Total Count

श्रीनगर, उत्तराखंड|Srinagar, Uttarakhand

 



देवप्रयाग से भागीरथी के पुल पार करने के पश्चात्अ लकनन्दा के दाहिने किनारे नदी घाटी के मनोरम नैसर्गिक क्षेत्र हैं. कीर्ति नगर के पास अलकनन्दा का पुल पार करने पर गढ़वाल राज्य की अति प्राचीन राजधानी श्रीनगर है. श्रीनगर में श्रीयन्त्र है. कहा जाता है कि श्रीराम ने शिव की आराधना यहीं की थी. यहाँ का कमलेश्वर मन्दिर बहुत  प्रसिद्ध है. यहाँ पर्यटन विभाग का रेस्ट हाउस है. पर्वतीय कोमल काष्ठ का एक सुन्दर उद्योग केन्द्र भी यहाँ स्थित है.

Shrinagar Uttrakhand Photo

श्रीनगर, उत्तराखंड का इतिहास

प्राचीन काल:
श्रीनगर का इतिहास काफी पुराना है। माना जाता है कि इस क्षेत्र में मानव बस्तियां 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व से मौजूद हैं। कत्यूरी राजवंश ने 8वीं से 12वीं शताब्दी तक इस क्षेत्र पर शासन किया। 12वीं शताब्दी में, क्षेत्र का नियंत्रण कुमाऊँ के गढ़वाल राजवंश के पास चला गया।

मध्यकाल:
गढ़वाल राजवंश ने 18वीं शताब्दी तक इस क्षेत्र पर शासन किया। 18वीं शताब्दी में, गोरखाओं ने गढ़वाल पर विजय प्राप्त की और इस क्षेत्र को अपने राज्य में मिला लिया।

औपनिवेशिक काल:
1815 में, गोरखाओं को अंग्रेजों ने हरा दिया और श्रीनगर ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गया। ब्रिटिश शासन के दौरान, श्रीनगर एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सैन्य केंद्र था।

स्वतंत्रता के बाद:
भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1947 में श्रीनगर, उत्तराखंड राज्य का हिस्सा बन गया। 2000 में, उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करके एक अलग राज्य बनाया गया।



श्रीनगर के इतिहास में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं:

  • 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व: मानव बस्तियों का प्रमाण
  • 8वीं-12वीं शताब्दी: कत्यूरी राजवंश का शासन
  • 12वीं शताब्दी: गढ़वाल राजवंश का शासन
  • 18वीं शताब्दी: गोरखाओं द्वारा गढ़वाल पर विजय
  • 1815: गोरखाओं को अंग्रेजों ने हराया और श्रीनगर ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना
  • 1947: भारत की स्वतंत्रता, श्रीनगर भारत का हिस्सा बना
  • 2000: उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करके एक अलग राज्य बनाया गया
श्रीनगर की संस्कृति:
श्रीनगर की संस्कृति समृद्ध और विविध है। यह क्षेत्र अपनी कला, शिल्प, संगीत और नृत्य के लिए जाना जाता है। श्रीनगर के लोग अपनी गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए भी जाने जाते हैं।


कमलेश्वर महादेव मंदिर, श्रीनगर, उत्तराखंड:

Kamleshwar Temple , Shrinagar Garhwal


इतिहास:
कमलेश्वर महादेव मंदिर, जिसे श्रीनगर का कमलेश्वर मंदिर भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह मंदिर 8वीं शताब्दी का माना जाता है और कत्यूरी राजवंश द्वारा निर्मित किया गया था।

महत्व:
यह मंदिर न केवल अपनी प्राचीनता और स्थापत्य कला के लिए, बल्कि भगवान शिव के दर्शन के लिए भी जाना जाता है।

विशेषताएं:

  • गर्भगृह: मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग प्रतिमा को स्थापित करता है।
  • वास्तु: मंदिर नागर शैली में बना है और इसमें एक शिखर और एक मंडप है।
  • मूर्तियां: मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश और अन्य देवी-देवताओं की कई मूर्तियां हैं।
  • त्योहार: मंदिर में महाशिवरात्रि, होली और दीपावली जैसे कई त्योहार मनाए जाते हैं।

श्रीनगर, उत्तराखंड|Srinagar, Uttarakhand

कैसे पहुंचें:

कमलेश्वर महादेव मंदिर श्रीनगर शहर के केंद्र में स्थित है। आप टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।