरादून से यमुनोत्री मंदिर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • यमुनोत्री मंदिर ऋषिकेश से 236 किलोमीटर और देहरादून से 210 किलोमीटर दूर है।
  • यदि आप अपनी गाड़ी से यात्रा कर रहे हैं, तो आपको यमुनोत्री मंदिर के लिए पार्किंग शुल्क का भुगतान करना होगा।

2. हवाई मार्ग:

  • यमुनोत्री मंदिर के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में है।
  • देहरादून हवाई अड्डे से यमुनोत्री मंदिर तक टैक्सी या बस से पहुंचा जा सकता है।
  • देहरादून हवाई अड्डा यमुनोत्री मंदिर से 210 किलोमीटर दूर है।

यमुनोत्री मंदिर में रहने की व्यवस्था:

  • यमुनोत्री मंदिर के पास कई धर्मशालाएं और होटल हैं, जहाँ तीर्थयात्री ठहर सकते हैं।
  • धर्मशालाएं आमतौर पर होटलों की तुलना में सस्ती होती हैं।
  • यदि आप यमुनोत्री मंदिर में रहना चाहते हैं, तो आपको पहले से बुकिंग करनी होगी।

यमुनोत्री मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थल:

  • यमुनोत्री मंदिर के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें सूर्य कुंड, दिव्य शिला, और खिंडा शामिल हैं।
  • सूर्य कुंड एक गर्म झरना है, जो यमुनोत्री मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर है।
  • दिव्य शिला एक पवित्र चट्टान है, जो यमुनोत्री मंदिर के पास स्थित है।
  • खिंडा एक पहाड़ी दर्रा है, जो यमुनोत्री मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है।