सितारगंज (ऊधरमसिंह नगर) |
सितारगंज उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ मंडल में स्थित उधम सिंह नगर जिले का एक शहर है। इसकी ऊंचाई लगभग 298 मीटर है और इसका क्षेत्रीय कोड 05948 है। सितारगंज 28° 56" उत्तर अक्षांश और 79° 42" पूर्व देशांतर पर टनकपुर से काशीपुर जाने वाले मार्ग पर स्थित है. यह खटीमा से 29 किलोमीटर, पीलीभीत से 35 किमी दूर है. यह विकास खण्ड एवं तहसील का मुख्यालय भी है, यहाँ विद्युत व्यवस्था भी है. इस टाउन एरिया का क्षेत्रफल 2 वर्ग किलोमीटर है. यहाँ एक कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र तथा 18 चावल की मिलें हैं.
कुछ दिलचस्प चीजें जो आपको सितारगंज के बारे में मिल सकती हैं:
- औद्योगिक क्षेत्र: सितारगंज औद्योगिक विकास के लिए उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह सिडकुल (राज्य औद्योगिक विकास निगम उत्तराखंड) का एक प्रमुख स्थान है https://usnagar.nic.in/।
- चीनी मिल: सितारगंज में एक चीनी मिल भी है, जो हाल ही में फिर से चालू हुई है
सितारगंज का इतिहास:
सितारगंज का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। 8वीं शताब्दी में, यह क्षेत्र कत्यूरी राजपूतों के शासन में था। 12वीं शताब्दी में, इसका अधिपत्य दिल्ली सल्तनत के पास चला गया। 16वीं शताब्दी में, मुगलों ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया। 18वीं शताब्दी में, यह क्षेत्र गोरखपुर के राजाओं के अधीन आ गया।
19वीं शताब्दी में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। सितारगंज 1857 के विद्रोह का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। स्वतंत्रता के बाद, सितारगंज उत्तर प्रदेश का हिस्सा बन गया। 2000 में, उत्तराखंड राज्य के गठन के साथ, यह राज्य का हिस्सा बन गया।
सितारगंज के इतिहास से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण स्थल:
- झाड़खंडेश्वर मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और माना जाता है कि इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था।
- राजा विजय सिंह का किला: यह किला 18वीं शताब्दी में गोरखपुर के राजाओं द्वारा बनाया गया था।
- ब्रिटिश कालीन इमारतें: सितारगंज में कई ब्रिटिश कालीन इमारतें हैं, जिनमें जिला कचहरी और डाकघर शामिल हैं।
आज सितारगंज एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र है। यह अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए भी जाना जाता है।
सितारगंज के कुछ महत्वपूर्ण स्थान:
धार्मिक स्थल:
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झाड़खंडेश्वर मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और माना जाता है कि इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर अपने शानदार वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
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देवी मंदिर:यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर त्यौहारों के दौरान विशेष रूप से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
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गुरुद्वारा:सितारगंज में सिख समुदाय के लिए कई गुरुद्वारे हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारा गुरुद्वारा सिंह सभा है।
ऐतिहासिक स्थल:
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राजा विजय सिंह का किला: यह किला 18वीं शताब्दी में गोरखपुर के राजाओं द्वारा बनाया गया था। यह किला अब खंडहर में है, लेकिन यह अभी भी सितारगंज के इतिहास की याद दिलाता है।
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ब्रिटिश कालीन इमारतें: सितारगंज में कई ब्रिटिश कालीन इमारतें हैं, जिनमें जिला कचहरी और डाकघर शामिल हैं। ये इमारतें शहर के औपनिवेशिक अतीत की गवाही देती हैं।
अन्य महत्वपूर्ण स्थान:
- सिडकुल:सिडकुल (राज्य औद्योगिक विकास निगम उत्तराखंड) का एक प्रमुख केंद्र है। यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार के उद्योगों का घर है, जिससे यह सितारगंज की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
- चीनी मिल:सितारगंज में एक चीनी मिल भी है, जो हाल ही में फिर से चालू हुई है। यह मिल क्षेत्र के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है।
- गौला नदी:गौला नदी सितारगंज से होकर बहती है। यह नदी न केवल सिंचाई के लिए पानी प्रदान करती है, बल्कि नौका विहार और अन्य जल गतिविधियों के लिए भी लोकप्रिय है।
यह सितारगंज के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों की एक छोटी सूची है। शहर में घूमने और देखने के लिए और भी बहुत कुछ है।
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