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रानीबाग|Ranibagh

 

रानीबाग|Ranibagh

रानीबाग 29° 17' उत्तरी अक्षांश और 79 33' पूर्व देशांतर में बलिया नदी के तट पर हल्द्वानी से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. विद्युत सुविधा सहित इसका क्षेत्रफल 82-15 हेक्टेयर है. यहाँ एच. एम. टी. (Hindustan Machine Tools) का कारखाना स्थित है. यहाँ पर अस्पताल एवं महर्षि महेश योगी द्वारा स्थापित महर्षि विद्या मन्दिर है.

रानीबाग का इतिहास:

प्राचीन इतिहास:

रानीबाग का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र कुमाऊं राज्य का हिस्सा था, जो 17वीं शताब्दी में गढ़वाल राज्य के अधीन हो गया।

मध्ययुगीन इतिहास:

मध्ययुगीन काल में, रानीबाग एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। यह क्षेत्र अपनी ऊनी कपड़ों और मसालों के लिए जाना जाता था।

आधुनिक इतिहास:

18वीं शताब्दी में, रानीबाग ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। ब्रिटिश शासन के दौरान, रानीबाग एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया।

नामकरण:

रानीबाग का नाम रानी कर्णावती के नाम पर रखा गया है, जो कुमाऊं राज्य की रानी थीं। रानी कर्णावती ने 16वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर शासन किया था।

प्रमुख घटनाएं:

  • 16वीं शताब्दी: रानी कर्णावती ने इस क्षेत्र पर शासन किया।
  • 17वीं शताब्दी: कुमाऊं राज्य गढ़वाल राज्य के अधीन हो गया।
  • 18वीं शताब्दी: रानीबाग ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।
  • 19वीं शताब्दी: रानीबाग एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया।
  • 1947: भारत की स्वतंत्रता के बाद, रानीबाग भारत का हिस्सा बन गया।

आज:

आज, रानीबाग एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और कई पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है।

यहां रानीबाग के इतिहास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जगहें हैं:

  • रानी कर्णावती का महल
  • रानीबाग मंदिर
  • रानीबाग झील
  • रानीबाग बाजार

यहां रानीबाग के इतिहास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण किताबें हैं:

  • "The History of Kumaon" by G.W. Briggs
  • "The History of Garhwal" by A.K. Rawat
  • "The History of Uttarakhand" by Shekhar Pathak